मुक्तक

January 10, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

तेरी याद कभी कभी मुस्कान देती है!
चाहत की निगाहों में तूफान देती है!
टूटे हुए इरादे भी जुड़ जाते हैं सभी,
जिन्द़गी को ख्वाबों का जहाँन देती है!

#महादेव_की_कविताऐं’

मुक्तक

January 8, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

आज भी तेरी हर बात का असर है!
आज भी तेरी मुलाकात का असर है!
नींद भी आती नहीं यादों की चोट से,
आज भी तेरी हर रात का असर है!

#महादेव_की_कविताऐं’

मुक्तक

January 5, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

तेरी सूरत के अभी दिवाने बहुत से हैं!
तेरी अदा के अभी अफसाने बहुत से हैं!
तस्वीरे-अंजाम को मिटाऊँ किसतरह?
जख्मों के निशान अभी पुराने बहुत से हैं!

#महादेव_की_कविताऐं'(25)

मुक्तक

January 3, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

तेरे बगैर मेरी तन्हा रात हुआ करती है!
दर्द और तन्हाई से बात हुआ करती है!
बेचैनी तड़पाती है चाहत की महादेव,
आँखों से अश्कों की बरसात हुआ करती है!

#महादेव_की_कविताऐं'(26)

मुक्तक

January 1, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

तेरी यादों की लहर मुझको तरसाती है!
तेरी चाहत की चुभन मुझको तड़पाती है!
तेरा ख्याल मुझको रुलाता है महादेव,
रातभर तेरी तमन्ना मुझको जलाती है!

#महादेव_की_कविताऐं’

मुक्तक

December 29, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

सोचता हूँ तेरा मैं इरादा छोड़ दूँ!
सोचता हूँ मंजिलों का वादा तोड़ दूँ!
कबतलक देखूँ अदाओं को महादेव?
हुस्न की निगाहों का इशारा मोड़ दूँ!

#महादेव_की_कविताऐं’

मुक्तक

December 27, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

तेरी चाहत में तन्हा मेरी शाम है!
हरवक्त ख्यालों में दर्द का पैगाम है!
तेरी हसरतों से जिन्दा हूँ महादेव,
तेरी यादों में हाथों में फिर जाम है!

#महादेव_की_कविताऐं (23)

मुक्तक

December 22, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

मैंने काश अगर तुमको पहचाना होता!
मेरी भी जिन्दगी में मुस्कुराना होता!
बेबसी न होती तन्हाई की महादेव,
मेरा कभी मयखानों में न जाना होता!

#महादेव_की_कविताऐं (24)

मुक्तक

December 18, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

आपके आ जाने से फिर बहार आ गयी है!
हरतरफ तेरी खुशबू खुशगवार आ गयी है!
आलम भी वीरान था इरादों का महादेव,
मेरी जिन्दगी फिर से एक बार आ गयी है!

#महादेव_की_कविताऐं

मुक्तक

December 16, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

मैंने जिन्दगी को तेरे नाम कर दी है!
तेरी आरजू को सारेआम कर दी है!
कोई डर नहीं है अंजाम का महादेव,
हर जंग जमाने से खुलेआम कर दी है!

#महादेव_की_कविताऐं

मुक्तक

December 12, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

होते ही सहर मुझको खामोशी घेरती है!
तेरे प्यार की मुझको मदहोशी घेरती है!
मुमकिन नहीं है रोकना ख्यालों को महादेव,
तेरे दर्द की मुझको सरगोशी घेरती है!

#महादेव_की_कविताऐं’ (26)

मुक्तक

December 10, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

मुझे जब तेरा रुख़सार याद आता है!
वक्त का ख्याले-बेकरार याद आता है!
दर्द से बिखरी हुयी सी हसरतें महादेव,
मुझे हर पल का इंतजार याद आता है!

मुक्तककार- #महादेव’

मुक्तक

December 7, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

तेरी तम़न्ना ही मेरी हमराह है!
मेरी मंजिल भटकी हुयी सी राह है!
किसतरह चाहत को मिटाऊँ महादेव?
तेरी आरजू ही बन गयी गुनाह है!

