मुक्तक

August 14, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

तेरे बगैर तन्हा जमाने में रह गया हूँ!
तेरी यादों के आशियाने में रह गया हूँ!
हरवक्त तड़पाती है मुझे तेरी बेरुख़ी,
तेरे ख्यालों के तहखाने में रह गया हूँ!

मुक्तककार-#मिथिलेश_राय

मुक्तक

August 12, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

आरजू तेरी बुला रही है मुझे!
याद भी तुमसे मिला रही है मुझे!
किसतरह मैं रोकूँ दिल की तड़प को?
आग चाहत की जला रही है मुझे!

मुक्तककार-#मिथिलेश_राय

मुक्तक

August 11, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

आओ फिर से एक बार नादानी हम करें!
नजरों में तिश्नगी की रवानी हम करें!
जागी हुई है दिल में चाहत की गुदगुदी,
आओ फिर से जख्मों की कहानी हम करें!

मुक्तककार-#मिथिलेश_राय

मुक्तक

August 9, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

मुझको तेरी याद अभी फिर आयी है!
चाहत की फरियाद अभी फिर आयी है!
मुझको ढूंढ रही है तन्हाई फिर से,
तस्वीरे-बरबाद अभी फिर आयी है!

मुक्तककार-#मिथिलेश_राय

मुक्तक

August 7, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

तुम देखकर भी मुझको ठहरते नहीं हो!
तुम सामने मेरे कभी रहते नहीं हो!
बेचैनियों का शोर है ख्यालों में मगर,
तुम अपनी जुबां से कभी कहते नहीं हो!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

August 6, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

तेरे लिए हम तन्हा होते चले गये!
तेरे लिए हम खुद को खोते चले गये!
पास जब भी आयी है यादों की चुभन,
तेरी ही चाहत में रोते चले गये!

#महादेव_की_मुक्तक_रचनाऐं’

मुक्तक

August 4, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

तेरा नाम कागज पर बार-बार लिखता हूँ!
तेरे प्यार को दिल में बेशुमार लिखता हूँ!
टूटेगा न सिलसिला तेरी तमन्नाओं का,
तेरे ख्यालों पर गमें-बेकरार लिखता हूँ!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

August 2, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

ख्वाबों की हकीकतें रिश्ते तोड़ देती हैं!
रिश्तों की जरूरतें तन्हा छोड़ देती हैं!
ख्वाहिशें जमाने की तड़पाती हैं दिल को,
जिन्दगी की मुश्किलें राहें मोड़ देती हैं!

#महादेव_की_मुक्तक_रचनाऐं’

मुक्तक

July 30, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

दिन गुजर जाएगा मगर रात जब होगी!
तेरी चाहत से मुलाकात तब होगी!
सिसकियाँ ख्यालों की तड़पाएगीं कबतक?
तुमसे दिल की रू-ब-रू बात कब होगी?

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

July 29, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

तेरे ख्यालों की मैं राह ढूंढ लेता हूँ!
तेरे जख्मों की मैं आह ढूंढ़ लेता हूँ!
ढूंढ लेती हैं मुझको तन्हाइयाँ जब भी,
मयकदों में अपनी पनाह ढूंढ लेता हूँ!

मुक्तककार-#मिथिलेश_राय

मुक्तक

July 27, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

वक्त जाता है मगर खामोशी नहीं जाती!
तेरे हुस्न की कभी मदहोशी नहीं जाती!
फैली हुई है हरतरफ यादों की ख़ुशबू,
तेरी चाहतों की सरगोशी नहीं जाती!

