मुर्दों की बस्ती के बाशिंदे है

April 1, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

जिंदा दिखते हैं सब यहा

है जिंदा यहा पे कोई नही

मुर्दों की बस्ती के बाशिंदे है

है जिंदा यहा पे कोई नही

                         …… यूई

आँखें खोल कर मुर्दा बैठे है

April 1, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

जीता कौन है यहा जिंदगी

आँखें खोल कर मुर्दा बैठे है

ख़ुद इनको ही मालूम नही

लाईने मौत की लगा बैठे है

दिन रात दौलत की चाह में

मरने की तैयारी करके बैठे है

कहने को ही जीते हैं जिंदगी

मिटने की तेयारी करके बैठे है

                         …… यूई

तेरी बेचैनियों से मिल जाएगी शायद राहत तुझको

April 1, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

ज़िस्म मेरे की खुशबू ने किया था पागल तुझको

या मेरी रूह की महक ने किया था दीवाना तुझको

उठा कर देख ख़ुद का आइना, फिर बता खुद्को  

तेरी बेचैनियों से मिल जाएगी शायद राहत तुझको

                                            …… यूई

हां कुछ वायदे

April 1, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

हां कुछ वायदे

तो हैं याद मुझे

जो किए थे बरसों पहले तूने

कब और कहा किए थे तूने

हां यह सब मै भूल गया

                          …… यूई

इश्क-ए-जनून पहूँचा उस मुकाम पे

April 1, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

इश्क-ए-जनून पहूँचा उस मुकाम पे

रूह मेरी को घोल मैंने तेरे जिसम में

तेरे अन्दर करदी दुनिया फना अपनी

                               …… यूई

ता-उमर अब देखना

April 1, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

जिस नजर से पिलाई आज तूने

उसी नजर से ता-उमर अब देखना

                         …… यूई

उस दिलदार पे जान जाती है

April 1, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

ना पीना आता है मुझको

ना पीने की रिवायत आती है

सिर्फ इतना मालूम है मुझको

जो भी पिलाए ख़ुद के दिल से

उस दिलदार पे जान जाती है

                         …… यूई

चाहते हो मुझे

April 1, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

चाहते हो मुझे तुम महकाना

या चाहते हो मुझे बहकाना 

तेरे लिए ही है सारा मयखाना

दिल चाहे जो मुझे वोह बनाना

 

                         …… यूई

तेरी अदाओं की है

April 1, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

यह जो मेरी चाल में है मसतानीयाँ

तेरी अदाओं की है तो यह नादानीयाँ

                            …… यूई

जिसने पाकी को शराबी बना दिया

April 1, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

यह तेरे शवाब का ही तो सरुर है

जिसने पाकी को शराबी बना दिया

                         …… यूई

मैं बेहिसाब जी गया

April 1, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

पीने की भी है कुछ रस्मे

कब दी थी तूने यह क़समें

पिलाई तूने जो बेहिसाब

तो मैं बेहिसाब जी गया

 

                         …… यूई

रहमत तेरी की तूने की मेरी हर खता माफ

April 1, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

रहमत  तेरी की तूने की मेरी हर खता माफ

डूब तेरी माफिओ में मैं थोड़ी और पी गया

पीने के शौक में कब इतना तुझमें खो गया

तेरे नाम को घोल कर तेरी ही रहमतो में

पी इतनी के बस ज़िंदगी तुझमें जी गया

    

