(लेख) नारी

आज नारी के पास क्या नहीं है। फिर भी पुरुष उसे अपनों से कमजोर ही समझ रहे है।जबकि,आज हमारी सरकार नारी के प्रति तरह तरह…

आठवां अजूबा

गुवाहाटी शहर कर्फ्यू से ग्रस्त था। जहां तहां शोर मची थी। रास्ते पे इन्सान तो क्या जानवर तक चलने में कतराते थे। सारा शहर भयाक्रांत…

बेटी प्रज्ञा

रोहन काका फोर्थ ग्रेड की नौकरी करके अपने दो बेटे प्रदीप ,प्रताप एवं बेटी प्रज्ञा को पढ़ाया लिखाया। प्रज्ञा को ग्रैजुएट करने के बाद ही…

क़हर

एक तरफ कर्ज तो दूसरी तरफ महामारी करोना। कैसे जिये हम यही कहता है आज सारा ज़माना।। कमाते है हम तब ही दो वक्त की…

गंगा काशी

माँ बाप को दु:ख न देना उसने ही तुम्हें चलना सिखाया जिस पैर पर चल कर तुमने कामयाबी हासिल की उसी पैर पर उसने कभी…

दीदार

अब चलें काफी रात हो गई । आपसे मेरी दो बातें हो गई।। वक्त और ठंड के तकाजा है। चलो आप से दीदार तो हो…

एक ही दीया

हम सब दीप तो जलायेंगे, बाहरी अंधेर को दूर करने के लिए। मगर हम वो दीप कब जलायेंगे मन में छिपे अंधेर को दूर करने…

दु:ख

कभी कभी दु:ख को गले लगा कर भी जीना पड़ता है। तभी तो सुख से ज्यादा इस जहाँ में दुःख की महता है।। जब तक…

लोग कहने है मुहब्बत किसी १ से होता है। क्या इस युग में भी किसी १ से ही होता है।।

लत

तुम हर मर्तबा यही कहते हो, इश्क़ बुरी लत है। चुपके चुपके दिल चुरा लेना,ए कौन सा लत है।।

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