कल ही लिपटे थे दामन से
स्वतंत्रता दिवस काव्य पाठ प्रतियोगिता:-
कल ही लिपटे थे दामन से
क्यूँ आज तिरंगा ओढ़ चले?
दो कदम चले थे साथ अभी
क्यों आज मुझे तुम छोड़ चले?
अब प्रेम गगरिया को अपनी मैं
आँखों से छलकाऊँगी,
तेरे हत्यारों को साजन सूली पर चढ़वाऊँगी।
मैं सूली पर चढ़वाऊँगी…
सूनी गलियां सूना आंगन
सूनी मेरी दुनिया साजन
‘परिणय’ के वो सुमधुर कंगन
कैसे मैं खनकाऊँगी।
तेरे हत्यारों को साजन सूली पर चढ़वाऊँगी…
मीठे-मीठे सपने कल के
तुमने देखे हमने देखे
तेरे बिन ओ बोल रे साजन!
कैसे मैं जी पाऊंगी।
तेरे हत्यारों को साजन सूली पर चढ़वाऊँगी…
मेरी बिंदिया मेरी पायल
तेरी राहें देख-देखकर
आंसू भी अब सूख गए हैं
तेरे नाम का लगा के काजल
कैसे मैं जी पाऊँगी।
तेरे हत्यारों को साजन सूली पर चढ़वाऊँगी…
कवयित्री:- प्रज्ञा शुक्ला ‘सीतापुर
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Anita Mishra - August 16, 2020, 11:20 am
Beautiful poem my dear
Your voice is awesome, sweet and your poem
Touch my heart
Pragya Shukla - August 16, 2020, 12:31 pm
थैंक्स फॉर कमेंट्स 🙏🙏
Anita Mishra - August 16, 2020, 11:21 am
आपकी आवाज़ में मिठास है जो दिल से निकल कर दिल तक जाती है।
Pragya Shukla - August 16, 2020, 6:03 pm
🙏🙏
Deepak Mishra - August 16, 2020, 11:28 am
प्रज्ञा जी
आपने एक शहीद सैनिक की विधवा पत्नी
के जीवन की दयनीय स्थिति का बड़ी ही
मार्मिकता से व्याख्यान किया है।
आपकी कविता का दर्द महसूस कर
मेरी आँखों में आँसू आ गए।
इससे अधिक मैं कुछ कह नहीं सकता।
Pragya Shukla - August 16, 2020, 12:29 pm
थैंक्स
Pragya Shukla - August 16, 2020, 12:29 pm
इससे अधिक मेरे लिये कुछ हो नहीं सकता।
मोहन सिंह मानुष - August 16, 2020, 11:53 am
सुंदर प्रस्तुति
Pragya Shukla - August 16, 2020, 6:03 pm
🙏🙏
धन्यवाद
Satish Pandey - August 16, 2020, 12:44 pm
बहुत सुन्दर, भाव और अभिव्यक्ति का सुंदर समन्वय,
Pragya Shukla - August 16, 2020, 12:49 pm
आपकी समीक्षा ने ह्रदय गदगद कर दिया भैया।
🙏🙏🙏
आपकी यही हौसलाफजाई
मेरी ताकत बनती है।
Geeta kumari - August 16, 2020, 12:48 pm
Good poem and beautiful voice
Pragya Shukla - August 16, 2020, 12:50 pm
थैंक यू दीदी
इतना प्यार देने के लिए।
Geeta kumari - August 16, 2020, 9:56 pm
Welcome
Prayag Dharmani - August 16, 2020, 12:50 pm
भावपूर्ण काव्य पंक्तियाँ
Pragya Shukla - August 16, 2020, 12:51 pm
थैंक्स फॉर कमेंट्स सर
Master sahab - August 16, 2020, 1:07 pm
प्रज्ञा जी,
आपने अपनी कविता में एक स्त्री की व्यथा को उजागर किया है।
हम सभी सैनिकों के शहीद होने पर दु:ख व्यक्त करते हैं परंतु
उसके परिवार खास तौर पर
पत्नी की वेदना को महसूस नहीं करते।
आपने उस ओर हमारा ध्यान आकर्षित किया है।
भावपक्ष के साथ ही आपकी गायन प्रतिभा भी उच्चकोटि की है।
आपकी आवाज़ में कविता की नायिका का दर्द साफ प्रकट हो रहा है।
इससे उम्दा कुछ हो ही नहीं सकता था।
Pragya Shukla - August 16, 2020, 5:55 pm
thank you so much master Sahab
vivek singhal - August 16, 2020, 2:22 pm
मैं आपकी तारीफ में क्या कहूं समझ नहीं आ रहा है…..
कविता के भाव की विवेचना करूं या गायन कला की..
