आज़ादी

August 15, 2019 in हिन्दी-उर्दू कविता

तुमको यह आज़ादी मुबारक हो
हमे तोह तेरे प्यार ने गुलाम बना रखा है

कहने पे हम आज़ाद है
पर तेरे जुदाई के डर ने पिजरे में रोक रखा है

ख्वाब तोह आज भी बहुत है
पड़ पता ना चला कब पर काट लिए गए

दो वक़्त की रोटी सुखी सब्जी का स्वाद इतना है
की ना पुछो आज़ादी कही बेसुद सी खड़ी हँस रही है

तेरे जाने के बाद हुआ

August 10, 2019 in हिन्दी-उर्दू कविता

तेरा जिक्र बेखयाली में हुआ
मुझे फ़िक्र तेरे जाने के बाद हुआ

मुझे मोह्बत थी तोह तुझसे
पर अहसास तेरे जाने के बाद हुआ

आखिर खुश तोह हो ना तुम

August 3, 2019 in हिन्दी-उर्दू कविता

आखिर खुश तोह हो ना तुम
कभी यह ही मायने रखा करती थी

किताबों के बीच वोह सुखी गुलाब
आज भी बहुत कुछ कहती है

किस्मत ने खिंची कैसी यह डोर
मै यहा और तुम कहा हो गए

अपनो मे तुम्हारा शुमार होता था
पर अब तुम कब पराए हो गए पता ना चला

रात

July 28, 2019 in हिन्दी-उर्दू कविता

रात को जगने वाले हर कोई आशिक नहीं होता साहब
कुछ को अगले दिन रोटी की फ़िक़्र होती है

आज़ाद है

July 28, 2019 in हिन्दी-उर्दू कविता

तुम मेरे ज़िन्दगी खरीद सकते हो
पर ख्वाब तोह आज़ाद है

तुम मेरे तन को गुलाम कर सकते हो
पर लब तोह आज़ाद है

तुम मुझे मौत दे सकते हो
पर सोच तोह आज़ाद है

यह सोच आने वाले नस्ल मे सैलाब लाएगा
मेरे नस्वर देह के जलने पे हज़ारों शहीदे मादरे वतन लाएगा

वक़्त

July 24, 2019 in हिन्दी-उर्दू कविता

वक़्त का क्या है कट जाता है जनाब
जिस वक़्त पर तुम्हे गुरुर है
वोह भी कट जाएगा

दुश्मन

July 17, 2019 in हिन्दी-उर्दू कविता

तुम लोगों से अच्छे दुश्मन है
कम से कम दोस्त होने का दावा तोह नहीं करते

गुरुर

July 8, 2019 in हिन्दी-उर्दू कविता

इतना गुरुर ना कर अपनी खुबसुरती पड़
यह तोह उम्र के साथ चला जायेगा
जितना उस खुदा ने प्यार और शिद्दत ने तुझे बनाया
काश उतना अच्छा दिल दिया होता
तोह इतनी ज़िंदगियां बर्बाद ना होती

