रहस्यमय किताब

February 14, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

हर अच्छाई में एक बुराई छुपी होती हैं
हर छाव के पीछे कई वो धुप छुपी होती हैं
वेसे ही हर दिल में एक रहस्यमय किताब छुपी होती हैं !

खुश

February 13, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

ना किसी के इनतेज़ार मे
ना किसी के इंतज़ार की पुकार में
ना समुद्र के किनार पे
ना जी में , ना हार में
ना मंज़िल की आड़ में
ना प्यार में , ना उसके इकरार में
ना किसी के इनतेज़ार मे
ना किसी के इंतज़ार की पुकार में
ना समुद्र के किनार पे
ना जी में , ना हार में
ना मंज़िल की आड़ में
ना प्यार में , ना उसके इकरार में
खुश हो जाती हूँ केवल , कुछ “शब्दों” की तार में ! हो जाती हूँ केवल , कुछ “शब्दों” की तार में !

नया साल

February 11, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

वही सूरज वही चाँद हैं
वही आकाश हैं , फिर क्या ही नया साल हैं
जो दिन चाहू नया बना लू
मेरे लिए वही अछूत काल हैं वही से नया साल हैं

दुनियादारी

February 10, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

मुझे दुनिया से नहीं , इस दुनियादारी से डर लगता हैं !

इंतज़ार

February 10, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

ना मौत का
ना मंज़िल का
ना किसी के प्यार का
मुझे इंतज़ार हैं तो केवल “इंतज़ार” का

“हकीकत”

February 8, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

ना जाने लोग अपनी “मंज़िल” को सपना क्यों कहते हैं?
मंज़िल तक जाना , उसे पाना
सपना नहीं “हकीकत” बनाना चाहती हूँ !

एहसास

February 7, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

यह दिल एहसास से भरा हैं
नफरतों और प्यार का घड़ा हैं
कभी किसी से खुश हैं तो किसी से सड़ा हैं

मैं

February 6, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

मुझे कहना हैं अभी वो शब्द जिसे कह कर मैं नि: शब्द हो जाऊ
मुझे देना हैं अभी वो शब्द जिसे देकर मैं नि: शेष हो जाऊ
मुझे रहना है अभी इस तरह के मैं , मैं रहू पर केवल  मैं न रह जाऊ

गिरना

February 5, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

आसमान से धरती पर उस पानी का गिरना
आशाएँ , उम्मीदें जगाकर उस टूटते तारे का गिरना
लहराकर उचाई से उस झरने का गिरना
न चाहते हुए भी किसी का प्यार में गिरना
या फिर सालों पड़ी धुल का उस किताब से गिरना
उठना तो हर कोई सरहाता हैं
मेने सराहा हैं गिरना !!

प्यार से प्यार !

February 4, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

मुझे केवल प्यार से प्यार हैं
ना प्यार करने वालो से ;
ना प्यार के लिए मजबूर करने वालो से
बस मुझे प्यार से प्यार हैं !

एहमियत

February 3, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

एक बूँद हूँ मैं ,

उस विशाल सागर को नहीं ;

पर एक प्यासे को एहमियत है मेरी

दो दिन की ज़िन्दगी

December 6, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

रोज़ लगता हैं , जैसे कुछ छूट गया हो
करने को कुछ रह गया हो
शायद दो दिन की ज़िन्दगी में ,
इसलिए दूसरा दिन होता हैं

हम सबका हिंदुस्तान

August 14, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

इस देश में अजीब किस्म की बात चल रही है,
हिन्दू , मुस्लिम ,सिख ,ईसाई कहने को है सब भाई-भाई
ख़ास तौर पर हिन्दू और मुस्लिमान
इस कविता में न कोई ऐसा नाम हैं जो हिन्दू या मुसलमान हैं , बल्कि एक हिंदुस्तान हैं

सदियों लंबा इतिहास है ये , सारे देशों में ख़ास हैं ये
दुनिया कहती है क्या चीज़ हैं ये , गंगा , जमुना तहज़ीब है ये
ये देश शिवा,राणा का हैं ; यह देश महाराणा का हैं

जय हो , अशोक , महावीर , विक्रमादित्य सम्राट की
यह बुद्ध , आदिशंकर नाथ की

यह पृथ्वीराज चौहान का हैं , हैदर , टीपू सुल्तान का हैं !
यही यशोधा ने कृष्णा को पाला हैं , यही का सुभाष मतवाला हैं

यही झाँसी की रानी हैं , यही का भगतसिंह बलिदानी है
एक जोश , एक सेलाब हैं ये ; अब्दुल कलाम का ख्वाब हैं ये !

