दूर-दूर का रहना…
तेरा दूर-दूर का रहना ले जाये मोर चैना तेरी रहा तकै है अंखिया ताने देती घर गालिया तेरी राह तकै हुए बरसो अब छोड़ भी…
तेरा दूर-दूर का रहना ले जाये मोर चैना तेरी रहा तकै है अंखिया ताने देती घर गालिया तेरी राह तकै हुए बरसो अब छोड़ भी…
चला जाऊँगा एक दिन मैं तेरी मेहफिल से उठ करके। हमारा काम ही क्या है क्या होगा अब यहाँ रुकके।। मेरी यादो को आँखों में…
मैं अकेला ही चलूँगा । शीश पर तलवार मेरे, पाँव में अंगार मेरे, या काटूँ या फिर जलूँगा । मैं अकेला ही चलूँगा ।। तुम…
——————— तेरे दिल में याद बनकर समा जाऊँगा तेरी आँखों में नशा बनकर छा जाऊँगा कशिश की सरहद से दूर ना जा पाओग मैं खुशबू…
Sapno me Sapne Hajar Hai, Yaado me Tuhi Dildar hai. Hume Zindagi se hua Pyar hai, Tera-hi-tera Intjaar hai. Ronak to Dekho in Raaho ki tum, Apne se ab lagne lage Hum. Khuli ye wadi Mahka Chaman, Dilbar ki bato me Dil h Magan. Ab Hume Zindagi se hua pyar hai, Tera-hi-tera Intjaar hai. Sapno me sapne Hajar hai, Yaado me ab tuhi Dildar hai….. (For you my Tamatar)
जिंदगी जिंदगी जिंदगी जिंदगी। बेबसी बेबसी बेबसी बेबसी।। , ख्वाहिशे ख्वाहिशें ख्वाहिशे ख्वाहिशे। कुछ नहीं कुछ नहीं कुछ नहीं कुछ नहीं।। , काफिले काफिले काफिले…
“चिड़िया” चीं चीं करती चिड़िया आती अम्बर ऊपर घोसला बनातीं | पानी जहां पर वहाँ मडरातीं औ जमी से उड़ -उड़ जाती |
मेरी ये जिंदगी सारी वतन के नाम लिख देना। कि है जिनकी वजह से हम उन्हें सम्मान लिख देना।। , मैं कुछ भी हूँ नहीं…
जब जब तेरी याद आई है, मैंने खुद को समझाया है।। बीते जीवन के लमहो में, तुमको ही बस पाया है। रह गया अकेला इस…
माँ शारदे वरदान दो वरदायिनी वरदान दो मेरे उर में तेरा वास हो हर रोम में प्रकाश हो सन्मार्ग पर मैं चल सकूँ मुझे अभय…
नाम साधना के अभ्यास के दौरान उभरा हुआ यह गीत प्रस्तुत करने बहुत ख़ुशी महसूस कर रहा हूँ ..! “नाम” में प्रभू के हम, मस्त …
सारी दुनिया का यही, क्यूँ है ये हाल सही..….! (गीत) सारी दुनिया का यही, क्यूँ है ये हाल सही, बाँहों में और कोई, ख्यालों में और …
ख़ुशी जिसे कहते हैं, वो चीज ढूंढता हूँ गैरों की इस दुनिया में अपनों को ढूंढता हूँ अकेला तो न था पहले कभी इतना साथ…
तेरे गीत प्यार के हैं सुख मेरा …..! (गीत) मै तो पहले गाता न था, गीत क्या है ये न जानता, तुझसे प्यार क्या हुआ,…
दुनिया हमारे दम से है …..! बदले हज़ार बार ज़माना तो गम नहीं, दुनिया हमारे दम से है, दुनिया से हम नहीं …..! क्यूँ फ़िक्र…
**के जब तुम लौट कर आओ::स्मृति** हौसला टूट चुका है, अब उम्मीद कहीं जख्मी बेजान मिले शायद, जब तुम लौट कर आओ तो सब…
आजादी का विजय पर्व , हम मिलकर आज मनायें | आज की मधुरिम बेला पर ,हम गीत खुशी के गायें | एक झोपडी भी भारत…
???????? ————————- भीगी रातें ————— सावन को जरा खुल के इस बार बरसने दो । राजी ही नही यारा दिल और तरसने को ।। दो…
*एक विदाई गीत* हरे हरे कांच की चूड़ी पहन के, दुल्हन पी के संग चली है । पलकों में भर कर के आंसू, बेटी पिता…
दिनांक-२०-७-२०१६ विधा- गीत संदर्भ- स्वतंत्रता दीवस तर्ज- बहुत प्यार करते है तुझसे सनम… …………………………………………………… झूकने न देंगे तिरंगे को हम-२ हमको हमारी भारत माता की कसम -२ झूकने न देंगे तिरंगे को हम-२ हमे मातृभूमि अपने प्राणों से प्यारी-२ हम है दुलारे ये है माता हमारी -२ सब कुछ…
अधूरा गीत तुम बिन मेरे साजन बोलो कैसे ये जज़्बात लिखूँ, दिन मेरा कैसा बीता कैसे बीती रात लिखूँ। मन में उलझन भारी था तो…
यह गीत धरा का धैर्य गर्व है, नील–गगन का यह गीत झरा निर्झर-सा मेरे; प्यासे मन का …. यह गीत सु—वासित् : चंदन–वन…
रहम करना ज़रा मौला, नमाजी हूँ तेरा मौला। तू ही तो मीत है मेरा, तू ही तो गीत है मेरा॥ किसी को गैर ना…
