मुक्तक

June 7, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

जब भी ख्यालों में यादों की लहर आती है!
#दर्द की बेचैनी में रात गुजर जाती है!
अश्कों में घुल जाता है ख्वाबों का आशियाँ,
मेरी जिन्दगी को तन्हाई तड़पाती है!

मुक्तककार-#मिथिलेश_राय

मुक्तक

June 6, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

मेरा ख्याल तेरी यादों से डर जाता है!
मेरे दर्द को दिल में गहरा कर जाता है!
जब भी करीब आती हैं बारिशों की बूँदें,
मौसम चाहतों का अश्कों से भर जाता है!

मुक्तककार-#मिथिलेश_राय

मुक्तक

June 5, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

तुम मेरी चाहतों में हरवक्त बेशुमार हो!
तुम मेरी धड़कनों में आ जाते हर बार हो!
अब मुश्किल बहुत है रोकना तेरे सुरूर को,
तुम मेरी निगाहों में ठहरा हुआ खुमार हो!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

June 3, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

कबतक तेरी याद में तड़पता मैं रहूँ?
कबतक तेरी चाह में तरसता मैं रहूँ?
डूबा हूँ मैं कबसे पैमानों में मगर,
कबतक तेरे दर्द से गुजरता मैं रहूँ?

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

May 31, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

मेरी नजर के सामने साकी रहने दो!
हाथों में अभी जाम को बाकी रहने दो!
धधक रही हैं तस्वीरें यादों की दिल में,
अश्कों में अभी दर्द की झांकी रहने दो!

महादेव की कविताऐं’ (मात्रा भार 24)

मुक्तक

May 29, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

तेरी दिल में ख्वाहिश आ ही जाती है!
जख्मों की फरमाइश आ ही जाती है!
आवाज गूँजती है जब भी यादों की,
हर ख्वाब की नुमाइश आ ही जाती है!

#महादेव_की_कविताऐं’

मुक्तक

May 28, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

तेरी दिल मे ख्वाहिश आ ही जाती है!
जख्मों की फरमाइश आ ही जाती है!
आवाज गूँजती है यादों की जब भी,
हर ख्वाब की नुमाइश आ ही जाती है!

#महादेव_की_कविताऐं’

मुक्तक

May 27, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

हर शाम चाहतों की आहट सी होती है!
हर शाम जिगर में घबराहट सी होती है!
जब रंग तड़पाता है तेरी अदाओं का,
मेरी साँसों में गर्माहट सी होती है!

मुक्तककार- #महादेव’

मुक्तक

May 26, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

हर शख्स निगाहों में प्यार लिए रहता है!
हर वक्त जेहन में खुमार लिए रहता है!
जब कभी रुक जाती है राह मंजिलों की,
दर्द का जिगर में बाजार लिए रहता है!

मुक्तककार- #महादेव'(23)

मुक्तक

May 25, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

जब भी यादों की तस्वीर नजर आती है!
तेरे ख्यालों की जागीर नजर आती है!
मैं जब भी ढूँढता हूँ जिन्दगी की राहें,
तेरी बाँहों में तकदीर नजर आती है!

महादेव की कविताऐं’

मुक्तक

May 25, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

मुझको तेरी जुदाई मार डालेगी!
मुझको गमे-तन्हाई मार डालेगी!
कबतलक जी पाऊँगा तन्हा इसतरह?
मुझको गमे-रुसवाई मार डालेगी!

मुक्तककार- #महादेव’

मुक्तक

May 23, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

तेरे लिए मैं तन्हा होता जा रहा हूँ!
तेरे लिए मैं खुद को खोता जा रहा हूँ!
अश्कों में मिल गयी हैं यादों की लहरें,
तेरे लिए मैं तन्हा रोता जा रहा हूँ!

मुक्तककार- #महादेव’

मुक्तक

May 22, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

हुई है शाम मगर रात को होने दो!
अपनी तन्हाई में मुझको खोने दो!
बेकरार ख्वाब हैं आने को नजर में,
थोड़ी देर चैन से मुझको सोने दो!