ये देश रफी के गानो , ये देशः लाता के तालो का
ज़ख़ीर हुसैन के थापों का , किशोर कुमार के रागों का

दुनिया को दी है सरगम की देन , यही का हमारा तान सैन!
सारे संसार के गीत हैं ये हमारा जगजीत है ये!
ये तुलसी और कालिदास; गीतों ग़ज़लों की मीठास

यही हैं ग़ालिब की ग़ज़ल
यही है चलता किसान अपना हल
यही वो इतराता हुआ ताजमहल

यह लाल किला , यह क़ुतुब मीनार ,
अजन्ता एलोरा की पुकार

यही बेकहोफ रूहानी मस्ती हैं
यही का मोहिनुद्दीन चिश्ती हैं !

भाई चारा आंदन हैं है यहाँ
हमारे प्यारे विवेकानंद हैं यहाँ

यह कपिल, सचिन, गावस्कर हैं
सानिया , अभिनव हैं यहाँ
उषा मिल्खा की दौड़ हैं यहाँ

यहा मीणा हैं , मधुबाला हैं;
नरगिस वैजंतीमाला हैं

अमिताभ , और सलाम हैं यहा
शाहरुख़ और आमिर खान है यहा

यहा साधू संतो की भाषा हैं
संबंधित की परिभाषा हैं

गाँधी का अमर विचार हैं ये
टैगोर ,तिलक का प्यार है ये

ये भगवा और हरा भी है
रंगों से भरा भरा भी है

ये भजन और कवाली हैं
यहा ईद और दिवाली है

रोज़ा,करवाचौथ , रमज़ान हैं ये
गीता और कुरान है ये
कर्त्तव्य और ईमान हैं ये
दोनों का हिंदुस्तान हैं ये हम सब का हिंदुस्तान हैं ये

Rehasya

June 20, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

Uljhi baaton ke suljh jane main;

Kuch kar guzar jane main

ek lamhe ka yaad  ban jane main

Zindagi ka asli maza hai mehaz ek “rehsaya” ban jane main !

“Yaad”

June 15, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

Kisi Lamhe ki ehmiyat tab tak nahi hoti,

Jab Tag wo Yaad na ban jaye

Man main dorhai hui bar-bar wo baat na ban jaye!

PANHAA

March 25, 2016 in Other

Lakhon dilo par dastak di ,

kuch lamho baad sabhi ke dil ne kia mana

aakhir main;

mujhe mere hi dil ne di “panhaa” !

Dil ke pass

March 21, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

Der se hi sahi ;

Mujhko is baat ka ehsaas hua;

ke mujhe chod kar  koi or nahi is dil ke pass hua ;

Dusron ke lie jeena chodo yaaro

kyuki is zindagi ke baad ab maut ka aana pass hua!

AASAN NAHI

March 18, 2016 in Other

Shabdon ka khel aasan hai ,

par unke sath khelna nahi

Zindagi ek natak hai,

par usme nakhre dikhana nahi

Uchaiyon par pohchna aasan hai

par waha tikk pana nahi

Nazre jhookana aasan hai

par kisi se milana nahi

hawa ke rukh sath jana aasan hai ,

par use mehsoos kar pan nahi

ankhon main aanso lana aasan hai ,

par un aason ke sath muskurna nahi

Bura kam Karna aasan hai,

par use jhel pana nahi

Door se har cheez ko niharna aasan hai

par unke kareeb ja pana nahi!

ZINDAGI KI AADI HO GAYI

March 17, 2016 in Other

wahi sawera ,

wahi ek se naam

wahi ek sa logo ka ghera

wahi yaar or wahi pariwaar

wahi ikraar or wahi inkaar

wahi hawa or wahi uska rukh

wahi  paid or wahi chaw ka sukh

wahi rah or wahi makan

Wahi kam or wahi uski dukaan

wahi kapade or wahi uski silai

“Zindagi mano purani khadi ho gayi;

main is zindagi ki aadi ho gayi”

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