मुक्तक

August 18, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

ख्वाबों के जहाँन हमेशा नहीं रहते!

जख्मों के निशान हमेशा नहीं रहते!

रुकते नहीं हैं रास्ते मंजिल के कभी,

दर्द़ के तूफान हमेशा नहीं रहते!

 

रचनाकार- मिथिलेश राय #महादेव’

मुक्तक

August 16, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

क्यों है तेरी बेरुखी क्यों तुम बदल गये हो?

बेबसी के कदमों से मुझको कुचल गये हो!

सूरतें उम्मीदों की अब आती नहीं नजर,

मजबूरी के साँचे में क्यों तुम ढल गये हो?

 

रचनाकार- मिथिलेश राय #महादेव’

मुक्तक

August 7, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

तेरे लिए मैं तो भूला हूँ जमाने को!

यादें ले आती हैं गुजरे अफसाने को!

तेरा जिक्र आता है जब किसी महफिल में,

दर्द खोज लेता है मेरे ठिकाने को!

 

रचनाकार- मिथिलेश राय #महादेव’

मुक्तक

August 3, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

मेरी तन्हाई में दिल की बात होने दो!

मेरी जिन्द़गी की तन्हा रात होने दो!

सरहदें पिघल रहीं हैं तेरी यादों की,

हसरतों से मेरी मुलाकात होने दो!

 

Composed by #Mahadev

मुक्तक

July 31, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

तेरा ख्वाब पलकों में पुराना नहीं होता!

तेरे बगैर मेरा मुस्कुराना नहीं होता!

मिल जाती मंजूरे-नजर मुझको जो तेरी,

दर्द का यूँ जिन्दगी में आना न होता!

 

Composed by महादेव

 

मुक्तक

July 24, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

मेरी उल्फत़ को अभी कोई नाम न दो!
मेरी जिन्द़गी को कोई इल्जाम न दो!
बहके हुये इशारों से तड़पाओ न मुझे,
सुलगे हुये इरादों की कोई शाम न दो!

Composed By #महादेव

मुक्तक

July 22, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

बीता हुआ जमाना आया है याद मुझे!
तेरे दर्द़ का तड़पाता फरियाद़ मुझे!
जिन्दगी बेताब है तुमको फिर पाने को,
हसरतें बेसब्र हैं करने को बर्बाद मुझे!

Composed By #महादेव

मुक्तक

July 20, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

तेरा जिक्र दर्द का बहाना बन जाता है!
मेरे ख्यालों का अफसाना बन जाता है!
तेरी आरजू में तड़पती है जिन्द़गी,
यादों का दिल में ठिकाना बन जाता है!

Composed By #महादेव

मुक्तक

July 19, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

मेरी तन्हाई से दिल की बात होने दो!

मेरी जिन्द़गी की तन्हा रात होने दो!

सरहदें पिघल रही हैं तेरी यादों की,

हसऱतों से मेरी मुलाकात होने दो!

 

Composed By #महादेव

मुक्तक

July 16, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

उम्र गुजर जाती है इंसान को समझने में!

जिन्दगी थक जाती है जहाँन को समझने में!

खो जाती है लहरों में कश्तियाँ इरादों की,

डूबता है काफिला तूफान को समझने में!

 

Composed By #महादेव

मुक्तक

July 13, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

मेरे ख्यालों में सिर्फ तेरी यादें हैं!

जेहन में गूंजती दर्द की फरियादें हैं!

ख्वाब की दरारों में भटकी है जिन्दगी,

दिल के आईने में टूटती मुरादें हैं!

 

Composed By #महादेव

मुक्तक

July 10, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

जबसे आप मुझसे पराये हुए हैं!

दर्द-ए-सितम मुझको सताये हुए हैं!

मुझसे रूठी हैं मंजिलें मेरी,

अपनी जिन्दगी को भुलाये हुए हैं!

 

Composed By #महादेव

मुक्तक

July 6, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

जी रहा हूँ तेरा मैंइंतजार करते करते!

अब उम्र थक रही है ऐतबार करते करते!

कबतलक मैं देखूंगा राह उम्मीदों की,

खत्म हो रहा हूँ मैं प्यार करते करते!

