पृथ्वी लिये दो हाँथ”

April 21, 2021 in Poetry on Picture Contest

सौंप रही है देखो पृथ्वी
अपना संरक्षण किन के हाथों में
जिनको आता नहीं सहेजना
प्राकृतिक संसाधनों को
जो ना कर सकते हैं अपनी सुरक्षा
वह पृथ्वी की सुरक्षा कैसे कर पाएंगे !
यही सोचकर डगमगा रहे हैं
पृथ्वी लिए दो हाथ,
कि ये सुकोमल हाथ
क्या पृथ्वी की सुरक्षा कर पाएंगे!!
क्या आने वाले कल में
मैं सुरक्षित महसूस कर पाऊंगी !
यही सोचते हुए पृथ्वी सहम रही है
और कह रही है-
कोई तो हो जो मेरी सुरक्षा कर पाये
प्राकृतिक संसाधनों का हनन होने से बचाए
मेरे वक्ष पर वृक्ष लगाए,
प्रदूषण रोंके, महामारी से मरते लोगों को बचाए।
भूमि पुत्रों को आत्महत्या करने से रोंके,
कोई तो हो जो असल में पृथ्वी दिवस मनाए।।

बुरा नहीं हूँ मैं

August 1, 2020 in शेर-ओ-शायरी

सख्ती से नहीं नरमी से पेश आएंगे
किसी के प्यार में हम यह भी कर जाएंगे।
यूं तो बुरे नहीं हैं हम साहब
पर किसी के मार्गदर्शन में हम और सुधर जाएंगे।

मैं शिक्षक हूँ…

July 31, 2020 in शेर-ओ-शायरी

मैं शिक्षक हूँ संसार में ज्ञान फैलाता हूँ
अपनी कलम की धार को
अपने साहित्य की तलवार बनाता हूँ।
तुम जी लो तुम्हारे लिए यह नया मन्ज़र है
मैं तो हर मन्ज़र के उस पार एक समंदर बनाता हूँ।

🌹🌹शुभ रात्रि🌹🌹🎑

छोटी सोंच

July 31, 2020 in शेर-ओ-शायरी

तुम्हारी छोटी सोंच मुझे हैरान करती है
सदियों से मेरा अंदाज़ निराला है।
बस तुम जैसों के ही पेट में दर्द होती है।
चंद सिक्कों और ताज़ की जरूरत नहीं मुझको
शोहरत तो अभिषेक के कदमों में होती है।

हुनर की पैमाइश

July 31, 2020 in शेर-ओ-शायरी

मैं सिर्फ अपने हुनर की पैमाइश करता हूँ
नुमाइश नहीं करता।
सभी के साथ मोहब्बत से पेश आता हूँ
पक्षपात नहीं करता।

अजब-गजब से लोग

July 31, 2020 in हिन्दी-उर्दू कविता

अजब-गजब से लोग हैं!
ना जाने क्यों इंसानियत से
इतना जलते लोग हैं
कुछ होश में हैं तो कुछ बेहोश हैं।
मगर कुछ मगरूर होकर
अपनी ही धुन में बेहोश हैं।

चालबाजी

July 31, 2020 in हिन्दी-उर्दू कविता

तेरी चालबाजी सब जानता हूँ मैं
न जाने फिर भी क्यों इतना तुझे मानता हूँ मैं।
—————————————-
दिल बहुत बार दुखाया तूने पर
तुझे देख कर यही एहसास होता है
कि सदियों से तुझे जानता हूँ मैं।

दूरियां

July 31, 2020 in हिन्दी-उर्दू कविता

दूरियां कितनी भी हों मिटाता चला जाऊंगा
तेरे दिल में कितनी भी कड़वाहट हो
मैं अपने व्यवहार से
तेरे दिल में जगह बनाऊंगा
तू कितनी भी कोशिश कर ले
तुझे भी हो जाएगा मेरी वफाओं से प्यार
अपनी आंखों से एक बार
नफरत की पट्टी हटा तो जरा
देखना मैं ऐसा एक दिन जरूर लाऊँगा

जहर का प्याला

July 30, 2020 in हिन्दी-उर्दू कविता

प्यार जताने की बात वह करते हैं
जो अक्सर दिल जलाया करते हैं।
होठों पर रखते हैं गुलाब और
हाथों में जहर का प्याला लिए रहते हैं।

