by Pragya

फासलों के शूल

September 10, 2019 in हिन्दी-उर्दू कविता

एक ज़माने से तेरी तस्वीर लिये बैठे हैं_

तुमने फासलों पर शूल चढ़ा रखे हैं जब भी नज़दीक आते हो दिल में हमारे चुभते बहुत हैं_

-PRAGYA-

by Pragya

वो सड़क का बेटा

September 10, 2019 in हिन्दी-उर्दू कविता

वो तरस रहा था माँ की ममता
बाबा के दुलार को_

मगर तकदीर में अनाथ होना था
सड़क उसकी बिछौना था_

पल-पल हर शख्स में उसने ढूँढा था
वही एक तो उसका सपना था_

कई रातों की लोरी अंतहीन दुलार
पर तकदीर में रिश्तों की टोकरी खाली थी_

वो तन्हा ही ज़िन्दगी का सफर काट रहा था_

आँसू बो रहा था दिल में
दर्द की फसल काँट रहा था_

मिला नहीं जो उसे प्यार
वो सबको बाँट रहा था_

ज़रूरत नहीं थी किसी को उसकी
वो अंतिम साँसे भी सड़क पर ले रहा था__

सब जी रहे थे वो मर रहा था__
वो सड़क पर जन्मा सड़क पर ही चल बसा__

किसी की आँख में आँसू न थे..इंसां था
जानवर की तरह मर गया__

फिर एक सड़क थी
फिर एक दर्द का अंत हो गया__

अंतिमसंस्कार गर्द में ही
कचरेवाले ने कचरे में ही कर दिया___

-PRAGYA-

by Pragya

वो सड़क का बेटा

September 10, 2019 in हिन्दी-उर्दू कविता

वो तरस रहा था माँ की ममता
बाबा के दुलार को_

मगर तकदीर में अनाथ होना था
सड़क उसकी बिछौना था_

पल-पल हर शख्स में उसने ढूँढा था
वही एक तो उसका सपना था_

कई रातों की लोरी अंतहीन दुलार
पर तकदीर में रिश्तों की टोकरी खाली थी_

वो तन्हा ही ज़िन्दगी का सफर काट रहा था_

आँसू बो रहा था दिल में
दर्द की फसल काँट रहा था_

मिला नहीं जो उसे प्यार
वो सबको बाँट रहा था_

ज़रूरत नहीं थी किसी को उसकी
वो अंतिम साँसे भी सड़क पर ले रहा था__

सब जी रहे थे वो मर रहा था__
वो सड़क पर जन्मा सड़क पर ही चल बसा__

किसी की आँख में आँसू न थे..इंसां था
जानवर की तरह मर गया__

फिर एक सड़क थी
फिर एक दर्द का अंत हो गया__

अंतिमसंस्कार गर्द में ही
कचरेवाले ने कचरे में ही कर दिया___

-PRAGYA-

by Pragya

तड़पती मोहब्बत

September 10, 2019 in हिन्दी-उर्दू कविता

हर पहर गुज़र जाता हैं
छूकर मुझे एक अन्जाना सा_

हम ज़िन्दगी थामकर तेरे ही
ख्वाबों को तराशते रहते हैं_

तु अन्जान सही मुझसे
ज़िंदा हैं पर साँसे मेरी ही तुझसे_

तुझे भूला सकुं पास
वो मेरे दिल नहीं_

माना तु ज़िन्दगी हैं मेरी
मगर ज़िन्दगी में मेरी हासिल नहीं_

-PRAGYA-

by Pragya

कफ़न

August 28, 2019 in हिन्दी-उर्दू कविता

सब एहसास दफ़न हो गये_

जब वो पहलू में किसी के गुमराह हो गये हम ज़िंदा थे..कयामत की जूदाई आई और हम कफ़न हो गये_

-PRAGYA-

by Pragya

#कृष्णा

August 26, 2019 in हिन्दी-उर्दू कविता

मंत्र मुग्ध हैं यशोदा देख ,
अठखेलियाँ घनश्याम की_

पाकर नंद भी उमंग से धरणी पर ,
नृत्य करते दुलार करते श्याम की_

शताब्दियाँ भी मुखरित थी अलौकिक छवि ,
देख देवों के देव देवकिनदंन की_

घटाएँ भी जमकर बरस रही थी
जैसे चाहती हो छूना काया नंदपुत्राय की_

बीत गया वो द्वापर यूग पर बिसराये ना बिसरत हैं ,
वो महा भारतीय न्यायशील का न्याय,
वो चक्र सी पलटती काया धरा की अगधाय की_
-PRAGYA-

by Pragya

“गुरु की महत्ता”

