दोस्ती
फूलों की खुशबू की भाँति महक जाए जीवन की डाली तारों की चाँदनी की भाँति रोशन हो दुनिया तुम्हारी सूरज की तेज़ की भाँति प्रकाश…
फूलों की खुशबू की भाँति महक जाए जीवन की डाली तारों की चाँदनी की भाँति रोशन हो दुनिया तुम्हारी सूरज की तेज़ की भाँति प्रकाश…
ग्रीन जोन में आये हो भैया फिर भी संभल कर रहना भैया बीमारी है ये छुआछूत की दूरी फिर भी बनाना भैया मास्क हमेशा लगाना…
तेरे हाथ की हथेली पर मैं क्या उपहार की भेंट करूँ काबिल नहीं हूं इतना मैं आज जो तुझको कुछ भेंट करूँ। देने को बस…
वो प्यारी सी नन्ही सी कली थी धरती से वो जन्मी थी जनक जी के महल में लेकिन पाली पोसी और बड़ी हुई थी मखमल…
मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम हुए जब। भक्त शिरोमणि हनुमान हुए तब ।। बन मातु पिता के आज्ञाकारी श्रीराम अयोध्या छोड़ गए। श्री राम के सेवा ख़ातिर…
इन अँखियों न देखी बड़ दुनिया अब क्या देखूँ हे गिरिधारी? जब भी देखा दुनिया में तो देखा पंचविकार कबाड़ी।। काम दिखा और लोभ दिखा।…
है दिललगी मुझे तुमसे , करनी है मोहब्बत मुझे तुमसे , बेपनाह इम्तिहान ले लो तुम मुझसे , पर करना है प्यार मुझे तुमसे ,…
हम भी ताजमहल बना सकते हैं पर क्या करें:- हमसे रिश्तों की कब्र नहीं खोदी जाती
पांडव चले वनवास को ,लिए द्रोपदी साथ। हृदय भरा प्रतिशोध एक, है अनाथ के साथ।।
जुआ का अगला एक दाव होता कब अनुकूल किसी के। सीख सदा देता इतिहास चाहे होवे भूल किसी के।।
निर्दोष समर्थ गुरू को भी पीटा था नादान किसान। छत्रपति से माफ कराकर गन्ने का दिया खेत बथान।। संत सदा से इस दुनिया में होते…
अंधा समाज और अंधी कानून। मिलकर किया आस्था का खून।।
अंधा समाज और अंधी कानून। मिलकर किया आस्था का खून।।
खुद को साध रहा जो मानव औरों के कल्याण को। सुख-सविधा और परिजन त्याग दिए अरमान को।। ऐसे साधु सन्यासी को पीट -पीटकर मार दिया।…
‘ज’कार जन्मविच्छेद करे ‘प’कार करे पाप का नाश। नाम जपो रे राम जपो सब सुलभ सदा साकेत निवास।।
लहर उठी वैराग्य की , अरु हरिदर्शन की भूख। धन सम्पति सब लुटा दिए कुटिया तक दी फूक।।
कहर कोरोना का छाया है देखो आज संसार में। त्राहि त्राहि कर रही है दुनिया आओ प्रभु अवतार में।। रक्तबीज का रक्त धरा पर टपक…
कुछ दिन रहेंगे घर में आइशोलेट। नहीं करेंगे बाहरी दुनिया से हम भेंट।। मुख पर मास्क हाथ दस्ताना। फिर भी नहीं कोई हाथ मिलाना। धोओ…
दिल कोई तहखाना है जिसमें दफन हजारों यादें हैं कुछ खट्टी हैं कुछ मीठी हैं बीती शामो की बातें हैं
एकता की खुशबू जब महकती तो सारी दुनिया चहकती है आओ एक काम करें आज का दिन देश के नाम करें।
20 मार्च यानी गौरैया दिवस …. आज तुम्हारा दिवस है प्यारी गौरैया ,कहने को तुम घरेलू चिड़िया कहलाती हो लेकिन स्वार्थी मनुष्यों ने तुम्हें घर…
यह दौर गुजर जाएगा इस वैश्विक आपदा के बावजूद हम इस पर विजय पाने में कामयाब अवश्य होंगे। भरोसा रखिए हमारे डॉक्टर कोविड -19 का…