आप हर तरह से कवयित्री हैं और हुनर आपकी रग-रग में है..
आवाज में सादगी, ठहराव, उचित आरोह, अवरोह, लय तथा मिठास है..
साथ ही जिस विषय को आपने लिया है वह
अत्यन्त संवेदनशील है..
उम्दा रचना है आपकी मैम
Pragya Shukla - August 16, 2020, 6:03 pm
इतनी अधिक प्रशंसा के लिए आपका तहे दिल से शुक्रिया
Gijju. Raam - August 16, 2020, 2:43 pm
आपने अति संवेदनशील विषय को लिया है अपनी कविता में।
पति के शहीद होने के बाद हमारे भारतीय समाज में स्त्री की जो दशा होती है।
उससे हम भलीभांति परिचित हैं परंतु एक स्त्री की मनोदशा को एक स्त्री ही समझ सकती है जिस प्रकार आपने समझा है।
जब कोई सिपाही शहीद होता है भारत माता के लिए
तो वह अपने परिवार को पीछे छोड़ जाता है ।
पत्नी उस असहनीय पीड़ा को सहती हुई किस प्रकार हर पल अपने पति को याद करती है और विलाप करती है
साथ ही वह उन हत्यारों को सजा दिलाने की बात कर रही है
इससे साबित होता है कि वह सिर्फ भावुक ही नहीं, सैनिक की पत्नी होने के नाते साहसी भी है।
अति सुंदर भाव रखा है आपने और गाया भी बेहद खूबसूरती से है।।
Pragya Shukla - August 16, 2020, 6:05 pm
देश की आजादी तो सब मनाते हैं परंतु जिसकी वजह से मिलती है उसे कोई याद नहीं करता और सैनिक के परिवार को किन किन कष्टों से गुजरना पड़ता है कुछ और बस ध्यान ले जाने की छोटी सी कोशिश की है मैंने एक स्त्री की वेदना को व्यक्त करने की छोटी सी कोशिश की है मेरी कलम ने
Abhishek kumar - August 16, 2020, 3:43 pm
You are a poet of high quality, the way you have sung in your sweet voice, it seems that how simple you are. The subject of your poem is thoughtful and is passionate…
Keep it up..
👍👍🇮🇳🇮🇳
Pragya Shukla - August 16, 2020, 6:05 pm
thank you so much
Abhishek kumar - August 16, 2020, 3:57 pm
The heroine of your poem not only knows how to cry, but is also talking about revenge of her husband’s martyrdom, this shows her not only emotional but also courageous and this is the most important thing….
Awesome poem..
Pragya Shukla - August 16, 2020, 6:06 pm
Oh nice thank you so much bro🙏🙏
Master sahab - August 16, 2020, 4:13 pm
Poetry is amazing in your craft. I am stunned by your craft. Reading your voice and poetry is so deep-seated, the vocabulary in the poem is also timely. Very poignant and sensitive poetry will make any Indian cry. I could not stop myself.
Pragya Shukla - August 16, 2020, 6:06 pm
oh my God thank you so much for everything🙏🙏
jeet rastogi - August 16, 2020, 5:07 pm
Masterpiece
You have written differently on patriotism and have told a very painful story, your voice is like that of singers, singing with great poignancy, you are getting heartbroken with success…
Well done…..
Pragya Shukla - August 16, 2020, 6:06 pm
🤣🤣🙏🙏
Pragya Shukla - August 16, 2020, 6:09 pm
thank you so much sir
jeet rastogi - August 16, 2020, 5:12 pm
कविता का भाव बहुत ही दर्द भरा है
हर तरह से उत्तम है
आपकी यह सैनिक की पत्नी पर लिखी कविता..
आपने सिद्ध कर दिया कि आप एक मझी हुई कलाकार हैं…
Pragya Shukla - August 16, 2020, 6:07 pm
कुछ नहीं बस सीख रही हूं
neelam singh - August 16, 2020, 5:46 pm
आप पर सरस्वती की असीम कृपा है
एक तरफ जहाँ आपमें साहित्य सृजन की परिपूर्ण
प्रतिभा है..
वहीं दूसरी ओर आपके कंठ में सरस्वती विद्यमान है
अत्यन्त प्रेम के साथ करूणा लेकर गा रहीं हैं मानो यह आपकी ही बीती हो यही गुण आपको सबसे अलग और श्रेष्ठ बनाता है…
Pragya Shukla - August 16, 2020, 6:07 pm
इतने प्रेम के लिए धन्यवाद
neelam singh - August 16, 2020, 5:50 pm
मैं नहीं जानती आपमें इतनें गुण आते कहाँ से हैं
आपने अंबिका अम्बर की तरह स्त्री वेदना को उजागर किया है….