August 26, 2019 in हिन्दी-उर्दू कविता

मोड़ दे जो पाणी की लकीरें,
हैं वो गुरू ईश्वरीय वासव अद्भुत महान_
तिमिर भी मयूख हो लेखन करें,
गुरु हैं वो ग्रंथ कगार_
अस्तित्व संपूर्ण परिवर्तित कर दे,
शिष्य बने ज्ञानी हर ग्रंथ में प्रकांड_
किचड़ से कमल सा चुन ले,
हैं वो माली प्रधान_
वसुंधरा भी ऋणी हैं जिसकी,
हैं वो वत्स धरा का प्राण_
प्रकृति भी वंचित नहीं वात्सल्य से जिसके,
हैं वो तेजस्वी मान_
वह वसुंधरा पर ही नहीं व्योम पर भी हैं विख्यात,
द्वारपट खुल जाते हैं ईश्वर के,
वो गुरु हैं अद्भुत ईश्वरीय सँतान_
-PRAGYA-

by Pragya

पाक़ दिल

August 18, 2019 in हिन्दी-उर्दू कविता

लफ़्ज़ बिकते हैं इमान बिकते हैं जब बिकने पर आये तो क्या-क्या बिकते हैं ज़माने में__

एक पाक़ दिल पिन्हां सा हैं जो दुनिया की किसी दौलत से ना पिघलता हैं ना बिकता हैं गालिबन मैं मालामाल हूँ उस दौलत से__

-PRAGYA-

by Pragya

मजबूर दिल

August 18, 2019 in हिन्दी-उर्दू कविता

उसकी बेवफ़ाई पर हंसी आती हैं तो तरस भी__

अभी अन्जान हैं वो मोहब्बत से..दिवाना कुछ इस कदर हैं समझ लेता हैं वो हर पत्थर को कोहिनूर भी__

कभी मुलाक़ात ज़रूर होगी इज़हार-ए-मोहब्बत करने वाले अपनी झूठी नज़रों से हम पर क़रम ज़रूर करना_

कहीं नज़रें झुक गई फिर दिल में हमारी तमन्ना भूल कर भी मत करना_

-PRAGYA

by Pragya

नाराज़गी

August 18, 2019 in हिन्दी-उर्दू कविता

उसकी बेवफ़ाई पर हंसी आती हैं तो तरस भी__

अभी अन्जान हैं वो मोहब्बत से..दिवाना कुछ इस कदर हैं समझ लेता हैं वो हर पत्थर को कोहिनूर भी__

कभी मुलाक़ात ज़रूर होगी इज़हार-ए-मोहब्बत करने वाले अपनी झूठी नज़रों से हम पर क़रम ज़रूर करना_

कहीं नज़रें झुक गई फिर दिल में हमारी तमन्ना भूल कर भी मत करना_

-PRAGYA

by Pragya

बेवफ़ाई

August 18, 2019 in हिन्दी-उर्दू कविता

उसकी बेवफ़ाई पर हंसी आती हैं तो तरस भी__

अभी अन्जान हैं वो मोहब्बत से..दिवाना कुछ इस कदर हैं समझ लेता हैं वो हर पत्थर को कोहिनूर भी__

कभी मुलाक़ात ज़रूर होगी इज़हार-ए-मोहब्बत करने वाले अपनी झूठी नज़रों से हम पर क़रम ज़रूर करना_

कहीं नज़रें झुक गई फिर दिल में हमारी तमन्ना भूल कर भी मत करना_

-PRAGYA

by Pragya

एहसास-ए-ज़िदगी

August 18, 2019 in हिन्दी-उर्दू कविता

ऐसा कोई लम्हा नहीं गुज़रता जब सांसों से मेरी उसकी यादें ना गुज़रती हो__
ये बात और हैं एहसासों से मेरे वो अंजान हैं मगर हालात-ए-जिस्त ये हैं की वही ज़िन्दगी हैं मेरी वही अरमान हैं-
-PRAGYA-

by Pragya

ज़िन्दगी की तारीख

August 18, 2019 in हिन्दी-उर्दू कविता

ज़िन्दगी की तारीख नहीं होती_

वरना हर तारीख पर फ़क़त ज़ख़्मों का हिसाब होता शाद-ए-लम्हें कहाँ खर्च हो गये कभी हिसाब ही नहीं मिलता_
-PRAGYA-

by Pragya

“यार”

August 13, 2019 in हिन्दी-उर्दू कविता

जिनके यार खुदा से हो _

उन्हें जहाँ तो क्या मौत से भी खौफ कहाँ से हो_

-PRAGYA-

by Pragya

“खरोंचे “

August 13, 2019 in हिन्दी-उर्दू कविता

ज़िन्दगी कितनी खरोंचे दोगी_?

