मुक्तक

January 5, 2018 in Other

हरबार तुम एक ही नादानी करते हो!
हर किसी से जिक्र तुम कहानी करते हो!
हँसते हुए सहते हो अपनों के सितम को,
हरबार तुम अपनी कुर्बानी करते हो!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

January 2, 2018 in Other

कैसे कहूँ मैं गमज़दा नहीं होता हूँ!
कैसे कहूँ मैं यादों में नहीं खोता हूँ!
जब अश्कों का सागर है मेरी आँखों में,
कैसे कहूँ मैं तेरे लिए नहीं रोता हूँ!

मुक्तककार -#मिथिलेश_राय

मुक्तक

December 31, 2017 in Other

मैं सोचता हूँ तेरा इरादा छोड़ दूँ!
तुमसे प्यार करने का वादा तोड़ दूँ!
यूँ कबतक देखता रहूँ तेरी अदाऐं,
मैं तेरी निगाहों का इशारा मोड़ दूँ!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

December 30, 2017 in Other

कौन मेरी तन्हाई में हमारा बनेगा?
नाकामियों के दौर में बेचारा बनेगा!
टूटती मीनार हूँ अपने आशियाने की,
अब कौन इन दीवारों का सहारा बनेगा?

मुक्तककार – #मिथिलेश_राय

मुक्तक

December 28, 2017 in Other

तेरा जब मुझे रुखसार याद आता है!
तेरे हुस्न का दीदार याद आता है!
यादों से जुड़ जाती हैं वक्त की कड़ियाँ,
सब्र का दिल से तकरार याद आता है!

मुक्तककार – #मिथिलेश_राय

मुक्तक

December 28, 2017 in Other

मुझे तेरी मुलाकात याद रहती है!
तेरी नजरों की बात याद रहती है!
आज भी तड़पाती हैं तेरी अदाऐं,
तेरे ख्यालों की रात याद रहती है!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

December 27, 2017 in Other

तुम पास नहीं हो तो कुछ भी नहीं है!
तुम जहाँ हो मेरी हर खुशी वहीं है!
खुद को ढूंढता हूँ अज़नबी सा मैं,
मैं कहीं हूँ मेरी जिन्दगी कहीं है!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

December 23, 2017 in शेर-ओ-शायरी

रात पिघल जाती है यादों की जलन से!
बात बदल जाती है लफ्जों की चुभन से!
गरूर बना देता है दिलों में दूरियाँ,
फासले मिटते नहीं इंसा के जेहन से!

रचनाकार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

December 22, 2017 in Other

मुझे तेरे प्यार की आदत नहीं रही!
तेरे इंतजार की आदत नहीं रही!
जबसे देख लिया है बाँहों में गैर की,
तेरे ऐतबार की आदत नहीं रही!

रचनाकार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

December 19, 2017 in Other

तेरी आरजू मुझे सोने नहीं देती!
तेरे सिवा गैर का होने नहीं देती!
धड़कनों में दौड़ती है तेरी तमन्ना,
तेरे प्यार को कभी खोने नहीं देती!

#महादेव_की_मुक्तक_रचनाऐं

मुक्तक

December 18, 2017 in Other

तेरी कभी दिल से ख्वाहिश नहीं जाती!
तेरे ख्यालों की नुमाइश नहीं जाती!
जाती नहीं हैं यादें मेरे जिगर से,
तेरे दर्द की पैदाइश नहीं जाती!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

December 18, 2017 in Other

हम सभी मरते हैं लेकिन जीते नहीं सभी!
जाम को हाथों में लेकर पीते नहीं सभी!
हर रोज ढूंढ लेते हैं यादों में दर्द को,
अपने जिगर के जख्मों को सीते नहीं सभी!

मुक्तककार – #मिथिलेश_राय

मुक्तक

December 14, 2017 in Other

तेरे बगैर आज मैं तन्हाई में हूँ!
तेरे बगैर दर्द की गहराई में हूँ!
डूबा हूँ कबसे जाम के पैमाने में,
मयकशी की झूमती अंगड़ाई में हूँ!

मुक्तककार – #मिथिलेश_राय

मुक्तक

December 14, 2017 in Other

तेरे बगैर आज मैं तन्हाई में हूँ!
तेरे बगैर दर्द की गहराई में हूँ!
डूबा हूँ कबसे जाम के पैमाने में,
मयकशी की झूमती अंगड़ाई में हूँ!

मुक्तककार – #मिथिलेश_राय

मुक्तक

December 12, 2017 in Other

मेरी तन्हाई में जब भी गुजर होती है!
मेरे ख्यालों में ख्वाबों की सहर होती है!
दर्द की कड़ियों से जुड़ जाती है जिन्दगी,
यादों की दिल में चुभती सी लहर होती है!

मुक्तककार – #मिथिलेश_राय

मुक्तक

December 12, 2017 in Other

मेरी तन्हाई में जब भी गुजर होती है!
मेरे ख्यालों में ख्वाबों की सहर होती है!
दर्द की कड़ियों से जुड़ जाती है जिन्दगी,
यादों की दिल में चुभती सी लहर होती है!