सिसकते जज्बात

July 30, 2020 in हिन्दी-उर्दू कविता

सिसकते जज्बात हँसने लगे
तुम्हें देखकर
न जाने ऐसा क्या था तुममें!
जो मेरी बिखरी जिंदगी को
तुमने दो पल में ही समेट लिया।
और ऐसा समेटा
कि मैं कभी फिर बिखर ना सका।
टूटा तो बहुत बार
पर कभी संभल ना सका।

आत्मा

July 30, 2020 in शेर-ओ-शायरी

बैरन हुई है दुनिया जब से तुम से नजर मिली
तेरे प्रेम जाल में फंस कर ही यह आत्मा स्वतंत्र हुई।

चमन

July 30, 2020 in शेर-ओ-शायरी

बारिश की बूँदों से डरना कैसा।
बिन पतछड़ का चमन कैसा।

मंजिल

July 30, 2020 in शेर-ओ-शायरी

दोस्तो ! मेहनत मे दिन- रात देखा नही जाता।
मंजिल हो करीब तो मैदान छोड़ा नही जाता।।

स्वागत

July 30, 2020 in शेर-ओ-शायरी

आये है आप तो स्वागत हम करेंगे।
मेहमान नवाज़ी का फ़र्ज अदा करेंगे।।

प्रेम

July 30, 2020 in शेर-ओ-शायरी

चलो फिर से एक- दूजे से बिछड़कर देखते है,
प्रेम मे वियोग की पराकाष्ठा को हम देखते है।

रियासत

July 30, 2020 in शेर-ओ-शायरी

रियासत है मेरी यह याद रखना,
तहजीब का चलन बरकार रखना।

नासमझ

July 16, 2020 in शेर-ओ-शायरी

जो अपनी खुद की पहचान छिपाये बैठे है।
वो नासमझ मेरे वजूद पर शर्त लगाये बैठे है।।

किरदार

July 15, 2020 in शेर-ओ-शायरी

सबने अपने किरदार पर पर्दे डाल रखे है।

फैसला मेरा करेगे यह वहम भी पाल रखे है।

पहला प्यार

July 14, 2020 in हिन्दी-उर्दू कविता

तुझे मैं भूल नहीं सकता
तू मेरा पहला प्यार है
तू ही मेरा इकरार है
तू ही मेरा इज़हार है
मैं तुझे भूल नहीं सकता
तू मेरा पहला प्यार है
तू मेरी मंजिल है
तू ही मेरी राह है
तू तो जानती है
मुझे तेरी कितनी परवाह है
मैं तुझे भूल नहीं सकता
तू मेरा पहला प्यार है।

ख्वाहिशें

July 14, 2020 in शेर-ओ-शायरी

मेरी ख्वाहिशें समुंदर जैसी गहरी हैं,
और तेरा प्यार आँखों के आँसू जितना छिछला।

मैं लिखता हूँ रात भर

July 14, 2020 in शेर-ओ-शायरी

मैं लिखता हूँ रात भर कविता
तू सुबह पढ़ कर खुश होती है।
मैं जब कभी हँसता हूँ खुशियों में
मुझे तू हँसता देख कर रोती है।

साथ निभाऊंगा तेरा

July 14, 2020 in शेर-ओ-शायरी

ख्वाइशें पूरी करूंगा मैं
तेरी आखिरी दम तक

साथ निभाऊंगा तेरा
धरती से फलक तक

पापा के दुलारी

July 14, 2020 in हिन्दी-उर्दू कविता

बेफिक्र बचपन और जिन्दगी है न्यारी,

थोड़ी शरारत और साँवली सूरत है प्यारी।

मम्मी की गुड़िया और पापा की दुलारी,

रहती उनके दिल में बनकर राजकुमारी।

ख्वाहिशें हुई हैं पूरी चाहे जितनी हो गरीबी,

भूल से भी माँ बाप ने न जाहिर की मजबूरी।

जिन्दगी के बंजर रैम्प पर वह कैटवॉक करती,

यह नन्ही-सी मॉडल सबको है नि:शब्द करती।’
रचनाकार:-
अभिषेक शुक्ला ‘सीतापुर’

