तेरी मोहब्बत में
तेरी मोहब्बत में कुछ यूँ हुआ असर एक-एक पल शताब्दियों सा लगता है।
तेरी मोहब्बत में कुछ यूँ हुआ असर एक-एक पल शताब्दियों सा लगता है।
मेरे हृदय में तेरे नाम से कुछ यूँ स्पंदन होता है मेरी आँखों से आँसू बहते हैं जब-जब तू रोता है।
तुझसे धोखा खाकर प्यार में कुछ यूँ असर हुआ मुझ पर पीछे मुड़कर नहीं देखता हूँ मैं जिसे छोड़ आया बस छोड़ आया।
हकीकत कुछ इस तरह बयां हुई मेरे होठों से मैं तुझसे मिलकर अकेला हो गया। काव्य सौंदर्य:- विरोधाभास
तेरे प्यार में झरनों से बहता जा रहा हूँ मैं। न जाने किस सागर की ओर जा रहा हूँ मैं। उपमा अलंकार
बेशक तुम खूबसूरत हो पर इतना बुरा मैं भी नहीं हूँ जो तुम मुझे छोड़ कर चली गई बस तुम्हारी कसम ने जिन्दा रखा है…
मैने कोशिश बहुत की तुमको मनाने की पर तुम मुझे छोड़ कर चली गई। और बसा ली जाकर तुमने अपनी दुनिया मेरे रकीबों के साथ।…
तुम्हें याद है वह उधार वाला वादा? याद है तुम्हें एक कप चाय का वादा जो तुमने किया था मुझसे कभी और आज तक पूरा…
डूब जाने दे मुझे अपनी झरने- सी आँखों में इन्हीं में है मेरी ख्वाहिशें इन्हीं में है मेरी मोहब्बत डूब जाने दे मुझे अपनी झरने-सी…
मेरा प्रेम तुम्हारी स्मृतियों से कभी वंचित नहीं होता मैं आज भी किसी और के ख्वाबों में नहीं खोता।
उनकी आहटों पर फिर फिसला मेरी तमन्नाओं का हार है खिसक रहे थे जो सपनें आज हाँथ में आया वही लम्हात है….. प्रेम-पिपासु हूँ जी…
आज कुछ बदला- बदला मिज़ाज है दिल भी बेताब है सिसकियाँ भी खामोश हैं….. लफ्जों में मिठास है गूंजती जा रही है गलियों में शहनाई…
यही अंजाम होना था मेरी मोहब्बत का जब पथ्थर से पसीजने की उम्मीद लगाये बैठे थे
कभी तो खैरियत पूछ लिया करो मेरी क्या पता आज तुम्हारा हूँ, कल किसी और का हो जाऊँ।
मुझे दोस्ती भी पसंद है और दुश्मनी भी। पर जो भी करना शिद्दत से करना, क्योंकि मुझे हर काम में वफादारी पसंद है।
E-Dil Tu Kyun Rota Hai ! yah Duniya Hai Yahan To Aisa Hi Hota..
है आज भी दरिया मेरे दिल में तेरी मोहब्बत का, तू जब चाहे डूब कर देख ले।
तुम मिटाती रहो मेरे प्यार के सबूत मैं सबूत जुटाता रहूंगा। तुम कितना भी मेरे ख्वाबों से बचना चाहो मैं हर रात ख्वाबों में आता…
काश! कुछ देर तू मेरे पास बैठता मैं तेरी आँखों में डूब जाता। तेरा नशा यूँ चढ़ता मैं शराब तक भूल जाता।
काश! कुछ देर तू मेरे पास बैठता मैं तेरी आंखों में डूब जाता। तेरा नशा यह चढ़ता मैं शराब तक भूल जाता।
अधूरा रह गया मैं तेरे ख्वाबों को पूरा करते-करते कितना जी गया मैं तेरी आरजू करते-करते।
आज 13-7 है.. पर तेरा साथ कब मिलेगा मुझे? यही खुदा से पूछता रहता हूँ मैं
मोहब्बत पूरी हुई चलो अब जख्म गिनते हैं। जो अरमान टूटे उन्हें फिर से बुनते हैं।
मिलने को तो दुनिया में कई चेहरे मिले… पर तुम-सी मुहब्बत मैं खुद से भी ना कर पाया…
चला जाऊंगा जैसे खुद को अकेला छोड़कर.. मैं रात में उठकर यूँ खुद को देखता हूँ..