मुक्तककार – #मिथिलेश_राय

मुक्तक

December 8, 2017 in Other

मेरे गम को मेरा ठिकाना मिल जाता है!
तेरे ख्यालों का आशियाना मिल जाता है!
जब दिल को सताती है प्यास तमन्नाओं की,
मेरी तिश्नगी को मयखाना मिल जाता है!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

December 8, 2017 in Other

हवा सर्दियों की पैगामे-गम ले आती है!
वक्ते-तन्हाई में तेरा सितम ले आती है!
तूफान नजर आता है अश्कों में यादों का,
तेरी चाहत को पलकों में नम ले आती है!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

December 7, 2017 in Other

हवा सर्दियों की पैगामे-गम ले आती है!
वक्ते-तन्हाई में तेरा सितम ले आती है!
तूफान नजर आता है अश्कों में यादों का,
तेरी चाहत को पलकों में नम ले आती है!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

December 6, 2017 in Other

कबतक देखता रहूँ तुमको देखकर?
कबतक सोचता रहूँ तुमको सोचकर?
हर साँस गुजरती है मेरे जिस्म की,
मेरे लबों की राह से दर्द बनकर!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

December 5, 2017 in Other

कभी तो किसी शाम को घर चले आओ!
कभी तो दर्द से बेखबर चले आओ!
रात गुजरती है मयखाने में तेरी,
राहे-बेखुदी से मुड़कर चले आओ!

मुक्तककार – #मिथिलेश_राय
#मात्रा_भार_22

मुक्तक

December 5, 2017 in Other

मेरा हरेक आलम ख्वाब तेरा लगता है!
तेरा ख्याल सर्दियों में धूप सा जलता है!
जब भी सताती हैं सरगोशियाँ इरादों की,
नींद के आगोश में दर्द तेरा चलता है!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

December 3, 2017 in Other

होते ही सुबह तेरी तस्वीर से मिलता हूँ!
तेरी तमन्नाओं की जागीर से मिलता हूँ!
नजरों को घेर लेता है यादों का समन्दर,
चाहत की बिखरी हुई तकदीर से मिलता हूँ!

मुक्तककार – #मिथिलेश_राय

मुक्तक

December 3, 2017 in Other

तेरी याद में तन्हा होकर रह जाता हूँ!
तेरी याद में तन्हा रोकर रह जाता हूँ!
जब भी तीर चुभते हैं तेरी रुसवाई के,
जाम के पैमानों में खोकर रह जाता हूँ!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

December 2, 2017 in Other

तेरी याद में तन्हा होकर रह जाता हूँ!
तेरी याद में तन्हा रोकर रह जाता हूँ!
जब भी तीर चुभते हैं तेरी रुसवाई के,
जाम के पैमानों में खोकर रह जाता हूँ!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

November 30, 2017 in Other

यादों की राह में सवाल आ जाता है!
तेरी रुसवाई का ख्याल आ जाता है!
जब भी ख्वाब आते हैं मेरी आँखों में,
तेरी जुदाई का मलाल आ जाता है!

मुक्तककार – #मिथिलेश_राय

मुक्तक

November 23, 2017 in Other

मुझसे किसलिए तुम रिश्ता तोड़ गये हो?
मेरी चाहत को तन्हा छोड़ गये हो!
यादों की आहट रुला देती है मुझको,
#साँसे_जिस्म को गमों से जोड़ गये हो!

#महादेव_की_मुक्तक_रचनाऐं

मुक्तक

November 22, 2017 in Other

कोई नहीं है मंजिल न कोई ठिकाना है!
हरपल तेरी याद में खुद को तड़पाना है!
मैं कैसे रोक सकूँगा नुमाइश जख्मों की?
जब शामे-तन्हाई में खुद को जलाना है!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

November 22, 2017 in Other

मुझको याद फिर तेरा जमाना आ रहा है!
मुझको याद फिर तेरा फसाना आ रहा है!
चाहत की मदहोशी से जागी है तिश्नगी,
मुझको याद तेरा मुस्कुराना आ रहा है!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

November 18, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

होते ही शाम तेरी प्यास चली आती है!
मेरे ख्यालों में बदहवास चली आती है!
उस वक्त टकराता हूँ गम की दीवारों से,
जब भी यादों की लहर पास चली आती है!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

November 16, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

पास हो कर भी जरा सा दूर हो तुम!
हुस्न पर अपने बहुत मगरूर हो तुम!
तेज हैं तलवार सी तेरी निगाहें,
बेवफाओं में मगर मशहूर हो तुम!