अधूरी सी कविता

June 29, 2019 in हिन्दी-उर्दू कविता

तेरे जाने पे खुद को समेट लिया था
सोचा था ज़िन्दगी खत्म है

ना नींद थी ना चैन था
इश्क़ इबादत थी कभी ना रैन था

बात दिल की लफ़्ज़ों में थी
पर लब पे खामोशी सी थी

सच कह रहा तेरी कसम
आज भी सपनों मैं तेरी राह तकता हूँ

ज़िन्दगी के और कुछ पल
खुदा ज़रूर लिखता तोह उसका क्या बिगड़ता

मन के किसी कोने में
आज भी मुलाकात की उम्मीद रखता हूँ

मौला

May 7, 2019 in हिन्दी-उर्दू कविता

साद और बर्बाद भी हुआ मौला
प्यार भी किया नफरत भी किया मौला

गुनाह भी किया मौला
शफा भी किया

अंत में रुका जहा तोह पिटारा खाली था
जो कमाया वोह रह गया मौला

तू कही भी नहीं दिखा मौला
बस लोग थे गिने चुने

हर बंदे मै तेरा अक्स है शायद
और मै मन्दिर मस्जिद तुझे छानता फिरा

काश कुछ पल होते कुफरत के होते
कुछ लोगों का भला भी हम करते

मौत के बाद का पता नहीं
कुछ लोगों के चेहरे की मुस्कान की वजह बनते

कुफरत-क्रूसेड
साद-अछी किस्मत
शफा-इबादत खुदा की

गम है तोह

April 30, 2019 in हिन्दी-उर्दू कविता

गम है तोह रो ले
चेहरा पढ़ के दिल का हाल जाने वाले
अभी कहा बनते है

बारिश की पहली बूंद सी

April 30, 2019 in हिन्दी-उर्दू कविता

बारिश की पहली बूंद सी
सुकून दे जाती तू
इस तपती धरती को
जीने के और मौके दे जाती तू

लाखों वजूहात थे नफ़रतें थी
सब धूल गए
अब बस तुझमे घुल जाने को दिल करता है
बारिश के तेरे उस सहलाब मैं खो जाने को दिल करता है

पहली बारिश की तरह
आज भी तेरी आस देखता हूँ
अपने आप में खुशनुमा तोह एक स्वांग है
आज भी तेरी राह देखता हूँ

ज़िन्दगी कोरा कागज़ थी हमारी

April 28, 2019 in हिन्दी-उर्दू कविता

ज़िन्दगी कोरा कागज़ थी हमारी
तुमने कुछ रंग भर दिए
आये हो तोह रुक जाओ
इतनी जल्दी क्या जाने की

पर रोक तोह हम सकते नही
वरना रब बुरा मान जाएगा
उसे भी तोह अच्छे लोगों की जरूरत है

एक मैं ही महिरूह सा रह गया
रंगों के बौछार के बावजूद
एक मैं ही बेरंग सा रह गया

फुरक़त

April 26, 2019 in हिन्दी-उर्दू कविता

जब फुरक़त हुई तोह पता चला
काश फुरसत से अगर तुझे चाहा होता

बेगाने

April 26, 2019 in हिन्दी-उर्दू कविता

चले थे हम भी साथ ही तोह
तुम आगे हम पीछे रह गए

ज़िन्दगी ने तुम्हे सहारा दिया
हमे अंधेरा

इसमे कोई मलाल नहीं
पर कभी तोह पीछे मुड़कर
तुम देखते

एक आध चाय के जाम हम छलकाते
आखिर कभी यारी थी हमारी

फुरक़त

April 25, 2019 in हिन्दी-उर्दू कविता

जब फुरक़त हुई तोह पता चला
फुरसत से अगर तुझे चाहा होता

तेरी नाराज़गी

April 22, 2019 in हिन्दी-उर्दू कविता

इतनी भी क्या नाराज़गी पगली एक बार पूछ तोह लिया होता
गुस्से से चल दी तू एक बार मुड़ के देख तोह लिया होता

सोच के देखो जो छोड़ के जाते है
वोह अक्सर रूठ जाते है

रेत की तरह

April 20, 2019 in हिन्दी-उर्दू कविता

रेत की तरह यू हाथ से छूट रहा है तू
जितना जोड़ लगाओ उतना तेज़ फिसल रहा है तू

याद रख तेरे रब ने कभी तेरा हाथ कभी नहीं छोड़ा हैं
तेरे अपनो ने कभी तुझ पढ़ हौसला न छोड़ा हैं

धुमिल लक्ष की तरफ बढ़ता जा तू
लोग जुड़ते हैं तोह ठीक वरना खुद ही उसके राह चलता जा तू

तेरे अपनो ने कभी तेरे ईमान को टटोला नहीं
तेरी चुप्पी को कभी तेरी कमज़ोरी से जोड़ा नहीं

