मुक्तक
हरवक्त मैं तुमसे बात किया करता हूँ! यादों से मैं मुलाकात किया करता हूँ! हर ख्वाब बेइंतहाँ जलाता है लेकिन, तुमसे गुफ्तगूँ हर रात किया…
हरवक्त मैं तुमसे बात किया करता हूँ! यादों से मैं मुलाकात किया करता हूँ! हर ख्वाब बेइंतहाँ जलाता है लेकिन, तुमसे गुफ्तगूँ हर रात किया…
शामे-आलम में तेरी प्यास चली आती है! लहर ख्वाहिशों की मेरे पास चली आती है! दर्द की दीवारों से टकराती है जिन्द़गी, ख्वाबों की तस्वीर…
किसलिए हर आदमी खुद को जला रहा है? सिलसिला-ए-दर्द़ से खुद को सता रहा है! ढल रही है जिन्दगी शीशे की शक्ल में, रास्तों में…
हर सुबह ख्वाबों से रिश्ता टूट जाता है! प्यार का पलकों में गुलिस्ताँ छूट जाता है! खोजता हूँ मंजिलें तमन्नाओं की लेकिन, मुझसे चाहतों का…
तेरा ख्याल तन्हा छोड़कर आया हूँ! दीवार-ए-दर्द को तोड़कर आया हूँ! भूला हूँ मंजिलों को वक्त-ए-सितम से, यादों की लहर को मोड़कर आया हूँ! मुक्तककार-…
कोई नहीं है मंजिल न कोई ठिकाना है! हरवक्त तेरे दर्द़ से खुद को सताना है! मुमकिन नहीं है रोकना नुमाइश जख्मों की, हर शाम…
दर्द के दामन में चाहत के कमल खिलते हैं! अश्क की लकीर पर यादों के कदम चलते हैं! रेंगते ख्यालों में नज़र आती हैं मंजिलें,…
मेरा नसीब मुझसे क्यों रूठ गया है? राहे-मंजिल से रिश्ता टूट गया है! यादें सुलग रहीं हैं पलकों में लेकिन, तेरा दामन हाथों से छूट…
मेरा नसीब मुझसे क्यों रूठ गया है? राहे-मंजिल से रिश्ता टूट गया है! यादें चल रहीं हैं पलकों में हर घड़ी, तेरा दामन हाथों से…
तुमको देखकर मेरे ख्याल मचलते हैं! तुमको सोचकर मेरे ख्वाब बहलते हैं! किसतरह हालात पर लगाऊँ मैं बंदिशें? मुझको दर्द के कदम दिन रात कुचलते…
तुम बिन उम्र तन्हा गुजरती रहेगी! तुम बिन जिन्दगी भी बिखरती रहेगी! हर ख्वाब तैरते रहेंगे पलकों में, तेरी याद रगों में चलती रहेगी! मुक्तककार…
मेरा ख्याल तुमको यादों से चुन लेता है! तेरी ख्वाहिशों से ख्वाबों को बुन लेता है! दूरियाँ मिट जाती हैं इरादों से इसतरह, धड़कनों में…
करीब आओ तुम नूरानी सी रातें हैं! बाद मुद्दत़ के मस्तानी सी रातें हैं! छुप गये हो किसलिए उम्र की तस्वीरों में? शबनमी ख्याल की…
तुझे चाहना मेरी इबाद़त जैसी है! तुझे याद करना मेरी आदत जैसी है! धड़कनों में चल रही है आरजू तेरी, तेरे बगैर जिन्द़गी लानत जैसी…
क्या हुआ अगर मैं खामोश हूँ! तेरी तमन्ना में मदहोश हूँ! यादें चीखती हैं जेहन में, जिन्दगी में खानाबदोश हूँ! #महादेव की कविताऐं
क्या हुआ अगर मैं खामोश हूँ! तेरी तमन्ना में मदहोश हूँ! यादें चीखती हैं जेहन में, जिन्दगी में खानाबदोश हूँ! #महादेव की कविताऐं
मेरी जिन्द़गी तुम्हारी सूरत है! मेरी हर मंजिल तुम्हारी मूरत है! डूबा हूँ तेरे प्यार के भंवर में, मुझे हरपल तुम्हारी जरूरत है! रचनाकार #महादेव’
मुझको तेरी आहट़ आहों में नजर आती है! तेरी मुस्कराहट निगाहों में नजर आती है! तेरी ओर खींचती हैं मेरी मंजिलें मुझको, जिन्दगी भी दर्द…
नजर के सामने कभी होते हैं मंजर जैसे! जिगर में चुभता हुआ हो कोई खंजर जैसे! पलक में होती है यादों की रफ्तार इसतरह, लहर…
मेरा ख्वाब पलकों में डरा हुआ सा रहता है! मेरा दर्द़ जिस्म में ठहरा हुआ सा रहता है! नाकामियों से टूटी है यूँ जिन्द़गी मेरी,…
तुझे मैं ढूँढता हूँ कहाँ कहाँ पर? कदम यादों के हैं जहाँ जहाँ पर! दर्द की मिनारें हैं मौजूद जिसजगह, जिन्दगी भी दफ्न है वहाँ वहाँ पर! रचनाकार- मिथिलेश राय #महादेव’
मेरी मुहब्बत को तुम अल्फाज दे दो! मेरी मंजिलों को तुम आवाज दे दो! कबतलक सह पाऊँगा तेरे सितम को? मेरी जिन्दगी को तुम आगाज दे दो! रचनाकार- मिथिलेश राय #महादेव’
ख्वाबों के जहाँन हमेशा नहीं रहते! जख्मों के निशान हमेशा नहीं रहते! रुकते नहीं हैं रास्ते मंजिल के कभी, दर्द़ के तूफान हमेशा नहीं रहते!…