मुक्तककार- #महादेव’

मुक्तक

December 7, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

आज भी मैं तेरा इंतजार करता हूँ!
शामों-सहर खुद को बेकरार करता हूँ!
जी रहा हूँ तन्हा ख्यालों में महादेव,
शायद मैं अब भी तुमसे प्यार करता हूँ!

मुक्तककार- #महादेव’

मुक्तक

December 1, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

वक्त बदल गया है मगऱ ख्वाब नहीं बदला!
तेरी मस्त अदाओं का शबाब नहीं बदला!
चाहत का जुनून अभी जिन्दा है महादेव,
तेरी जुल्फों का अभी आदाब नहीं बदला!

मुक्तककार- #महादेव’

मुक्तक

November 27, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

अपनी यादों में बार बार खोने दे मुझे!
अपने ख्यालों में बार बार होने दे मुझे!
अश्क़ भी बेताब हैं पलकों में महादेव,
अपनी चाहत में बार बार रोने दे मुझे!

मुक्तककार- महादेव’

मुक्तक

November 25, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

हो कर दूर तुमसे मैं जाऊंगा कहाँ?
तेरे बिना मंजिल को पाऊंगा कहाँ?
दर्द चुभ रहें हैं साँसों में महादेव,
अश्कों को दामन में छुपाऊंगा कहाँ?

मुक्तककार- #महादेव’ (मात्रा भार 22)

मुक्तक

November 21, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

जिसतरह हमारे दिन रात बदल जाते हैं!
जिन्द़गी के भी हालात बदल जाते हैं!
रंग बदल जाते हैं ख्यालों के महादेव,
लोगों के दिल में जज्बात बदल जाते हैं!

मुक्तककार- #महादेव’ (मात्रा भार 24)

मुक्तक

November 20, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

जब किसी से जिन्द़गी प्यार करती है!
चाहत को दिल में बेकरार करती है!
दिन गुजर जाता है यादों में महादेव,
रात भर किसी का इंतजार करती है!

मुक्तककार- #महादेव’

मुक्तक

November 12, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

आज भी मुझे याद है हर बात तेरी!
जुल्फ से हवाओं की मुलाकात तेरी!
हुस्न की लहर में बिखरी सी महादेव,
अनकही अदाओं की हर रात तेरी!

मुक्तककार-#महादेव’

मुक्तक

November 9, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

मेरी नज़र से दूर तुम जाया न करो!
मेरे हसीन ख्वाब को तड़पाया न करो!
तेरे लिए बेसब्र हैं ख्वाहिशें महादेव,
मेरी मंजिलों पर गम का साया न करो!

मुक्तककार- #महादेव’

मुक्तक

November 8, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

गम-ए-अंजाम को तेरे नाम मैं करता हूँ!
तेरी दर्दे-महफिल को सलाम मैं करता हूँ!
जिन्दा है अभी शौक जल जाने का महादेव,
शामों सहऱ सिर्फ यही काम मैं करता हूँ!

#महादेव की कविताऐं

मुक्तक

November 5, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

मेरी शाम जब तेरा इंतजार करती है!
धड़कनों में यादों को बेशुमार करती है!
खुली हुयी सी रहती हैं हसरतें पलकों की,
ख्वाहिशों को जिगर में बेकरार करती है!

मुक्तककार- #महादेव’

मुक्तक

November 5, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

तेरी याद मेरी कहानी बन गयी है!
जिन्दगी दर्द की निशानी बन गयी है!
किसतरह भुला दूँ मैं ख्वाबों को महादेव?
जब साँस भी तेरी रवानी बन गयी है!

मुक्तककार – #महादेव’

मुक्तक

October 30, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

तेरा ख्याल मुझको सताता रहता है!
तेरा ख्वाब मुझको रुलाता रहता है!
किसतरह भुला दूँ यादों को महादेव?
चाहत का हर मंजर आता रहता है!