अपने अंदर के आग को बाहर आने दे
यह जिस्म को तप के लोहा बन जाने दे

यह दुनिया

April 19, 2019 in हिन्दी-उर्दू कविता

हम तो झूठ की ही दुनिया में जीते हैं
क्यों कि सच हमे अकेला कर देता है

मुखोटा सबका सही लगता है
बस अपना आईना साथ लिए घमुते है

रेत

April 19, 2019 in हिन्दी-उर्दू कविता

रेत यू तोह हाथ से फिसलता हैं जितना जोड़ लगाओ उतना तेज़ फिसलता जाता है
पढ़ उसमे पानी मिलाओ तोह हाथ मे जम जाता है
रिस्ते में इज्ज़त उस पानी का काम करती है

ज़िंदगी सतत संग्राम

April 11, 2019 in हिन्दी-उर्दू कविता

ज़िन्दगी सतत संग्राम हैं यारों
यहां हर चीज़ की लड़ के हासिल होती है

कोई हमे रास्ता नहीं देता
खुद ही रास्ता बनाने की कोसिस करनी होती है

हार मान लेने से
लक्ष्य को पाने में मौत को गले लगाना कही बेहतर हैं

क्यों कि हारे हुए
और मरे हुए कोई भेद नहीं होता

ज़िन्दगी सतत संग्राम हैं यारों
यहां हर चीज़ की लड़ के हासिल होती है

माँ की साज़िश

April 5, 2019 in हिन्दी-उर्दू कविता

माँ भूख लगी है
घर में कोई खाना नहीं हैं तोह क्या
खाली बर्तनों को चूल्हे में जलाकर
ताकी खाने की आस में उसे नींद आ जाये
यह भी याद है

माँ भूख लगी है
हर एक झूठ बोल कर
कल मीठा बनाउंगी बोल तेरा दाल चावल खिलाना
याद हैं

माँ भूख लगी है
खुद एक रोटी खा कर
मुझे भूख नहीं है कह कर सो जाती तू
यह भी मुझे याद है

ज़िन्दगी

February 5, 2019 in हिन्दी-उर्दू कविता

इतनी भी नाराज़गी ठीक नहीं
की फासले उम्र भर का हो जाये
पल भर का जीना है यारों
बेगाने लोगों को छोड़ यहाँ अपनो से फुरसत नहीं।

इंतज़ार

February 3, 2019 in हिन्दी-उर्दू कविता

इन्तेक़ाम से इंतज़ार ही बेहतर हैं
उम्मीद का दामन पकड़कर थोड़ा चैन से बैठो

कभी ना कभी उसे तुम याद आओगे
इस अहसास से ज़िन्दगी देखोगे तुम काट पाओगे

इंतेज़ार की ताकत को नज़रअंदाज़ ना करो साहब
तपन की आग में कोयले से भी हीरा बन जाता हैं

मध्यम वर्ग का सपना

January 24, 2019 in हिन्दी-उर्दू कविता

तिनको का घोसला था मेरा
बरसात में डय गए
सपनो के पर थे मेरे उड़ने से पहले
बर्बाद हो गए

माध्यम वर्ग का यही होता हैं
सपनो को नतीजो से तोला जाता हैं
सभी अवःल आने की होड़ में है
पर अवःल तोह किसी एक ही का हैं
यह भूल जाते हैं

जज़बात

January 19, 2019 in हिन्दी-उर्दू कविता

जज़बात आज फिर से उमरे है
कलम आज फिर बरसे है

फिर से इस नादान दिल को फिसलने का मौका मिला है
फिर से आँखों में उसका नूर दिखने लगा है