                         …… यूई

जाने कब बीच समुंदर आ गए

April 1, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

किनारे खेलते से लहरों से कभी

जाने कब बीच समुंदर आ गए

खेल खेल में पता ही ना चला

कब जिंदगी के यह मंज़र आ गए

                         …… यूई

ना चाहते हुए भी मैं पी गया

April 1, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

ना पीने की कसम खायी थी मैंने

फिर क्यों ना जाने मैं कैसे पी गया

बदले रंग जमाने ने कुछ इस कदर

के ना चाहते हुए भी मैं पी गया

                          …….. यूई

पीता तो नही पर आज तो मैं पी गया

April 1, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

पीता तो नही पर आज तो मैं पी गया

साकी ने कुछ यूँ पिलाई के मैं पी गया

                               …….. यूई

तेरी रहमत से ही उमर भर पी मैंने

April 1, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

तेरी रहमत  से ही उमर भर पी मैंने

तेरी बरकत  की सब सह कर पी मैंने

                              …….. यूई

बा-अदब बे-हिसाब हूँ पीता

April 1, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

बा-अदब बे-हिसाब हूँ पीता

फिर पूछते हो क्यों हूँ पीता

नशा तेरे इश्क का है इतना सख्त

तोड़ने को उसका सरुर मैं हूँ पीता

                         …….. यूई

दिल में किसी को ज़रूर रखना

April 1, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

पास रखना या दूर रखना

दिल में किसी को ज़रूर रखना

पास रहना या दूर रहना

दिल में किसी के ज़रूर रहना

                    …….. यूई

वक्त कम ना रह जाए कहीं निभाने के लिए

April 1, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

मोहब्बत तेरी इतनी भरी है ज़ज़्बातो में मेरे

वक्त कम ना रह जाए कहीं निभाने के लिए

डर इसीमें मालिक से एक मरजी माँगी अपनी

मरने के बाद निभाने की रिवायत माँगी अपनी

                                        …….. यूई

 

यह ज़िन्दगी तो बस मौत का दूसरा नाम हो गई

April 1, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

बेइंतेहा दर्दो को सहने की, अश्कों को पीने की

सांसो की घुटन में रहने की, गमों में जीने की

आदतें सारी यह किस किस की ग़ुलाम हो गई

यह ज़िन्दगी तो बस मौत का दूसरा नाम हो गई

                                        …….. यूई       

तेरे दिल का गीत बनकर

April 1, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

तेरे लबो‍ पे बस जाऊँ

तेरे दिल का गीत बनकर

तेरी नजर में बस जाऊँ

तेरे दिल का गरूर बनकर

                    …… यूई

 

शय नही कोई मुकम्मल इस जहां में

April 1, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

शय नही कोई मुकम्मल इस जहां में

कमी ढूंढ़ोगे जो एक किसी शय में

दिखेंगी हजार तुम्हे वो उस शय में

खुशी ढूंढ़ोगे जो तुम उसी शय में

देगी वोह शय लूटा ह्ज़ार तुमपे

                    …… यूई

यही हैं मोहब्बत की चँद रसमें

April 1, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

मेरा हर रोज़ तुझको याद करना

रोज़ तुझको ख़ुदकी याद दिलाना

यही हैं मोहब्बत की चँद रसमें

जो साल दर साल निभायी हैं मैंने

                      …… यूई

सबब खामोशियों का मत पूछो यारो

April 1, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

सबब खामोशियों का मत पूछो यारो

यही वोह दौलत है जो मैने क्मायी है

                            …… यूई

रूह इश्क जिस्म से कहीं ज्यादा लगा बैठी

April 1, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

जिस्म और रूह की कश्मकश में

रूह इश्क जिस्म से कहीं ज्यादा लगा बैठी

रूह मेरी पिरो कर मेरे ज़ज़्बातो को खुदमें

बन गले का हार तेरा, ख़ुद को सजा बैठी

 

                                 …… यूई

अब तो गमों के इंतकाल की तैयारी है

March 31, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

खुशिय़ाँ तो कब से हैं दम तोड़ चुकी

अब तो गमों के इंतकाल की तैयारी है

                                     …… यूई

गया राह पकड़ अपनी

March 31, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

सोचा था जिसके संग गुज़र जाएगी अपनी

गुज़र कर वोह संग गया राह पकड़ अपनी

                                    …… यूई

हँसे तो गए हैं जमाने बीत

March 31, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

हँसे तो गए हैं जमाने बीत

रोने के बहाने भी ले गया मीत

                    …… यूई

सीधा रूह को जकड़ा है

March 31, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

इश्क की नामुराद बीमारी ने पकड़ा है

शरीर को छोड़ सीधा रूह को जकड़ा है

                    …… यूई

अब तो दर्द भी हो गए पराए

March 31, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

ख़ुशियाँ ना थी कभी अपनी

अब तो दर्द भी हो गए पराए

                 …… यूई

कर ली तौबा मेरे सवालों ने

March 31, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

हो परेशान मेरे जवाबों से

कर ली तौबा मेरे सवालों ने

                  …… यूई

मुझे टूटने से पहले जकड लिया

March 31, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

जब भी मुश्किलों नी दी दस्तक

तभी की मेरे हौंसलों ने हरकत

बड़ा हाथ उसने मुझे पकड़ लिया

मुझे टूटने से पहले जकड लिया

 

