by Anu

‘जय बाबा धुंन्धेशवर महादेव’

July 15, 2021 in हिन्दी-उर्दू कविता

हिमाचल के इस मंदिरों के ज़रूर करें दर्शन, मिलेगा सभी कष्टों और दुखों से छुटकारा
जय बाबा धुंन्धेशवर महादेव
हिमाचल की खूबसूरती को तो सभी जानते हैं| मगर हिमालय की गोद में बहुत से मंदिरों का समावेश है जहां एक बार दर्शन के लिए सबको ज़रूर जाना चाहिए| इस जगह को “देव भूमि” भी कहा जाता है। पूरे हिमाचल प्रदेश में 2000 से भी ज्यादा मंदिर हैं | तो चलिए आपको बताते हैं यहां के इस मंदिरों के बारे में।
आइए जानते हैं इस मंदिर के बारे में जय बाबा धुंन्धेशवर महादेव……
ये एक शिव पुराण मंदिर है जो कि जय बाबा धुंन्धेशवर महादेव के नाम से प्रसिद्ध है, जिला कांगड़ा के देहरा गोपीपुर उपमंडल मुख्यालय से 9 किलोमीटर की दूरी पर शिव मंदिर जय बाबा धुंन्धेशवर महादेव का विशेष महत्व है। शिवरात्रि पर इस मंदिर में हिमाचल प्रदेश के अलावा पंजाब, लुधियाना एवं जालंधर से भी श्रद्धालु आते हैं। यहां कई सालो से शिवरात्रि के साथ रामनवमी, कृष्ण जन्माष्टमी, श्रवण मास महोत्सव, शरद नवरात्रि व अन्य समारोह मनाए जाते हैं। शिव पुराण में वर्णित कथा के अनुसार गाय खुद जाकर भगवान शिव के शिवलिंग पर अपने दूध से रोज अभिषेक करती थी। ऐसी मान्यता है की एक गाय रोज अपना दूध चढ़ा कर चली जाती थी। बताया जाता है कि यहां गाय जब इस शिला/पत्थर के पास जाती थी, तो उसके थनों से अपने आप दूध की धारा बहने लगती थी, जिसे वह शिला/पत्थर के उपर चढ़ा देती थी।
इस मंदिर की आधिकारिक जानकारी प्राप्त करने के लिए और देव की उत्पति और सम्पूर्ण कहानी पढ़ने के लिए कृपया हमारी वेबसाइट http://khaspaisa.blogspot.com पे क्लिक करें। या फिर गूगल में जाकर जय बाबा धुंन्धेशवर महादेव लिख कर सर्च करें……..
जय बाबा धुंन्धेशवर महादेव से जुड़ी कई जगहों की कहानियां और किस्से अभी भी लोगों तक नहीं पहुंच पाए हैं……….
देवों के देव-महादेव (जय बाबा धुंन्धेशवर महादेव) जिसका संबंध भी शिव की एक दिव्य शक्ति से है। भगवान शंकर की पूजा के लिए पूरे देश भर में देवघर स्थित जय बाबा धुंन्धेशवर महादेव विख्यात है
शिव के भक्त महाशिवरात्रि के दिन व्रत रख विशेष पूजा अर्चना करते हैं। इस दिन रात्रि भर जागरण करने की भी परंपरा है श्रद्धालु भगवान शंकर को प्रसन्न करने के लिए लोग जल, पुष्प और दूध से अभिषेक कर रहे हैं। श्रद्धालु पूरे उत्साह और उमंग के साथ से श्रद्धालुओं में होली के उमंग की शुरूआत देखने को मिलती। सावन सोमवार और महाशिवरात्रि, होली, जन्माष्टमी में यहां इन दिनों में मेले लगते है। चारो तरफ खुशियों की लहर और धार्मिक गाने इस मंदिर को चार चाँद लगा देते है। इस मौके पर मंदिर को सुंदर और आकर्षक लाइटों से सजाया जाता है।
जहां सावन के महीने में श्रद्धालुओं और शिव भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है, भोलेनाथ भगवान शिव की महिमा और कृपा के लिए एक और धाम प्रसिद्ध है
शिवलिंग के बारे में ऐसी मान्यता है कि यहां पूजा अर्चना और जलाभिषेक करने से न सिर्फ मनचाही मुरादें पूरी होती है बल्कि सुयोग्य वर यानि की पति और संतान की प्राप्ति भी होती है… मंदिर के बारे में लोगों की ऐसी आस्था है कि यहां प्रसाद चढ़ा कर पूजा अर्चना करने से मन्नते पूरी होती है
