काफ़िला

November 24, 2019 in शेर-ओ-शायरी

धीरे-धीरे बढ़ रहा
है काफ़िला।
धीरे-धीरे कम
हो रहे हैं फासले
मंज़िल है बस
कुछ ही दूर।
तू अपनी हिम्म्मत
भांप रे।

है नही आसान

November 24, 2019 in शेर-ओ-शायरी

मंज़िल है नही
आसान
बहुत
मशरूफ हैं
राहें ।
जीत जायेगें
हम दुनिया
दो कदम
रोज़ चलकर के।

है नही आसान

November 24, 2019 in हिन्दी-उर्दू कविता

मंज़िल है नहीं
आसान ।
बहुत मशरूफ
हैं राहें ।
जीत जायेंगे
हम दुनिया
दो कदम
रोज़ चलकर के।

सपनें

November 24, 2019 in शेर-ओ-शायरी

सुबह के मीठे सपनों
जैसा है तुम्हारा
एहसास ।
रहते हो यूं
दिल में
जैसे हो साँस ।

अच्छा है

November 24, 2019 in शेर-ओ-शायरी

ना मिलने का
रोज़ बहाना
अच्छा है।
यादों से हमको
तड़पाना
अच्छा है ।
सोते-सोते आ जाते
हो ख्वाबों में
हमसे मिलकर
आँख चुराना
अच्छा है।

अच्छा है

November 23, 2019 in शेर-ओ-शायरी

ना मिलने का
रोज़ बहाना
अच्छा है।
यादों से हमको
तड़पाना
अच्छा है ।
सोते-सोते आ जाते
हो ख्वाबों में
हमसे मिलकर
आँख चुराना
अच्छा है।

अच्छा है

November 23, 2019 in शेर-ओ-शायरी

ना मिलने का
रोज़ बहाना
अच्छा है ।
सोते सोते आ जाते
हो ख्वाबों में ।
हमसे मिलकर
आँख चुराना
अच्छा है।

अच्छा है

November 23, 2019 in शेर-ओ-शायरी

ना मिलने का
रोज़ बहाना
अच्छा है ।
सोते सोते आ जाते
हो ख्वाबों में ।
हमसे मिलकर
आँख चुराना
अच्छा है।

चुन लो

November 23, 2019 in शेर-ओ-शायरी

चुन लो तुमको
जो चुनना है।
मुझे हर फ़ैसला
मंज़ूर है।
तुम्हारी दोस्ती भी
तुम्हारी बेवफाई भी।

चुन लो

November 23, 2019 in शेर-ओ-शायरी

चुन लो तुमको
जो चुनना है।
मुझे हर फ़ैसला
मंज़ूर है।
तुम्हारी दोस्ती भी
तुम्हारी बेवफाई भी।

चुन लो

November 23, 2019 in शेर-ओ-शायरी

चुन लो तुमको जो
चुनना है।
मुझे हर फैसला मंज़ूर है।
तुम्हारी दोस्ती भी
तुम्हारी बेफफ़ाई भी।

खामोशी

November 23, 2019 in शेर-ओ-शायरी

तुम्हारी खामोशी भी
क्या चीज़ है
ना जाने क्या कह
जाती है।
जो कहना
चाहतें हो
नही कहती
हजारों फसाने सुनाती है।

खामोशी

November 23, 2019 in शेर-ओ-शायरी

तुम्हारी खामोशी भी
क्या चीज़ है
ना जाने क्या कह
जाती है।
जो कहना
चाहतें हो
नही कहती
हजारों फसाने सुनाती है।

अच्छा है

November 23, 2019 in शेर-ओ-शायरी

मंज़िल अब दूर नहीं है
सफ़र भी अच्छा है ।
तुम हो तो सब
कुछ अच्छा है।

अच्छा है

November 23, 2019 in शेर-ओ-शायरी

मंज़िल अब दूर नहीं है
सफ़र भी अच्छा है ।
तुम हो तो सब
कुछ अच्छा है।

अच्छा है

November 23, 2019 in शेर-ओ-शायरी

मंज़िल अब दूर नहीं है
सफ़र भी अच्छा है ।
तुम हो तो सब
कुछ अच्छा है

मज़ा है

November 23, 2019 in शेर-ओ-शायरी

पाने का अपना मज़ा
है।
खोने का अपना
मज़ा है।
हँसते तो सब हैं
पर रोने का
अपना मज़ा है।

सुना है

November 23, 2019 in शेर-ओ-शायरी

सुना है खुदा तुम
पर मेहरबां हो गया है
एक रोज़ मांगी
थी दुआ तुमने
हमसे दूर जाने की।

सुना है

November 23, 2019 in शेर-ओ-शायरी

सुना है खुदा तुम
पर मेहरबां हो गया है
एक रोज़ मांगी
थी दुआ तुमने
हमसे दूर जाने की।

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