Composed By #महादेव

मुक्तक

July 3, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

निगाहें मिलाकर भी नज़र तुम चुराते हो!

अदाओं से मेरा जिग़र तुम जलाते हो!

जिन्द़गी धधक रही है चाहत में तेरी,

इसकदर ख्यालों में आग़ तुम लगाते हो!

Composed By #महादेव

मुक्तक

June 29, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

तेरे सिवा कुछ मुझे नज़र आता नहीं है!

मेरा सफर यादों का गुजर पाता नहीं है!

राहें खींच लेती हैं इरादों की इसतरह,

ख्वाबे-जुत्सजू तेरा मुकर पाता नहीं है!

Composed By #महादेव

मुक्तक

June 28, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

तुझे सोचना ही मुझे जूनून देता है!
तेरे सिवा कुछ भी नहीं सकून देता है!
रूकी हुयी है तेरे लिए तकदीर मेरी,
तेरा ख्वाब लफ्जों को मजमून देता है!

Composed By #महादेव

मुक्तक

June 24, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

अज़ब बेकरारी हो जाती है हर शाम को!

हऱ घड़ी जुबाँ पर लेता हूँ तेरे नाम को!

दर्द की जंजीर से जकड़ जाती है जिन्द़गी,

खोजता हूँ हरलम्हा मयक़शी के जाम को!

Composed By #महादेव

मुक्तक

June 23, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

वक्त के साथ-साथ बदल रहे हो तुम!
वफा की राह़ में फिसल रहे हो तुम!
हो गयी है दूरी दिलों के दरमियाँ,
दर्द की तस्वीरों में ढल रहे हो तुम!

Composed By #महादेव

मुक्तक

June 21, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

मेरे हरेक पल का इंतजार हो तुम!
मेरी ज़िन्दगी का ऐतबार हो तुम!
मेरी मंजिलें हैं अब तेरी आरजू,
मेरी धड़कनों में बेशुमाऱ हो तुम!

Composed By #महादेव

मुक्तक

June 19, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

खामोश हूँ मगर हर बात समझ लेता हूँ!
तेरी नजरों की जज्बात समझ लेता हूँ!
हरवक्त देख लेता हूँ ख्यालों में तुमको,
तेरी साँसों की मुलाकात समझ लेता हूँ!

Composed By #महादेव

मुक्तक

June 17, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

होते ही शाम मेरी तबीयत मचल जाती है!
तेरी शमा चाहत की ख्याल में जल जाती है!
मेरे लफ्ज़ कांपते हैं तेरा नाम लेकर,
तेरी आरजू हर सकून को निगल जाती है!

Composed By #महादेव

मुक्तक

June 16, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

मेरी जिन्दगी में कभी ऐसा भी मुकाम हो!
मेरा नाम तेरे लब पर सुबह और शाम हो!
रोशनी करीब रहे बस तेरे दीदार की,
सामने मेरी नजर के ऐसा इंतजाम हो!

Composed By #महादेव

मुक्तक

June 16, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

मैं अपने साथ तेरी बात ले आया हूँ!
जिन्द़गी भर की मुलाकात ले आया हूँ!
मुझे अब खबर नहीं है शाम और सहर की,
दिल में हर दर्द़ की सौगात ले आया हूँ!

Composed By #महादेव

मुक्तक

June 13, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

आज की रात तन्हा नम सी है!

जिस्म में जिन्द़गी कुछ कम सी है!

ख्वाब बेशुमार हैं फिर जागे हुए,

पलक में चाहत भी शबनम सी है!

Composed By #महादेव

मुक्तक

June 5, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

तुम नहीं हो पास तो कुछ भी नहीं है!
मैं हूँ कहीं मेरी #जिन्दगी कहीं है!
खोजता हूँ अपने वजूद को मगऱ,
तुम हो जहाँ मेरी मंजिल़ वहीं है!

Composed By #महादेव

मुक्तक

June 3, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

तुम भी इस जमाने में किसी से प्यार कर लो!
गम की सरहद पर खुशियों की दीवार कर लो!
मर रही है जिन्दगी दौलतों की चाहत में,
खुद को इस मर्ज से कभी तो दरकिनार कर लो!

