
Pragya
श्रीराम
February 29, 2020 in शेर-ओ-शायरी
गुलशन तो तू है मेरा
बहारों का मैं क्या करूँ
नैनों मैं बस गए हो तुम श्रीराम
नज़ारों का मैं क्या करूँ ..
Yakeen
February 29, 2020 in शेर-ओ-शायरी
सपने भी हकीकत मे बदल सकते है।
छूटे हुये लोग फिर से मिल सकते है।।
गर हौसला है और खुदा पर यकीन ।
तो रेगिस्तान मे भी फूल खिल सकते है।
Takleef
February 29, 2020 in शेर-ओ-शायरी
होगा दर्द कोई तो हम ही याद आयेंगे।
तकलीफ मे आपको हम ही नजर आयेंगे।।
परहित
February 29, 2020 in शेर-ओ-शायरी
माना मौत से सबको डर लगता है,
पर बुरे काम करने से परहेज नही है।
परहित करके देखो शान्ति मिलती है,
न हुआ फायदा तो कोई नुकसान भी नही है।।
हौसला
February 29, 2020 in शेर-ओ-शायरी
कश्तियाँ नही हौसला तो हमारे पास है।
कह दो स्वम्भू खुदाओं से….ऊपर वाला मेरे साथ है।।
दर्द सोया है
February 29, 2020 in Other
रात से कह दो कि थोड़ा थम कर गुजर।
आज बहुत दिनो बाद आज दर्द सोया है।।
फर्ज
February 27, 2020 in शेर-ओ-शायरी
जन्नत नसीब न होगी गर कर्तव्य पालन न किया।
मनुष्य होकर जो मानवता का फर्ज अदा न किया।।
दिल दुखाना
February 27, 2020 in Other
हुआ है मन मे संताप तो अब क्या फायदा?
माँ बाप का दिल दुखाकर मिले गर खुशी….
तो उस खुशी का क्या फायदा???
धन्यवाद
February 26, 2020 in शेर-ओ-शायरी
धन्यवाद कहना भी कितना आसान होता है।
इससे छोटा सा गुनाह आसानी से माफ होता है।।
Dawat
February 26, 2020 in शेर-ओ-शायरी
दावत तो देते है जैसे हमारे इंतजार मे ही बैठे हो।
पर चौखट पर कदम रखते ही फिर क्यूं मुंह मोड़ लेते है???
आँसू
February 25, 2020 in हिन्दी-उर्दू कविता
जीना है अगर तो खुद को खुश रखना सीखो
हजारो है यहाँ आपको आँसू देने वाले
Suna hai
February 25, 2020 in शेर-ओ-शायरी
सुना है कोई आया है मेरा हाल पूछने
उनसे कह दो मै ठीक हो गया हूँ
जब किसी ने इतना वक़्त निकाला है मेरे लिये
देखकर उन्हे अब चैन आ जायेगा
दीदार से उनको मुझे सब्र मिल जायेगा।।
Sapne
February 24, 2020 in हिन्दी-उर्दू कविता
जमाने की बाते क्या करुँ सब अपने मे व्यस्त रहते है।
सपनो को पूरा करने को हर पल जगते रहते है।।
Shanti
February 24, 2020 in शेर-ओ-शायरी
सुबह सवेरे अब तो कोलाहल होता है।
आधुनिकता मे शान्ति कहा मिलती है।
गजब है
February 23, 2020 in शेर-ओ-शायरी
गजब एहसास है
तुम्हारे पास होने का
दूर जाने का गम भी कम नहीं
तुम्हारी महक आज भी
महसूस होती है
जैसे सूखे फूलों में बास आती है
सिलसिला
February 23, 2020 in शेर-ओ-शायरी
सिलसिला यूँ ही चलता रहे
मुलाकातों का
बीते ना पल यूं ही चलता रहे
तेरा मेरा मिलना बिछड़ना
फिर मिलना और हमेशा के लिए बिछड़ जाना
तुम्हारे पास
February 23, 2020 in हिन्दी-उर्दू कविता
तुम्हारे पास दास्तां सुनने
को वक्त नहीं….
तो हमारे पास भी
कहने को कोई लफ्ज़ नहीं….
अगर बसा लिया है
तूने गैरों को घर में
तो मेरे दिल में भी
तू कमबख्त नहीं ….
वो और होते होंगे
इश्क में मर मिटने वाले
मैं तेरे प्यार में कटूंगी
अपनी नब्ज़ नहीं….
तू चाहता होगा
तेरे लिए खुद को
मै बदल दूंगी तो
इतनी नासमझ मैं कमबख्त नहीं …
तू सुई मैं धागा बन
सिल रही थी ज़ख्म
तेरी चुभन से होता था
मुझको कष्ट नहीं…..
थे गलीचे सुखाने कुछ
गलतफहमियों के वर्ना
तेरे आंगन में रखते हम
कदम सख्त नहीं….
