मुक्तक

June 3, 2018 in हिन्दी-उर्दू कविता

तुम खुद को किसी की याद में क्यों खोते हो?
तुम जिंदगी को अश्कों से क्यों भिगोते हो?
आती हुई बहारों को न रोको दर्द से,
तुम हर घड़ी तन्हाई में क्यों रोते हो?

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

June 2, 2018 in हिन्दी-उर्दू कविता

वो दर्द वो खामोशी का मंजर नहीं बदला!
तेरी अदा-ए-हुस्न का खंजर नहीं बदला!
शामों-सहर चुभते रहते हैं तीर यादों के,
मेरी तन्हाई का वो समन्दर नहीं बदला!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

June 2, 2018 in हिन्दी-उर्दू कविता

वो दर्द वो खामोशी का मंजर नहीं बदला!
तेरी अदा-ए-हुस्न का खंजर नहीं बदला!
शामों-सहर चुभते रहते हैं तीर यादों के,
मेरी तन्हाई का वो समन्दर नहीं बदला!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

May 31, 2018 in Other

कभी-कभी चाहत जंजीर सी लगती है!
कभी-कभी सीने में तीर सी लगती है!
जब कभी भी होती है यादों की आहट,
दर्द की हाथों में लकीर सी लगती है!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

May 31, 2018 in Other

क्या कर पाया मैं और क्या कर जाऊंगा?
तेरे बिना मैं तो यूँ ही मर जाऊंगा!
जब कभी तुम देखोगे आईना दिल का,
तेरे ख्यालों में तन्हा बिखर जाऊंगा!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

May 30, 2018 in Other

अब चाहतों के हमको नजारे नहीं मिलते!
अब ख्वाहिशों के हमको इशारे नहीं मिलते!
हर वक्त ढूंढ लेती है तन्हाई दर्द की,
अब हौसलों के हमको सहारे नहीं मिलते!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

May 30, 2018 in Other

हर शख्स जमाने में बीमार जैसा है!
ख्वाहिशों का मंजर लाचार जैसा है!
सहमी हुई तकदीरें हैं इंसानों की,
आदमी सदियों से बाजार जैसा है!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

May 29, 2018 in Other

कभी चाहत जिंदगी में मर नहीं पाती!
कभी दौरे–मुश्किलों से डर नहीं पाती!
हर वक्त नाकामी का खौफ़ है लेकिन,
कभी आरजू ख्याल से मुकर नहीं पाती!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

May 28, 2018 in Other

आज फिर हाँथों में जाम लिए बैठा हूँ!
तेरे..दर्द का पैगाम लिए बैठा हूँ!
वस्ल की निगाहों में ठहरी हैं यादें,
तेरा फिर लबों पर नाम लिए बैठा हूँ!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

May 28, 2018 in Other

आज फिर हाँथों में जाम लिए बैठा हूँ!
तेरे..दर्द का पैगाम लिए बैठा हूँ!
वस्ल की निगाहों में ठहरी हैं यादें,
तेरा फिर लबों पर नाम लिए बैठा हूँ!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

May 28, 2018 in Other

बेवफाओं की कोई सूरत क्या होती है?
नाखुदाओं की कोई मूरत क्या होती है?
जब कौम की जागीरों में बँटा है आदमी,
इंसानियत की कोई जरुरत क्या होती है?

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

May 28, 2018 in Other

बेवफाओं की कोई सूरत क्या होती है?
नाखुदाओं की कोई मूरत क्या होती है?
जब कौम की जागीरों में बँटा है आदमी,
इंसानियत की कोई जरुरत क्या होती है?

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

May 28, 2018 in Other

बेवफाओं की कोई सूरत क्या होती है?
नाखुदाओं की कोई मूरत क्या होती है?
जब कौम की जागीरों में बँटा है आदमी,
इंसानियत की कोई जरुरत क्या होती है?

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

May 28, 2018 in Other

बेवफाओं की कोई सूरत क्या होती है?
नाखुदाओं की कोई मूरत क्या होती है?
जब कौम की जागीरों में बँटा है आदमी,
इंसानियत की कोई जरुरत क्या होती है?

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

May 28, 2018 in Other

बेवफाओं की कोई सूरत क्या होती है?
नाखुदाओं की कोई मूरत क्या होती है?
जब कौम की जागीरों में बँटा है आदमी,
इंसानियत की कोई जरुरत क्या होती है?