…………गीतिका……….. श्रृंगार उत्पति वही होती जब खिली फूल की डाली हो कुछ हास्य विनोद तभी भाता हंसता बगिया का माली हो | कलरव करते विहगों…
संदर्भ:- वर्तमान में परिवार की परिभाषा … …………………………………………………. बदल गये रिश्ते नाते बदल गया परिवार बदल गये रीति रिवाज बदल गया घरबार | सिमित हुआ…
“गीतिका” मन को छोटा मत कर मानव तन्मय हो धर्म निभाता चल | सोया जग घोर तिमिर तो क्या तू मन का दीप जलाता चल…
कविता… हम जाते है स्कूल हाँ हम जाते है स्कूल | अपना भविष्य गढने अनुकूल || हम जाते है स्कूल…… पढ लिख कर होनहार बनेंगे…
मैहर वाली माई के , मनावै के होई | जागि जागी जगत के , देखावै के होई | दुनिया में माई को , बतावै के…
khamoshiyon ko khamoshi se khamosh rehne do bhari yadon ko khamoshi se gungunane do chale aye ho khayalon me bina dastak diye ab to ansuon ko palakon…
खत्म हुई है कहानी आज बरबाद हुई जवानी आज। दुल्हन बनके चली गई है मेरे दिल की रानी आज। नजरें झुका के रहती थी, तेरी…
।। बंजारा – गीत ।। : अनुपम त्रिपाठी कोई ख्वाब नहीं, जो ढल जाऊॅं । मौसम की तरह से बदल जाऊॅं ॥ तबियत से हूँ…
क्यों रूठे हो तुम हमसे… ? ना तुम याद आते हो ना तुम्हारी याद आती है जिक्र जो करूँ तुम्हारा तो ये बैरन हवा दिल…
हर ओर उम्मीदें हैं, हर ओर सहारा है। हम बदलेंगें दुनिया को, वक्त हमारा है।। थपेड़े सह लेगें, लहरों से लड़ लेंगे। समन्दर हमारा है,…
ये मत सोंचो एक कलम के बूते पर मैं दुनिया रोज बदलता हूँ । ये मत सोंचो कवि हूँ मैं तो बस कविता कर सकता…
#_मेरा_वाड्रफनगर_शहर_अब_बदल_चला_है _______**********************__________ कुछ अजीब सा माहौल हो चला है, मेरा “वाड्रफनगर” अब बदल चला है…. ढूंढता हूँ उन परिंदों को,जो बैठते थे कभी घरों के…
छीनकर खिलौनो को बाँट दिये गम। बचपन से दूर बहुत दूर हुए हम।। अच्छी तरह से अभी पढ़ना न आया कपड़ों को अपने बदलना न…
(girlfriend ki kasam de ke doston se kaam karana) (mein hun india ka engg. dewana)x2 pocket money uda kar udhari mein khana khana (mein hun…
ये माटी के खातिर होगे, वीर नारायण बलिदानी जी। ये माटी के खातिर मिट गे , गुर बालक दास ज्ञानी जी॥ आज उही माटी ह…
क्या यही सरजमीं थी मेरे वास्ते ये कैसी कमी थी मेरे वास्ते खुद को देखू तो स्वर्ग का अहसास हैं मेरे दामन में आतंक का…
आज मुझे आलिंगन देकर मुक्त करो हर भार से… प्रियतम मेरा हाथ पकड़ कर ले चल इस मझधार से… नयन मौन हैं किन्तु प्रणय की…
बेसबब प्रश्न हैं शब्द सब मौन हैं पूछते हैं कि हम आपके कौन हैं मैं युधिष्ठिर सा सच झूठ भी बोल दूँ वो कहां शष्त्र…
आज कुछ हुआ है मेरे सनम को,-२ पास आके कहती है भुल जाओ हम को, आज कुछ हुआ.••••• यु नदी बन मुझे दुर तक बहाया…
“जब चाँद भीगता था छत पर” बहका सावन-महकी रुत थी, ये हवा भी मीठी चलती थी. जब चाँद भीगता था छत पर, तब बारिश अच्छी…
देहरी लाँघी नहीं घुटन में घुटती रहीं बच्चे रसोई बिस्तरे की दूरियाँ भरती रहीं बंदिशों की खिड़कियों के काँच सारे तोड़ डाले लो तुम्हें आजाद…
न बाँधों मन पतंग को,उड़ जाने दो नवीन नभ की ओर हंस सम भरने दो,अति उमंग मे नई एक उड़ान स्वतंत्र भावों की डोर मे…
(Jawaa Dilo ke dharrkan aur ehsas ko chhone ka prayas : ek shringaar rachna.)——– WO—- ——— WO…….. Muskuraa rahi–yun door se hi Kbb qarib aayegi………
Karke naadaani…. Aaj khush ho rahe hain Jhelte pareshani- Aaj khush ho rahe hain Chhorr kar pehchan ki- Sabhi nishaniyaa Badh rahi hai naitikk baimaaniyaa…
Ek waadaa phir Milne ka bs wada bhr rah jate hain Bah jata hai samay ka dariya wo udhar- hum idhar rah jate hain Nikal…
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