कोशिश
कोशिश जारी है एक दिन मंजिल हम भी पाएंगे जिस रास्ते पर चले हैं चलते रहेंगे कही और नहीं जाएंगे
कोशिश जारी है एक दिन मंजिल हम भी पाएंगे जिस रास्ते पर चले हैं चलते रहेंगे कही और नहीं जाएंगे
जहर मत फैलाओ यहां, नेवले और बाज हैं गुस्ताखी माफ नहीं होती वहां, जहां लोकतन्त्र का राज है
वफा तो वही करेगा वफा करना जिसका काम हैं, अक्सर वफादार है बेवफाई करते हैं बेवफा तो यूं ही बदनाम हैं।।
क्यों कोई मोहब्बत के काबिल नहीं होता ? क्यों हर किसी के सीने में दिल नहीं होता ? क्यों होता है उसी बेदर्द से इश्क…
ज़िन्दगी के सफर में कई हमराह मिलते हैं। कहीं पे वाह मिलते हैं कहीं पे आह मिलते हैं।। सफर में इश्क़ के कुछ विरले होते…
ज़िन्दगी के सफर में कई हमराह मिलते हैं। कहीं पे वाह मिलते हैं कहीं पे आह मिलते हैं।। सफर में इश्क़ के कुछ विरले होते…
मैं गुजरा हुआ वक्त हूँ… समंदर की लहर नही जो लौटकर फिर साहिल पर आऊँगा। फैसला आपका है… कदर करो या यूं ही जाने दो…
प्यार के धोखों से इतना तंग आ गये हम कि अब मोहब्बत के सिवा सब अच्छा लगता है… कहने को तो मोहब्बत हमने भी बहुत…
#shayri 2liner जब तेरी याद आती है चला आता हूँ, ************************************ फिर कोई नज्म गुनगुनाता हूँ….
इन्तकाल के बाद- पूंछूंगा खुदा से मुझे इतनी मोहब्बत क्यों दी ?? उसे इतना बेरहम क्यों बनाया ??
होली का त्योहार है मत झगड़ो मेरे यार, प्रेम से हिलमिल के रहो लिखो साहित्य अपार..
यूं मोहब्बत की नुमाइश की नहीं जाती दिल की ख्वाहिश सरेआम की नहीं जाती. ********************************** समझता है बेशर्म ये सारा जमाना, इसी वाइस दिल की…
1. जमाने की नजरों मे काफिर हैं हम क्योंकि मोहब्बत की मंज़िल के मुसाफिर हैं हम 2. आने दो गर्मी तो पहाड़ पिघल जाएंगे चट्टानों…
छोंड़ दी थी जो गलियां हमने कभी, आज सजकर फिर उन्हीं में जाना है संदेश भेजा है उन्होंने प्रेम का, जिनको हमने रब से ज्यादा…
न नखरा करेंगे न इजहार करेंगे। हम तो सिर्फ वसन्त के आने का इंतजार करेंगे।।
मत देख अपनी नज़र से हर बार कभी तो ले तु मेरी नज़र उधार ।
साहित्य के वो योद्धा तलवार नहीं उठाते । लड़ते जरूर हैं पर लड़ाकू नहीं कहाते।।
1. हम जमाने से बेहद सताए हुए हैं मगर अपनी इज्जत बचाए हुए हैं मार डालेगा दुश्मन जमाना तेरा इसलिए तुझको दिल में छुपाए हुए…
1. जो कल था वही आज हूं थोड़ा खफा हूं थोड़ा नाराज हूं 2. जिस दिन किस्मत के सितारे बदल जायेंगे देखते ही देखते नजारे…
हर वक्त बदलती जिन्दगी, हर वक़्त बदलती ग्रहों की चाल है, अंकों के बदलने से कुछ नहीं होगा, बदलेगें जिस दिन हम उस दिन नया…
अलविदा २०२० तू बहुत याद आएगा… तूने गुरू बनकर बहुत कुछ सिखाया अफसोस है अब तू कभी लौटकर ना आएगा..
ऐसे मत नववर्ष मनाओ जीवों को ना मार के खाओ, भूंख मिटाने के हैं और भी साधन शाकाहार तुम बनाकर खाओ..