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

May 27, 2018 in Other

मौत हासिल होती है इंसान के मरने पर!
मिलता है अंधेरा उजालों के गुजरने पर!
क्यों खौफ-ए-नाकामी है हर वक्त जेहन में?
जब दर्द ही रहबर है खुशियों के मुकरने पर!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

May 24, 2018 in Other

टूटते ख्वाबों के अफसाने बहुत से हैं!
चाहत की शमा के परवाने बहुत से हैं!
एक तू ही नहीं है आशिक पैमानों का,
जामे‍‌-मयकशी के दीवाने बहुत से हैं!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

May 23, 2018 in Other

तेरी याद है दिल में दर्दे–तन्हाई सी!
ख्वाहिशों की शक्ल में तैरती परछाई सी!
चाहत हर पल गूँजती है मेरे सीने में,
तेरी तमन्नाओं की जैसे शहनाई सी!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

May 21, 2018 in Other

तेरी याद मुझसे भुलायी न गयी!
तेरी याद दिल से मिटायी न गयी!
चाहत जल रही है सीने में मगर,
आग़ तिश्नगी की बुझायी न गयी!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

May 20, 2018 in Other

आओ करीब तुम नूरानी रात हुई है!
चाहत की फिर से दीवानी रात हुई है!
तोड़कर जमाने की जंजीर-ए-रस्म को,
आओ करीब तुम मस्तानी रात हुई है!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

May 19, 2018 in Other

मैं कैसे कह दूँ तुमसे प्यार नहीं रहा!
तेरी गुफ्तगूं का इंतजार नहीं रहा!
हर वक्त खिंचती हैं जब तेरी अदाऐं,
मैं कैसे कह दूँ दिल बेकरार नहीं रहा!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

May 18, 2018 in Other

तुम जो मुस्कुराती हो नजरें बदलकर!
नीयत पिघल जाती है मेरी मचलकर!
चाहत धधक जाती है जैसे जिगर में,
हर बार जुस्तजू की आहों में ढलकर!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

May 16, 2018 in Other

मैं कबतलक तेरा इंतजार करता रहूँ?
मैं कबतलक तुम पर ऐतबार करता रहूँ?
मुझे खौफ सताता है तेरी बेरुखी का,
मैं कबतलक खुद को बेकरार करता रहूँ?

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

May 16, 2018 in Other

मैं कबतलक तेरा इंतजार करता रहूँ?
मैं कबतलक तुम पर ऐतबार करता रहूँ?
मुझे खौफ सताता है तेरी बेरुखी का,
मैं कबतलक खुद को बेकरार करता रहूँ?

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

May 13, 2018 in Other

हम जिंदगी में गम को कबतक सहेंगे?
हम राह में काँटों पर कबतक चलेंगे?
कदम तमन्नाओं के रुकते नहीं मगर,
हम मुश्किले-सफ़र में कबतक रहेंगे?

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

May 12, 2018 in Other

मैं जी रहा हूँ तुमको पाने की आस लिए!
मैं जी रहा हूँ सीने में तेरी प्यास लिए!
यादें बंधी हुई हैं साँसों की डोर से,
चाहत के रंगों में तेरा एहसास लिए!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

May 11, 2018 in Other

मैं जागता क्यों रहता हूँ तन्हा रातों में?
नींद उड़ जाती है ख्वाहिशे-मुलाकातों में!
सीने में नजरबंद हैं वस्ल़ की यादें,
बेखुदी में रहता हूँ तेरे ख्यालातों में!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

May 11, 2018 in Other

मैं जागता क्यों रहता हूँ तन्हा रातों में?
नींद उड़ जाती है ख्वाहिशे-मुलाकातों में!
सीने में नजरबंद हैं वस्ल़ की यादें,
बेखुदी में रहता हूँ तेरे ख्यालातों में!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

May 10, 2018 in Other

टूट गया हूँ मैं गमे-अंजाम देखकर!
टूट गया हूँ मैं गमे-नाकाम देखकर!
रो रही है चाहत राहे-तन्हाई में,
तेरी बेवफाई का पैगाम देखकर!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

May 10, 2018 in Other

टूट गया हूँ मैं गमे-अंजाम देखकर!
टूट गया हूँ मैं गमे-नाकाम देखकर!
रो रही है चाहत राहे-तन्हाई में,
तेरी बेवफाई का पैगाम देखकर!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

May 10, 2018 in Other

टूट गया हूँ मैं गमे-अंजाम देखकर!
टूट गया हूँ मैं गमे-नाकाम देखकर!
रो रही है चाहत राहे-तन्हाई में,
तेरी बेवफाई का पैगाम देखकर!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

May 9, 2018 in Other

तेरी जिन्दगी में हरपल कमी सी है!
अश्क की आँखों में हरपल नमी सी है!
दौर है कायम अभी तेरी यादों का,
दर्द की ख्यालों में हरपल जमीं सी है!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

May 9, 2018 in Other

मेरे सितमगर फिर से कोई वादा न करो!
मेरे दिल़ को तोड़ने का इरादा न करो!
क्यों इम्तिहान लेते हो कई बार सब्र का?
चाहत की बेचैनी को और ज्यादा न करो!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

