पर्यावरण (Environment)

July 30, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

पर्यावरण को बचाना हमारा ध्येय हो
सबके पास इसके लिए समय हो
पर्यावरण अगर नहीं रहेगा सुरक्षित
हो जायेगा सबकुछ दूषित
भले ही आप पेड़ लगाये एक
पूरी तरह करे उसकी देखरेख
सौर उर्जा का करे सब उपयोग
कम करे ताप विद्युत् का उपभोग
रासायनिक खाद का कम करे छिडकाव
भूमि को प्रदूषित होने से बचाव
कचड़ो का समुचित रीती से करो निपटारा
फिर न होगी कोई नदी प्रदुषण का मारा
फैक्ट्रियो में जब सौर यन्त्र लगाई जाएँगी
वायु प्रदुषण में अपने आप कमी आएँगी
तब जाकर पर्यावरण प्रदुषण में कमी आएँगी
आधी बीमारिया अपने आप चली जाएगी

– Rajat

प्यारी माँ

July 17, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

जब मैं छोटी बच्ची थी
माँ की प्यारी दुलारी थी
माँ तो हमको दूध पिलाती,
माँ भी कितनी भोली – भाली ।

माखन – मिश्री घोल खिलती
बड़े मजे से गोद में सुलाती,
माँ तो कितनी अच्छी है
सारी दुनिया उसमें है ।

– Rajat

अमन की कुछ बात

July 17, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

दरिया में बहा दो रंजिश सब
अब अमन की कुछ बात हो जाये
मेरे देश में खुशहाली हो
बस इत्मिनान से मुलाकात हो जाये
एक अनोखी ख्वाहिश सी
सजी जमीन है फ़ुर्सत से
अब माटी के पहलू से
कुछ नई फ़सल-सौगात हो जाये
जब सारे अरमान देख लिये
क्यों अपने प्यारे खफ़ा हुए
आज मिली आज़ादी में
फ़िर ईद-मिलन दस्तूर हो जाये
मैं सब्र में आज डूबा हूँ
कुछ दूर चलके रोया हूँ
वजूद को अपने ढूँढू हर दम
मैं फ़िर कहीं जाके खोया हूँ

रेत के घरोंदो को छोड़ो
अब टूटे सपनों को खोजो
मेरे साथ चलो,नई आवाज़ लिये
आज फिर एक ख्वाब एक उम्मीद हो जाये..

– Rajat

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