प्यारे बच्चों

July 14, 2020 in हिन्दी-उर्दू कविता

प्यारे बच्चों, प्यारे बच्चों आओ मेरे पास,
दूर वहाँ क्यों बैठो हो तुम हो क्यों इतने उदास?
आओ मिलकर पाठ पढ़ें कुछ सीखें नयी बात,
मिल जुलकर हम साथ रहें और मन में हो विश्वास।
प्यारे बच्चों …..
सुबह उठो जल्दी से तुम और बोलो सबको शुभ प्रभात,
बस्ता लेकर स्कूल चलो तुम सब ले हाथों में हाथ।
प्यारे बच्चों…..
नित्य कर ईश्वर की प्रार्थना, कर्त्तव्य मार्ग पर डटे रहो,
कोई भी कठिनाई आये पर तुम पीछे न कभी हटो।
प्यारे बच्चों……
पढ़ लिखकर रोज ही सीखो अच्छी-अच्छी बात,
जीवन में खूब आगे बढ़ो तुम सच्चाई के साथ।
प्यारे बच्चों, प्यारे बच्चों आओ मेरे पास,
दूर वहाँ क्यों बैठो हो तुम हो क्यों इतने उदास?

सूरज की किरण

July 14, 2020 in शेर-ओ-शायरी

सूरज की किरणें भी सुबह-सुबह कयामत ढा रही हैं,

पूछ रही हैं, कैसे हैं वो? जिनकी तुम्हें याद आ रही है।

बुरा उन्हें कहूँ

July 14, 2020 in शेर-ओ-शायरी

बुरा उन्हें कहूँ तो ये बिल्कुल गलत बात होगी…….

शायद मैं ही बुरा हूँ तो उनसे मुलाकात क्यों होगी..?

बदल गए हो तुम

July 14, 2020 in शेर-ओ-शायरी

जरूरत पड़ने पर आज मुकर गये हो तुम,
जमाने की तरह कितना बदल गये हो तुम।

दोस्त!ये मंजर भी गुजर जायेंगे किसी तरह से,
पर आज चुप रहकर बहुत दर्द दे गये हो तुम।।

गरीब की कब्र

July 14, 2020 in हिन्दी-उर्दू कविता

गरीब की कब्र पर कहाँ कब दीप जलते हैं ,
रेगिस्तान में आसानी से कहाँ फूल खिलते हैं।

चाँद-तारों की ख्वाहिश तो महल वाले रखते हैं

हम जुगनू हैं अपनी फिजाओं के….हम तो खुद से ही खुद को रोशन रखते हैं।।

शख्सियत मेरी

July 14, 2020 in शेर-ओ-शायरी

आरज़ू नहीं रखता कि पूरी कायनात में मशहूर हो शक्सियत मेरी।
जनाब! आप जितना जानते हो सच में उतनी ही है पहचान मेरी।।

बलात्कार

July 14, 2020 in हिन्दी-उर्दू कविता

मोमबत्ती जलाने से अब कुछ न होगा,
कोर्ट के चक्कर लगाने से कुछ न होगा।

बलात्कारियों को एक बार जिन्दा जलाकर तो देखो…..

फिर किसी ‘निर्भया’ और ‘आसिफा’ का बलात्कार नहीं होगा।।

संवर कर

July 14, 2020 in शेर-ओ-शायरी

संवर कर आऊँगा जब तुम्हारी महफिल में ,
निगाहें तुम्हारी सिर्फ मुझ पर ठहर जायेगी।

देखेंगे जब सब तुम्हारे होंठो पर हल्की-सी हँसी,
महफ़िल में हमारी मोहब्बत ही चर्चा बन जायेगी।

दीया

July 14, 2020 in शेर-ओ-शायरी

उम्मीदों का दीया जलाकर
इस आशा में बैठे हैं
कल सूरज खुशियाँ लाएगा
चाँद सजाकर बैठे हैं

तेरी सच्चाई

July 14, 2020 in शेर-ओ-शायरी

तेरी सारी सच्चाई जानता हूँ मैं
पर तेरी खुशी की खातिर मुझे
अनजान बनना अच्छा लगता है।
मैं चाहता हूँ तू अपने मुंह से
अपनी सच्चाई बता!
तुझे बेवफा बुलाना ना मुझे खराब लगता है।

पंखों की उड़ान

July 14, 2020 in शेर-ओ-शायरी

सच बोलने वालों की जहां में कदर नहीं होती
इमानदारों के पास मखमल की चादर नहीं होती।
सो जाते हैं वह तो धूप की चादर बिछाकर
उनके सपनों में पंखों की उड़ान नहीं होती।

जुदाई

July 14, 2020 in शेर-ओ-शायरी

तुझसे लंबी जुदाई सही ना जाएगी
तेरे जाने से मेरी आँख भी भर आएगी
हो ना जाना कहीं दूर मुझसे तू
तेरे बिन यह दीवानी मर ही जाएगी।