मुक्तककार-#मिथिलेश_राय

मुक्तक

July 25, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

तेरे दीदार का बहाना मिल ही जाता है!
तेरी उल्फ़त का तराना मिल ही जाता है!
कभी थकती नहीं नजरें मेरी इंतजार में,
तेरी यादों का नजराना मिल ही जाता है!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

July 24, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

मैं इत्तेफाक से गुनाह कर बैठा हूँ!
तेरे रुखसार पर निगाह कर बैठा हूँ!
शामों-सहर रहता हूँ बेचैन इसकदर,
तेरे लिए जिन्दगी तबाह कर बैठा हूँ!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

July 23, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

मेरा जिस्म है मगर जान तुम्हारी है!
तेरे बिना तन्हा जिन्दगी हमारी है!
दर्द बरक़रार है तेरी जुदाई का,
जाम की मदहोशी मेरी लाचारी है!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

July 22, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

तेरा ख्याल मेरी हद से गुज़र रहा है!
मेरा जिस्म तेरी चाहत से डर रहा है!
खुली हुई हैं सिलवटें ख्वाबों की नजर में,
यादों का सफ़र अश्कों में उतर रहा है!

मुक्तककार-#मिथिलेश_राय

मुक्तक

July 21, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

तुमसे बार बार मैं बात करना चाहता हूँ!
तेरी जुल्फ के तले रात करना चाहता हूँ!
आती हैं हवाएं लेकर जब तेरी ख़ुशबू,
फिर से एक बार मुलाकात करना चाहता हूँ!

मुक्तककार-#मिथिलेश_राय

मुक्तक

July 20, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

तेरा जो दीवाना था कब का मर गया है!
तेरा जो परवाना था कब का डर गया है!
कायम था तूफान जो मेरे अरमानों का,
तेरी बेवफाई से कब का मुकर गया है!

मुक्तककार -#मिथिलेश_राय

मुक्तक

July 19, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

तेरा जिक्र दर्द का बहाना बन जाता है!
मेरी बेखुदी का अफसाना बन जाता है!
जब भी याद आती है मुझे तेरी दिल्लगी,
जख्मों का दिल में आशियाना बन जाता है!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

July 18, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

कोई खौफ़ नहीं है मरने से मुझको!
दामन में अश्कों के बिखरने से मुझको!
क्या रोकेगी तन्हाई शामों-सहर की,
जिन्दगी भर इंतजार करने से मुझको!

मुक्तककार-#मिथिलेश_राय

मुक्तक

July 16, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

अपनी तमन्नाओं पर मैं नकाब रखता हूँ!
धड़कनों में यादों की मैं किताब रखता हूँ!
हर घड़ी तड़पाती है मुझे तेरी गुफ्तगूं,
दर्द तन्हा रातों की बेहिसाब रखता हूँ!

मुक्तककार-#मिथिलेश_राय

मुक्तक

July 15, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

जिन्दगी मिलती नहीं किसी को सस्ती बनकर!
कोई तन्हा है कहीं कोई हस्ती बनकर!
नेकियाँ करते चलो तुम भी कुछ जमाने में,
जिन्दगी जी लो तुम राहों में मस्ती बनकर!

मुक्तककार-#मिथिलेश_राय

मुक्तक

July 13, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

कभी वक्त से हारा हूँ कभी हालात से!
कभी दर्द से हारा हूँ कभी जज्बात से!
मैं जीत जाता हर बाजी चाहत की मगर,
मैं हारा हूँ तेरी बेरुखी की बात से!

मुक्तककार-#मिथिलेश_राय

मुक्तक

July 12, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

तुमको एक मुद्दत से अपना बना बैठा हूँ!
अपनी उम्मीदों का सपना बना बैठा हूँ!
उलझा हुआ रहता हूँ मैं तेरे ख्यालों में,
तेरी चाहत को दुर्घटना बना बैठा हूँ!

#महादेव_की_कविताऐं

मुक्तक

July 11, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

अपनी तन्हाई को कबतक सहूँ मैं?
अपनी बेचैनी को किससे कहूँ मैं?
टपक रही हैं बूँदें यादों की मगर,
अश्कों के भंवर में कबतक रहूँ मैं?

मुक्तककार -#मिथिलेश_राय

मुक्तक

July 10, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

जब वादों की जश्ने-रात होती है!
ख्वाबों की नजरों से बात होती है!
ढूंढती है सब्र को मेरी जिन्दगी,
जब भी यादों की बरसात होती है!

मुक्तककार -#मिथिलेश_राय

मुक्तक

July 9, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

तेरी याद में हम रो भी लेते हैं!
तेरे लिए गमजदा हो भी लेते हैं!
जब रंग सताता है तेरे हुस्न का,
खुद को मयकदों में खो भी लेते हैं!