उम्मीद ना थी इस दिल को
की तुम मिल जाओगी

इस गहरी रात की
यू खुशनुमा सुबह हो जाएगी

प्यार का पहला पन्ना

January 17, 2019 in हिन्दी-उर्दू कविता

तुझसे क्या नाता जुड़ा
की हर सकस मैं तू नज़र आया

इतनी भी ना पास आ तू
की मेरे अकेलेपन को तेरी आदत पड़ जाए

गम ए दिल को दर्द की तोह आदत है
पर वहा ए मोहब्बत पहली बार है

सजदा किसका करु पता नहीं
तेरा या उस खुदा का जिसने तुझे बनाया

अक़ीदत

January 9, 2019 in हिन्दी-उर्दू कविता

तेरी अक़ीदत मेरी इबादत
तेरी ज़ीनत(श्रृंगार) मेरी सलत (prayer)

तुझसे मिलाने के लिए उस खुदा का शुकराना,
तेरी चाहत में इस नाचीज़ का कबूल कर नज़राना

ऐसा क्यों लगता हैं की ज़िन्दगी के कुछ पल नासार हैं
तेरे साथ इस जनम का नहीं बाकी के सारे जन्मो का साथ हैं,

तुझसे से बस एक ही दुआ हैं मेरी
की मौत भी ना जुदा कर पाए ये साथ तेरी

उंगली पकर कर

January 9, 2019 in हिन्दी-उर्दू कविता

उंगली पकड़ कर थामा था जिसका हाथ
पता नहीं क्यों वो छोर गया मेरा साथ

मेरे अनकही बातों को समझने वाले जज़बात
पता नही क्यों खुदा को नहीं आया रास

मेरे सभी ख्वाइशों को सुनने वाले
पूरे हो या ना हो पर भरसक कोशिश करने वाले

पता नहीं क्यों आज भी गुज़ारिश करता हूँ
थोड़ा ही सही दिल में आज भी उनके पूरे होने की ख्वाइस रखता हूँ

Dard

December 25, 2018 in हिन्दी-उर्दू कविता

दर्द तूफान में उजड़ने का नहीं
दर्द अपनो का तूफान में मुझे देखकर किवाड़ बंद करने का है

पहला प्यार

November 26, 2018 in हिन्दी-उर्दू कविता

पहला प्यार जाम की तरह होती हैं
जब भरी हो तोह उसका अहसास नहीं होता
जब खाली हो तोह उसकी लत छूटती नहीं

ज़मीर

October 16, 2018 in हिन्दी-उर्दू कविता

यार दफन करना मुझे
आग तोह तेरे पास भी नहीं
होता तोह आज यह नौबत ना आती

यार फूलों से सजाना नहीं
कुछ तोह अपने पास रख देना
कुचलने पढ़ अपने मरहम पढ़ ओढ़ लेना

यार रोना नहीं मेरे मौत पढ़
खुश तोह अपने मौत पढ़ भी हुए थे
सपनो के लिए खुद को कुचल के जिये थे
आज सोचों तोह सपने सारे हासिल हो गए
पढ़ खुशि कहीं बेसुध सी खड़ी हैं

यार दफन करना मुझे
आग तोह तेरे पास भी नहीं
होता तोह आज यह नौबत ना आती

बाबा की अलमारी

August 29, 2018 in हिन्दी-उर्दू कविता

बाबा की आलमारी
लगती थी मुझको पयारी
आचारों और चॉकलेट की फुलकारी

अनसोचे ख्वाबो का पिटारा
कलम किसमिस खिलौनो का पिटारा
बचपन के उन ख्वाबो का ही तोह है सहारा

आज ना बाबा रहे ना उनकी अलमारी
घोसला छोड़ कब के उड़ गए है सब अदाकारी
घर तोह कब के बदल गए
पड़ याद उन्ही के रह गए

ज़िन्दगी

August 14, 2018 in हिन्दी-उर्दू कविता

पहली बार जब रोया तोह भूख और प्यास थी
दूसरी बार जब रोया स्कूल का पहला दिन था
तिसरी बार जब रोया तब स्कूल का आखरी दिन था