May 4, 2018 in Other

जख्म जिन्दा है तेरी याद भी आ जाती है!
बेकरार पल में तेरी आरजूू सताती है!
मैं तन्हा हो गया हूँ गमें-अंजाम से मगर,
ख्वाबों की चुभन से मेरी आँख भर आती है!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

May 2, 2018 in Other

तेरी तस्वीर से मेरी नजर हटती ही नहीं!
तेरे दीदार की हसरत कभी मिटती ही नहीं!
मैं जोड़ता रहता हूँ तेरी यादों के टुकड़े,
गम-ए-इंतजार की तन्हाई कटती ही नहीं!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

May 1, 2018 in Other

तू जबसे गैर की बाँहों में चली गयी है!
जिन्दगी जख्मों की आहों में चली गयी है!
यादें चुभती हैं जिग़र में शीशे की तरह,
शाम मयखानों की राहों में चली गयी है!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

April 29, 2018 in Other

मेरी जिंदगी को अंजान सा रहने दो!
दिल में जुस्तजू का तूफान सा रहने दो!
टूटे हुए से ख्वाब हैं पलकों में लेकिन,
अश्कों में यादों को निशान सा रहने दो!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

April 28, 2018 in Other

एक तू ही नहीं है जो वक्त से हारा है!
हर शख्स दुनिया में हालात का मारा है!
हर-पल बदल रही है तस्वीर-ए-जिंदगी,
टूटते दिलों का हैरान सा नजारा है!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

April 27, 2018 in Other

तुम मेरी जिन्दगी का ऐतबार बन गयी हो!
तुम मेरी मंजिलों का इंतजार बन गयी हो!
शामों-सहर नज़र आता है रंग यादों का,
तुम मेरी तमन्नाओं का संसार बन गयी हो!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

April 25, 2018 in Other

मैं खुद को यादों में भुलाकर रह गया हूँ!
मैं खुद को दर्द से रूलाकर रह गया हूँ!
हर कोशिश नाकाम है दीदार की जबसे,
मैं अश्क को आँखों में लाकर रह गया हूँ!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

April 24, 2018 in Other

तेरी चाहत मेरे गुनाह की तरह है!
तेरी तिश्नगी दिल में आह की तरह है!
खींच लेती है खुशबू तेरे ख्यालों की,
तेरी याद बेखुदी की राह की तरह है!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

April 22, 2018 in Other

मेरी हर कोशिश तुम्हें पाने के लिए थी!
तेरी जुल्फों के तले आने के लिए थी!
लेकिन समझ न पाया मैं तेरी दिल्लगी,
तेरी हर अदा तो तड़पाने के लिए थी!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

April 22, 2018 in Other

हमें दर्द जिंदगी में मिलते रहेंगे!
हम राहे-मंजिलों पर चलते रहेंगे!
डरते नहीं किसी से रंग मौसमों के,
फूल तमन्नाओं के खिलते रहेंगे!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

April 15, 2018 in Other

मुझको तेरी चाहते-नजर चाहिए!
दिल में तमन्नाओं की लहर चाहिए!
झिलमिलाते ख्वाब हों जुगनू की तरह,
मुझको यादों का वही शहर चाहिए!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

April 14, 2018 in Other

मैं कैसे कहूँ कि तेरा दीवाना नहीं रहा?
मैं कैसे कहूँ कि तेरा परवाना नहीं रहा?
मुझे खींचती है मधुशाला तेरे नयनों की,
मैं कैसे कहूँ कि आशिके-पैमाना नहीं रहा?

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

April 12, 2018 in Other

बंद होकर भी आँखें कुछ बोल जाती हैं!
राह तमन्नाओं की कुछ खोल जाती हैं!
रोशनी जल जाती है यादों की शक्ल में,
दर्द की लहरें जेहन में डोल जाती हैं!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

April 11, 2018 in Other

मेरी शामें-तन्हाई न खाली जाएगी!
मेरी जुबां पे फिर से आह डाली जाएगी!
सोहबत बुरी है मेरी दिलजलों से साकी,
मयखानों से गम की राह निकाली जाएगी!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

April 9, 2018 in Other

तुम मेरी जिन्दगी से यादों को ले लो!
तुम मेरे दर्द की फरियादों को ले लो!
मैं कब तलक सहता रहूँ आहे-तमन्ना?
तुम मेरे ख्यालों से इरादों को ले लो!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

April 8, 2018 in Other

सोचता हूँ आज तुमसे मुलाकात कर लूँ!
रात की तन्हाई में तुमसे बात कर लूँ!
तेज कर लो तुम फिर से तीर-ए-नज़र को,
जख्मों को सह लेने की करामात कर लूँ!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

April 7, 2018 in Other

मेरी जिंदगी गमों से डर पाएगी क्या?
दिल में ख्वाहिश गैऱ की कर पाएगी क्या?
सब्र अभी जिन्दा है जख्मों को सहने का,
वस्ल से पहले तमन्ना मर पाएगी क्या?

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

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