मुक्तककार- #महादेव’

मुक्तक

October 23, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

सामने है साकी मंजिल भी शराब है!
मेरी हसरतों में तेरा ही शबाब है!
तेरी प्यास जल रही है कब से जिगर में,
हुस्न का निगाहों में फैलता महताब है!

मुक्तककार- #महादेव’

मुक्तक

October 19, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

तुमको मेरी याद कभी तो आती होगी!

तेरी रूह को कभी तो तड़पाती होगी!

जब नज़र आता होगा रंग बहारों का,

कुछ-कुछ तेरी जान कभी तो जाती होगी!

 

मुक्तककार-#महादेव’

मुक्तक

October 18, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

मेरी शाम जब तेरा इंतजार करती है!

धड़कनों में यादों को बेशुमार करती है!

खुली हुयी सी रहती हैं हसरतें पलकों की,

ख्वाहिशों को जिगर में बेकरार करती है!

 

मुक्तककार- #महादेव’

मुक्तक

October 15, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

हरवक्त मैं तुमसे बात किया करता हूँ!
यादों से मैं मुलाकात किया करता हूँ!
हर ख्वाब बेइंतहाँ जलाता है लेकिन,
तुमसे गुफ्तगूँ हर रात किया करता हूँ!

मुक्तककार- #महादेव’

मुक्तक

October 14, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

शामे-आलम में तेरी प्यास चली आती है!
लहर ख्वाहिशों की मेरे पास चली आती है!
दर्द की दीवारों से टकराती है जिन्द़गी,
ख्वाबों की तस्वीर बदहवास चली आती है!

मुक्तककार-#महादेव’

मुक्तक

October 10, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

किसलिए हर आदमी खुद को जला रहा है?
सिलसिला-ए-दर्द़ से खुद को सता रहा है!
ढल रही है जिन्दगी शीशे की शक्ल में,
रास्तों में तन्हा पत्थर सा जा रहा है!

मुक्तककार- #महादेव’

मुक्तक

October 9, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

हर सुबह ख्वाबों से रिश्ता टूट जाता है!
प्यार का पलकों में गुलिस्ताँ छूट जाता है!
खोजता हूँ मंजिलें तमन्नाओं की लेकिन,
मुझसे चाहतों का फरिश्ता रूठ जाता है!

मुक्तककार- #महादेव’

मुक्तक

October 8, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

तेरा ख्याल तन्हा छोड़कर आया हूँ!
दीवार-ए-दर्द को तोड़कर आया हूँ!
भूला हूँ मंजिलों को वक्त-ए-सितम से,
यादों की लहर को मोड़कर आया हूँ!

मुक्तककार- #महादेव’

मुक्तक

October 5, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

कोई नहीं है मंजिल न कोई ठिकाना है!
हरवक्त तेरे दर्द़ से खुद को सताना है!
मुमकिन नहीं है रोकना नुमाइश जख्मों की,
हर शाम तेरी याद में खुद को जलाना है!

मुक्तककार- #महादेव’

मुक्तक

October 3, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

दर्द के दामन में चाहत के कमल खिलते हैं!
अश्क की लकीर पर यादों के कदम चलते हैं!
रेंगते ख्यालों में नज़र आती हैं मंजिलें,
जिन्दगी में जब भी ख्वाबों के दिये जलते हैं!

मुक्तककार – #महादेव’
,

मुक्तक

October 3, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

मेरा नसीब मुझसे क्यों रूठ गया है?
राहे-मंजिल से रिश्ता टूट गया है!
यादें सुलग रहीं हैं पलकों में लेकिन,
तेरा दामन हाथों से छूट गया है!

मुक्तककार – #महादेव’

मुक्तक

October 2, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

मेरा नसीब मुझसे क्यों रूठ गया है?
राहे-मंजिल से रिश्ता टूट गया है!
यादें चल रहीं हैं पलकों में हर घड़ी,
तेरा दामन हाथों से छूट गया है!

मुक्तककार – #महादेव’

मुक्तक

September 29, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

तुमको देखकर मेरे ख्याल मचलते हैं!
तुमको सोचकर मेरे ख्वाब बहलते हैं!
किसतरह हालात पर लगाऊँ मैं बंदिशें?
मुझको दर्द के कदम दिन रात कुचलते हैं!