                 …… यूई

कुछ भी करके रोशनी में रहना

March 31, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

वक़्त कैसा भी हो जिंदगी में

कुछ भी करके रोशनी में रहना

रोशनी में सब है साथ निभाते

                 …… यूई

जब ख़ुद के होने का शक़ हुआ

March 31, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

सुनते थे गहन मुश्किलों में

साया भी छोड़ देता है साथ

रात के अँधेरे स्याह साय में

मुड़ देखा ना था साया कहीं

जब ख़ुद के होने का शक़ हुआ

दाएँ हाथ से पकड़ बाईं हथेली को

ख़ुद के होने का तो होंसला हुआ

 

                         …… यूई

नैना पथरीले ना बरस गए

March 31, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

बरसे बरसों गुजर गए

ना बरसे नैना तरस गए

अबके बरस जो बरस गए

नैना पथरीले ना बरस गए

                 …… यूई

बना मेहंदी सजाया था तेरे हाथों को

March 31, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

अभी कल की ही तो बात लगती है

अरमानो में घोल इश्क का रंग मैंने

बना मेहंदी सजाया था तेरे हाथों को

सब बदल गया कुछ ही बरसों में

सब रंग अरमानो के हुए बैरंग

ज़िन्दगी जुदा कर गई तेरे हाथों को

 

                 …… यूई

मिलती कहां है ऐसी कलियाँ

March 31, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

प्यार की यह अनमोल खुशियाँ

मिलती कहां है ऐसी कलियाँ

ए दिल से भरे दिलदार मेरे

है तुझसे ज़िन्दगी में बहार मेरे

                 …… यूई 

होंगे आपके जाने दीवाने कितने

March 31, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

होंगे आपके जाने दीवाने कितने

तुम सबको तो ना जान पाओगे

जाने कैसे हमने यह मान लिया

आप बस हमको ही अपनाओगे

 

                 …… यूई 

कोई क्यों मेरे लिए आरजुमंद रहे

March 31, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

कोई क्यों मेरे लिए परेशान रहे

कोई क्यों मेरे लिए आरजुमंद रहे

ख़ुदकी आरजु सबकी ख़ुद घेरे रहे

किसके पास किसके लिए वक्त रहे

 

                        …… यूई 

दिल की बस्ती का बाशिंदा हूँ

March 31, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

करना है तो पूरी तरह करना

दिल की बस्ती का बाशिंदा हूँ

कुछ भी ना तुम ऐसा करना

के प्यार हमारा ना शर्मिंदा हो

 

                  …… यूई 

क्यों वोह तुमने किया

March 31, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

क्यों वोह तुमने किया

जिसपे ख़ुद शर्मिंदा हो

             …… यूई 

कौनसे बाज़ार में प्यार मेरा बिकवाओगी

March 31, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

कौनसे बाज़ार में प्यार मेरा बिकवाओगी

बेमौल चीज का क्या मौल लगवाओगी

 

                       …… यूई 

प्यार अनमोल है मेरा इसे क्या तुलवाओगी

March 31, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

प्यार अनमोल है मेरा इसे क्या तुलवाओगी

नाप तौल के फेर में सब कुछ गँवा जाओगी

                                     …… यूई 

क्यों घिरी ही अजीब सी कश्मकश में

March 31, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

क्यों घिरी ही अजीब सी कश्मकश में

रही हो सोच, पाऊँ या छोड़ दूँ प्यार को

बना नही वह तराजू जो तोले प्यार को

कौनसे बाज़ार में जा तुम यह तुलवाओगी

 

                                 …… यूई 

दर्द तेरे को क्यों मैं इतना असान करूँ

March 31, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

कह कर बेवफ़ा क्यों तुम्हे परेशान करूँ

दर्द तेरे को क्यों मैं इतना असान करूँ

 

                                …… यूई

दर्द देकर तुम क्यों ख़ुद पे शर्मिंदा हो

March 31, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

दर्द देकर तुम क्यों ख़ुद पे शर्मिंदा हो

दर्द सह कर भी देखो मैं तो जिंदा हूँ

                       …… यूई 

जो दौलत है उस जहां की

March 31, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

जो दौलत है उस जहां की

इसी जहां में तो कमानी है

                                  ….. यूई

पूछती है दुनिया क्या पाया तुमने

March 31, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

पूछती है दुनिया क्या पाया तुमने

जानती नही दुनिया क्या गँवाया उसने

                                 ….. यूई

वोही तो प्यार में हम गँवा ना पाये

March 31, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

प्यार में जो तुम कभी पा ना पाये

वोही तो प्यार में हम गँवा ना पाये

                                 ….. यूई

खुद का ख़ुद में जीता हुँ

March 31, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

हाल मेरा बेहाल है चाहे

खुद का ख़ुद में जीता हुँ

                         ….. यूई

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