रचनाकार-#मिथिलेश_राय’

मुक्तक

July 7, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

पूछ लो आकर कभी किस हाल में मैं हूँ?
शामों-सहर तुम्हारे ही ख्याल में मैं हूँ!
खोया सा रहता हूँ यादों की भीड़ में,
आज भी तेरे दर्द के जाल में मैं हूँ!

मुक्तककार -#मिथिलेश_राय

मुक्तक

July 5, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

तेरी मुलाकात मुझे याद आ रही है!
भीगी हुई रात मुझे याद आ रही है!
खोया हुआ हूँ फिर से यादों में तेरी,
शबनमी बरसात मुझे याद आ रही है!

मुक्तककार -#मिथिलेश_राय

मुक्तक

July 3, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

आज भी यादों का ग़ुबार है दिल में!
आज भी ख्वाबों का संसार है दिल में!
दर्द है जिन्दा अभी जुदाई का मगर,
आज भी चाहत का बाजार है दिल में!

मुक्तककार -#मिथिलेश_राय’

मुक्तक

July 2, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

मेरे नसीब मुझको रुलाते किसलिए हो?
मेरी जिन्दगी को तड़पाते किसलिए हो?
#दूर_दूर सी रहती हैं मंजिलें मुझसे,
रहमों-करम का खेल दिखाते किसलिए हो?

मुक्तककार – #मिथिलेश_राय

मुक्तक

July 1, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

मुझको याद है तेरा शर्माते हुए मिलना!
धीरे-धीरे जुल्फ को बिखराते हुए चलना!
चाँदनी सी रोशनी ले आती है आरजू,
जैसे हो तन्हाइयों में फूलों का खिलना!

मुक्तककार – #मिथिलेश_राय

मुक्तक

June 30, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

जब कभी लबों से कोई बात नहीं होती!
शबनमी पलों की कोई रात नहीं होती!
डोलते ही रहते हैं हर कदम यादों के,
जब कभी भी तुमसे मुलाकात नहीं होती!

मुक्तककार -#मिथिलेश_राय

मुक्तक

June 29, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

तेरे हुस्न का मुझपर पहरा सा रहता है!
तेरा ख्वाब पलकों में ठहरा सा रहता है!
तड़पाती रहती हैं मुझको यादें हर घड़ी,
तेरा रंग अश्कों में गहरा सा रहता है!

मुक्तककार – #मिथिलेश_राय

मुक्तक

June 27, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

क्यों तेरी तमन्नाओं से मैं छिपता रहता हूँ?
क्यों अपनी बेबसी को मैं लिखता रहता हूँ?
नाजुक से हैं ख्याल मगर चुभते हैं जब कभी,
जाम की गलियों में अक्सर दिखता रहता हूँ!

मुक्तककार -#मिथिलेश_राय

मुक्तक

June 26, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

आज फिर मौसम में नमी सी आ रही है!
जिन्दगी में तेरी कमी सी आ रही है!
आ गया है रूबरू कारवाँ ख्यालों का,
यादों की लहर शबनमी सी आ रही है!

मुक्तककार – #मिथिलेश_राय’

मुक्तक

June 26, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

मुझसे खता हुई है तुमसे दिल लगाने की!
तुम भी भूल गये हो राहें पास आने की!
फैली हुई दरारें हैं चाहत के दरमियाँ,
कोशिशें नाकाम हैं जख्मों को भुलाने की!

मुक्तककार -#मिथिलेश_राय

मुक्तक

June 25, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

जी रहा हूँ मैं तो अश्कों को पीते-पीते!
जी रहा हूँ मैं तो जख्मों को सीते-सीते!
खोया हुआ सा रहता हूँ चाहत में तेरी,
मर रहा हूँ मैं तो यादों में जीते-जीते!

मुक्तककार – #मिथिलेश_राय

मुक्तक

June 24, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

राहे-वक्त में तुम बदलते जा रहे हो!
तन्हा रास्तों पर तुम चलते जा रहे हो!
दूर-दूर क्यों रहते हो जिन्दगी से तुम?
बेखुदी की शक्ल में ढलते जा रहे हो!