मुक्तककार- #महादेव’

मुक्तक

May 21, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

कभी कभी मैं खुद से पराया हो जाता हूँ!
दर्द की दीवार का एक साया हो जाता हूँ!
जब बेखुदी के दौर से घिर जाता हूँ कभी,
नाकाम हसरतों का हमसाया हो जाता हूँ!

#महादेव_की_कविताऐं’

मुक्तक

May 20, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

तेरी आरजू है फिर करीब आयी सी!
तेरे हुस्न की तस्वीर मुस्कुरायी सी!
याद आ रही है तेरी रूबरू लेकिन,
ढूँढती नजर में दर्द की गहरायी सी!

#महादेव_की_कविताऐं’

मुक्तक

May 18, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

कबतक जी सकूँगा नाकाम होते होते?
कबतक जी सकूँगा गुमनाम होते होते?
भटक रहा हूँ तन्हा मंजिल की तलाश में,
कबतक जी सकूँगा बदनाम होते होते?

#महादेव_की_कविताऐं’

मुक्तक

May 18, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

कैसे कहूँ कि अब तुमसे प्यार नहीं रहा!
कैसे कहूँ कि तेरा इंतजार नहीं रहा!
हरपल करीब होती है तेरी जुस्तजू,
कैसे कहूँ कि तेरा तलबगार नहीं रहा!

मुक्तककार- #महादेव’

मुक्तक

May 17, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

मैं यादों का कभी कभी जमाना ढूँढता हूँ!
मैं ख्वाबों का कभी कभी तराना ढूँढता हूँ!
जब खींच लेती है मुझको राह तन्हाई की,
मैं अश्कों का कभी कभी बहाना ढूँढता हूँ!

#महादेव_की_कविताऐं’

मुक्तक

May 14, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

तेरे हुस्न का मैं अफसाना लिए रहता हूँ!
तेरे प्यार का मैं नजराना लिए रहता हूँ!
मैं रोक नहीं पाता हूँ यादों का कारवाँ,
तेरे दर्द का मैं गमखाना लिए रहता हूँ!

#महादेव_की_कविताऐं

मुक्तक

May 13, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

मैं दफ्न उजालों का डूबा हुआ शहर हूँ!
मैं वक्ते-तन्हाई में यादों का सफर हूँ!
ढूँढता हूँ खुद को खौफ के अंधेरों में,
मैं ख्वाहिशों की राह में बेखुदी का डर हूँ!

#महादेव_की_कविताऐं’

मुक्तक

May 13, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

कबतलक तेरा इंतजार मैं करूँ?
दर्द की नुमाइश हर बार मैं करूँ?
खौफ है कायम बेरुखी का तेरी,
कबतलक खुद को बेकरार मैं करूँ?

मुक्तककार- #महादेव

मुक्तक

May 12, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

जब तेरी नजरों से मुलाकात होती है!
चाहत की दिल से रूबरू बात होती है!
यादों का तूफान कभी रुकता नहीं मगर,
तन्हाइयों के आलम में रात होती है!

मुक्तककार- #महादेव'(24)

मुक्तक

May 10, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

तेरा ख्याल खुद को समझाने का रास्ता है!
तेरा ख्वाब खुद को बहलाने का रास्ता है!
मुश्किलों को थाम लेती है आरजू तेरी,
तेरी याद चाहत को पाने का रास्ता है!

#महादेव_की_कविताऐं’

मुक्तक

May 9, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

जी रहा हूँ तुमको पाने की आस लिए!
जी रहा हूँ साँसों में तेरी प्यास लिए!
ख्वाब बंध गये हैं नजरों की डोर से,
प्यार के रंगों में तेरा एहसास लिए!

#महादेव_की_कविताऐं”

मुक्तक

May 8, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

मेरी जिन्दगी की तस्वीर बन गये हो तुम!
मेरी मंजिलों की तकदीर बन गये हो तुम!
तूफान चल रहे हैं यादों के शामों-सहर,
दिल में चाहतों की जागीर बन गये हो तुम!

