कोरोना का संकट
कोरोना का संकट खत्म नहीं हो रहा है और लॉक डाउन खत्म हो गया है अब तो तू ही एक सहारा है हे रघुनंदन!
कोरोना का संकट खत्म नहीं हो रहा है और लॉक डाउन खत्म हो गया है अब तो तू ही एक सहारा है हे रघुनंदन!
नसीब में नहीं है उसके पीछे क्या भागना रात रात भर जग कर ख्वाइशों के जुगनू बन्द करना ।
हम गरीब सही तू अमीर सही मगर तेरे घर की रोटी मेरे ही खून पसीने से आती है ।
शरजिल इमाम को देशद्रोही घोषित किया मगर C A Aपर कोई बड़ा फैसला अभी तक नहीं किया गया है क्यो इतनी देरी हो रही है…
बेसुध हो पड़ा है ंमजदूर जमीं पर ओ खुदा! थोड़ा तो रहम कर इस पर
मैं जब भी जीता हूँ अपनी मेहनत से कभी किस्मत से नहीं किस्मत से बस हारा हूँ ।
टिड्डियों पर फिसड्डी हुआ पाक करता है जंग की बात पाकिस्तान में इन दिनों टिड्डियों के आंतक से खड़ी फसलें चौपट हो रहीं हैं टिड्डियों…
कुछ यही हाल हमारा भी है नींद आती है तो सो लेते हैं वरना रो लेते हैं।
ख्वाहिशों के जुगनू भी बंद कर दिए जाते हैं बोतल में जब मुकद्दर रूठ जाता है और जिंदगी भी मुंह फेर लेती है जब मां…
सब की असलियत सामने आ ही जाती है जब बुरा वक्त आता है तो साया भी साथ छोड़ देता है कोई नहीं साथ देता तब…
धीरज बांधकर रखता हूं हर वक्त पता नहीं किस्मत कब दे दे मात इसलिए अपने कर्तव्य करता रहता हूं और मुकद्दर अपने आप ही बनाता…
तू गैर होता तो दिल इतना ना दुखता पर तू अपना है, तभी तो तेरी कही हर बात सीधे दिल पर लगती है।
तू बुला ले अपने दीवानों को मैं किसी से पीछे नहीं हूं कोई भी परीक्षा ले ले मैं अव्वल ही आऊंगा।
आसमान धुंधला नजर आता है जब ख्वाबों की पट्टी आंख पर लिपटी होती है और नींद आवारा होती है।
आंखों के चश्मदीद है मेरे पास जो जो होता रहा है आसपास वह सब मैंने भी देखा और चश्मदीदों ने भी देखा मुझे सबूत देने…
पहले लाख डाउन और अब अनलॉक डाउन -1 घोषित हो गया है सब कुछ खुला हुआ है और कोरोना बढ़ता जा रहा है इसे रोकने…
अतिथि सत्कार हमारे भारत की परंपराएं है इसे बरकरार रखना हमारा कर्तव्य है अतिथियों का सत्कार करो क्योंकि वह प्रभु के रूप में भी हो…
अतिथि सत्कार हमारे भारत की परंपराएं है कैसे बरकरार रखना हमारा कर्तव्य है अतिथियों का सत्कार करो क्योंकि वह प्रभु के रूप में भी हो…
अब लॉकडाउन लगाओ हम वैसे भी इतने आलसी हो गए हैं कि घर से नहीं निकलेंगे
लेते तम्बाकू देखकर नकल न करना बाप के। जान चली जाएगी तेरी साथ न जाएंगे कोई आपके।।
ना बनो ना बनो बीड़ी सिगरेट का आदी। दमा टीबी कैंसर से होगी तेरी बर्बादी।।
मत कर रे जिन्दगानी तू हवाले तम्बाकू के। पत्थर वाले दांत तुम्हारे टूटेंगे बिन चाकू के।।
दूर रहो सब सदा सर्वदा तम्बाकू से कोसो कोस। जीवन सुखमय होंगे तेरे नहीं करोगे कभी अफसोस।।
कामधेनु आनन्दी माता। सुरभि कन्या जग विख्याता।।५।।
गिरिजापति गोधाम बनाया। हरिपूजन अभिषेक कराया।। ४।।
शिव सत धाम गई एकबारा। शिव कीन्हा गोकुल विस्तारा।। ३।।
दक्ष सुता सुरभि कल्याणी। कश्यप भार्या बहु सुखदानी।। २।।
