Categories: शेर-ओ-शायरी
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हिन्दी गीत- सुना घर परिवार बिना |
हिन्दी गीत- सुना घर परिवार बिना | प्रिया प्रिय बिना देह हिय बिना | नीर क्षीर बिना भोजन खीर बिना | उत्सव उदास उपहार बिना…
वक्त का वक्त क्या है पता कीजिए
गजल वक्त का वक्त क्या है पता कीजिए | बाखुदा हूं ‘ खुदा बाखुदा कीजिए | दर्दे – दिल आज मेरे मुखालिब रहे | सुखनवर…
– मैंने व्यर्थ ही जिन्दगी गँवायो रे!
मैंने व्यर्थ ही जिन्दगी गँवायो रे! कभी राम नाम लिया तो नहीं । मैंने व्यर्थ ही जिन्दगी गँवायो रे! नर तन लेकर इस जहां में…
भारत को स्वच्छ बनाना है
चलो उठो ये प्रण कर लें हम भारत को स्वच्छ बनाना है, धरती माँ के आँचल को हरियाले,फल-फूलों से सजाना है, प्रदूषण की जहरीली हवा…
शायरी संग्रह भाग 1
मुहब्बत हो गयी है गम से, खुशियाँ अच्छी नहीं लगती। पहले दुश्मन मुहब्बत करते थे, अब दोस्त नफरत करते हैं।।1।। विकास कुमार कमति.. बदलते…
बहुत खूब
Good
बहुत सुंदर
जल ही जीवन है।।
जल ही जीवन है
बरसात के पानी को एकत्रित करके जल संरक्षण की बात को सामने रखा गया है