#महादेव_की_कविताऐं’

मुक्तक

May 7, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

सूरज को रोशनी का गुमान किसलिए है?
शाम तन्हाई की पहचान किसलिए है?
टूटते नजारे हैं फिजा में हरतरफ,
रात आहटों की मेहमान किसलिए है?

मुक्तककार- #महादेव’

मुक्तक

May 6, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

टूट रहा हूँ मैं गमे-अंजाम सोचकर!
टूट रहा हूँ मैं गमे-नाकाम सोचकर!
मंजिल डरी हुई है दर्द-ए-बेरुखी से,
तेरी बेवफाई का पैगाम सोचकर!

मुक्तककार- #महादेव’

मुक्तक

May 4, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

जिन्दगी में तेरी हरपल कमी रहती है!
अश्क की आँखों में हरपल नमी रहती है!
दौर भी है कायम तेरी तमन्नाओं का,
दर्द की ख्यालों में हरपल जमीं रहती है!

#महादेव_की_कविताऐं’

मुक्तक

May 2, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

तेरी जुल्फ से खुद को आजाद करूँ कैसे?
तेरी तमन्नाओं को बरबाद करूँ कैसे?
कदमों को रोक देती है आहट जख्मों की,
तेरी आरजू की मैं फरियाद करूँ कैसे?

मुक्तककार- #महादेव’

मुक्तक

May 2, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

हरबार तुम एक ही नादानी न करो!
हर किसी से जिक्र तुम कहानी न करो!
रूठी हुई है मंजिल प्यार की मगर,
हरबार तुम खुद की कुर्बानी न करो!

मुक्तककार- #महादेव’

मुक्तक

April 30, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

अपनी यादों को मिटाना आसान नहीं है!
अपने गम को भूल जाना आसान नहीं है!
तन्हाइयों की राह पर जब चलते हैं कदम,
सफर से लौट कर आना आसान नहीं है!

#महादेव_की_कविताऐं’

मुक्तक

April 29, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

तेरा ख्याल जब भी बार-बार आता है!
दिल में बेचैनी का किरदार आता है!
बेताब नजर से लिपट जाती हैं यादें,
तेरी गुफ्तगूं का इंतजार आता है!

#महादेव_की_कविताऐं’ (23)

मुक्तक

April 29, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

तेरा ख्याल जब भी बार-बार आता है!
दिल में बेचैनी का किरदार आता है!
बेताब नजर से लिपट जाती हैं यादें,
तेरी गुफ्तगूं का इंतजार आता है!

#महादेव_की_कविताऐं’ (23)

मुक्तक

April 28, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

मुझको फिर भूली हुई बात याद आयी है!
चाहत की सुलगी हुई रात याद आयी है!
मैं मुन्तजिर हूँ आज भी दीदार का तेरे,
मुझको फिर तेरी मुलाकात याद आयी है!

#महादेव_की_कविताऐं’

मुक्तक

April 26, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

तेरी याद जब भी आस पास होती है!
मेरी जिन्दगी खामोशी से रोती है!
घेर लेता है मुझे बेबसी का मंजर,
आरजू खुद को अश्कों में डूबोती है!

मुक्तककार- #महादेव’

मुक्तक

April 25, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

जो साथ नहीं देते वे रूठ जाते हैं!
रास्तों में अक्सर हमसे छूट जाते हैं!
दूरियाँ बन जाती हैं दिलों के दरमियाँ,
हौसले भी जिन्दगी के टूट जाते हैं!

मुक्तककार- #महादेव’

मुक्तक

April 23, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

मैं भूला था कभी तेरे लिए जमाने को!
मैं भूला था कभी अपने आशियाने को!
भटक रहा हूँ जबसे गम के सन्नाटों में,
हर शाम ढूँढता हूँ जामे-पैमाने को!

मुक्तककार-#महादेव'(24)

मुक्तक

April 21, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

तेरी चाहत मेरे गुनाह जैसी है!
तेरी चाहत दर्द की आह जैसी है!
आँखों में आहट है ख्वाबों की लेकिन,
तेरी चाहत सितम की राह जैसी है!

