तेरा हो जाऊं

October 26, 2023 in शेर-ओ-शायरी

तेरा हो जाऊं या खुद से खफा हो जाऊं,
तू ही बता ऐ दोस्त मैं केया हो जाऊं,

सारी दुनिया घूम के देख ली हमने,
मिला ना कोई तुझ जैसा अपना हमको,

अब तू ही बता कैसे तुझसे जुदा हो जाऊँ

उसने रो रो कर

August 31, 2023 in ग़ज़ल

उसने रो रो कर एक दिन मुझसे कहा था,

भुला तो ना दोगे मुझे,
यूं चलती रहो में छोड़ तो ना दोगे मुझे,
जगा कर मोहब्बत की कशिश मुझमें,
अपने दिल से मिटा तो ना दोगे मुझे।

सारे वादे, सारे रिश्ते का भरम केया मैं रख लूं,
भुला कर इस ज़माने की बातों को तेरा एतबार कर लूं,

मगर कहीं कभी किसी राह पर पलकों से गिरा तो ना दोगे मुझे,
उसने रो रो कर एक दिन मुझसे कहा थ।

By-M.A.K

अज़ीयत

August 31, 2023 in शेर-ओ-शायरी

आसान नहीं है हर दर्द को सीने से लगा कर ज़िंदा रहना,
हमने खुद अपना गरेबान चाक किया है
तब जाके ये हुनर ​​पाया है

Aqsh

December 12, 2022 in शेर-ओ-शायरी

Khel zindagi k bahot se khele hain hamne,
Har bazi ko jeeti hai,
bas har gai to,
Uski mohabbat k aage….M.A.K

रिश्ते

November 23, 2022 in ग़ज़ल

लओट कर ना आया,ओ रहबर – रहगुजर मेरा,
त उमर रहा,तनहा सफर मेरा,

हर रिश्ते फरेब देते रहे मुझे,ज़िन्दगी के हर मोड़ पर,
बेवजह नेछावर कर दिए मैंने लहु का एक एक कतरा मेरा,

ये फज़ा भी रूठी रूठी सी लगती है मुझसे,
ये उसी तरफ बहती हैं,जहाँ जाता नहीं रास्ता मेरा.

एक कसम के खातिर सारी उम्र गुजर दी,
कभी कभी सोचता हूँ ” महमूद “,
क्या शर्त के बुनियाद पे टीका था हर रिश्ता मेरा.

शेर

October 4, 2022 in शेर-ओ-शायरी

नजाने कब ख़तम होगी ज़द्दो ज़हद ज़िन्दगी की,
अभी टॉक उलझा हूँ ज़िन्दगी क सवालो मे।

अंदाज़ उसका बे मिसाल था,बेवफाई उसने की,
मगर मई बदनाम था।

ज़िन्दगी ने बहोत कुछ सीखा दिया मुझक।,
इस छोटी सी उम्र में,
किया ख़ुशी किया ग़म,कोण अपना कोण पराया,
बुरे वक़्त में कोई अपना नहीं होत।

ज़िन्दगी होने हमेसा अपनों के लिए गुज़ारी है,
चंद कागज़ के टुकड़े ने पराया कर दिय।

ज़िन्दगी एक खोवाइशों का समंदर है,
हर खोवैसे पूरी हूँ ये ज़रूरी तो नही।

तुझसे बिछड़ के

August 30, 2022 in ग़ज़ल

तुझसे बिछड़ के

जिंदगी कुछ इस तरह से गुजरी है,
न कोई राह-ए-सफ़र, न हम सया साथ चलता है,

इतना तन्हा हुआ मैं तेरे जाने के बाद,
ना अपना, ना कोई पर्य साथ चलता है।

जिंदगी अपनी कुछ इस तरह से गुजरी है,
न कोई राह-ए-सफ़र, न हम सया साथ चलता है,

अब तो फ़िज़ा भी रूठी रूठी सी लगती है।
न कोई महफ़िल, न मौसम-ए-बहार,
बस गामो का कफिला साथ चलता है।

जिंदगी कुछ इस तरह से गुजरी है,
यादों का सिलसिला, तनहाई का करवा साथ चलता है।

Aarzu

August 17, 2022 in शेर-ओ-शायरी

Mana ki Zindagi ek kowaishon ka samandar hai,har khowaishe puri hon ye zaruri to nahi.
———————-
Na jane kab khatam hogi jaddo-zahad zindagi ki,abhi talak uljha hun zindagi k sawalo me.