Composed By #महादेव

मुक्तक

June 2, 2016 in Other

तेरी मुलाकात मुझे अब याद नहीं है!
अश्क की बरसात मुझे अब याद नहीं है!
रफ्ता-रफ्ता गुजर रही है जिन्दगी मगर,
दर्द़ की सौगात मुझे अब याद नहीं है!

Composed By #महादेव

मुक्तक

May 31, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

तुम्हें याद करते-करते खामोश सा हो जाता हूँ!
अपने ही जुदा ख्यालों से मदहोश सा हो जाता हूँ!
जब भी करीब आता है तेरे ख्वाबों का काफिला,
अपने आशियाने में खानाबदोश सा हो जाता हूँ!

#महादेव

मुक्तक

May 31, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

क्यों एक दूसरे से दूर हो गये हम?
वक्त के सितम से मजबूर हो गये हम!
टूटी है इसतरह से जिन्दगी मेरी,
दर्द की महफिल में मशहूर हो गये हम!

Composed By #महादेव

मुक्तक

May 26, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

हर शक्स अपने आप में बिमार जैसा है!
दिल में है दर्द आँखों में खुमार जैसा है!
जल रहा है दामन हरतरफ उम्मीदों का,
जिन्द़गी से हर कोई लाचार जैसा है!

Composed By #महादेव

मुक्तक

May 25, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

तेरे लिए खुद़ को हम खोते चले गये!
जिन्दगी को अश्क से भिगोते चले गये!
धड़कनों में घुल गयी हैं यादें इसतरह,
मयकशी में दर्द़ को डूबोते चले गये!

Composed By मिथिलेश राय ( महादेव )

मुक्तक

May 22, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

हुयी है अभी शाम मगर रात हो जाने दो!
तपते हुए इरादों को दर्द में खो जाने दो!
जब जागते हैं ख्वाब भी तड़पाते हुए मुझे,
दो घड़ी के लिए मुझे चैन से सो जाने दो!

Composed By #महादेव

मुक्तक

May 20, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

चाहतों की ख्वाहिश फिर से बहक रही है!
तेरी बेरुखी से मगर उम्र थक रही है!
मेरा सब्र बिखर रहा है बेकरारी से,
तेरे लिए जिन्दगी फिर से चहक रही है!

Composed By #महादेव

मुक्तक

May 18, 2016 in Other

तेरी लहर मिल गयी है यादों की फिर से!
तस्वीर मिल गयी है इरादों की फिर से!
डूबी है फिर जिन्दगी तेरे अफसानों में,
जागीर मिल गयी है मुरादों की फिर से!

Composed By #महादेव

मुक्तक

May 17, 2016 in Other

मुझे तुम किसलिए जगाते हो यूँ रातों में?
नींद आती नहीं ख्वाहिश-ए-मुलाकातों में!
लिपट गयी हैं हसरतें यादों से इसतरह,
जिन्दगी मदहोश है तेरे ख्यालातों में!

Composed By #महादेव

मुक्तक

May 16, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

जब तेरे ख्याल से मुलाकात हो जाती है!

तूझे याद करते करते रात हो जाती है!

रूकता नहीं है सिलसिला इरादों का मेरे,

जब ख्वाबों से रूबरू बात़ हो जाती है!

 

Composed By #महादेव

मुक्तक

May 16, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

जख्म जिन्दा है तेरा याद भी आ जाती है!

खामोश लम्हों में चाहत तेरी रुलाती है!

मैं जी रहा हूँ तन्हा गम-ए-हालात से मगर,

चुभन से ख्वाबों की आँख मेरी भर आती है!

 

Composed By #महादेव

मुक्तक

May 13, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

कबतलक तेरा इंतजार करें?

दर्द की नुमाइश हर बार करें!

उलझी हैं मंजिलें हालात से,

कबतलक तुमको हम प्यार करें?

 

Composed मिथिलेश राय ‘ महादेव ‘

मुक्तक

May 12, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

किसी के वास्ते हम भी कमाल कर लेते हैं!

अपने हर सकून का बुरा हाल कर लेते हैं!

खोखले रिवाजों में हम जीते हैं जिन्दगी,

मगर हम तकदीरों से मलाल कर लेते हैं!

