Pragya
कल मेरे घर
March 10, 2020 in शेर-ओ-शायरी
कल मेरे घर रंग लगाने आओगे?
फिर हमसे नज़रे चुराने आओगे?
मागा था जो तोहफ़ा मैने तुमसे पहले
वो ही प्यार तुम कल लौटाने आओगे?
बारीकियाँ
March 10, 2020 in शेर-ओ-शायरी
बारीकियाँ होती हैं बहुत
हाल-ए-दिल समझना इतना
आसान नहीं
कुछ इशारों में समझ जाते हैं
किसी को जमाने लग जाते हैं
कल मुलाकात
March 10, 2020 in Other
कल मुलाकात उनसे होगी
खुशी है बहुत
कुछ गुफ्तगू भी होगी
उम्मीद करती हूँ
हम रंग नहीं खेलते
March 10, 2020 in मुक्तक
हम रंग नहीं खेलते कुछ बात हो गई
हम राज़ नहीं खोलते कुछ बात हो गई
मिली जब नज़र उनसे
फिर नज़र ना हटी
हम देखते ही रह गए कुछ बात हो गई
कौमुदी की आँच
March 10, 2020 in शेर-ओ-शायरी
आसमान की चादर में
लिपटे अनगिनत सितारे हैं
कौमुदी की आँच पर कई
अरमाँ सुलग रहे हैं
गुमनाम ना होने देंगे
March 10, 2020 in शेर-ओ-शायरी
गुमनाम ना होने देंगे
पहचान को अपनी
अब छोड़ दिया शौक
तुझसे दिल लगाने का ।
उनकी यादों का पीछा
March 9, 2020 in शेर-ओ-शायरी
उनकी यादों का पीछा
करते-करते हम
उन तक तो
पहुंच जाएंगे पर
ये तो बता ए खुदा! उनके दिल तक कैसे जाएंगे।
लगे हैं वह हमसे
March 9, 2020 in शेर-ओ-शायरी
लगे हैं वह हमसे नजरें चुराने
शायद उन्हें अपनी भूल का एहसास है
चलो अच्छा है पता तो चला
किसी चीज का तो एहसास है
मोहब्बत का ना सही, भूल का ही सही।
चिट्ठियां
March 9, 2020 in शेर-ओ-शायरी
दिल की बातें बोलती हैं
चिट्ठियां राज कितने खोलती हैं चिट्टियां
भावों को जीवंत बनाती हैं,
आंखों को भिगोती हैं चिट्ठियां
जब तुम्हारी याद
March 9, 2020 in शेर-ओ-शायरी
मुड़ कर ना देखेंगे दोबारा
रोज़ यही फैसला किया करते हैं
पर जब तुम्हारी याद आती है तो
हौसले टूट जाते हैं
गिनतियाँ
March 9, 2020 in शेर-ओ-शायरी
गिनतियाँ करते हो मुझे
याद कितनी बार करते हो
हम तुम्हें कितनी दफ़ा ढूंढते हैं
अपने आप में कभी ये भी गिन लिया करो ।
नजर तो आओ कभी
March 9, 2020 in मुक्तक
नज़र तो आओ कभी
नज़र को नजरों से मिलाओ कभी
सपने तो बहुत दिखाये तुमने,
एक सपना सच कर जाओ कभी।
रात पर छाई खुमारी
March 9, 2020 in मुक्तक
रात पर छाई खुमारी
बौने सपने हो गये
उम्र बीती तेरी आरजू में
सपने सपने हो गए
बीती रात मैं
March 9, 2020 in हिन्दी-उर्दू कविता
बीती रात मैं तेरी यादों के
आगोश में जाने लगी
विरह की वेदना से
मन को तड़पाने लगी
आँसुओ से भीगा लतपत
तन मेरा ओर मन मेरा
सेज की सिलवट और नर्मी
रूह को जलाने लगी
और तेरी जुस्तजू
में हम लगे सिमटने
फिर तेरे होंठो की नर्मी
मुझे याद आने लगी ।
चांद
March 9, 2020 in शेर-ओ-शायरी
चाँद छत पर से मेरे
रोज़ यूं गुजरता है
जैसे उसे मालूम हो
कि उसी के जैसे
मेरा यार दिखता है ।
तू मेरी आरज़ू
March 9, 2020 in शेर-ओ-शायरी
तू मेरी आरज़ू था
आरज़ू है और आरज़ू रहेगा ।
ये दिल कल भी तेरा था
तेरा है और तेरा ही रहेगा ।
तुम्हारी शिकायत
March 9, 2020 in शेर-ओ-शायरी
तुम्हारी शिकायत
खुदा से करेंगे
मेरी आँखों में तुम
हमेशा आँसू बन के आये
कितनी दफ़ा
March 9, 2020 in शेर-ओ-शायरी
कितनी दफा मैनें समझाया
तुम्हें
मुझें मत ठुकराओ मगर
तुम ना समझे तुम ना बदले।
रास्ते में
March 9, 2020 in शेर-ओ-शायरी
रास्ते में चलते हुए
कुछ पीछे छोड़
देते हैं लोग ।
पैसे कमाने के लिए
रिश्ते तोड़ देते लोग।
तुम कल मेरे घर
March 9, 2020 in शेर-ओ-शायरी
तुम कल मेरे घर आना जानम
होली है
थोड़ा घूंघट करके आना जानम