मुक्तककार – #मिथिलेश_राय

मुक्तक

June 22, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

तेरी याद आज भी मुझको रुलाती है!
तेरी याद आज भी मुझको सताती है!
भूलना मुमकिन नहीं है तेरे प्यार को,
तेरी याद आज भी मुझको बुलाती है!

मुक्तककार – #मिथिलेश_राय

मुक्तक

June 21, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

हर शक्स जमाने में गुमनाम जैसा है!
दर्द और तन्हाई की शाम जैसा है!
जलता हुआ सफर है राहे-मंजिलों का,
जिन्दगी को ढूँढता पैगाम जैसा है!

मुक्तककार – #मिथिलेश_राय

मुक्तक

June 20, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

तेरी याद न आए तो फिर रात क्या हुई?
तेरा दर्द न आए तो फिर बात क्या हुई?
पलकों में अभी अश्क भी आए नहीं अगर,
तेरे ख्यालों से फिर मुलाकात क्या हुई?

मुक्तककार – #मिथिलेश_राय

मुक्तक

June 18, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

टूटते ख्वाबों के फसाने हैं बहुत!
जिन्दगी में गम के बहाने हैं बहुत!
बस तू ही खफा नहीं है अंजाम से,
शमा-ए-चाहत के परवाने हैं बहुत!

मुक्तककार – #मिथिलेश_राय

मुक्तक

June 16, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

फसाना जिंदगी का अजीब सा होता है!
हर ख्वाब आदमी का रकीब सा होता है!
बदली हुई निगाह से डर जाते हैं कदम,
मंजिलों का मिलना तरकीब सा होता है!

मुक्तककार -#मिथिलेश_राय

मुक्तक

June 16, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

तेरे सिवा कुछ भी नजर आता नहीं है!
ख्वाबों का सफर भी मुस्कुराता नहीं है!
राह खींच लेती है यादों की इसतरह,
तेरा ख्याल मुझसे दूर जाता नहीं है!

मुक्तककार -#मिथिलेश_राय

मुक्तक

June 14, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

दर्द के दामन में चाहत के कमल खिलते हैं!
अश्क की लकीर पर यादों के कदम चलते हैं!
रेंगते ख्यालों में नजर आती हैं मंजिलें,
जब भी निगाहों में ख्वाबों के दिये जलते हैं!

मुक्तककार -#मिथिलेश_राय

मुक्तक

June 13, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

तेरी याद से खुद को आजाद करूँ कैसे?
तेरी चाहत में खुद को बरबाद करूँ कैसे?
लब्ज भी खामोश हैं बेबसी की राहों में,
तेरी मैं तकदीर से फरियाद करूँ कैसे?

#महादेव_की_कविताऐं’

मुक्तक

June 11, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

मेरी जिन्दगी गमें-ख्याल बन गयी है!
तन्हा बेखुदी की मिसाल बन गयी है!
मेरे दर्द की कभी होती नहीं सहर,
रात जुदाई में बेहाल बन गयी है!

मुक्तककार-#मिथिलेश_राय

मुक्तक

June 10, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

तुम मेरी यादों में आते किसलिए हो?
तुम मेरे दर्द को बुलाते किसलिए हो?
वक्त की दीवारों में दफ्न हूँ कबसे,
तुम मेरी रूह को रुलाते किसलिए हो?

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

June 8, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

जख्म मिट गया है मगर मौजूद तेरी निशानी है!
गुजरे हुए हालात की मौजूद तेरी कहानी है!
राह देखता रहता हूँ अब भी शामों-सहर तेरी,
मेरी धड़कनों में हरपल दर्ज तेरी रवानी है!

मुक्तककार-#मिथिलेश_राय

मुक्तक

June 8, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

दर्द तेरा कायम है याद भी आ जाती है!
#शाम_ए_तन्हाई में बेइन्तहाँ सताती है!
हंसने की जब भी तमन्ना होती है दिल में,
ख्वाबों की चुभन से मेरी आँख भर आती है!

मुक्तककार-#मिथिलेश_राय

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