धुन सुकून की और धमाके का धंधा… मयस्सर खुशियाँ उसे जो दौलत में अन्धा…
किस्मत हम अपनी खुद लिखते हैं खुदा तो बस लिखने में मदद करते हैं।
हर किसी की निगाहों में उठते-उठते कई लोग दुनिया से उठ गए हमने जब से छोड़ दी दुनिया की फिकर अपने जहान के बादशाह बन…
अंदाजे से नापिए किसी इंसान की काबिलियत को, क्योंकि ठहरे हुए दरिया अक्सर गहरे होते हैं।
तेरी यादों को सलाम करता हूँ और अब मैं रात्रि को विराम देता हूँ। नींदे है छत पर सोई हुई, मगर मैं अपनी आँखों को…
इस काँच में कहाँ से आई दरारें? उस रात जब जोर से आँधी आई थी तब खिड़कियाँ आपस में गले थी। और चीख-चीख कर अपने…
बताओ ना! तुमने यह नूर कहाँ से पाया है? फूलों से रंगत चुराई, या फिर कलियों से नूर पाया है। बताओ ना! तुमने यह नूर…
तुम्हें याद है वह बूढ़ा बरगद? जिसके तले हम सपने सँजोते थे कल्पनाएं करते थे। अपने भविष्य की अनगिनत और एक दूसरे के कंधे पर…
लोग कहते हैं बहुत बुरा हूँ मैं क्योंकि मैं गलतियों को अनदेखा नहीं करता। नजर रहती है मेरी चप्पे-चप्पे पर मैं अन्याय का पक्ष नहीं…
नारी पर अत्याचार करना ही पौरुष की निशानी नहीं है। बल्कि हर कदम पर नारी के साथ चलना और उसके सम्मान को सर्वोपरि रखना ही…
तुझे तन्हाइयों से फुरसत मिलेगी तो मैं बताऊंगा कि आईना में भी फर्क होता है। चेहरा वही रहता है बस उम्र ढल जाती है।
मैं दहलीज पार नहीं कर सकता मगर तू तो आ सकती है मिलने कोई बहाना लेकर जैसे मिलते थे हम पहले उसी तरह मिल जा…
सावन की एक-एक बूंद कैसा एहसास दिलाती है? कोपलें भी फूटते लगती हैं…. पत्तियां नाचती हैं सावन में और पुष्प आपस में सौंदर्य की बातें…
मैं खो गया हूँ कहीं, दुनिया की चमक में। रोता है ख्वाब मेरा, अध-खुली सी पलक में।।
राधा ने प्रेम किया मोहन को टूट कर, फिर भी चले गए मोहन राधा का दामन छोड़कर। क्या प्रेम का यही अर्थ है! क्यों विरह…
ज़िन्दगी की आरज़ू में मरते जा रहे हैं लोग, हाय! कैसे-कैसे गुनाह करते जा रहे हैं लोग।
जीतना आसान नहीं है ज़िन्दगी की जंग यूँ ही, रोज़ जलना पड़ता है पतंगे की तरह।
तेरे ज़िस्म के पन्ने बस यूँ ही पलटता हूँ मैं तेरे चेहरे में अपनी पहली मोहब्बत ढूंढ़ता हूँ, तेरी रूह से कोई वास्ता नहीं मेरा…
तेरे ज़िस्म के पन्ने बस यूँ ही पलटता हूँ मैं तेरे चेहरे में अपनी पहली मोहब्बत ढूंढ़ता हूँ तेरी रूह से कोई वास्ता मेरा तेरे…
शीर्षक:- ‘हम स्कूल चलेंगे’ हम स्कूल चलेंगे जहाँ हम खूब पढ़ेँगे, सीखेंगे अच्छी बातें और पायेंगे ज्ञान, पढ़ लिखकर हम बनेंगे अच्छे और महान, हाँ,…
शीर्षक:- “जीने का लें संकल्प, आत्महत्या नहीं है विकल्प” आत्महत्या यानी खुद ही खुद की हत्या कर लेना।अपने आप ही अपने प्राण ले लेना अर्थात्…
खूब पढ़े खूब बढ़े शिक्षा ही जीवन का आधार है, इसके बिना जीवन निराधार है। शिक्षा ही जिन्दगी का सच्चा अर्थ बताती हैं, सत्य और…
जीतकर अक्सर मैं यूँ ही हार जाता हूँ बनकर खुशी मैं बहन का चेहरा सजाता हूँ।
क्या लिखा करता था मैं ये भूल गया बहन ने हौसला बढ़ाया है। जब उदास हुआ हूँ मैं तेरे धोखे से बहन ने मुस्कुराना सिखाया…
इस कदर प्यार में डूबा कि फिर उबर ना सका, पसंद बहुत आया पर दिल में उतर ना सका।
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