वीर सैनिक

देश की सीमा में तैनात होकर बगुला सा ध्यान लगाते हैं
आतंक की मछहालियो को वन्दूख की गोलियाँ से चबाते हैं
मुस्कुराते रहे मेरे देश के सब लोग सदा
देश की आन बान और शान के लिए सर्वस्व न्योछावर कर जाते हैं

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दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

अपहरण

” अपहरण “हाथों में तख्ती, गाड़ी पर लाउडस्पीकर, हट्टे -कट्टे, मोटे -पतले, नर- नारी, नौजवानों- बूढ़े लोगों  की भीड़, कुछ पैदल और कुछ दो पहिया वाहन…

देश के वीर जवानों के लिए

🍀🌷🌹🙏नमन् है मेरे देश के वीर सिपाही को 🍀🌹🙏 ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, कोटी कोटी प्रणाम है मेरे देश के वीर सिपाहियों को जो अपनी जान की परवाह…

Responses

  1. काव्य सौंदर्य और कलापक्ष उच्चकोटि का है। उत्तम शब्दावली उत्तम नाद गुणवत्ता, लयबद्धता वाह वाह

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