मुक्तककार – #महादेव’

मुक्तक

September 27, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

तुम बिन उम्र तन्हा गुजरती रहेगी!
तुम बिन जिन्दगी भी बिखरती रहेगी!
हर ख्वाब तैरते रहेंगे पलकों में,
तेरी याद रगों में चलती रहेगी!

मुक्तककार #महादेव’

मुक्तक

September 25, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

मेरा ख्याल तुमको यादों से चुन लेता है!
तेरी ख्वाहिशों से ख्वाबों को बुन लेता है!
दूरियाँ मिट जाती हैं इरादों से इसतरह,
धड़कनों में तेरी आहट को सुन लेता है!

मुक्तककार – #महादेव

मुक्तक

September 22, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

करीब आओ तुम नूरानी सी रातें हैं!
बाद मुद्दत़ के मस्तानी सी रातें हैं!
छुप गये हो किसलिए उम्र की तस्वीरों में?
शबनमी ख्याल की दीवानी सी रातें हैं!

मुक्तककार #महादेव’

मुक्तक

September 20, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

तुझे चाहना मेरी इबाद़त जैसी है!
तुझे याद करना मेरी आदत जैसी है!
धड़कनों में चल रही है आरजू तेरी,
तेरे बगैर जिन्द़गी लानत जैसी है!

मुक्तककार #महादेव’

मुक्तक

September 15, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

क्या हुआ अगर मैं खामोश हूँ!
तेरी तमन्ना में मदहोश हूँ!
यादें चीखती हैं जेहन में,
जिन्दगी में खानाबदोश हूँ!

#महादेव की कविताऐं

मुक्तक

September 10, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

क्या हुआ अगर मैं खामोश हूँ!
तेरी तमन्ना में मदहोश हूँ!
यादें चीखती हैं जेहन में,
जिन्दगी में खानाबदोश हूँ!

#महादेव की कविताऐं

मुक्तक

September 9, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

मेरी जिन्द़गी तुम्हारी सूरत है!
मेरी हर मंजिल तुम्हारी मूरत है!
डूबा हूँ तेरे प्यार के भंवर में,
मुझे हरपल तुम्हारी जरूरत है!

रचनाकार #महादेव’

मुक्तक

September 7, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

मुझको तेरी आहट़ आहों में नजर आती है!
तेरी मुस्कराहट निगाहों में नजर आती है!
तेरी ओर खींचती हैं मेरी मंजिलें मुझको,
जिन्दगी भी दर्द की बाँहों में नजर आती है!

#महादेव की कविताऐं

मुक्तक

September 4, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

नजर के सामने कभी होते हैं मंजर जैसे!
जिगर में चुभता हुआ हो कोई खंजर जैसे!
पलक में होती है यादों की रफ्तार इसतरह,
लहर फैली हुयी हो रग रग में समन्द़र जैसे!

#महादेव की कविताऐं

मुक्तक

September 1, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

मेरा ख्वाब पलकों में डरा हुआ सा रहता है!
मेरा दर्द़ जिस्म में ठहरा हुआ सा रहता है!
नाकामियों से टूटी है यूँ जिन्द़गी मेरी,
मेरा दिल ख्वाहिशों से भरा हुआ सा रहता है!

#महादेव की कविताऐं”

मुक्तक

August 28, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

तुझे मैं ढूँढता हूँ कहाँ कहाँ पर?

कदम यादों के हैं जहाँ जहाँ पर!

दर्द की मिनारें हैं मौजूद जिसजगह,

जिन्दगी भी दफ्न है वहाँ वहाँ पर!

 

रचनाकार- मिथिलेश राय #महादेव’

मुक्तक

August 23, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

मेरी मुहब्बत को तुम अल्फाज दे दो!

मेरी मंजिलों को तुम आवाज दे दो!

कबतलक सह पाऊँगा तेरे सितम को?

मेरी जिन्दगी को तुम आगाज दे दो!

 

रचनाकार- मिथिलेश राय #महादेव’

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