स्पंदन

मेरे हृदय में तेरे नाम से कुछ यूँ स्पंदन होता है मेरी आँखों से आँसू बहते हैं जब-जब तू रोता है।

असर

तुझसे धोखा खाकर प्यार में कुछ यूँ असर हुआ मुझ पर पीछे मुड़कर नहीं देखता हूँ मैं जिसे छोड़ आया बस छोड़ आया।

अकेला

हकीकत कुछ इस तरह बयां हुई मेरे होठों से मैं तुझसे मिलकर अकेला हो गया। काव्य सौंदर्य:- विरोधाभास

बादशाह

हर किसी की निगाहों में उठते-उठते कई लोग दुनिया से उठ गए हमने जब से छोड़ दी दुनिया की फिकर अपने जहान के बादशाह बन…

बूढ़ा बरगद

तुम्हें याद है वह बूढ़ा बरगद? जिसके तले हम सपने सँजोते थे कल्पनाएं करते थे। अपने भविष्य की अनगिनत और एक दूसरे के कंधे पर…

लोग कहते हैं

लोग कहते हैं बहुत बुरा हूँ मैं क्योंकि मैं गलतियों को अनदेखा नहीं करता। नजर रहती है मेरी चप्पे-चप्पे पर मैं अन्याय का पक्ष नहीं…

पौरुष

नारी पर अत्याचार करना ही पौरुष की निशानी नहीं है। बल्कि हर कदम पर नारी के साथ चलना और उसके सम्मान को सर्वोपरि रखना ही…

मैं दहलीज़

मैं दहलीज पार नहीं कर सकता मगर तू तो आ सकती है मिलने कोई बहाना लेकर जैसे मिलते थे हम पहले उसी तरह मिल जा…

सावन में…

सावन की एक-एक बूंद कैसा एहसास दिलाती है? कोपलें भी फूटते लगती हैं…. पत्तियां नाचती हैं सावन में और पुष्प आपस में सौंदर्य की बातें…

मोहन

राधा ने प्रेम किया मोहन को टूट कर, फिर भी चले गए मोहन राधा का दामन छोड़कर। क्या प्रेम का यही अर्थ है! क्यों विरह…

बस यूँ ही

तेरे ज़िस्म के पन्ने बस यूँ ही पलटता हूँ मैं तेरे चेहरे में अपनी पहली मोहब्बत ढूंढ़ता हूँ, तेरी रूह से कोई वास्ता नहीं मेरा…

बस यूँ ही

तेरे ज़िस्म के पन्ने बस यूँ ही पलटता हूँ मैं तेरे चेहरे में अपनी पहली मोहब्बत ढूंढ़ता हूँ तेरी रूह से कोई वास्ता मेरा तेरे…

हम स्कूल चलेंगे

शीर्षक:- ‘हम स्कूल चलेंगे’ हम स्कूल चलेंगे जहाँ हम खूब पढ़ेँगे, सीखेंगे अच्छी बातें और पायेंगे ज्ञान, पढ़ लिखकर हम बनेंगे अच्छे और महान, हाँ,…

लेख:- आत्महत्या

शीर्षक:- “जीने का लें संकल्प, आत्महत्या नहीं है विकल्प” आत्महत्या यानी खुद ही खुद की हत्या कर लेना।अपने आप ही अपने प्राण ले लेना अर्थात्…

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