 

Composed By #महादेव

मुक्तक

May 12, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

गम-ए-तकदीर के भी कैसे नजारे हैं!

खौफ़ की राह पर ख्वाब सब हमारे हैं!

मंजिलों को खोजती है ज़िन्दगी कोई,

किसी की ख्वाहिशें ही टूटते सितारे हैं!

Composed By #महादेव

मुक्तक

May 10, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

मैं जी रहा हूँ तेरी कहानी बनकर!

दीवानगी की तेरी रवानी बनकर!

नाखुदा सी बन गयी हैं चाहतें मेरी,

जख्में-जिगर में तेरी निशानी बनकर!

 

Composed By #महादेव

मुक्तक

May 6, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

जिन्दगी कभी आज है कभी कल होती है!
कभी तन्हा कभी धूप की सकल होती है!

लेना-देना पाना-खोना है जिन्द़गी,

रोती हुयी आवाज ही गज़ल होती है!

 

Composed By #महादेव

मुक्तक

May 6, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

तेरे बगैर जिन्दगी की सूरत क्या है?

तेरे बगैर कुछ भी खूबसूरत क्या है?

जिन्दा हैं मेरी साँसें सोचकर तुमको,

तेरे बगैर जीने की जरूरत क्या है?

Composed By मिथिलेश राय ( महादेव )

शायद मेरे गम की कभी रात आखिरी हो

May 4, 2016 in शेर-ओ-शायरी

शायद मेरे गम की कभी रात आखिरी हो!
तेरे दर्द़ से कभी मुलाकात आखिरी हो!
मैं कबतक याद रखूँ तेरे अफसानों को?
तेरी यादों से तो कभी बात आखिरी हो!

Composed By #महादेव
mkraihmvns@gmail.com

टूटते ख्वाबों के अफसाने बहुत से हैं

May 1, 2016 in शेर-ओ-शायरी

टूटते ख्वाबों के अफसाने बहुत से हैं!
मयकशे-जाम के भी बहाने बहुत से हैं!
एक तू ही नहीं है तन्हा गम-ए-हालात से,
शमा-ए-हुस्न के भी परवाने बहुत से हैं!

Composed By #महादेव

मेरी आरजू तो तुमको पाने की थी

April 19, 2016 in शेर-ओ-शायरी

मेरी आरजू तो तुमको पाने की थी!
हर कोशिश तेरी महफिल सजाने की थी!
समझ न पाया मैं तेरी बेवफाई को,
तेरी अदा हर शक्स को सताने की थी!

Composed By #महादेव

होकर जुदा तुमसे हर शाम यूँ ही होती है

April 16, 2016 in शेर-ओ-शायरी

होकर जुदा तुमसे हर शाम यूँ ही होती है!
शामों-सहर जिन्दगी तमाम यूँ ही होती है!
मैं खोजता हूँ सब्र को जाम के पैमानों में,
मेरी मयकशी तेरे नाम यूँ ही होती है!

Composed By #महादेव

मिल गया अंजाम मुझे तुमसे दिल लगाने का

April 13, 2016 in शेर-ओ-शायरी

मिल गया अंजाम मुझे तुमसे दिल लगाने का!
#दर्द मुझे होता है जैसे किसी परवाने का!
नाकामियों के आलम से परेशान हूँ मगऱ,
हौसला अभी बाकी है बेखौफ मुस्कुराने का!

Composed By #महादेव

दर्द देकर चैन से तुम जीने नही देते

April 11, 2016 in शेर-ओ-शायरी

दर्द देकर चैन से तुम जीने नही देते!
बेरहम जख्मों को तुम सीने नही देते!
खोजता हूँ जिन्दगी जाम के पैमानों में,
उसको मगर चैन से तुम पीने नही देते!

Composed By #महादेव

तेरी यादों की चुभन रातभर तड़पाती रही

April 9, 2016 in शेर-ओ-शायरी

तेरी यादों की चुभन रातभर तड़पाती रही!
मेरी साँस तेरे नाम से आती जाती रही!
गमों की आग में हरलम्हा जल रहा हूँ मैं,
तेरी आरजू मुझे रातभर रूलाती रही!

Composed By #महादेव

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