जय गौ माता जनकल्याणी। नहि कोई तुम सम वरदानी।। १।।
गण गौरी माँ शारदे गुरुवर अरु गोपाल। चरणनि मस्तक धार के गोगुण गाऊँ पाल।।
चाहता हूं, वो बहार मेरी हो, वो गुनगुनी सी धूप और टहनियौं की छांव मेरी हो, दरिया पर धूप की चमक और कुएं की नीर…
शरण में आया जभी विभिषण कह लंकेश राम अपनाए। सागर जल से कर अभिषेक नीरनिधि का मान बढ़ाए।। ऐसे राम भगत हितकारी। भज ले राम…
क्यों राजनीति करते हो, हिन्दू मुसलमान की। शायद भूल गए हो, दोस्ती रामप्रसाद बिस्मिल और अशफ़ाक़ुल्ला खान की। दोनों समुदयों ने बना लिया है, एक…
कर सकें तो मदद करें मजदूर पर राजनिति नहीं आये दिन देखने को मिल रहा है सभी राजनीति पार्टियां मजदूरों पर राजनीति करने के लिए…
“गाँव याद आये” ************** हमें क्या पता आज,ये दिन देखना पड़ेगा | न जाने कैसी मजाक,आज तूने किया है || हँसते हुए निकले घर से,भूख…
सात वचनों और सात फेरों का अटूट बंधन आपका बंधा रहे हँसती रहें और मस्त रहें आप संग पिया के सजी रहें हर दिन हर…
अहिल्या द्रोपदी तारा कुंती और मंदोदरी। सदाकाल कन्या ये पांचों सर्वपाप कर हरी।।
लौट रहा है बचपन दोबारा लॉक डाउन के माहौल में खेल रहे हैं वही पुराने खेल हम मिलके साथ में खो गया था बचपन हमारा…
पल पल हर दिन बीत रहे हैं बस इसी सोच को अपनाए हुए है अगर साथ महादेव तुम्हारा जियेंगे पुनः हम आशीष लिए।।
कर दी हैं अब लाल वो राहें भारत माँ के वीरों ने नाप रहे हैं कदम कदम से मीलों दूरी भी तकलीफों से।।
राजनीति और पार्टीबाजी से बाहर भी है सेवा की दुनिया। मदर टरेसा सम दुखियों की सेवा कर कर सुखदाई दुनिया।।
मीठे बोल सदा हीं बोलो करबा बोल कभी ना फरमाना। गरम दूध में शीतल जल सम मीठे बोलों का कायल है सारा ज़माना। ।
लकड़ी जली, कोयला हुई कोयला जले, राख रही अग्नि परीक्षा सीता की हुई राम जी की साख रही १७.०५.२०२०
एक घर में जन्म लिया तो दूजे घर में ब्याही गई एक घर मे पाली बड़ी हुई दूजे घर की रानी बनी एक घर में…
Maa teri meri yadein bht achi thi Tu jo bhi kehti thi bht sachi thi, Yaad hai mujhe aaj bhi wo pal maa Bimaar mai…
भक्त भले थे विदुर कृष्ण के पर फल विदुरानी के हिस्से आया। फल झोली में देकर कृष्णा मांग-मांग खुद छिलका खाया।।
दर्शन की चाह में सुदामा दर्शन मान सब पा जाता है। प्रेरक सुशीला के खातिर पल में रंंगमहल आ जाता है।।
आत्मनिर्भर बना स्वावलंबी बनो लाकडाउन 4.00 का यही है मंत्र मास्क लगा घर से निकलो हाथों को हरदम स्वच्छ रखो अपने पैरों पर खड़े होकर…
काश मुकर जो जाता कर्ण कुण्डल कवच देने से पहले । संकल्प विखण्डित हो जाते और मर जाता मरने से पहले।।
एकांतवास में रहकर भी नहीं हुई तपस्या पूर्ण। खान -पान में समय बिताया सोया पूरम पूर्ण।। घटा नहीं कोरोना जालिम घट गया सीधा-पानी। ‘विनयचंद ‘कुछ…
क्या कभी ये सोचा था तुमने ऐसा वक़्त भी आएगा घर की चारदीवारी के भीतर जीवन बिताना पड़ जायेगा न ही मिलना होगा किसी से…
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