बड़ा जखम दिया है,इस ज़माने ने

April 29, 2021 in ग़ज़ल

बड़ा जखम दिया है,इस ज़माने ने
सदियों लगेगी मूशकुराने में,

अजब सी दरियादीली देखी ज़माने की,
गरीबों को रुलाने में,अमीरों को हँसाने में.

कहीं पर खुले अत्तयाचार है,तो कहीं पे
मीठी जुबान पे तलवार है,

जरा सी बात पर सारे रीशते तोड़ देते हैं,सारी
रीवायते छोड़ देते हैं,

जहान सदियों गुजर जाती हैं,”महमूद” रिश्ते बनाने में,रुठो को मानाने में.

बड़ा जखम दिया है,इस ज़माने ने
सदियों लगेगी मूशकुराने में.!

By- M.A.K

लओट कर ना आया,ओ रहबर

April 28, 2021 in ग़ज़ल

लओट कर ना आया,ओ रहबर – रहगुजर मेरा,
त उमर रहा,तनहा सफर मेरा,

हर रिश्ते फरेब देते रहे मुझे,ज़िन्दगी के हर मोड़ पर,
बेवजह नेछावर कर दिए मैंने लहु का एक एक कतरा मेरा,

ये फज़ा भी रूठी रूठी सी लगती है मुझसे,
ये उसी तरफ बहती हैं,जहाँ जाता नहीं रास्ता मेरा.

एक कसम के खातिर सारी उम्र गुजर दी,
कभी कभी सोचता हूँ ” महमूद “,
क्या शर्त के बुनियाद पे टीका था हर रिश्ता मेरा.

By – M.A.K

जब मै बूडा हो जाउगा

April 18, 2021 in ग़ज़ल

जब मै बूडा हो जाउगा,जब आँखो के दीये बूझ जाएंगे,
कया तबी तुम मुझको चाहोगी,कया तबभी तुम मुझको प्यार करोगी,

बोला ना.

जब मेरी आँखे धुधली हो जाएंगी,जब चेहरे की झुर्रियां ज़िन्दगी की कशमकश से झोल जाएंगी,
जब लडखडाते कदम अपनी मोहताजी का सहारा मगेगी,
काय तब भी तुम मेरी हमकदम बन कर साथ चलोगी.

बोलो ना.

बोलो ना,जीस तरहा आज तूम मेरा हमसाया हो,हमकदम हो,
जब मेरी शीकशत जिंदगी थक के चुर हो जाएंगी,
जब मेरा अकेलापन तुमको आवाज देगा,
कया तब भी तुम मुझसे मीलने आओगी,

बोलो ना.

जब मै बूडा हो जाउगा,कया तबी तुम मुझको चाहोगी.

बोलो ना.

By-M.A.K

एक दिन तो जाना है तुझको,आज तो साथ रहने दे,

April 15, 2021 in ग़ज़ल

एक दिन तो जाना है तुझको,आज तो साथ रहने दे,

ये दर्द ज़फ़ा का तेरे संघ सहने दे.

ऐसे न नज़रे चुरा मुझसे,हूँ मै आखिर तेरा दीवाना,

है जब तक साँस बाकि,तब तक तो तेरे इश्क़ में मुझको जलने दे.

ऐसे न जुदा कर खुद को मुझसे ,

हूँ मै एक बंजारा,मै चला गया तो वापस न आनेवाला

तेरी बाँहों मुझको रहने दे,

एक दिन तो जाना है तुझको,आज तो साथ रहने दे,

M.A.K

Jo Bit gai wo baat gah.

April 15, 2021 in ग़ज़ल

Jo bit gai so baat gai
Chalo ek nai suruat karen

Mera gham tu lele tera gham mailelun
Chal baith ek duje se kuch naat karen

Bhuli bisry yaado se dard k faoware uthte hain
gujara jamana bit gaya q usse khud ki tabiyat nasat karen,q ham usko yaad Karen.

Jo bit gai so baat gai,chal ek nayi suruat Karen.

By-M.A.K

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