by M K

(गीत: माँ हिंदी)

September 14, 2020 in गीत

जिस माथे पे चमके,
हिन्द का नाम
उन्हें हिंदी से मिलता,
हो प्रथम ज्ञान।

जन भाषी भाव वही,
पथ पावन हो
की माँ हिंदी का हिन्द,
में सावन हो।

की माँ हिंदी का हिन्द,
में सावन हो
हाँ माँ हिंदी का हिन्द,
में सावन हो।।

(महेश कुमार)

by M K

HINDUSTAN

August 19, 2020 in हिन्दी-उर्दू कविता

जिन्दा रहे मेरा हिंदुस्तान
अद्भुत है जिसका गुणगान

सशक्त युवा का प्रबल ईमान
खुली हवा में भिखरा सम्मान
हिमालय जैसा पर्वत तुझको
शीश झुका करता प्रणाम..

सबसे प्यारा सबसे न्यारा
समुद्र का ये अद्भुत किनारा
जहाँ गाँधी में गंगा की धारा
कर्क पे चमकता सूरज हमारा

शहादत पर जो दे बलिदान
पलकें झुका आँखों से सलाम
रहे तिरंगा सबसे ऊँचा
समृद्ध भारत की बुलंद पहचान

जिन्दा रहे मेरा हिंदुस्तान
अद्भुत है जिसका गुणगान
© M K Yadav

by M K

बादल की बौछार

August 19, 2020 in गीत

दो बूँद गिरा गया बादल
महका है धरती का आँचल
बन सर्द पवन लहराई
मिट्टी की महक-महकाई

सब काम काज रुक गए हैं
बादल के आगे झुक गए हैं
ममता ने ली है अंगड़ाई
लो सब ने प्यास बुझाई

खामोश हुआ इंसान जब
पड़ी गर्ज की चमक दिखाई

पानी-की बौछार चलाके
संगीत में सूर को मिलाके
गालों को मर्म सहलाएँ
कानों से थरथरी आएँ

सप्तधनू आकाश में छाया
देने सूक्ष्म श्रेस्ट बधाई

दो बूँद गिरा गया बादल
महका है धरती का आँचल
बन सर्द पवन लहराई
मिट्टी की महक-महकाई
©M K Yadav

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