ये वाईरस कैरोना का बना महामारी भयंकर है। दिखे उपाय बचने का स्वच्छ और शुद्ध जो नर है।। रखो सब पे सहानुभूति पर रहना सबसे…
अब बहुत हो गया लेती हूँ मैं विदा कल फिर लेकर आऊंगी कुछ अल्फ़ाजों की लड़ी प्रीत से भीग जायेगा तन-मन तुम्हारा लग जायेगी आँसूओं…
गजब का फ़ितूर है मेरे दिमाग मे भी, कौन मिलता है यहाँ उधार लेने के बाद भी।।
आदत नही है कि हर पल मनाये मुझे कोई। पर अच्छा नही लगता गैर जताए मुझे कोई।
HINDI MAIN POST KAISE HOGA, PLEASE JISE MALOON HO BTA DE
तेरा नशा कोरोना वायरस की तरह फैल तो गया तू दिल में बिन बुलाए मेहमान की तरह आ तो गया मगर कान खोल कर सुन…
‘यह कैसा घर है! कि- जिस में एक भी झरोखा नहीं’ दहलीज़ पर खड़ी हवा बोली। सुनो कुछ देर को मुझे अंदर आने दो- यहां…
अब ना हम आयेंगे ना हमारा निशान पाओगे हमें खो कर ओ बावरे तुम बहुत पछताओगे
बन्दर पान चबाता है और भैंस जलेबी खाती है आज के युग में ऐसा ही है भलाई मारी जाती है
आज बहुत हतास हुई हूँ हमेशा ऐसा ही क्यूँ होता है मेहनत करते हैं हम पर औरों को फायदा होता है
तुम्हारा इन्तज़ार है कब आओगे तुम्हारे इन्तज़ार में कोरे बैठे हैं ।
कल मुलाकात उनसे होगी खुशी है बहुत कुछ गुफ्तगू भी होगी उम्मीद करती हूँ
जब भी मैं मंदिर जाती हूँ बस यही इल्तिजा करती हूँ भगवान सबका भला करे और शुरुआत हो हमसे।
धूम मची है आज व्रज मेँ बरसाने मेंं थोड़ी। आजा मेरे मोहन प्यारे खेलन हमसे होरी ।।
मातृशक्ति को समर्पित नारी का तू कर सम्मान। नारि बिना ये जगत मशान।। नारि है विद्या नारि है बुद्धि धन दौलत की नारि है खान।।…
हम तो बस अपने हुनर की नुमाईश करने में लगे हुए हैं आपको कुछ गलतफहमियां हैं दूर कर लें।
देख लिया जमाने के तसव्वुर को होठों पर मुस्कान और दिल में खंजर लिए घूमते हैं……..
आ तो गई रंग भरी होली मगर कुछ अराजक तत्व अभी भी पथ्थर फेकने में लगे हुए हैं आ तो गया फागुन का वलेंटाइन मगर…
जाकर कहदो उनसे अपनी काबिलियत के चर्चे कहीं और सुनाए जाके अभी हम थोड़े नाकाम से हैं ………
रंग भर लीजिए जिंदगी में क्योंकि रंग उड़ाने के लिए लोग हैं थोड़ा हंस लीजिए जिंदगी में क्योंकि रुलाने के लिए लोग हैं आजाद हो…
दर्द को दवा समझ लिया जबसे पीड़ा थोड़ी बुझी बुझी सी है
उनसे कहदो थोड़ी कम तारीफ़ करें हमारी हम गुमनाम शहर से अभी अभी निकलकर आए हैं……..
अपनी मोहब्बत को अपने लिए भी बचा कर रखिए साहेब शाम- ए- जिंदगी में बड़ी काम आयेगी।
वो मयस्सर नहीं हुए जिंदगी में तो हम मौत तक उनका इंतज़ार करते रहे।।।
मेरे ख़्वाबों को बेचकर अच्छा किया जो तुमने अपनी दुकान सजा ली
अपनी कमियो पर रखिये नजर भी जनाब। हर बार गलती दूसरे की नही होती।।
दर्द है उन्हे पर दर्द की वजह का पता नही। दवा चाहिये या दारु या दुआ होगी कबूल…अब यह भी पता नही।।
गुजर रही है जिन्दगी यूं ही गुजर जायेगी। प्रभु तेरी कृपा से भाग्य संभल जायेगी।।
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