बिछडने के ख्याल से हम आपसे मिलने से डरते है
बिछडने के ख्याल से हम आपसे मिलने से डरते है मगर कैसे बताएं हम किस कदर तनहा मरते है देख न ले वो हमें,…
बिछडने के ख्याल से हम आपसे मिलने से डरते है मगर कैसे बताएं हम किस कदर तनहा मरते है देख न ले वो हमें,…
फूलों से कह दो चमन में अब न यूँ महका करें । खौफ से कांटों के अब सब काँटों का सिजदा करें । चाँद किस…
बरस ना जाये फिर नैना , तू दिल मे कैद कही वो अब्र कर ले.. तो क्या हुआ , अगर कुछ ख्वाईसे पूरी ना हुई…
कल खो दिया मैंने वो नायाब रत्न … जिसे पाने को हर इंसान करता है , ना जाने कितने प्रयत्न ….. This Gajal Dedicate to…
तुम अपने गिर्द हिसारों का सिलसिला रखना मगर हमारे लिये कोई रास्ता रखना ज्यादा देर तक जुल्म नहीं सह सकता मैं अब अगर आयें कडे…
हादसा ऐसा भी उस कूचे में कर जाऊं मैं कोई खिडकी न खुले और गुजर जाऊं मैं सुबह होते ही नया एक जजीरा लिख दूं…
उसकी यादों की बारिश से , एक एक पल है यूँ भीगा…… किया है जब से दीदार – ए – रुख़ – ए – रोशन…
ये दुनियाँ बदल रही है, या बस हम बदल रहे हैं ; दौड़ बची है पैसों की, सब, सबसे आगे निकल रहे हैं ! यारियाँ…
घर अँधेरे में अब ना किसी का रहे । चार सू रंग यूँ रौशनी का रहे । जगमगायें यहाँ सब महल झोपड़ी पर्व सबका ये…
टूटता हूं फिर से जुड जाता हूं मैं पानी का आईना हूं घर से लिये हूं रात का सूरज कहने को मिट्टी का दीया हूं…
चले जाओगे तुम ये सोच नहीं था हो जाएगें तनहा हम ये सोचा नहीं था हंसते हंसते बितायी थी जिंदगी हमने गम में ढ़ल जाएगी…
2122 1212 22 कुछ दिनों से खफा-खफा सा है । चाँद मेरा छुपा-छुपा सा है ।। कुछ तो जिन्दा है जिस्म के अंदर ;…
गायब हर मंजर मेरा ढूढ़े परिंदा घर मेरा जंगल में गुम फ़स्ल मेरी नदी में गुम पत्थर मेरा दुआ मेरी गुम सर सर में भंवर…
तेरी सदा का है सदयों से इन्तेजार मुझे तेरे लहू के समंदर जरा पुकार मुझे मैं अपने घर को बुलंदी पे चढ के क्या देखूं…
चाँद के शौक मे तुम छत पे चले मत जाना शहर में ईद की तारीख बदल जाएगी
गमछे रखकर के अपने कन्धों पर…. गमछे रखकर के अपने कन्धों पर बच्चे निकले हैं अपने धन्धों पर। हर जगह पैसे की खातिर है गिरें…
तुम्हारे अक्स से दुनिया है रोशन , सुना है चाँद की तू चांदनी है . सलीका प्रेम में अब क्या करेगा , नज़र को अब…
तुम्हारी चाह ही मंज़िल हमारी ए मेरे साकी,ज़रा अब तो पिला दे न , तमन्ना अब भी है बाक़ी.मेरे साकी तेरे आँखों की मदिरा क्या…
आज की शाम शमा से बाते कर लूंउससे चेहरे को अपनी आखों में भर लूं फासले है क्यों उसके मेरे दरम्याचलकर कुछ कदम कम ये…
छुपा है चाँद बदली में ,अमावस आ गयी है क्या?नहीं देखा कभी जिसको वही शर्मा गयी है क्या?मिलन की रात में ये घुप्प अँधेरा क्यों…
तेरी आवाज में हम डूब जाते हैतुझसे हम कुछ कह नहीं पाते है हाल ए दिल कैसे करें बयां अपनादिल की हर धडकन में तुझे…
सिमट गया जो चंद अल्फ़ाजों में, उस अफ़साने की बात करते हो खुद को हमारी जिंदगी बनाकर, छोड जाने की बात करते हो | …
क़भी जब गिर के सम्भ्लोंगे तो मेरी याद आएगी , कभी जब फिर से बहकोगे तो मेरी याद आएगी। वो गलियां , वो बगीचे ,वो…
आती नहीं है नींद क्यों रातों में आजकल। तस्वीर बन रही है एक आँखों में आजकल। फूलों से दोस्तीदोस्ती है या उल्फत का असर है। शोखी घुली है उसकी बातों में आजकल। कुछ दिल से हो रही है क्यों महकी हुई फ़िज़ा। मेहंदी रचा रही है वो हाथो पे आजकल। #कुलदीप अनजाना
