होते हैं

एक युद्ध में कितने युद्ध छिपे होते हैं हर बात में कितने किंतु छिपे होते हैं नींव का पत्थर दिखाई नहीं पड़ता अक्सर रेल चलती…

ग़ज़ल

“ हद से बढ़ जाए कभी गम तो ग़ज़ल होती है । चढ़ा लें खूब अगर हम तो ग़ज़ल होती है ॥“ इश्क़ है—रंग ,…

हम लुत्फ़ कुछ

हम लुत्फ़ कुछ बारिशों का यूँ उठा रहे है अपने आंसुओं को बारिशों में छुपा रहे है उसी को याद करना और हमेशा याद रखना…

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