सोंचती हूँ नये साल में कुछ बड़ा करूंगी ———————————————— चल ठीक है, तुझे याद नहीं करूंगी…..❤❤
खामोंश रहना जज्बात बयां करने से अच्छा है दिल की बातें दिल में छुपाना अच्छा है काश ! ये पहले ही समझ जाते हम, चलो…
तुम जब बात-बात पर झगड़ा करते हो मुझसे सच कहूं तो बुरा नहीं लगता, पर जब तुम नाराज होकर बात करना बंद कर देते हो…
कोशिश करूंगा तुम्हे भूलने की, पर जानता हूँ मैं नाकाम ही रहूंगा. ——————❤❤ By Vivek singhal
यह साल हमेशा रहेगा यादगार, ज्यादा ना सही पर कुछ तो दे गया, यह साल बहुत सारे सबक दे गया… ——————❤❤ By Vivek singhal
यह जो नाजुक सा दौर है आहिस्ता आहिस्ता खत्म हो जाएगा बस उम्मीदों का दीपक तुम यूं ही आगे भी जलाए रखना। वीरेंद्र सेन प्रयागराज
मुह्हबत में तुम्हे आशु बहाना तक नहीं आया बनारस में रहे और पान खाना तक नहीं आया ये कैसे राश्ते से लेकर चले आये तुम…
तेरी परछाई को देख लेता हूँ चेहरे को देखने का मौका कहाँ मिलता। ज़िन्दगी के इस खेल में दौड़-दौड़ दौड़ लेता हूँ चौका कहाँ मिलता।।
ज़िन्दगी भर सहा जिसने अत्याचार, नारी और दलित का किया जिसने उध्दार , कलम था, जिसका हथियार वास्तव में वह था , साक्षात् ईश्वर अवतार
सुख की तलाश में हम अनगिनत इच्छाओं की पूर्ति करते रहे आशाओं के अम्बार लगाते रहे परंतु सुख तो केवल आत्मा की संतुष्टि से ही…
बेगाने हो गये हैं लोग अब कतराने लगे हैं लोग अपने साये से भी अब कोई उम्मीद ना रही जाने क्यूं इतना दिल दुःखाने लगे…
मेंने आशियाना बनाना छोड़ दिया। जब से, आंधी के मौसम आ गया।।
कुछ दिन संभालो जरा, अपनी याद- ए -उल्फत तुम, कि पुरानी चोट सर्दी में दर्द बहुत देती हैं।। AK
सिलसिले वार दम टूटता गया उम्मीदों का अब क्या करेंगे हम सुनहरे सपनों का अब तो अपना जीवन भी किराये का लगता है क्या करेंगे…
बहक ना जाएं कहीं कदम हमारे डरते हैं इसी बात से हम क्योंकि गुजरते हैं हर रोज हम भी मैखानें के करीब से। वीरेंद्र सेन…
ऐ खूबसूरत बहारों की मलिका कहां से लाऊं ढूंढ कर तेरा जवाब आसमां में चमकता है जो चांद लगा है उसमें भी दाग। वीरेंद्र सेन…
कलम भी वही है दावात भी वही है। दिल में भरे मेरे जज़्बात भी वही है ।। लिखना चाहूँ मै एक गजल आप पर पर…
समवेत स्वर में जय हिंद बोल दो कभी प्यार के पट खोल दो कभी ये मुल्क तुम्हारा ही है दोस्त! इसे प्यार और सम्मान से…
मेरा गम तेरे दर्द से ज्यादा है मेरी आँख में आँसू तुझसे ज्यादा है एक बार देकर प्यार की थपकी सुला दे साथी ! मेरे…
ताश के पत्तों की तरह बिखर गई मैं जब तूने कहा मैं तेरा नहीं किसी और का हूँ…!!
किस्मत से ही बनते हैं, दिलों के रिश्ते वरना चंद मुलाकातों से, कहां रिश्ते बना करते हैं.. *****✍️गीता
कुछ ख्वाब भी झूठे हैं, और ख्वाहिशें भी अधूरी हैं पर खुश रहने के लिए, कुछ सपने भी जरूरी हैं *****✍️गीता
तुम कहते रहे और हम सुनते रहे आख़री वक्त तक सपने बुनते रहे, उठ गई डोली मेरे अरमानों की फिर भी हम तुम्हारे नाम की…
आज तुमने मुस्कुराकर बात की कुछ रोने वाली और कुछ हँसने वाली बात की, अच्छा लगा मुझको तुम्हारा झगड़ा करना भी खुशी इस बात की…
इल्जाम पर इल्जाम लगाता ही रहा वो हम चुपचाप सहते रहे, जब हद हो गई सहने की तो हमने कुछ ना कहा बस दामन छोंड़कर…
सौ दफा मैं हारा बेशक जिद है फिर भी जीत की सरहद नहीं होती कोई परिंदों और प्रीत की। वीरेंद्र सेन प्रयागराज
जिसकी जैसी थी कहानी, वो वैसा किस्सा कह गया कोई चुनता रहा तिनके यहां, कोई मोती चुराकर ले गया *****✍️गीता
अच्छी किस्मत वाले लोग आसानी मिल जाते हैं पर दिल के अच्छे लोग बड़ी मुश्किल से रहते हैं…
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