हम अपना हाल -ए- दिल आपसे कहते रहेकभी बच्चा तो कभी मासूम आप हमें कहते रहे आज तक कोई सबक पढा न जिंदगी में हमनेताउम्र…
काटी है रात तुमने भी ले-ले के करवटें देखो बता रही हैं, चादर की सलवटें। उधड़ेगी किसी रोज सिलाई ये देखना यूं इस तरहं जो…
झगड़ों में घर के, घर को शर्मसार मत करो आंगन तो खुला रहने दो, दीवार मत करो। मारे शर्म के आंख उठा भी सकूं न…
कभी दीवार गिरती है, कभी छप्पर टपकता है कि आंधी और तूफां को भी मेरा घर खटकता है। चमकते शहर ऐसे ही नहीं मन को…
यहां कोई न भला लगता है अब बियाबान मेंं जी लगता है। आ के शमशान में है ढ़ेर हुआ वो उम्र भर का चला लगता…
कोई तो दे दो वजह जीने की वरना मत पूछो वजह पीने की। दर्द अब आ गया है सहना तो क्या जरुरत है जख्म सीने…
दोस्त, दुश्मन तमाम रखता हूं मैं हथेली पे जान रखता हूं। शाम तक जाम क्यूं उदास रहे मैं तो अपनी ही शाम रखता हूं। कफन…
थकी सोई हुई लहरों को चलकर थपथपाते हैं समंदर में चलो मिलकर नया तूफान लाते हैं। न आये पांव में छाले तो मंजिल का मजा…
कुछ न था हाथ की लकीरों में वरना होते न क्या अमीरों में। भरे जहान में भी कुछ न मिला हैं खाली हाथ हम फकीरों…
खुशी तलाश की, तो मिल ही गई दर्द के नीचे दब गई थी कहीं। छेड़ बैठे वो अपना ही किस्सा बीच में बात मेरी, रह…
वो नदी सी थी, मैं किनारा सा कुछ ऐसा ही मिलन, हमारा था। खुद में बस डूबते, उतरते रहे न समन्दर था, न किनारा था।…
हरे-भरे से थे रस्ते पहाड़ होने लगेनदी क्या सूखी, इलाके उजाड़ होने लगे।कौन से देवता को खुश करें कि बारिश होरोज चौपाल में ये ही…
सोचता हूं अभी पाजेब बजी है उसकी……….. दूर अपने से उसे होने नहीं देता हूं मैं ख्यालों में उसके साथ-साथ रहता हूं। मैने दीवार पे…
घुल गया उनका अक्स कुछ इस तरह अक्स में मेरेआईने पर भी अब मुझे न एतबार रहा हमारी मोहब्बत का असर हुआ उन पर इस…
जिन्दगी जब जरा घबराने लगी फिर किताबों की याद आने लगी। कितना जागा हुआ था रातों का अब किताबें मुझे सुलाने लगी। उसकी तस्वीर अचानक…
मिले थे फिर से तो, पर बात न होने पाई उनके लब कांप गए, मेरी आंख भर आई। बुझ गए थे सभी चिराग मगर इक…
जो आँख देख ले उसे वो वहीं ठहर जाती हैदेखते देखते उसे शाम ओ सहर बीत जाती है फ़लक से चाँद भी उसे देखता रहता…
पत्ता-पत्ता हिसाब लेता है तब कहीं पेड़ छांव देता है। भीड़ में शहर की न खो जाना ये दुआ सबका गांव देता है। हम भी…
कौन सा दर्द सुनाया जाए………. नींद को ढूंढ के लाया जाए चलो कुछ देर तो सोया जाए। जल गई इंतजार में आंखें अब जरा अश्क…
वो जमीं आसमां भी दूर रह के मिलते रहे हम अपने फासिलों में रहके बस तड़पते रहे। हमारे बीच खामोशी की नदी बहती रही हम…
कुछ तो होता जरुर नाता है ऐसे कोई नहीं मिल जाता है। उसी के सामने दिल को खोलें जिसे कुछ हाल पढऩा आता है। फिर…
कहीं बेघर ने इक छत का सहारा कर लिया होता तो फिर हर हाल में उसने गुजारा कर लिया होता। मुसाफिर का सफर थोड़ा जरा…
चांद पे चरखा चलाती रही…….. खुदा की दुनिया है, इसमें तो क्या कमी होगी हमारी आंख ही में ठहरी कुछ नमी होगी। जितना जीने के…
वो जब गली से गुजरें तो, कोई वहां न हो घर के सिवाय मेरे कोई, घर खुला न हो। बेहतर है कि दीवारों से, कुछ…
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