होली है
तुम कल मेरे घर
March 9, 2020 in शेर-ओ-शायरी
तुम कल मेरे घर आना जानम
होली है
थोड़ा घूंघट करके आना जानम
होली है
खुशामदीद
March 9, 2020 in शेर-ओ-शायरी
खुशामदीद आपको
बहुत व्यस्त हो आप
थोड़ा वक्त हमें भी
दे दीजिये
इतना भी मशरूफ होना
अच्छी बात नहीं साहिब
आरज़ू
March 9, 2020 in शेर-ओ-शायरी
ज़िन्दगी की आरज़ू में
मरते जा रहे हैं लोग
पैसे के नाम पर क्या क्या
गुनाह किये जा रहे हैं लोग
खुशबू
March 8, 2020 in हिन्दी-उर्दू कविता
खुशबू चमन में बिखरी
जा रही है
धूप की लौ
बढ़ती जा रही है ।
हवा ने खोल
दीये हैं आसमान के पंख
जमीं सा हम
मिलते जा रहे हैं
महिला दिवस
March 8, 2020 in हिन्दी-उर्दू कविता
महिला दिवस के अवसर पर
कुछ शब्दों की अभिव्यक्ति
करती हूँ
महिला ही है
सारी दुनिया आज मै सबसे
कहती हूँ ।
महिला का सारा जीवन
समर्पण में ही
बीतता है
और प्यार की उम्मीद
में उसका सारा
जीवन कटता है
पानी में भिगोकर
March 8, 2020 in हिन्दी-उर्दू कविता
पानी में भिगो कर गुलाब
रखे हैं ।
लोगों के चेहरे पे नकाब
लगे हैं ।
रूप की चांदनी फिरती है
छतों पर
खिड़कियों पर
कितने लोग खड़े हैं
वक्त कटता नहीं
March 8, 2020 in शेर-ओ-शायरी
वक्त कटता जा रहा है
दीये की लौ भी
धीमी हो गई
आंखों में नींद नहीं
चैन नहीं हम क्या करें
यही सोंचते रहे ओर
सुबह हो गई
गरीब
March 8, 2020 in शेर-ओ-शायरी
हम गरीब सही
पर इज़्ज़त की खाते हैं
तेरी तरह हम
सरेआम मुजरा तो नहीं करते हैं ।
तू नहीं जानता
March 8, 2020 in शेर-ओ-शायरी
तू नही जानता है
मेरे दिल पे क्या गुजरी है
एक पथ्थर सीने पे लिये
घूमती हूँ मैं
कमी कुछ भी नहीं
March 8, 2020 in शेर-ओ-शायरी
कमी कुछ भी नहीं
थी मेरी आँखों में
बस यार तेरे पीने-पिलाने का अंदाज़
बदल गया।
एतबार
March 8, 2020 in शेर-ओ-शायरी
ऐतबार करने पर आते
कर सकते थे मगर
तुम्हें तो शौक था
हमको रूसवा कर जाने का
अंज़ाम
March 8, 2020 in शेर-ओ-शायरी
अंज़ाम जो भी हो
हम तो आगे बढ़ गए हैं
तुम्हें जब से छोड़ दिया हमनें ।
नाखुश
March 8, 2020 in शेर-ओ-शायरी
कुछ नाखुश लगते हैं वो
हमनें यूं ही कह दिया था एक दिन
दोस्त बेवफ़ा होते हैं ।
दौर
March 8, 2020 in शेर-ओ-शायरी
एक दौर वो भी गुज़रा है
मेरी बेखयाली का
घण्टों रोते थे किसी को
याद करके
है कुछ खास
March 7, 2020 in हिन्दी-उर्दू कविता
आंखें चार कर लो
इस होली में
अपने रंग में रंग लो
प्रज्ञा को
ना और तरसाओ
होली में
घर आना तो
थोड़ा देर से आना
बहुत सुन्दर ना लगना
होली में
है खास कुछ
तुम्हारी खारी
खातिर किसी
और को साथ ना
लाना होली में
निर्मोही
March 7, 2020 in हिन्दी-उर्दू कविता
कितने निर्मोही हो तुम
एक बार भी नहीं सोंचते मेरे
बारे में
ना याद करते हो ना मिलने ही
आते हो
अब देखना ये हौ
है तुम मुझ बिन होली कैसे मनाते हो।
थक कर
March 7, 2020 in हिन्दी-उर्दू कविता
थक के चूर हो
चुकी हूँ तुम्हें याद करके
अब और याद नहीं करना।
अब बसा ले तू गैरों
को घर में
तेरे दिल में अब
मेहमान नहीं बनना।
रंजिश
March 7, 2020 in शेर-ओ-शायरी
इतनी भी रंजिश ना
मान मेरे यार
कभी तो मै भी
तेरे दिल की मेहमान हुआ
करती थी याद कर…
तुम इस
March 7, 2020 in शेर-ओ-शायरी
तुम इस इन्तज़ार में बैठे हो
हम याद करेंगे
तो बता दें साहिब
अब ना वो प्यार रहा
ना कशिश रही
ना तेरी वो दिवानी ही रही।
ऐसे ना मुझे
March 7, 2020 in शेर-ओ-शायरी
ऐसे ना मुझे तुम देखो
तेरी ही दिवानी हूँ
हर रात सजाती मै
अपनी आंखों में
पानी हूँ