सीने में गम

July 31, 2018 in हिन्दी-उर्दू कविता

याद उनकी है दिलों में,
सीने में गम भी है

खौलता है ये लहू,
सांस में परचम भी है

-विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

कुर्बानियां

July 31, 2018 in हिन्दी-उर्दू कविता

कुर्बानियां देकर वो,
आज़ाद वतन को कर गए,
खून ऐ जिगर वो,
खातिर देश की मर गए

-विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

जूनून

July 31, 2018 in हिन्दी-उर्दू कविता

कारवां ले चले,
हम वतन के नाम पर

जुनून आज़ादी है,
सर कफ़न बांधकर

-विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

प्रेम

July 31, 2018 in हिन्दी-उर्दू कविता

आओ हम सब मिल कर के,
एक नया रंग चढ़ा लें

शांति प्रेम एकता का,
अबीर गुलाल लगा लें

-विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

देश भक्ति

July 31, 2018 in हिन्दी-उर्दू कविता

गांधी,भगत,चद्रशेखर ,झाँसी की महारानी
हम सब की खातिर जिसने,अपनी जान गवा दी

अम्बर से धरती पर आये,ये वतन बचाने
आज़ादी क्या होती है,ये मूल पाठ पढ़ाने

-विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

वीरों

July 31, 2018 in हिन्दी-उर्दू कविता

तुम धरा सी धीरजता,
सूर्य सी तपन बन जाओ

आंच न देश पर आये,
चिंगारी हो,अगन बन जाओ

रोक दो आतंक को,
वीरो तुम प्रलय बन जाओ

बाँध कर सर पे कफ़न,
तुम तूफ़ान से टकरा जाओ

-विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

वतन के पहरेदार

July 31, 2018 in हिन्दी-उर्दू कविता

निज नहीं कुछ स्वार्थ इनका,
जीते हैं बस देश की खातिर
हर वक़्त,पहरेदार बनकर,
जागते हैं इस वतन की खातिर

-विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

वो दिन

July 31, 2018 in हिन्दी-उर्दू कविता

बचपन के वो खेल, वो झूले,
हंसी ठिठोली ,हम न भूले
वो रूठना और मनाना,
और मिलजुलकर हर ख़ुशी मनाना

-विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

याद

July 31, 2018 in गीत

गहरा है ये मेरा प्यार,
बहना करती है इंतज़ार
जा बसे तुम विदेश भैया
कैसे बांधूंगी अब राखी
राखी के धागों में
पिरोये प्यार के मोती
तेरा सुखी रहे संसार
मत भूलना मेरा प्यार
आया राखी का त्यौहार
बहना करती है इंतज़ार

-विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

मानवता

July 31, 2018 in हिन्दी-उर्दू कविता

जीत लिया संसार तूने,
ये न तेरी जीत है
जीता वही मानव,
जिसे मानवों से प्रीत है

-विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

राखी

July 31, 2018 in हिन्दी-उर्दू कविता

बहना की राखी में,
राखी के धागों में
रक्षा है,शिक्षा है
आशीष है, दुआ है
अटूट बंधन है
रोली है चन्दन है
पावन पर्व का
अभिनन्दन है

-विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

बता दे

July 30, 2018 in हिन्दी-उर्दू कविता

मेरी चादर का मैल हटा दे,
माया मोह की फांस मिटा दे
आये जग में हैं क्यूँ
वो मकसद बता दे

-विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

माता पिता

July 30, 2018 in हिन्दी-उर्दू कविता

है कर्तव्य यही,
माता पिता का ध्यान रखो

सीख मिले जो उनसे,
उसको सर माथे धरो

-विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

गति

July 30, 2018 in हिन्दी-उर्दू कविता

उथल पुथल सी होती है क्यों,
मन की गति को रोक सही

भटक भटक कर थक गया,
स्थिर हो तू बैठ कहीं

-विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

जग

July 30, 2018 in हिन्दी-उर्दू कविता

जी ले जीवन ऐ मनवा,
ये जग तो रैन बसेरा

न हो बंधन न हो मुक्ति,
नित रहे प्रिय का पहरा

जी ले जीवन ऐ मनवा,
ये जग तो रैन बसेरा

-विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

न हो उदास

July 30, 2018 in हिन्दी-उर्दू कविता

न हो मन उदास,
सावन के मास
आयंगे सांवरिया,
बुहार ले डगरिया
रख विश्वास
प्रिय तेरे पास
सावन के मास

-विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

सावन मनभावन

July 30, 2018 in हिन्दी-उर्दू कविता

ये सावन है,मनभावन
मन में उठे उमंग हज़ार

क्यों लगे ये बार बार
संजू सवरू करूँ श्रंगार

नैना तकें,पिया का आवन
ये सावन है मनभावन

-विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

मीत

July 30, 2018 in हिन्दी-उर्दू कविता

बिछड़ गए मीत जिनके,
मनवा उन्हें बुलाये

छाये घटा सावन की जब,
नैना भर भर आये

मन सावन गीत गए,
मेरा पिया,जब घर आये

-विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

मधु

July 29, 2018 in हिन्दी-उर्दू कविता

ये कैसी मृगतृष्णा है,
जो न मिठे सदियों तक
नज़रों तक आये मधु,
आये न पर अधरों तक

-विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

सावन

July 29, 2018 in हिन्दी-उर्दू कविता

आ गया सावन देखो
साथ,सात रंगों को लेकर
हरियाली और खुशहाली
बिखरी हुई है कण कण पर

-विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

प्रकाश

July 29, 2018 in हिन्दी-उर्दू कविता

दिन दिवस ,रैन अँधेरी
दुष्प्रवत्तियाँ हैं घनेरी

मुझको प्रकाश दिखला दो,
अपना हाथ बड़ा दो

-विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

बता दे

July 29, 2018 in हिन्दी-उर्दू कविता

मेरी चादर का,मैल हटा दे
माया मोह की,फांस मिटा दे
आये जग मैं क्यों,वो मकसद बता दे

-विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

पंथ

July 29, 2018 in हिन्दी-उर्दू कविता

मेरे गुरुवार,मन का दिया जला दो
ठहर ठहर जाते मेरे पग,
मुझको पंथ दिखा दो,
मन का दिया जला दो

-विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

मार्गदर्शक

July 29, 2018 in हिन्दी-उर्दू कविता

विवेक संयम नियम अनुशासन
सही मार्ग गुरु से मिले,
वो करे जीवन मैं शासन

-विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

गुरुवार

July 29, 2018 in हिन्दी-उर्दू कविता

सोई हुई चेतना को,
आप गुरुवार जाग्रत करदो

मन की इस मरुस्थल मैं,
स्नेह की बरसात करदो

-विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

वरदहस्त

July 29, 2018 in हिन्दी-उर्दू कविता

वरदहस्त रख दे,सर पे
तो मुझको चैन मिले
तू बैठा है अंतर मैं
कब तुझसे नैन मिले

-विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

आईने

July 29, 2018 in हिन्दी-उर्दू कविता

आईने को देख कर,ठहर जाता हु में
कहता है जो आइना,सहज जाता हु मैं

-विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

जख्म

July 29, 2018 in हिन्दी-उर्दू कविता

जख्म ज़माने से मिले,
जुल्म के, आलम मिले
है वक़्त की पाबंदियां
बिखरे न कोई आशियाँ

-विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

बात

July 29, 2018 in हिन्दी-उर्दू कविता

फिक्र किसी को नहीं किसी की,
है ऐतराज सभी को

औरों से क्या लेना,रखना
अपनी बात सभी को

-विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

ज़मीर

July 29, 2018 in हिन्दी-उर्दू कविता

जिसके पास ज़मीर है,
वह मनुज ही अमीर है

-विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

कविता

July 29, 2018 in हिन्दी-उर्दू कविता

कविता,अस्त्र है,शाश्त्र है
तलवार है
होगा परिवर्तन,
यह विचार है

-विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

स्वच्छंद

July 29, 2018 in हिन्दी-उर्दू कविता

हे मनुज तू स्वच्छंद
नहीं है अब तू पाबंद
फिर क्यों है तू मंद
हे मनुज तू स्वच्छंद

-विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

अवसर

July 29, 2018 in हिन्दी-उर्दू कविता

मिला है जो तुमको अवसर,
न उसको व्यर्थ गवाना

अर्थ जीवन का है यही की,
खो कर फिर है कुछ पाना

-विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

वेद ज्ञान

July 25, 2018 in हिन्दी-उर्दू कविता

वेदो की ऋचाएं भारत से,
वेद ज्ञान भारत से

-विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

विश्व वंदिनी

July 25, 2018 in हिन्दी-उर्दू कविता

विश्व वंदिनी ,जग जननी
मेरी भारत माता

तम हर के,
जग को प्रकाश दिखलाता

-विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

जय भारत

July 25, 2018 in हिन्दी-उर्दू कविता

जय जय भारत माँ,
मन तू आरती गा

-विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

शांति दूत

July 25, 2018 in हिन्दी-उर्दू कविता

शांति दूत को मत छेड़ो,
क्रांति दूत बन जायँगे

-विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

सरहदें

July 25, 2018 in हिन्दी-उर्दू कविता

ऐ जमीं,ऐ सरहदें
ऐ बैर भाव कैसा

हम जो मिलेंगे मिटटी में
तो तुम भी मिलोगे खाख में

-विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

भारत

July 25, 2018 in हिन्दी-उर्दू कविता

विजयी रहे भारत मेरा,
न हो दुश्मन का पहरा

-विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

होंसले

July 25, 2018 in हिन्दी-उर्दू कविता

क्या मरेगा दुश्मन,
होंसले जो बुलंद हैं

-विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

चलते जाते

July 25, 2018 in हिन्दी-उर्दू कविता

चलते जाते ,बढ़ते जाते
डरते नहीं हैं जख्मो से

-विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

सेना

July 25, 2018 in हिन्दी-उर्दू कविता

सेना बड़ी ही मत वाली,
इसकी अनोखी शान है

भारत की सेना पर,
हमको बड़ा अभिमान है

-विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

तिरंगा

July 25, 2018 in हिन्दी-उर्दू कविता

मेरा प्यारा है तिरंगा,
जिसके आगे झुकता शीश सदा

-विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

विजयी

July 25, 2018 in हिन्दी-उर्दू कविता

विश्व विजयी मेरा भारत,
इसकी सदा ही शान रहे

-विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

अरी

July 25, 2018 in हिन्दी-उर्दू कविता

धुल चाटना अरियों को ,
जब समय दुर्गम आए

भारत माँ की कीर्ति को,
युग युग तक गया जाये

-विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

लाल

July 25, 2018 in हिन्दी-उर्दू कविता

एक माँ के लाल नहीं तुम,
भारत माँ के लाल हो

अरी के लिए तुम,
त्रिशूल और कृपाण हो

-विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

जवान

July 25, 2018 in हिन्दी-उर्दू कविता

देखो भारत के जवानो,
आस तुमसे भारत को

तुमसे भारत भविष्य है,
विश्वास तुमपर भारत को

-विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

युवा

July 25, 2018 in हिन्दी-उर्दू कविता

युवा शक्ति है,साहस है,योद्धा है
युग निर्माण की नीव है

-विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

सुधार

July 25, 2018 in हिन्दी-उर्दू कविता

तुम सुधरोगे,देश आगे बढ़ेगा
युवा जो बदलेगा,सारा विश्व बनेगा

-विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

साधन

July 25, 2018 in हिन्दी-उर्दू कविता

मोबाइल लैपटॉप हैं प्रगति के साधन,
दुरूपयोग करोगे,बनेगे ये बाधक

-विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

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