फूलों में महक
February 23, 2020 in शेर-ओ-शायरी
फूलों में महक है
कागज़ में अल्फ़ाज़
आसमान में तारे टिमटिमा रहे हैं
दिल में उतर आया है चांद।
और बरस रहा है सावन
कितनी ही यादें ताज़ा हो गई हैं
बहुत हो गया अब
February 23, 2020 in शेर-ओ-शायरी
लफ्जों को कविता में
पिरोते जा रहे हैं
जज्बातों को सहेज कर
रखते जा रहे हैं ।
बहुत हो गया अब
मरने का सामान
चलो छोड़ दिया तुम्हें
अब जीने जा रहे हैं
तू ही तो था
February 23, 2020 in शेर-ओ-शायरी
तू ही तो था वो कन्धा
जिस पर सिर रख
रो लेती थी।
तू ही तो था यार
मेरा जिसको
कान्हा मैं कहती थी
उसका चेहरा
February 23, 2020 in शेर-ओ-शायरी
उसका चेहरा ही नज़र
आता है देखूँ मैं जिधर
वो रूबरू आता है
मुझे अक्सर नज़र
मेरी बदकिस्मती
February 23, 2020 in शेर-ओ-शायरी
मेरी बदकिस्मती थी
जो तुम ना मिले
मैंने तुम्हें ढूंढा है मूंगफली के दाने की तरह।
कितनी ताकत
February 23, 2020 in शेर-ओ-शायरी
है कितनी ताकत तुझमें
मुझे तोड़ने की बता तू मुझे
मै हद देखना चाह्ती हूँ
तेरे गिरने की।
बेखयाली
February 23, 2020 in शेर-ओ-शायरी
दिल की अठखेलियां और अंगड़ाइयाँ
धीमे-धीमे बढ़ती जा रही हैं
उम्र चांदनी की तरह घटती जा रही है
तुम्हें होश है कि नहीं
अब सितम करना बंद कर
बेखयाली में भी खयाल आता है तेरा
तू दिल से खेलना बंद कर।
आंखों के सामने
February 23, 2020 in शेर-ओ-शायरी
आँखों के सामने बैठे हुए हैं
सिर झुकाए हुए
शायद उन्हें एहसास है
मेरे साथ किये
जुल्म सितम का।
मोहलत
February 23, 2020 in शेर-ओ-शायरी
मोहलत की जरुरत थी
थोड़ा सा इंतजार कर लेते
बहुत कुछ सोंचा था
तुम्हारे लिये हमनें।
ह्रदय विहीन
February 23, 2020 in हिन्दी-उर्दू कविता
जरा देखूं तो सही
तुम्हारे दिल में उतर कर
दिल है अभी या दिल है ही नहीं
दिल है तो उसमें पत्थर हैं
या मांस के कुछ लोथड़े भी हैं
एहसास है या है ही नहीं
मैं हूं या हूं ही नहीं
या हृदय विहीन हो तुम
जो मुझसे प्यार नहीं
मेरा एहसास नहीं
कोई जज्बात नहीं
जरा देखूँ तो सही
तुम्हारे दिल में उतर कर
मैं हूं या मैं हूं ही नहीं।
ह्रदय विहीन
February 23, 2020 in हिन्दी-उर्दू कविता
जरा देखूं तो सही
तुम्हारे दिल में उतर कर
दिल है अभी या दिल है ही नहीं
दिल है तो उसने पत्थर है
या मांस के कुछ लोथड़े भी हैं
एहसास है या है ही नहीं
मैं हूं या हूं ही नहीं
या हृदय विहीन हो तुम
जो मुझसे प्यार नहीं
मेरा एहसास नहीं
कोई जज्बात नहीं
जरा देखूँ तो सही
तुम्हारे दिल में उतर कर
मैं हूं या मैं हूं ही नहीं।
नीली छतरी
February 23, 2020 in हिन्दी-उर्दू कविता
नीली छतरी कुर्ता
ढीला ढीला पहनकर पजामा
निकला वह छैल छबीला……
हाथ में गुब्बारे और बच्चे
प्यारे-प्यारे पीछे पीछे
उसके दौड़े जा रहे थे……
थोड़ा सा बूढ़ा
पर होठों पर मुस्कान
हाथों में खिलौने और गुब्बारे…..
की रंगीन दुकान
उसने जोर से आवाज लगाई
रंग बिरंगे गुब्बारे ले लो
लेकर आया हूं तुम सारे ले लो…..
गुलाबी आसमान
February 23, 2020 in हिन्दी-उर्दू कविता
गुलाबी आसमान
ख़्वाब धुंधले से
धुआं धुआं है चारों तरफ
कोई उम्मीद भी दिखाई नहीं देती
तुझे सुधारने की हर कोशिश
नाकाम ही रही
तूने कभी भी कोशिश ही नहीं की
मुझे समझने की
या शायद तुझ में
वो काबिलियत ही नहीं
जो तुम मुझे समझ पाते
आंसुओं से नहा कर
February 23, 2020 in शेर-ओ-शायरी
आंसुओं से नहा कर
धूप का चंदन घिस कर
तेरे प्रेम का उबटन लगाकर
उजली तो थी ही और निखर भी गई
कयामत से पहले
February 23, 2020 in शेर-ओ-शायरी
कयामत से पहले
तेरा चांद देखना चाहते हैं
सितारों के जुगनू खुद में
समेटना चाहते हैं
आसमान जैसा मेरा दिल
ज़मी है तू मेरी हम तुझमें उतरना चाहते हैं।
जुस्तजू
February 23, 2020 in शेर-ओ-शायरी
जुस्तजू की और खो बैठे
चैन और करार
आते हैं सपनें उसके बार-बार