मैं और वो
चन्दन मेरा वजूद है लिपटे हुए हैं सांप , बेबस की ये दवा है क्या मीर किया जाये …. गुलजार करने आया था वो बागबान…
चन्दन मेरा वजूद है लिपटे हुए हैं सांप , बेबस की ये दवा है क्या मीर किया जाये …. गुलजार करने आया था वो बागबान…
फिर मुझको मेरा घर याद आया . अकेला था मेरा मन जब , न था कोई भी जब साया . फिर मुझको ….. मैं खाने…
दबी जबान में चलो आज बात हो जाये , आँखों ही आँखों में अब मुलाकात हो जाये जज्बातों में अब आबरू बची भी रहे ,…
दिल की बातें पु६कर पहुंची जहाँ दिलबर मेरा , राह में एक अजनबी ने सुन लिया वो रो पड़ा … …atr
आज फिर याद में उनके आँशू बहे ,वो सलामत रहे ,हम रहें न रहें . अब तो दिन रात रहती है आँखे सज़ल ,अब तो…
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