Rita arora jai hind
रात मैंने एक सपना देखा
आसमान से कुछ परियां आई
उनके सुंदर पंख लगे थे
सिर पर उनके सुंदर मुकुट था
होंठ उनके सुर्ख लाल थे
चेहरे पर उनके नूर था
आँखों में कुछ सुरूर था
हाथ में उनके जादूई छड़ी थी
पास आकर मेरे मुझे जगाया
मैंने पूछा कौन हो तुम
बोली वो मुझसे धीमे से
हम हैं कुछ नन्ही सी परियां
परीलोक से उतरी हैं
पृथ्वी लोक का भ्रमण करने
क्या धरती की सैर कराओगे
बागों में हमें ले जाओगे
पेड़ों पर झूला झुलाओगे
थिएटर में फिल्म दिखाओगे
मंत्रमुग्ध सी हो कर मैंने
उनसे कुछ सवाल किये
बदले में क्या दोगी मुझको
बोली कुछ हँसकर वो मुझसे
साथ नहीं हम लायीं कुछ भी
ये जादू की छड़ी है हमपर
इसे तुम्हें हम दे देंगी
जो कुछ भी तुम मांगोगे इससे
वही तुम्हें यह ला देगी
जैसे ही मैंने छड़ी को थामा
आँख मेरी खुल गयी
सुंदर सपना टूट गया
?? रीता जयहिंद ??
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