मुक्तककार- #महादेव'(22)

मुक्तक

April 20, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

यूँ ही दर्द हमें राहों में कबतक मिलेंगे?
हम खौफ के सन्नाटों में कबतक चलेंगे?
कदम आरजू के कभी रुकते नहीं मगर,
हम शाम की तन्हाई में कबतक जलेंगे?

मुक्तककार- #महादेव’

मुक्तक

April 19, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

मेरी कोशिश तुमको पाने की है!
अपने करीब तुमको लाने की है!
कबतक सह पाऊँगा बेताबी को?
तेरी हर अदा तो सताने की है!

मुक्तककार- #महादेव’

मुक्तक

April 17, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

मैं जिन्दगी को तन्हा बिताता रहता हूँ!
मैं दर्द को पलकों में छिपाता रहता हूँ!
चारों तरफ हैं आन्धियाँ हालात की मगर,
तेरी शमा चाहत की जलाता रहता हूँ!

मुक्तककार-#महादेव’

मुक्तक

April 16, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

उठती हुई नजर में एक आशा भी होती है!
मंजिल को छूने की अभिलाषा भी होती है!
रोशनी मौजूद है अभी जिन्दगी में लेकिन,
जज्बों के टूटने की परिभाषा भी होती है!

मुक्तककार- #महादेव'(27)

मुक्तक

April 15, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

तेरा ख्याल जख्म के रंगों से भर गया है!
रूठे हुए नसीब की आहट से डर गया है!
यादों की जंजीर से जकड़ी है जिन्द़गी,
चाहत की जुत्सजू से तन्हा मुकर गया है!

मुक्तककार- #महादेव'(25)

मुक्तक

April 15, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

उठती नजर में तेरा चेहरा नजर आता है!
मुझपर तेरे प्यार का पहरा नजर आता है!
ख्वाबों के दायरे में ठहर जाती है जिन्दगी,
ख्वाहिशों का हर आलम गहरा नजर आता है!

मुक्तककार- #महादेव’ Read the rest of this entry →

मुक्तक

April 13, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

कैसे कहूँ कि तेरा दीवाना नहीं हूँ मैं!
कैसे कहूँ कि तेरा परवाना नहीं हूँ मैं!
जब छलक रही है मदहोशी तेरे हुस्न से,
कैसे कहूँ कि आशिके-पैमाना नहीं हूँ मैं!

मुक्तककार- #महादेव’

मुक्तक

April 11, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

क्या हुआ अगर मैं खामोश हो गया हूँ!
जाम के नशे में मदहोश हो गया हूँ!
भटके हुए पलों में खोया हूँ इसतरह,
महफिलों में खानाबदोश हो गया हूँ!

मुक्तककार- #महादेव'(22)

मुक्तक

April 10, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

बंद हैं आँखें मगर कुछ बोलती रहती हैं!
राह तमन्नाओं की कुछ खोलती रहती हैं!
जिन्दा है तेरी आरजू मेरे जेहन में,
दर्द की लहरें जिगर में डोलती रहती हैं!

मुक्तककार- #महादेव'(25)

मुक्तक

April 8, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

जब जिन्दगी में आलम वीरान मिल जाते हैं!
भटकी हुई तमन्ना के निशान मिल जाते हैं!
भीगी हुई सी तन्हाई में चलते हैं कदम,
बिखरे हुए इरादों के तूफान मिल जाते हैं!

मुक्तककार- #महादेव'(26)

मुक्तक

April 7, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

किस किस को मैं अपनी नादानी को कहूँ?
किस किस को मैं दर्द की रवानी को कहूँ?
जले हुए से ख्वाब हैं अश्कों में तैरते,
किस किस को मैं प्यार की कहानी को कहूँ?

मुक्तककार- #महादेव'(23)

April 7, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

किस किस को मैं अपनी नादानी को कहूँ?
किस किस को मैं दर्द की रवानी को कहूँ?
जले हुए से ख्वाब हैं अश्कों में तैरते,
किस किस को मैं प्यार की कहानी को कहूँ?

मुक्तककार- #महादेव'(23)

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