मुक्तककार – #मिथिलेश_राय

मुक्तक

November 14, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

जब से लबों पे आया है तेरा नाम फिर से!
जैसे लबों पे आया है कोई जाम फिर से!
तेरी याद बंध गयी है साँसों की डोर से,
मुझको तरसाती हुई आयी है शाम फिर से!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

November 11, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

तेरे सिवा दिल में कोई आता नहीं कभी!
तेरे सिवा दिल को कोई भाता नहीं कभी!
मुझे मंजिल मिल न पायी तकदीर से लेकिन,
सिलसिला तेरी यादों का जाता नहीं कभी!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

November 9, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

मेरी नजर से दूर तुम जाया न करो!
मेरी चाहत को तुम तड़पाया न करो!
तेरे लिए बेचैन हैं मेरी ख्वाहिशें,
मेरे प्यार पर गमों का साया न करो!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

November 9, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

मुझसा कोई तेरा दीवाना नहीं होगा!
मुझसा कोई तेरा परवाना नहीं होगा!
हार चुका हूँ मंजिल को तकदीर से लेकिन,
मुझसा कभी मशहूर अफसाना नहीं होगा!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

November 7, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

मंजिल की तलाश में तूफान मिल जाते हैं!
रास्तों में ख्वाबों के शमशान मिल जाते हैं!
उस वक्त भीग जाती हैं आँखें अश्कों से,
जब कभी भी यादों के निशान मिल जाते हैं!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

November 6, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

मैं कबतक राह देखूँगा तेरे आने की?
तुमको राहे-जिन्दगी में फिर से पाने की!
धीरे धीरे चुभ रही है तन्हाई दिल में,
जाग उठी है जुस्तजू फिर से पैमाने की!

#महादेव_की_मुक्तक_रचनाऐं

मुक्तक

November 5, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

क्यों तुम शमा-ए-चाहत को बुझाकर चले गये?
क्यों तुम मेरी जिन्दगी में आकर चले गये?
हर गम को जब तेरे लिए सहता रहा हूँ मैं,
क्यों तुम मेरे प्यार को ठुकराकर चले गये?

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

November 4, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

मेरे दिल से तेरी बेवफाई न गयी!
मेरी नजर से तेरी रुसवाई न गयी!
मुश्किल से अंजाम को भूला हूँ लेकिन,
तेरे प्यार की कभी अंगड़ाई न गयी!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

October 31, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

जो दिल में छुपी हुई है उस बात को समझो!
जो मुझको तड़पाती है उस रात को समझो!
कभी नींद नहीं आती है तेरी चाहत को,
मेरी इस बेचैनी की हालात को समझो!

मुक्तककार – #मिथिलेश_राय
#मात्रा_भार_25

मुक्तक

October 31, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

जिन्दगी जब भी किसी से प्यार करती है!
हर वक्त उसी का इंतजार करती है!
शाम गुजर जाती है उसी की यादों में,
रात तन्हाई की बेकरार करती है!

रचनाकार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

October 30, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

जिन्दगी जब भी किसी से प्यार करती है!
हर वक्त उसी का इंतजार करती है!
शाम गुजर जाती है उसी की यादों में,
रात तन्हाई की बेकरार करती है!

रचनाकार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

October 28, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

मेरी याद आए तो आवाज दे देना!
अपनी उमंगों को नया साज दे देना!
ढूंढ लेना तस्वीरें चाहत की फिर से,
जिन्दगी को एक नया अंदाज दे देना!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

October 27, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

काश तुमको फिर से याद मैं आ जाऊँ!
काश तुमको फिर से जिन्दगी में पाऊँ!
तेरे दर्द को भूल सकता हूँ लेकिन,
कैसे तेरे प्यार को दिल से मिटाऊँ?

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

October 27, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

तेरी बेकरारी आज भी कमाल है!
मेरी जिन्दगी को तेरा ही ख्याल है!
भूल गया हूँ दर्द के अंजाम को मगर,
तेरी जुदाई का आज भी मलाल है!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

October 25, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

तेरी बेकरारी आज भी कमाल है!
मेरी जिन्दगी को तेरा ही ख्याल है!
भूल गया हूँ दर्द के अंजाम को मगर,
तेरी जुदाई का आज भी मलाल है!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

October 23, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

सामने है साकी मंजिल भी शराब है!
मेरी जुस्तजू में तेरा ही शबाब है!
तिश्नगी जाती नहीं है तेरी जिगर से,
तेरी #अदा_ए_हुस्न इतनी लाजवाब है!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

October 22, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

कभी गम कभी मुझको तन्हाई मार देती है!
तेरी तमन्नाओं को जुदाई मार देती है!
मैं राहे-इंतजार में बैठा हुआ हूँ लेकिन,
ऐतबार को तेरी रुसवाई मार देती है!

मुक्तककार – #मिथिलेश_राय

मुक्तक

October 20, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

तेरी बेवफाई से कहीं मैं बदल न जाऊँ?
इंतजार की ज्वाला से कहीं मैं जल न जाऊँ?
मुझे दर्द डराता है हर वक्त तन्हाई में,
सब्र के चट्टानों से कहीं मैं फिसल न जाऊँ?

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

October 18, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

कुछ लोग जिन्दगी में यूँ ही चले आते हैं!
कुछ लोग वफाओं को यूँ ही भूल जाते हैं!
कई लोग तड़पते हैं किसी की जुदाई में,
कुछ किसी के दर्द पर यूँ ही मुस्कुराते हैं!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

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