शेर

बेवफाई के बाजार में ए दोस्त वफाई नहीं मिलती। सब है यहाँ धोखेबाज़ कोई प्रेम कली खिलती तो कैसे खिलती ।।

ए चाहत

एक दिन दिल ने जब कहा , वहाँ दग़ाबाज़ों का बसेरा है। नादान चाहत से तब मैं कहा , संभल वहाँ जरूर कोई सपेरा है।।

घात

मेरी मुहब्बत को उसने भरी महफिल में तमाशा बना दिया। मैने जब दी उसे तोहफ़ा, तब उसने ज़हरीली मुस्कान लेती हुई मेरे मुंह पे फेंक…

ठोकर

पत्थर समझ के ए ज़माना, मुझे ठोकर पे ठोकर न मार। कभी कभार पत्थर भी बन जाता है तलवार की धार।।

गंगा

गंगा स्वच्छ है तो देश स्वच्छ है। यानी नारी ही देश की गंगा है।। इनके ही पवित्रता से । हर दिन नया प्रभात उगा है…

वक्त

वक्त के सिकन्दर से पूछो दोस्त कितनी ताक़त है वक्त में । ठोकरें खा के भी वक्त को झुकने नहीं दिया इस ज़माने में।।

गोधूलि

फिर वही ढलती गोधूलि मन में एक एहसास जगा दिया। नादान था दिल, बिना सोचे दिल दग़ाबाज़ को दे दिया।।

नाकाम

हम दो जिस्म एक जान हो कर भी ज़माने को हम कहाँ झुका पाए आज फिर ज़माना मुहब्बत पे भारी पड़ी आखिरी बार भी तुम्हें…

राह में रोड़े

ए दोस्त सोचो,अगर राह में रोड़े न होते। जीवन के परिभाषा, हम कैसे समझ पाते।। यही रोड़े सभी को जीवन धारा बदल दिया। वरना संसार…

शकुन

हम वो शख्स नहीं जो, गड़े मुर्दे को भी कब्र में सोने न दे। मुद्दत बाद नींद आयी है कम से कम कुछ पल सोने…

शेर

हमने दर्द को दावत दे दिया अपनी गुलिस्ताँ में। देखें क्या रंग लाती है इन अमीरों के अंजुमन में।।

चाहत

आ सनम तुझे मैं आज, अपनी इन गेसूओं में छुपा लूं। ए आँखें बंद होने से पहले, मैं तुझे आँखों में बसा लूं।।

मर्द

जिसने परखा औरत के दर्द। वही कहलाया जवां एक मर्द।। भाई ताक़त से नहीं जाना जाता। उसे उसका हक़ दो तो ही मर्द।। हुकूमत की…

हिन्दुस्तान हमारा (स्वतंत्रता दिवस प्रतियोगिता)

अपना देश कितना सुंदर कितना प्यारा। हर देश से प्यारा देश हिन्दुस्तान हमारा।। हिन्दी है हम हिन्दी ही मेरा परम धरम। इसलिए तो गर्व करे…

तिरंगा

हमारा आन तिरंगा है, हमारा बान तिरंगा है। हमारा शान तिरंगा है, हमारा जान तिरंगा है।। हमारा धर्म तिरंगा है, हमारा कर्म तिरंगा है। हमारा…

तस्वीर

मैने वो तस्वीर फाड़ दी जिस तस्वीर को देख कर, हम कभी बेहतरीन ग़ज़ल लिख लिया करते थे। हकिक़त जब सामने आई तस्वीर को जोडना…

🏡 संसार

कभी माँ का प्यार तो कभी बहन का प्यार। यही प्यार के रिश्ते में बना है हमारा घर संसार।। काश!!! यह पवित्र रिश्ते हम में…

संजना

सावन में ए सखी, खनके क्यों कँगना। कोयलिया गीत सुनाए ,क्यों मेरे घर अँगना।। बार बार दिल धड़काए, प्यास जगाए। जाने क्या करेगी, मेरी नादान…

संजना

सावन में ए सखी, खनके क्यों कँगना। कोयलिया गीत सुनाए ,क्यों मेरे घर अँगना।। बार बार दिल धड़काए, प्यास जगाए। जाने क्या करेगी, मेरी नादान…

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