कल ही लिपटे थे दामन से

स्वतंत्रता दिवस काव्य पाठ प्रतियोगिता:-

कल ही लिपटे थे दामन से
क्यूँ आज तिरंगा ओढ़ चले?
दो कदम चले थे साथ अभी
क्यों आज मुझे तुम छोड़ चले?

अब प्रेम गगरिया को अपनी मैं
आँखों से छलकाऊँगी,
तेरे हत्यारों को साजन सूली पर चढ़वाऊँगी।
मैं सूली पर चढ़वाऊँगी…

सूनी गलियां सूना आंगन
सूनी मेरी दुनिया साजन
‘परिणय’ के वो सुमधुर कंगन
कैसे मैं खनकाऊँगी।
तेरे हत्यारों को साजन सूली पर चढ़वाऊँगी…

मीठे-मीठे सपने कल के
तुमने देखे हमने देखे
तेरे बिन ओ बोल रे साजन!
कैसे मैं जी पाऊंगी।
तेरे हत्यारों को साजन सूली पर चढ़वाऊँगी…

मेरी बिंदिया मेरी पायल
तेरी राहें देख-देखकर
आंसू भी अब सूख गए हैं
तेरे नाम का लगा के काजल
कैसे मैं जी पाऊँगी।
तेरे हत्यारों को साजन सूली पर चढ़वाऊँगी…

कवयित्री:- प्रज्ञा शुक्ला ‘सीतापुर

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Responses

  1. प्रज्ञा जी
    आपने एक शहीद सैनिक की विधवा पत्नी
    के जीवन की दयनीय स्थिति का बड़ी ही
    मार्मिकता से व्याख्यान किया है।
    आपकी कविता का दर्द महसूस कर
    मेरी आँखों में आँसू आ गए।
    इससे अधिक मैं कुछ कह नहीं सकता।

    1. आपकी समीक्षा ने ह्रदय गदगद कर दिया भैया।
      🙏🙏🙏
      आपकी यही हौसलाफजाई
      मेरी ताकत बनती है।

  2. आपने अति संवेदनशील विषय को लिया है अपनी कविता में।
    पति के शहीद होने के बाद हमारे भारतीय समाज में स्त्री की जो दशा होती है।
    उससे हम भलीभांति परिचित हैं परंतु एक स्त्री की मनोदशा को एक स्त्री ही समझ सकती है जिस प्रकार आपने समझा है।
    जब कोई सिपाही शहीद होता है भारत माता के लिए
    तो वह अपने परिवार को पीछे छोड़ जाता है ।
    पत्नी उस असहनीय पीड़ा को सहती हुई किस प्रकार हर पल अपने पति को याद करती है और विलाप करती है
    साथ ही वह उन हत्यारों को सजा दिलाने की बात कर रही है
    इससे साबित होता है कि वह सिर्फ भावुक ही नहीं, सैनिक की पत्नी होने के नाते साहसी भी है।
    अति सुंदर भाव रखा है आपने और गाया भी बेहद खूबसूरती से है।।

    1. देश की आजादी तो सब मनाते हैं परंतु जिसकी वजह से मिलती है उसे कोई याद नहीं करता और सैनिक के परिवार को किन किन कष्टों से गुजरना पड़ता है कुछ और बस ध्यान ले जाने की छोटी सी कोशिश की है मैंने एक स्त्री की वेदना को व्यक्त करने की छोटी सी कोशिश की है मेरी कलम ने

  3. You are a poet of high quality, the way you have sung in your sweet voice, it seems that how simple you are. The subject of your poem is thoughtful and is passionate…
    Keep it up..
    👍👍🇮🇳🇮🇳

  4. The heroine of your poem not only knows how to cry, but is also talking about revenge of her husband’s martyrdom, this shows her not only emotional but also courageous and this is the most important thing….
    Awesome poem..

  5. Masterpiece
    You have written differently on patriotism and have told a very painful story, your voice is like that of singers, singing with great poignancy, you are getting heartbroken with success…
    Well done…..