आसमान हो गया

July 14, 2020 in शेर-ओ-शायरी

शाम से ढूंढती थी मैं तुझको
तू न जाने कहाँ खो गया
मैं तुझे प्रेम की धरती समझती थी
तू नफ़रत का आसमान हो गया।

सुरूर

July 14, 2020 in शेर-ओ-शायरी

तुम्हारी ख्वाहिशों को पूरा करने आऊंगा जरूर
ना उतरा है ना उतरेगा तुम्हारी आँखों का सुरूर

संकल्प लें

July 14, 2020 in शेर-ओ-शायरी

संकल्प लें कि समाज में शिक्षा का संदेश फैलाएंगे,
बेटा हो या बेटी सभी को एक साथ पढ़ाएंगे।

14 जुलाई

July 14, 2020 in Other

आज 14 जुलाई है, फरवरी नहीं
जो तेरे लिए शायरी लिखूँगा
मैं डूब चुका हूँ पहले भी
किसी आँखों में
अब बार-बार थोड़े ही डूबूंगा।

झुकी हुई नज़रें

July 14, 2020 in Other

झुकी हुई नज़रें उतनी ही हसीन लगती हैं,
जितना खुली हुई शराब की बोतल।

शोहरत

July 14, 2020 in Other

दौलत चाहे जितनी कमा लो पर
शोहरत कमाने में जमाने लग जाते हैं।

गुरुर

July 14, 2020 in Other

सुविचार:-
कभी-कभी अपनी बात पर अटल रहने से
झुक जाना ही अच्छा होता है।
जैसे जब आँधी आती है
तो बड़े पेड़ गिर जाते हैं।
क्योंकि वह अपनी अकड़ में होते हैं
परंतु छोटी-छोटी झाड़ियां मगन होकर नाचती हैं
क्योंकि उन्हें गुरूर नहीं होता और वह झुकी रहती हैं।

अहमियत

July 14, 2020 in शेर-ओ-शायरी

किसी की अहमियत हमें तभी होती है
जब वह हमें छोड़ कर चला जाता है।
——————————————–
और किसी की चाहत हमें तभी होती है
जब वह हमारे मुकद्दर में नहीं होता है।

प्रेम-पिपासु

July 14, 2020 in शेर-ओ-शायरी

नारी का सम्मान करो हर पल
आने ना दो उसकी आँखों में आँसू,
ना धन चाहे ना दौलत चाहे
वह तो है प्रेम-पिपासु।

तुम्हारे सपने

July 14, 2020 in शेर-ओ-शायरी

तुम्हारे सपनों में कोई आता है क्या?
तुम्हारे ख्वाब कोई सजाता है क्या?
जिस तरह मैं तुम्हारे आगे बिना गलती घुटने टेक देता हूँ
उस तरह तुम्हें कोई प्यार जताता है क्या?

विपक्ष की राजनीति

July 14, 2020 in Other

यह विपक्ष की कैसी राजनीति?
अपने आप ही अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारते हैं।
अपने नेताओं की फोटो खुद ही फाड़ते हैं
और जब उनके नेता दूसरी पार्टी में जाते हैं
तो ताने सरकार को मारते हैं।
कांग्रेस मुक्त भारत कांग्रेस के सहयोग से

बन्द करो

July 14, 2020 in शेर-ओ-शायरी

सीमा पर यह बम बारूदें बंद करो
लड़ना है तो सामने आकर जंग करो
हम भारतवासी हैं तुम को धूल चटा देंगे
तुमको तुम्हारी सीमा पर आकर मिट्टी में मिला देंगे

शिक्षा

July 14, 2020 in शेर-ओ-शायरी

अत्याचार खत्म करने का एक ही है उपाय
घर-घर में शिक्षा का करें प्रचार-प्रसार।
शिक्षा ही वह दीपक है जो हर घर में उजाला करती है शिक्षा ही है जो जानवर को इंसान बना देती है।

रक्तरंजित

July 14, 2020 in शेर-ओ-शायरी

रक्तरंजित इश्क में हज़ार होते हैं ख्वाब
मगर पूरे नहीं होते।

मेरी मोहब्बत

July 14, 2020 in शेर-ओ-शायरी

ख्वाब सो जाते हैं छत पर
जब तू उदास होता है।
जब तू मुस्कुराता है तो
सुकून पास होता है।
काव्य सौंदर्य:-मानवीकरण

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