कॉलेज के दिन तोह रुलाने के थे दुसरो को
छोड़ो ना उस बात को

और मुझको लगता था सबसे ज्यादा गम तेरे छोड़ने का था
पढ़ जब सोचने और लिखने बैठा तोह देखा
यह एक मामूली घटना हैं जो तकरिबन सबके साथ हुआ हैं
हम ज़िन्दगी में भूल जाते हैं की तवज्जो किस बात को देना है

दोस्तों यह चंद लाइन बेहद निजी है
पढ़ सोचा यह बहुतों को जीने का ढंग बतलाता है
जो कहते है कि एक बार जो चीज़ गवाओ वो दूसरी बार नहीं मिलती गलत कहते है
ज़िन्दगी सतरंज की बिसात होती हैं
कुछ मोहरे पिटते और कुछ हमे जीता देते हैं
कुछ बाजियां हम हार कर भी जीतते है

Looking back in times

August 12, 2018 in English Poetry

Looking back in times,
When you and me were lonely in the moonlight,
Time has passed by,
I wait for those times tonight

Looking back in times
When I was driving you town
You flipped your hair and looked down
I was just spellbound
oh baby missing u tonight.

Looking back in times,
there were so many memories deep down my heart,
Ohh baby missing u tonight.

आंखे नम है

August 10, 2018 in हिन्दी-उर्दू कविता

आज फिर तेरी आँखे नम है
पता नहीं किस बात का तुझे गम हैं
ज़िन्दगी के पल कुछ कम हैं
नहीं तोह हाल ऐ दिल पगली हम भी पूछते
ज्यादा ना सही थोड़ा ख्याल हम भी रखते

ऐ खुदा

August 3, 2018 in हिन्दी-उर्दू कविता

ऐ खुदा बोल तेरी रजा क्या हैं
मेरे नादान दिल की सजा क्या है
चले हैं सच की तलाश में
तेरे ठोकरो का अंजाम क्या है

अपना हम किसको कहे
तेरे अपनो ने तोह रास्ता बदल लिया
बेगाने इस दुनिया में बस तेरा ही एक सहारा है

ऐ खुदा बोल तेरी रजा क्या हैं
मेरे नादान दिल की सजा क्या है
चले हैं सच की तलाश में
तेरे ठोकरो का अंजाम क्या है

chaley toh hum bhi the

July 27, 2018 in हिन्दी-उर्दू कविता

chaley toh hum bhi the tera hath pakarkar
bas zindagi ke bheed main tu agey bar gayi
milna tha mujhse par tu kisi aur main bas gayi

itefaqan thora dur hi tha main
bulaya bhi bahut bar tera naam
par waqt ke es khel main tu
phasti chali gayi

Azadi Mubarak ho

July 26, 2018 in हिन्दी-उर्दू कविता

gam tere maut ka nahin
par dosh tere dharm ka hain
es baat ko bhulu kaise
hosh mere sudh gaye toh kya
par majra yeh purey hindustaan ka hain

sawan

July 25, 2018 in हिन्दी-उर्दू कविता

ab ke sawan bhege sab agan
ak mera hi ghar sukha rah gaya
nazar main tere sabhi aa gaye
ak main hi bezud sa khada rah gaya
–inspired not fully by me

intezar

July 25, 2018 in हिन्दी-उर्दू कविता

tera phone aya hi nahin
mera intezar khatam hua hi nahin
aj bhi jata hun jaha milna tha kabhi
par mukkdar ne teri rubaru laya hi nahin

khun ka rang

July 25, 2018 in हिन्दी-उर्दू कविता

janey es desh ke mukaddar main kya
hain
ak taraf ekhlakh,junaid ke kabr hain
dusri taraf desh ke thekedar beasabr hain
khun ki aj koi kimat na rahi
yeh ubalta nahin bas bahta hain