Good pragya
Aide hi likhati raho or saahiya ko
Nayi bulandiyon take me jaao…
Pragya Shukla - August 16, 2020, 5:59 pm
ऐसा कुछ भी नहीं है मैं सिर्फ नाचीज हूं।
और अभी बहुत कुछ सीखना बाकी है
मुझे कुछ नहीं आता मैं अज्ञानी हूं।
परंतु आपकी हौसला अफजाई के लिए शुक्रगुजार हूं।
Virendra sen - August 16, 2020, 5:53 pm
रचना में विधवा स्त्री के मनो दशा का सारगर्भित वर्णन किया गया है। प्रशंसनीय
Pragya Shukla - August 16, 2020, 5:57 pm
धन्यवाद🙏🙏🙏
मेरी कविता का विषय अच्छे से समझने के लिये
तथा इतनी सुंदर समीक्षा करने के लिए
himanshu ojha - August 16, 2020, 6:57 pm
Bahut khoob mam
Pragya Shukla - August 16, 2020, 8:16 pm
आपको वाकई में अच्छी लगी?
मेरे लिये यह बड़ी बात है
Pt, vinay shastri 'vinaychand' - August 17, 2020, 8:07 am
Atisunder kavita you are so great poet and your poem is also great 👑💳☎️📬📍📹🎹🖌🏢🏑⛵💎🖼📴1⃣🆓ℹ️🕝▫️🆔🇨🇭🇮🇷🇮🇳
Vande m. Matram.
Pragya Shukla - August 17, 2020, 3:06 pm
थैंक्स फॉर कमेंट्स 🙏🙏
Pragya Shukla - August 17, 2020, 3:09 pm
आपने मेरी पूरी कविता सुनी?
Pt, vinay shastri 'vinaychand' - August 17, 2020, 11:20 pm
जरूर
rj veera - August 17, 2020, 9:25 am
You are a great poet
Comes to life in every sense
Out of your pen
And the comment clearly shows that all your
Know the fact…
U r too good my dear…
Pragya Shukla - August 17, 2020, 3:07 pm
Thank u so much
rj veera - August 17, 2020, 9:31 am
एक बात कहें आपने वर्तमान कवियों को मात देदी है जो बड़े मंचों पर गाते फिरते हैं…
देशभक्ति की इससे बेहतर कविता हो ही नहीं
सकती थी…
पता चलता है आप हृदय की कितनी कोमल हैं और आपको उन स्त्रियों से कितना प्रेम और लगाव है…
आपकी कविता बेमिसाल है..
Pragya Shukla - August 17, 2020, 3:05 pm
इतनी हौसला-अफजाई के लिए धन्यवाद
Pragya Shukla - August 17, 2020, 3:07 pm
धन्यवाद आपका बहुत बहुत आभार
Pragya Shukla - August 18, 2020, 12:51 am
मैं बता दूं वर्तमान कवि का मतलब
सावन के मंच के कवियों से ना होकर
किसी विशेष व्यक्ति से है।
इसे सावन परिवार का कोई सदस्य
अन्यथा न लें।
aakashwaani lko - August 17, 2020, 9:46 am
Beautiful poem
The beauty of the theme seems to be increasing …
Your feelings are at home in the heart …
The sweetness of the voice is dissolving in the ears ..
Pragya Shukla - August 17, 2020, 3:05 pm
Thanks🙏🙏
aakashwaani lko - August 17, 2020, 9:49 am
Best of luck pragya
Well done..
Pragya Shukla - August 17, 2020, 3:04 pm
Thanks
Rj sid - August 17, 2020, 7:37 pm
आपमें देशभक्ति की भावना कूट-कूट कर भरी है..
आपमें सैनिक तथा उनके परिवार के प्रति सम्मान व हमदर्दी है..
आपने यह कविता लिखकर साबित कर दिया
कि आप सिर्फ कवि ही नहीं उदार हृदय वाली महिला
भी हैं…
हर कवि के लिए यह आवश्यक है कि वह सिर्फ प्रतियोगिता जीतने के लिए कमेंट बढ़ाने पर नहीं बल्कि कविता की गुणवत्ता पर अधिक ध्यान दें जिस बात का खयाल आप बखूबी रखती हैं…
देशभक्ति पर सिर्फ झंडा और जय हिंद के नारे पर नहीं बल्कि ऐसे मुद्दों पर कविता लिखें जो साहित्य तथा
समाज को एक नया आयाम दें…
आपने ऐसा ही किया है…
ऐसे ही नव निर्माण करती रहिये
आपको मेरी शुभकामनाएं…
Pragya Shukla - August 17, 2020, 8:09 pm
धन्यवाद आपका बहुत बहुत आभार व्यक्त करती हूँ
🙏🙏👍
Pragya Shukla - August 18, 2020, 12:53 am
गुणवत्ता का मतलब सिर्फ प्रतियोगिता की कविता से ना होकर हमेशा लिखी जाने वाली कविताओं से है।
हिन्दी जगत के सम्मान में कही गई बात है यह।
Pragya Shukla - August 17, 2020, 8:09 pm
कोशिश करूंगी
Rj sid - August 17, 2020, 7:47 pm
कलम का समाज पर बहुत प्रभाव पड़ता है,
आपने शहीद सैनिक के परिवार के प्रति अपनी कविता लिखकर श्रद्धान्जलि अर्पित की है..