क्यों है तेरी बेरुखी क्यों तुम बदल गये हो? बेबसी के कदमों से मुझको कुचल गये हो! सूरतें उम्मीदों की अब आती नहीं नजर, मजबूरी के साँचे में क्यों तुम…
फिरे तो सरफिरे है आग ही लगा देंगे पाक नापाक का नामो निशां मिटा देंगे | हमें ना खौफ कोई तोप या संगीनों का लडे…
तेरे लिए मैं तो भूला हूँ जमाने को! यादें ले आती हैं गुजरे अफसाने को! तेरा जिक्र आता है जब किसी महफिल में, दर्द खोज लेता है…
मेरी तन्हाई में दिल की बात होने दो! मेरी जिन्द़गी की तन्हा रात होने दो! सरहदें पिघल रहीं हैं तेरी यादों की, हसरतों से मेरी मुलाकात होने दो! …
तेरा ख्वाब पलकों में पुराना नहीं होता! तेरे बगैर मेरा मुस्कुराना नहीं होता! मिल जाती मंजूरे-नजर मुझको जो तेरी, दर्द का यूँ जिन्दगी में आना…
मेरी उल्फत़ को अभी कोई नाम न दो! मेरी जिन्द़गी को कोई इल्जाम न दो! बहके हुये इशारों से तड़पाओ न मुझे, सुलगे हुये इरादों…
बीता हुआ जमाना आया है याद मुझे! तेरे दर्द़ का तड़पाता फरियाद़ मुझे! जिन्दगी बेताब है तुमको फिर पाने को, हसरतें बेसब्र हैं करने को…
तेरा जिक्र दर्द का बहाना बन जाता है! मेरे ख्यालों का अफसाना बन जाता है! तेरी आरजू में तड़पती है जिन्द़गी, यादों का दिल में…
“मुक्तक” आओ अतीत के हम झरोखो में झांक लें जरा उनके और अपने करम को हम आंक लें जरा | जो मर मिटे वतन पे…
मेरी तन्हाई से दिल की बात होने दो! मेरी जिन्द़गी की तन्हा रात होने दो! सरहदें पिघल रही हैं तेरी यादों की, हसऱतों से मेरी…
पुकारा तो नहीं लेकिन जुबां पर नाम तो आया ।। सकूँ दिल को नहीं आया मगर आराम तो आया ।। किसी को मिल गया मौका…
उम्र गुजर जाती है इंसान को समझने में! जिन्दगी थक जाती है जहाँन को समझने में! खो जाती है लहरों में कश्तियाँ इरादों की, डूबता…
मेरे ख्यालों में सिर्फ तेरी यादें हैं! जेहन में गूंजती दर्द की फरियादें हैं! ख्वाब की दरारों में भटकी है जिन्दगी, दिल के आईने में…
अगर है शौक़ कविता का तो ये उलझन ज़रूरी है ! किसी के प्यार में क़ुरबान हो जीवन ज़रूरी है !! कई एक रोज़ से…
1- है बहुत सख्त वक़्त के क़ैद खाने कि सलाखे, जिन्दगी लाख बन जाए पंछी – मगर उड़ नहीं सकती । 2- हकीकत से मुह…
न मैं तुलसी जैसा हूँ ,और न मैं खुसरो जैसा हूँ, मेरी कल्पना अपनी है ,सच नहीं दुसरो जैसा हूँ । हम सभी एक ही…
जबसे आप मुझसे पराये हुए हैं! दर्द-ए-सितम मुझको सताये हुए हैं! मुझसे रूठी हैं मंजिलें मेरी, अपनी जिन्दगी को भुलाये हुए हैं! Composed By #महादेव
1- आज दिल में बड़ी हलचल सी मचती रही, बाद बहुत गौर करने के मालुम हुआ कि- एक आंसू जो पिया था कल हमने ,…
जी रहा हूँ तेरा मैंइंतजार करते करते! अब उम्र थक रही है ऐतबार करते करते! कबतलक मैं देखूंगा राह उम्मीदों की, खत्म हो रहा हूँ…
मित्रता बड़ा अनमोल रतन मैं कर्ण और तु दूर्योधन | मैं बंधा हुआ एक अनुशासन तु परम् स्वतंत्र दु:शासन || उपाध्याय…
विविध उलझनों में जीवन फंसा हुआ है किंचित ही दिखने में सुलझे हुए है लोग | स्वार्थ की पराकाष्ठा पर सांसे है चल रही अपने…
विविध उलझनों में जीवन फंसा हुआ है किंचित ही दिखने में सुलझे हुए है लोग | स्वार्थ की पराकाष्ठा पर सांसे है चल रही अपने…
जमीं वही है मगर लोग है पराये से जो मिल रहे है लग रहे है आजमाये से! शफक नही नकॉब में फरेब है मतिहीन सभी…
चुभेगा पांव में कांटा तो खुद ही जान जायेगा जो दिल में दर्द पालेगा तड़प पहचान जायेगा | किसी की आह चीखों को तवज्जो जो…
थी मोहब्बत दिल में पहले हो गई नासूर अब पूछता न था कोई पर हो गई मशहूर अब ! उसका दिल रखने हजारों दे दिया…
लोगों की बातों में आकर मुझको ना तुम निराश करो मैं प्रणय निवेदन करता हूँ बस इतनी पूरी आश करो | वे भी उन्मादी प्रेम…
एक मुक्तक चढा सूरज भी उतर जायेगा तपन पर मेघ बरस जायेगा | देख अंधेरा धैर्य को रखना तिमिर को चीर प्रकाश आयेगा || उपाध्याय…
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