Mithilesh Rai
मुक्तक
December 23, 2017 in शेर-ओ-शायरी
रात पिघल जाती है यादों की जलन से!
बात बदल जाती है लफ्जों की चुभन से!
गरूर बना देता है दिलों में दूरियाँ,
फासले मिटते नहीं इंसा के जेहन से!
रचनाकार- #मिथिलेश_राय
मुक्तक
November 18, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता
होते ही शाम तेरी प्यास चली आती है!
मेरे ख्यालों में बदहवास चली आती है!
उस वक्त टकराता हूँ गम की दीवारों से,
जब भी यादों की लहर पास चली आती है!
मुक्तककार- #मिथिलेश_राय
मुक्तक
November 16, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता
पास हो कर भी जरा सा दूर हो तुम!
हुस्न पर अपने बहुत मगरूर हो तुम!
तेज हैं तलवार सी तेरी निगाहें,
बेवफाओं में मगर मशहूर हो तुम!
मुक्तककार – #मिथिलेश_राय
मुक्तक
November 14, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता
जब से लबों पे आया है तेरा नाम फिर से!
जैसे लबों पे आया है कोई जाम फिर से!
तेरी याद बंध गयी है साँसों की डोर से,
मुझको तरसाती हुई आयी है शाम फिर से!
मुक्तककार- #मिथिलेश_राय
मुक्तक
November 11, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता
तेरे सिवा दिल में कोई आता नहीं कभी!
तेरे सिवा दिल को कोई भाता नहीं कभी!
मुझे मंजिल मिल न पायी तकदीर से लेकिन,
सिलसिला तेरी यादों का जाता नहीं कभी!
मुक्तककार- #मिथिलेश_राय
मुक्तक
November 9, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता
मेरी नजर से दूर तुम जाया न करो!
मेरी चाहत को तुम तड़पाया न करो!
तेरे लिए बेचैन हैं मेरी ख्वाहिशें,
मेरे प्यार पर गमों का साया न करो!
मुक्तककार- #मिथिलेश_राय
मुक्तक
November 9, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता
मुझसा कोई तेरा दीवाना नहीं होगा!
मुझसा कोई तेरा परवाना नहीं होगा!
हार चुका हूँ मंजिल को तकदीर से लेकिन,
मुझसा कभी मशहूर अफसाना नहीं होगा!
मुक्तककार- #मिथिलेश_राय
मुक्तक
November 7, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता
मंजिल की तलाश में तूफान मिल जाते हैं!
रास्तों में ख्वाबों के शमशान मिल जाते हैं!
उस वक्त भीग जाती हैं आँखें अश्कों से,
जब कभी भी यादों के निशान मिल जाते हैं!
मुक्तककार- #मिथिलेश_राय
मुक्तक
November 6, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता
मैं कबतक राह देखूँगा तेरे आने की?
तुमको राहे-जिन्दगी में फिर से पाने की!
धीरे धीरे चुभ रही है तन्हाई दिल में,
जाग उठी है जुस्तजू फिर से पैमाने की!
#महादेव_की_मुक्तक_रचनाऐं
मुक्तक
November 5, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता
क्यों तुम शमा-ए-चाहत को बुझाकर चले गये?
क्यों तुम मेरी जिन्दगी में आकर चले गये?
हर गम को जब तेरे लिए सहता रहा हूँ मैं,
क्यों तुम मेरे प्यार को ठुकराकर चले गये?
मुक्तककार- #मिथिलेश_राय
मुक्तक
November 4, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता
मेरे दिल से तेरी बेवफाई न गयी!
मेरी नजर से तेरी रुसवाई न गयी!
मुश्किल से अंजाम को भूला हूँ लेकिन,
तेरे प्यार की कभी अंगड़ाई न गयी!
मुक्तककार- #मिथिलेश_राय
मुक्तक
October 31, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता
जो दिल में छुपी हुई है उस बात को समझो!
जो मुझको तड़पाती है उस रात को समझो!
कभी नींद नहीं आती है तेरी चाहत को,
मेरी इस बेचैनी की हालात को समझो!
मुक्तककार – #मिथिलेश_राय
#मात्रा_भार_25
मुक्तक
October 31, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता
जिन्दगी जब भी किसी से प्यार करती है!
हर वक्त उसी का इंतजार करती है!
शाम गुजर जाती है उसी की यादों में,
रात तन्हाई की बेकरार करती है!
रचनाकार- #मिथिलेश_राय
मुक्तक
October 30, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता
जिन्दगी जब भी किसी से प्यार करती है!
हर वक्त उसी का इंतजार करती है!
शाम गुजर जाती है उसी की यादों में,
रात तन्हाई की बेकरार करती है!
रचनाकार- #मिथिलेश_राय
मुक्तक
October 28, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता
मेरी याद आए तो आवाज दे देना!
अपनी उमंगों को नया साज दे देना!
ढूंढ लेना तस्वीरें चाहत की फिर से,
जिन्दगी को एक नया अंदाज दे देना!
मुक्तककार- #मिथिलेश_राय
मुक्तक
October 27, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता
काश तुमको फिर से याद मैं आ जाऊँ!
काश तुमको फिर से जिन्दगी में पाऊँ!
तेरे दर्द को भूल सकता हूँ लेकिन,
कैसे तेरे प्यार को दिल से मिटाऊँ?
मुक्तककार- #मिथिलेश_राय
मुक्तक
October 27, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता
तेरी बेकरारी आज भी कमाल है!
मेरी जिन्दगी को तेरा ही ख्याल है!
भूल गया हूँ दर्द के अंजाम को मगर,
तेरी जुदाई का आज भी मलाल है!
मुक्तककार- #मिथिलेश_राय
मुक्तक
October 25, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता
तेरी बेकरारी आज भी कमाल है!
मेरी जिन्दगी को तेरा ही ख्याल है!
भूल गया हूँ दर्द के अंजाम को मगर,
तेरी जुदाई का आज भी मलाल है!
मुक्तककार- #मिथिलेश_राय
मुक्तक
October 23, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता
सामने है साकी मंजिल भी शराब है!
मेरी जुस्तजू में तेरा ही शबाब है!
तिश्नगी जाती नहीं है तेरी जिगर से,
तेरी #अदा_ए_हुस्न इतनी लाजवाब है!
मुक्तककार- #मिथिलेश_राय
मुक्तक
October 22, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता
कभी गम कभी मुझको तन्हाई मार देती है!
तेरी तमन्नाओं को जुदाई मार देती है!
मैं राहे-इंतजार में बैठा हुआ हूँ लेकिन,
ऐतबार को तेरी रुसवाई मार देती है!
मुक्तककार – #मिथिलेश_राय
मुक्तक
October 20, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता
तेरी बेवफाई से कहीं मैं बदल न जाऊँ?
इंतजार की ज्वाला से कहीं मैं जल न जाऊँ?
मुझे दर्द डराता है हर वक्त तन्हाई में,
सब्र के चट्टानों से कहीं मैं फिसल न जाऊँ?
मुक्तककार- #मिथिलेश_राय
मुक्तक
October 18, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता
कुछ लोग जिन्दगी में यूँ ही चले आते हैं!
कुछ लोग वफाओं को यूँ ही भूल जाते हैं!
कई लोग तड़पते हैं किसी की जुदाई में,
कुछ किसी के दर्द पर यूँ ही मुस्कुराते हैं!
मुक्तककार- #मिथिलेश_राय