ऐसे दुर्गम विषयों पर लिखने के लिए आपको कितनी मेहनत करनी पड़ती होगी मैं यह समझ सकता हूँ….
ऐसे ही हिन्दी का सम्मान करती रहिए
और साहित्य की सेवा करती रहिए…
आपका तथा आपकी कविता का मैं सम्मान करता हूँ
आपकी लेखनी के आगे नतमस्तक हूँ…
Pragya Shukla - August 17, 2020, 8:08 pm
धन्यवाद आपका बहुत बहुत आभार व्यक्त करती हूँ
vivek singhal - August 17, 2020, 7:56 pm
आपको साहित्य की कितनी जानकारी है यह आपकी रचना से साफ पता चलता है…
आपमें अदम्य साहस व प्रतिभा है..
तथा आपकी वाणी में सरसता व मधुरता है..
Pragya Shukla - August 17, 2020, 8:07 pm
आभार आपका
Pragya Shukla - August 17, 2020, 8:08 pm
धन्यवाद आपका बहुत बहुत आभार
Praduman Amit - August 18, 2020, 6:56 am
बहुत ही अच्छी भावना से कविता को आपने हम सब के बीच प्रस्तुत किया है। काफी सराहनीय है।
Pragya Shukla - August 18, 2020, 9:45 pm
आपका आभार 🙏
Anita Mishra - August 18, 2020, 8:34 am
सही कहा आपने प्रद्युम्न जी,
प्रज्ञा जी का भाव उत्तम है
जिसका अर्थ
किसी स्त्री को समाज में सम्मान दिलाना तथा उनके प्रति श्रद्धा के भाव रखना है ।
ऐसे विचार रखने से ही समाज की दिशा बदलती है और नवनिर्मान होता है तथा देश उजालों की और बढ़ता है
तथा समाज में फैली कुरीतियों से आजादी मिलती है,
क्या होता होगा जब शहीद की पत्नी को खबर मिलती होगी की तुम्हारा
सुहाग जो यह वादा करके गया था की इस बार जल्दी वापस आऊँगा वह
अब कभी नहीं आएगा…
हम तो बस इस कविता के द्वारा अन्दाजा लगा सकते हैं।
Pragya Shukla - August 18, 2020, 9:46 pm
धन्यवाद जी
Anita Mishra - August 18, 2020, 8:35 am
मैं तो कहूँगी कि यह ऐसे ही लिखती रहें और हमें कृतज्ञ करती रहें।
Pragya Shukla - August 18, 2020, 9:47 pm
आभार 🙏
Aryan Shukla - August 18, 2020, 6:58 pm
Desh bhakti ki bahut Sundar rachna riday bhar aaya
Pragya Shukla - August 18, 2020, 9:48 pm
धन्यवाद,
जय हिन्द
Aryan Shukla - August 18, 2020, 6:59 pm
Nice poem and poet tears came out really you are always great and hope you always win
Pragya Shukla - August 18, 2020, 9:48 pm
Thanks a lot
Neelam Tiwari - August 18, 2020, 7:42 pm
Very good 👍👍
. Bahut hi Sundar bahuaayami pratibha se susajjit rachna aur aap..
Pragya Shukla - August 18, 2020, 9:49 pm
Thank u
Neelam Tiwari - August 18, 2020, 7:43 pm
Very nice pragya beta
Pragya Shukla - August 18, 2020, 9:49 pm
धन्यवाद
Alka Misra - August 18, 2020, 7:57 pm
बहुत ही सुंदर रचना देश भक्ति पर बहुआयामी प्रतिभा से भरी हो आप
Pragya Shukla - August 18, 2020, 9:47 pm
धन्यवाद
Praduman Amit - August 19, 2020, 9:22 am
दमदार कविता के लिए धन्यवाद।
प्रतिमा चौधरी - September 26, 2020, 3:27 pm
शानदार प्रदर्शन
Pragya Shukla - October 5, 2020, 7:28 pm
धन्यवाद