KISAN
DESH KI AAN,BAN,SHAN KISAN KITNA PRESHAN KHET KI JAN,PHCHAN,ARMAN KISAN KITNA PRESHAN MEHNT KI JUBAN,MUKAN,PRWAN KISAN KITNA PRESHAN FASAL KE NA MILE DAM MHGAI KI…
Submission for ‘Poetry on Picture’ Contest
DESH KI AAN,BAN,SHAN KISAN KITNA PRESHAN KHET KI JAN,PHCHAN,ARMAN KISAN KITNA PRESHAN MEHNT KI JUBAN,MUKAN,PRWAN KISAN KITNA PRESHAN FASAL KE NA MILE DAM MHGAI KI…
अन्नदाता कहलाता हूं पर भूखा मैं ही मरता हूं कभी सेठ की सूद का तो कभी गोदाम के किराये का इंतजाम करता फिरता हूं बच्चे…
जवाब देने में हाज़िरजवाब बताये गए हम, के अपने ही घर में खामोश कराये गए हम, ज़िन्दगी बनाने को कितनी ही जगाये गए हम, के…
पसीना सूखता नहीं धूप में। किसान होता नहीं सुख में।। अतिवृष्टि हो या फिर अनावृष्टि। प्रकृति की हो कैसी भी दृष्टि। किसानों के परिश्रम के…
बेटी है लक्ष्मी का रुप, मिलतीं है सौभाग्य से, घर का आंगन खिल जाता है, उसकी पायल की झन्कार से। बेटी ही तो मां बनकर,…
जीना चाहती हूं मैं भी इस दुनिया को देखना चाहती हूं मां तेरे आंचल में सर रखकर सोना चाहती हूं बापू तेरी डाट फ़टकार प्यार…
बेटी घर की रौनक होती है बाप के दिल की खनक होती है माँ के अरमानों की महक होती है फिर भी उसको नकारा जाता…
पैदा होने से पहले मिटा दी जाएँगी बेटियाँ, बिन कुछ पूछे ही सुला दी जाएँगी बेटियाँ, गर समय रहते नहीं बचाई जाएँगी बेटियाँ, तो भूख…
चुनावों के इस मौसम में फिजा में कई रंग बिखरेंगे अगर कर सके हम अपने मत का सही प्रयोग हम नये युग में नयी रोशनी…
वोट डालने चलो सखी री लोकतंत्र के अब आयी बारी एक वोट से करते हैं बदलाव नेताजी के बदले हम हाव-भाव ! सही उम्मीदवार का…
सोंच समझकर वोट दें तो बन जायेगी तकदीर, चलो निकाले सोच समझ कर ऐसी कोई तदबीर, विश्व पटल पर छप जाये अपने देश की तस्वीर,…
देखा किसी ने नहीं है मगर बहुत बड़ा बताते हैं लोग, कुछ लोग उसे ईश्वर तो कुछ उसे खुदा बताते हैं लोग, पता किसी के…
पूरे शहर को इस काले धुंए की आग़ोश में जाना पड़ा, क्यों इस ज़मी की छाती पर फैक्ट्रियों को लगाना पड़ा, चन्द सपनों को अपने…
हवा में घुल रहा आज जहर है सांसो को आज तरस रहा आज शहर है बंद कमरे में कब तक कैद रहोगे खुले आम घूम…
बन्द मुट्ठी में हैं मगर कैद में नहीं आने वाली, हाथों की लकीरों की नर्मी नहीं जाने वाली, आलम सर्द है मेरे ज़हन का इस…
आसमाँ छोड़ जब ज़मी पर उतरने लगती हैं फुलझड़ियाँ, हाथों में सबके सितारों सी चमकने लगती हैं फुलझड़ियाँ दामन अँधेरे का छोड़ कर एक…
मेरे माथे को सिंदूर देके मेरे विचारों को समेट दिया मेरे गले को हार से सजाया पर मेरी आवाज़ को बांध दिया मेरे हाथों मे…
चील और कौवो सा नोचता रहता संसार है, ये कैसा चोरों का फैला व्यापार है, दहेज के नाम पर बिक रही हैं नारियाँ कैसे, ये…
इस जहांँ के हाट में , हर चीज की बोली लगती है, जीव, निर्जीव क्या काल्पनिक, चीजें भी बिकती हैं, जो मिल न सके वही…
रंग गुलाल के बादल छाये रंगो में सब लोग नहाये देवर भाभी जीजा साली करें ठिठोली खेलें होली बोले होली है भई होली खायें गुजिया…
होली है रंगों का खेल होली है रंगों का खेल आवो खेले मिल के खेल देखो खेल रही है होली ये आसमा ये धरथी हमारी…
होली पे मस्तों की देखो टोली चली, रँगने को एक दूजे की चोली चली, भुलाकर गमों के भँवर को भी देखो, आज गले से लगाने…
आओ रंग ले एक दूसरे को, बस तन को नहीं मन को भी रंग ले…. हर भेदभाव जात-पात को रंग ले धर्म के नाम को…
