by Rakhi

आज टूट गये हम

July 7, 2020 in मुक्तक

आज टूट गये हम
तुम्हारे वादों की तरह
बरस गयी आंखे हमारी
बावरे सावन की तरह

by Rakhi

चाय में डूबे बिस्किट

June 27, 2020 in मुक्तक

चाय में डूबे बिस्किट
सी हो गयी है जिंदगी
कब टूट जाये,
कब घुल जाये
खबर नहीं

by Rakhi

दिल की बात

June 16, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

सुना है
बिन कहे
दिल की बात
समझ लेते थे.
गले लगते ही
दोस्त हालात
समझ लेते थे

तब ना फेसबुक
ना स्मार्ट मोबाइल था
ना फेसबुक
ना ट्विटर अकाउंट था
एक चिठ्ठी से ही
दिलों के जज्बात
समझ लेते थे

by Rakhi

देखा जीवन

June 16, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

है देखा जीवन को रोते हुए
बिन छत भूखे सोते हुए
था चुना किसी को जिम्मे पर
वो निकल गया सब लेते हुए

New Report

Close