अब तो रूह का रेशा-रेशा भी छील गया_

-PRAGYA-

by Pragya

“दूरियाँ “

August 13, 2019 in हिन्दी-उर्दू कविता

दूरियों में तुझसे.. अजीब सा हाल हो गया हैं इस दिल का भी_

जैसे इक नाकाम सा बुत पड़ा हो आती जाती सड़कों पर_
-PRAGYA-

by Pragya

“ख्वाब “

August 13, 2019 in हिन्दी-उर्दू कविता

अब साँसे भी सोचकर लेती हूँ___
कहीं ख़याल तेरे महकने ना लगे
जो ख्वाब तुमने तोड़े थे
कहीं दिल फिर उसे बुनने ना लगे___
-PRAGYA

by Pragya

“दोस्त”

August 13, 2019 in हिन्दी-उर्दू कविता

जर्रा को आफ़ताब बना दे वो नज़र मेरे दोस्त की हैं_

मैं इतनी क़ाबिल तो नहीं की इंसा के लिबास में फरिश्ता नज़र आऊं_

बना दे मुझे जो फरिश्ता वो नज़र मेरे दोस्त की हैं_

खँजर चले इस दिल पर हज़ारों मगर मुदावा ज़ख्मों का करती वो नज़र मेरे दोस्त की हैं__

मैं तेरा एहसान चूका सकूं ए दोस्त इतनी मुझमें क़ाबलियत तो नहीं_
क्यूंकि लहू का कतरा-कतरा मेरा तेरी मोहब्बत में डुबा हैं_
मुझे सुकूँ के आब्शार से भिगो देती हर शय तेरी
मुझे फिर भी जताती नहीं वो नज़र मेरे दोस्त की हैं_
-PRAGYA-

by Pragya

“इश्क़ “

August 13, 2019 in हिन्दी-उर्दू कविता

तन्हा-तन्हा बौराई सी फिरती हूँ हुज़ूम में भी_

कहकशाँ लगाती हूँ अपनी ही विरानियत में कुछ हाल-ए-बयां इश्क़ का इस तर्ज़ भी_

-PRAGYA-

by Pragya

“कर्ज़”

August 13, 2019 in हिन्दी-उर्दू कविता

चूका ना सकोगे कभी उज़रत हमारे क़ब्ल की_

दिल में शगुफ्ता सी मोहब्बत..वो कर्ज़ हैं तुम पर_

-PRAGYA-

by Pragya

“खामोशी “

August 13, 2019 in हिन्दी-उर्दू कविता

ज़माना पुछता हैं चेहरे में गज़ब की कशीश- ए-खामोशी हैं_

कैसे कहे_? हरसू से नूर का तिरगी से भी वास्ता हैं मैं नियूश सा सुनता हूँ दिल हर वक़्त उसका शोर मचाता हैं_

-PRAGYA-

by Pragya

“खामोशी “

August 13, 2019 in हिन्दी-उर्दू कविता

ज़माना पुछता हैं चेहरे में गज़ब की कशीश- ए-खामोशी हैं_

कैसे कहे_? हरसू से नूर का तिरगी से भी वास्ता हैं मैं नियूश सा सुनता हूँ दिल हर वक़्त उसका शोर मचाता हैं_

-PRAGYA-

by Pragya

“मोहब्बत की सजा”

August 13, 2019 in हिन्दी-उर्दू कविता

जी रही हूँ..ज़िन्दगी का बोझ उठा रहीं हूँ_

मोहब्बत की सज़ा बो गये हो तुम मैं गुनाहों की फसल काट रही हूँ_

-PRAGYA-

by Pragya

जीद-ए-वस्ल

August 13, 2019 in हिन्दी-उर्दू कविता

रक़िब ना बनों उल्फ़त के खामख्वाह वस्ल की जीद से_

दुरियों में ही सही लबरेज हैं दिल मोहब्बत से क्या इतनी आराईश काफी नहीं ढलती उम्र की पीड़ से_

-PRAGYA-

by Pragya

“यादें “

August 13, 2019 in हिन्दी-उर्दू कविता

शब भर यादें तिरी शबनम सी दिल को भिगोती रहीं_

दूरियाँ इस कदर दरम्यां हमारे सिमट गई की मैं छूती रहीं हर याद तिरी वो अब्तर हो बिखर गई_

-PRAGYA-

by Pragya

“यकीं “

August 13, 2019 in हिन्दी-उर्दू कविता

यूँ तो बीत गये कई पल बिन तेरे भी_
पर संग तेरे बीते वो अनमोल पल भुलाये नहीं भूलते_

ताजिंदगी तुझे चाहने की रज़ामंदी हैं इस दिल की_
मगर वफ़ा का तेरी मुझे यकीं के इस्बात नहीं मिलते_

यकीं करूँ तो कैसे-? लबों पर तेरे लफ़्ज़ ठहरते ही नहीं_
उन पर पाक़ सी तेरी चाहत के एहसास नहीं मिलते_

फिर तोहमत-ए-बेवफाई हम पर कैसी_?
वफ़ा ढूँढती नज़रों को तेरे निशां नहीं मिलते_
यूंँ ही मोहब्बत के मेरी तुम्हें रूह में अपनी रेशा नहीं मिलते_
-PRAGYA-

by Pragya

इंतज़ार

August 13, 2019 in हिन्दी-उर्दू कविता

शज़र भी सुख जाते हैं बंद दरवाजों में_

हमें तो एक अरसा हो गया हैं इंतज़ार में तिरी कैद हुए_

-PRAGYA-

New Report

Close