
Mithilesh Rai
मुक्तक
January 24, 2018 in हिन्दी-उर्दू कविता
अब दर्द ही तेरा बहाना रह गया है!
ख्वाबों का ख्यालों में आना रह गया है!
वक्त ने धुंधला दिया है यादों को मगर,
दिल में चाहतों का फसाना रह गया है!
मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक
January 19, 2018 in हिन्दी-उर्दू कविता
आप जबसे जिन्दगी में मिल गये हैं!
रास्ते मंजिल के फिर से खिल गये हैं!
जागे हैं ख्वाबों के पल निगाहों में,
जख्म भी जिगर के जैसे सिल गये हैं!
मुक्तककार- #मिथिलेश_राय