हर सदी इश्क की

हर सदी इश्क की ——————— समुद्र पार रेतीले मैदान में उगते गुलाब, नन्ही कोपलों से निकलते हरे पत्र, और नमकीन हवा में घुलती मिठास अनुराग…

कौन हो तुम?

मैने बहुत सोचा अब नहीं मिलूंगी तुमसे, नहीं कहूंगी कुछ भी। कोई फरमाइश नहीं करूंगी कन अंखियों से देखूंगी भी नहीं। पर इस दिल का…

प्रेम

चिरायु,चिरकाल तक रहने वाला चिरंतन है प्रेम, निष्काम, निः संदेह निश्चल है प्रेम। पुनरागमन, पुनर्जन्म ,पुनर्मिलन है प्रेम। संस्कार, संभव संयोग है प्रेम, लावण्य, माधुर्य,…

मै और तुम

मै और तुम ————- अतीत के फफोले, मरहम तुम। अध्याय दुख के सहारा तुम। तपस्या उम्रभर की, वरदान तुम। बैचेनिया इस दिल की, राहत तुम।…

प्रारब्ध

प्रारब्ध ——— सदियों से ठंडी, बुझी, चूल्हे की राख में कुछ सुगबुगाहट है। राख़ में दबी चिंगारियों से चिंतित हूं मैं! अपने गीले- सूखे मन…

ऊर्जा पुंज

ऊर्जा पुंज ————- तुम ऊर्जा पुंज …..और तुम से बहता अविरल तेज! बन जाता है मेरे लिए प्रेरणा .. सृजन की। मेरे हृदय में बहने…

आहुति

आहुति ————— तुम्हारे साथ रागात्मक संबंध…. और वीणा के तार सा झंकृत मेरा हृदय….. तुम्हारा मेरा अद्भुत अनुराग …. और अंखियों की लुकाछिपी….. सुकून देती…

पुरुष

इतना भी आसान नहीं होता पुरुष होना। जिम्मेदारियों का बोझ उठाकर हरदम मुस्कुराना होता है। एक पुरुष को सशक्त होना पड़ता है अपने परिवार के…

पलाश के फूल

पलाश के फूल ——————- लाल बिछौना बनी बनस्थली जब अग्निदेव उतर आए। अपना अदभुत रूप दिखाने, पलाश के वृक्ष में आ समाए। झड़े जहां शीतल…

पुरुष

इतना भी आसान नहीं होता पुरुष होना। जिम्मेदारियों का बोझ उठाकर हरदम मुस्कुराना होता है। एक पुरुष को सशक्त होना पड़ता है अपने परिवार के…

दंगाई

दंगाई ——- आजाद देश में रहकर तुम, आजादी पाना चाहते हो! सही बात समझ में आती नहीं, और द्रोह यहां फैलाते हो!! अनपढ़ लोगों को…

दंगे

दंगे —- रात के छम्म सन्नाटे में, एक भय की आहट है। घबराहट की दस्तक है, कोई है!! का एहसास है। कल क्या होगा? की…

है शिव शम्भू!

जय शिव शंभू कृपा करो, गलतियां सभी की क्षमा करो। भोलेनाथ तुम कृपासिंधु हो, दया के सागर कृपा करो। ध्यान मग्न तुम हरदम रहते, भक्त…

होली

होली —— रंग भरे ख्वाब से, हाथ में गुलाल है। श्याम रंग में भीगने को राधा बेकरार है। नटखट कान्हा तेरी बांसुरी से प्यार है।…

मुस्कुराहटें

मुस्कुराहटें बेहद कीमती हैं, रोके ना गवाओं यूं ही। आंसुओं को छोड़ो.. रोते-रोते भी हंस जाओ कभी। जिंदगी दुखों का सागर है, सागर से प्रेम…

सिंड्रेला

प्रेम की वैतरणी में बहना तुम्हारे साथ, एक अद्भुत एहसास। जान डाल दी हो जैसे मिट्टी की गुड़िया में किसी जादूगर ने, बना दिया उसे…

छलिया

जल कुकड़े हो क्या! गुम हो जाते हो भाप से। या सूखी धरती जिसे तलाश है बरखा की। या फिर भवरे हो,। जिसे फूल फूल…

होली

हमें नहीं पता तुम्हें नहीं पता, तू क्यों है लापता खुशनुमा लम्हा। क्यों सूख रहा है वह हरा दरख़्त, किसे मिलकर सींचा था पहली दफा।…

तस्वीर

जीवन की कड़वी सच्चाई एक माला चढ़ी तस्वीर में छिपी है कुछ समय पश्चात हो तस्वीर भी नहीं रहेगी। याद का क्या है याद तो…

मुखोटे

जीत हार चलते रहते, लोग चेहरे बदलते रहते। मुखोटे लगाकर मिलते एक दूसरे से, बगल में छुरियां दबाए रखते। निमिषा सिंघल

पति और पत्नी

थोड़ी सी दिल्लगी, थोड़ा सा प्यार। थोड़ा सा गुस्सा, ज्यादा ऐतबार। ताज़गी, समर्पण आकर्षण हथियार। एक दूजे को बांधे रहे, गलबहियों के हार। रूठना,मनाना इनसे…

वज्रस्त्री

पंख काट जाल डाल .. धरती से ऊंचा ना उड़ने दिया, पुरुष महासत्ता का शिकार .. स्त्री को होना पड़ा। सुष्मिता थी वह स्त्री कुसुम,…

जीवन उपहार

जीवन उपहार ——————- कभी खुरचते कभी लेप लगाते, कभी शीतल वाणी, कभी आंखों में पानी। कभी मौन धारक ,कभी गुनगुनाते। कभी प्यार बर्षा,कभी भुनभुनाते। कभी…

नागरिकता संशोधन अधिनियम के समर्थन में

नागरिकता संशोधन अधिनियम के समर्थन में ————————————— हम वतन थे जो त्रस्त थे बाहर, उनको घर उनके बुलाया तो बुरा क्या किया! बिना टिकट सवार…

कौन हूं मैं?

कौन हूं मैं? ————- बिजलियां, आंधियां कोंधती उड़ती रहीं। धारियां, छुरियां दिल पे निशा देती रहीं। अठखेलियां, रंगरेलियां आवारगी करती रहीं। विरक्तिया,सिसकियां गम और ख़ुशी…

पिया बिना

पिया बिना ——- सुनो प्रिय! मेरा हृदय करे स्पंदन आंखों से फैला ये अंजन भूख प्यास सब लगते झूठे पिया बसंती तुम जो रूठे। सूखे…

गज़ल

गज़ल ——- जहर यह उम्र भर का एक पल में पी लिया हमने। तुम्हारे साथ जन्मो जन्म रिश्ता जी लिया हमने। 1.मुकम्मल ना हुआ तो…

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