ensah hi aisa jaat hain
jo apney jaat ko padya nahin karta
koi hindu Sikh aur koi musalma hain

pata hain tum mere rang ko dundhogey
khun ka rang toh bas Lal hain
tumharey liye esmey gerua aur hara ke rang ka sringar hain

khalnayak

July 24, 2018 in हिन्दी-उर्दू कविता

tere jikr se aakheen nam hain meri
mere hijr ki kya kahu kaisi hain ruswayi

likhtey likhtey main shayar ban gaya
ho saka na nayak tere pyar main khalnayak ban gaya

yaad teri

July 23, 2018 in हिन्दी-उर्दू कविता

kitabon ke panno main chipi thi
teri yaad,
jyada kuch nahin bas thi ek sougat,
sukhe hue gulab ki pankhuri jis ki ab koi kimat nahin,
ban sakti thi tere balon ka saaj

achanak aye hawa ke jhokey ne
uda di us yaad ko
khidki se jaise yadon ka sahlab aa gaya
thik thak zindagi main dard ka sahdaab aa gaya

yaden

July 23, 2018 in हिन्दी-उर्दू कविता

yeh khuli diary yeh adh jala cigarette,
yeh chai ke pyaley kya kahti hain,
kal ki raat tumhey need nahin ayi
ya kisi ki yaad satayi hain tumko

umra ke kisi modh pe tumhey pata hoga
kuch log tumahare zindagi se tumhareyp dil main hi jyada mehfuz hain

unki yaaden tumhey duvida main dalti hogi
agar ye ya woh hota toh kya hota
padh soch ke dekho yaaden Kya sirf tumahri hain
ya uskey pass bhi tum kahi basey ho

bandya

July 18, 2018 in हिन्दी-उर्दू कविता

khud ka mukam bananey chala
bandya kisi anjaan sahar main
chod ke apno ko
chala bandya apna jahan bananey

par ghar ki woh choukhat
aj bhi usey pukarey
ghar main uski maa
uski raah takte guzaray

chod aye bandya un galion ko
jaha sapon ke par nahin hotey
woh gaon woh nukkar
jaha sabhi apney hotey the

rahi anjana

July 11, 2018 in हिन्दी-उर्दू कविता

begani bheed main rahi anjana,
dudhey hain apni manjhil sahil tak jana

kho ke pana hain sab kuch,
ya sab kuch kho jana,

yeh satat sangram hain,
akhir tak jana

laksya jab hain thik to kahey ghabrana
veer tu barey chal,ho ke sabal

apney esth ko kiye naman
veer tu barey chal,ho ke sabal

khamosh bheed

July 5, 2018 in हिन्दी-उर्दू कविता

khamosh bheed main kyun khada hain tu,
begano main apna sa kyun lagey hain tu,

es raat ki kyun koi subah nahin,
gam hain ki khatam honey ka naam nahin

apney ap se yeh kaisi kashmakash hain
jeet ta koi nahin har haal main harta vartaman hain.

khamosh bheed main kyun khada hain tu,
begano main apna sa kyun lagey hain tu

tuh

May 22, 2018 in हिन्दी-उर्दू कविता

main rahunga teri yaad bankey ,
chota hi sahi bas ek fariyad bankey ,
tere juban ki baat bankey kabhi yaad meri ayegi,
tere cherey ki muskaan bankey kabhi noor us khuda ka tujh main chayegi

ho na saka yeh falsafa lambey dino ki,
par mere har sapney main tu aj bhi abad hain,
mere nabz aur jazbaton main aj bhi tere naam ki yalgar hain

father

April 6, 2018 in English Poetry

with every step i take
u held me back
I blamed you
but that stopped me from failure

with every words I said
against u
u remained silent

with every step I take
when I was young
u hold me tight
that stopped me from falling down

all your gestures were for my well being
u r the only one except god and mom
I doubted i misbehaved
but please never leave me.

may god bless you with
all the kindnes
make you live long
thanks baba for everything

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