चली बसंती हवाएँ , अल्हड़ फागुन संग, गुनगुनी धूप होने लगी अब गर्म, टेसू ,पलाश फूले, आम्र मंज्जरीयों से बाग हुए सजीले, तितली भौंरे कर…
सूखे नहीं थे धार आंशु के पड़ गए खेतों मे फिर सूखे
माटी मेरी पूछ रही है मुझसे दो घूँट पानी कब मिलेगा? बहाने मत बना दम निकला जा रहा है जल्दी बता पानी कब मिलेगा कैसे…
लगाकर टकटकी मैं किसी के इंतज़ार बैठा हूँ, भिगा देगी जो मुझ किसान की धरती मैं उसी के एहतराम में बैठा हूँ, बेसर्ब बंज़र सी…
सूखी धरती सूना आसमान, सूने-सूने किसानों के अरमान, सूख गयी है डाली-डाली , खेतों में नहीं हरियाली, खग-विहग या हो माली, कर रहे घरों को…
देख लूँ एक बार इन आँखों से बारिश को, तो फिर इन आँखों से कोई काम नहीं लेना है, बंजर पडे मेरे ख़्वाबों की बस्ती…
सूखी है जमीन, सूखा आसमान है मगर उम्मीद है कायम, जब तक जान है
खोजते है बचपन अपना , ढूंढते है नादानी अपनी , कूड़े के ढ़ेर को समझते है कहानी अपनी ! देखकर मुझको वैसे तो दया सब…
बच्चे हम फूटपाथ के, दो रोटी के वास्ते, ईटे -पत्थर तलाशते, तन उघरा मन बिखरा है, बचपन अपना उजड़ा है, खेल-खिलौने हैं हमसे दूर,…
यूँ तो हर रोज गुजर जाते हैं कितने ही लोग करीब से, पर नज़र ही नहीँ मिलाते कोई इस बचपन गरीब से, रखते हैं ढककर…
गरीबी है कोई तो बिस्तर तलाश करो, रास्तों पर बचपन है कोई घर तलाश करो, कचरे में गुजर रही है ज़िन्दगी हमारी, कोई तो दो…
दे कर मिट्टी के खिलौने मेरे हाथ में मुझे बहकाओ न तुम, मैं शतरंज का खिलाड़ी हूँ सुनो, मुझे सांप सीढ़ी में उलझाओ न तुम,…
आओ बैठो संग मेरे एक एक कप चाय हो जाए, फिर से बीते लम्हों की चर्चा खुले आम हो जाए, कह दूँ मैं भी अपने…
आज कुछ चाय पे चर्चा हो जाये दिल के राज जो छुपे बैठे है अरसे से उनसे कुछ गुफ़्तगू हो जाये इससे पहले उम्र ए…
वही चाय के दो कप और एक प्लेट लौटा दे, कोई तो तेरे साथ बीते पलों को वापस लौटा दे, एक चाय के कप का…
मैं मान लेती हूँ, की तुम्हे मेरी याद नहीं आती , पर वो महफ़िल-ए-चाय तो याद आती होगी ! वो शाम की रवानगी , वो…
तेरे साथ बिताई मस्ती और चाय की वो चुस्की याद आई है, लो आज फिर से बीते लम्हों की एक बात याद आई है, तेरे…
जैसे उम्मीद की प्याली से चुस्की लेकर मानों मंज़िल की तरफ कोई सरिता बह जाती है वैसे ही मेरे चंद पलों का चुनिंदापन मुझे मिलते…
Ek rang ki chah thi Ek daman ki chhav thi Khusub mitti ki Mere mathe ki shan thi Ek armano ki sham thi Ek riste…
आंधी और तूफानों में भी डटे रहते हैं, हम वो हैं जो हर मौसम में खड़े रहते हैं, उखड़ते हैं तो उखड़ जायें पेड़ और…
Bhhanp leti hain ye aankhe aane vala hr khatra Iski hr saans desh k naam, desh ko samarpit hai khoon ka hr katra Ye mehaz…
हाथ में हथियार और दिल को फौलाद किये बैठे हैं, सरहद के हर चप्पे पर हम बाज की नज़र लिये बैठे हैं, जहाँ सो जाता…
धूप हो या छाया आंधी हो या तूफान करते रहते हैं हम देश की सुरक्षा दिन हो चाहे रात मैं हूं इस देश का सैनिक…
धूप हो या छाया आंधी हो या तूफान करते रहते देश की सुरक्षा दिन हो चाहे रात ये हैं हमारे देश के सैनिक जो कभी…
माँ की गोद छोड़, माँ के लिये ही वो लड़ते हैं, हर पल हर लम्हां वो चिरागों से कहीं जलते हैं, भेजकर पैगाम वो हवाओं…
Please confirm you want to block this member.
You will no longer be able to:
Please note: This action will also remove this member from your connections and send a report to the site admin. Please allow a few minutes for this process to complete.