  6. कविता का भाव बहुत ही दर्द भरा है
    हर तरह से उत्तम है
    आपकी यह सैनिक की पत्नी पर लिखी कविता..
    आपने सिद्ध कर दिया कि आप एक मझी हुई कलाकार हैं…

  7. आप पर सरस्वती की असीम कृपा है
    एक तरफ जहाँ आपमें साहित्य सृजन की परिपूर्ण
    प्रतिभा है..
    वहीं दूसरी ओर आपके कंठ में सरस्वती विद्यमान है
    अत्यन्त प्रेम के साथ करूणा लेकर गा रहीं हैं मानो यह आपकी ही बीती हो यही गुण आपको सबसे अलग और श्रेष्ठ बनाता है…

  8. मैं नहीं जानती आपमें इतनें गुण आते कहाँ से हैं
    आपने अंबिका अम्बर की तरह स्त्री वेदना को उजागर किया है….
    Good pragya
    Aide hi likhati raho or saahiya ko
    Nayi bulandiyon take me jaao…

    1. ऐसा कुछ भी नहीं है मैं सिर्फ नाचीज हूं।
      और अभी बहुत कुछ सीखना बाकी है
      मुझे कुछ नहीं आता मैं अज्ञानी हूं।
      परंतु आपकी हौसला अफजाई के लिए शुक्रगुजार हूं।

  9. रचना में विधवा स्त्री के मनो दशा का सारगर्भित वर्णन किया गया है। प्रशंसनीय

    1. धन्यवाद🙏🙏🙏
      मेरी कविता का विषय अच्छे से समझने के लिये
      तथा इतनी सुंदर समीक्षा करने के लिए

  10. You are a great poet
    Comes to life in every sense
    Out of your pen
    And the comment clearly shows that all your
    Know the fact…
    U r too good my dear…

  11. एक बात कहें आपने वर्तमान कवियों को मात देदी है जो बड़े मंचों पर गाते फिरते हैं…
    देशभक्ति की इससे बेहतर कविता हो ही नहीं
    सकती थी…
    पता चलता है आप हृदय की कितनी कोमल हैं और आपको उन स्त्रियों से कितना प्रेम और लगाव है…
    आपकी कविता बेमिसाल है..

    1. मैं बता दूं वर्तमान कवि का मतलब
      सावन के मंच के कवियों से ना होकर
      किसी विशेष व्यक्ति से है।
      इसे सावन परिवार का कोई सदस्य
      अन्यथा न लें।

  12. बहुत ही अच्छी भावना से कविता को आपने हम सब के बीच प्रस्तुत किया है। काफी सराहनीय है।

  13. सही कहा आपने प्रद्युम्न जी,
    प्रज्ञा जी का भाव उत्तम है
    जिसका अर्थ
    किसी स्त्री को समाज में सम्मान दिलाना तथा उनके प्रति श्रद्धा के भाव रखना है ।
    ऐसे विचार रखने से ही समाज की दिशा बदलती है और नवनिर्मान होता है तथा देश उजालों की और बढ़ता है
    तथा समाज में फैली कुरीतियों से आजादी मिलती है,
    क्या होता होगा जब शहीद की पत्नी को खबर मिलती होगी की तुम्हारा
    सुहाग जो यह वादा करके गया था की इस बार जल्दी वापस आऊँगा वह
    अब कभी नहीं आएगा…
    हम तो बस इस कविता के द्वारा अन्दाजा लगा सकते हैं।

  14. मैं तो कहूँगी कि यह ऐसे ही लिखती रहें और हमें कृतज्ञ करती रहें।

  15. बहुत ही सुंदर रचना देश भक्ति पर बहुआयामी प्रतिभा से भरी हो आप

  16. गुणवत्ता का मतलब सिर्फ प्रतियोगिता की कविता से ना होकर हमेशा लिखी जाने वाली कविताओं से है।
    हिन्दी जगत के सम्मान में कही गई बात है यह।

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