देहरा गोपीपुर जिले के कसेटी गांव स्थित जय बाबा धुंन्धेशवर महादेव मंदिर में सावन सोमवार और महाशिवरात्रि, होली, जन्माष्टमी के मौके पर श्रद्धालुओं का पूजा के लिए आते है. यह हिमाचल प्रदेश के काँगड़ा (Kangra) जिले में कसेटी (Kaseti) गांव पौराणिक स्थानों में से एक है. यहां स्थित जय बाबा धुंन्धेशवर महादेव मंदिर में भगवान शिव का शिवलिंग, शनि देव, हनुमान जी, शनि देव, ब्रह्मा, विष्णु शिव मंदिर देखने को मिलता है. राधा कृष्ण, भगवान विष्णु लक्ष्मी, मां दुर्गा, शिव परिवार की मूर्तियां स्थापित हुई। यहां दूर दराज से श्रद्धालु भगवान शंकर की पूजा-अर्चना करने के लिए आते हैं. खासकर सोमवार के दिन शिवलिंग का जलाभिषेक करने के लिए यहां भक्तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ती है.
आइए मैं आपको इस मंदिर की वास्तविक कहानी बताती हूँ…….
इस मंदिर की बहुत मान्यता है। हर परिवार के लोग शुभ कार्य में महादेव का आशीर्वाद लेने आते हैं। मंदिर के साथ ही मेरा घर है। मेरी माता जी शिव भगवान को बहुत मानती है। मेरी माँ भगवान शिव की सच्ची श्रद्धा के साथ नाम लेते है उनकी सच्ची श्रद्धा से पूजा करता है मेरी माँ का कहना है कि जो लोग भगवान शिव के नाम बार-बार लेता और सच्ची श्रद्धा से उनका ध्यान करता हैं उन सब की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं……
एक समय की बात थी। जब मैं बहुत छोटी थी, 10/12 साल की थी और मेरी दीदी 16/17 साल की थी। मेरी दीदी हर रोज 5.30 बजे ट्यूशन (Tuition) पढ़ने के लिए दूसरे गाँव में जाती थी। और जब वो 7.00 बजे ट्यूशन (Tuition) से आते थे तो उस समय अंधेरा हो जाता था कभी मम्मी, कभी पापा जी दीदी लेने के लिए जाते थे। ट्यूशन (Tuition) पढ़ने के लिए दीदी 2/3 महीने तक दूसरे गाँव में जाती रही। जिस दिन दीदी का सुबह में final exam था उस के पिछले दिन 7.00 बजे ट्यूशन (Tuition) से आते उस समय मेरी दीदी को ऐसा लगा पैर में कांटा लग गया है। दीदी ने पापा को बताया क्योंकि पापा दीदी को लेने गए थे। पापा ने दीदी के पैरों की और विद्युत प्रकाश
टॉर्च (Electric Light) दिया, देखा सांप ने दीदी को अपना डंक मार दिया था। जैसे -तैसे कर के पापा दीदी को अपनी गोद में उठा कर घर ले आए।
उसी दिन इस ओर मेरी दादी जी घास काटे के लिए खेतों में गए, मै और मेरा भाई घास लेकर आ रहे थे और मम्मी गाये का दूध निकल रहे थे। मेरे से बड़े वाली दीदी खेतो से दौड़ते हुए घर की ओर आ रही थी और दीदी ने बताया दादी जी को जहरीली जंगली मक्खी ने काट लिया है……
मेरी मम्मी को घरेलु उपाय कर रहे थे। पापा ने मम्मी को बताया की दीदी को सांप ने काटा लिए है तो हम सब के होश ही उड़ गए। किसी को कुछ समझ नहीं आ रहा था या यु कहे कि अब कोई नहीं जानता था कि आगे क्या करना है दूसरी ओर 15 मिनट के अन्दर -2 दीदी की हालत बहुत खराब हो गई थी। दीदी का पूरा शरीर फूल गया। क्योंकि दीदी को एक जहरीले सांप ने काटा था। जहर तेजी से फैल रहा था। मेरी मम्मी और पापा जल्दी से शिव अर्थात जय बाबा धुंन्धेशवर महादेव मंदिर ले गए। गांव के आस-पास जितने लोगों को पता चला वो दीदी को देखने मंदिर आ गए और अपनी -2 सलाह दे रहे थे। मेरे चाचा जी ने किसी साँप के काटे का झाड़-फूँक से इलाज़ करने वाले आदमी के पास फ़ोन किया और हमारा घर से वो आदमी बहुत दूर होने के कारण उसके फ़ोन से झाड़-फूँक से इलाज़ किया पर दी पर कोई असर नहीं हो रहा था। पर मेरी मम्मी जी इन सब के बीच में महादेव से मन्नत मांगी और मंदिर की परिक्रमा कर रही थी। माँ और दादी जी जय बाबा धुंन्धेशवर महादेव मंदिर में भगवान शिव की ना जाने कितनी परिक्रमा लगाए जा रहे थे। और शिव मंदिर में माँ हर-हर महादेव, बोलबम का जयकारा लगाते रहे। मेरी मम्मी ने साथ -2 डॉक्टरी इलाज भी करवा रहे थे। डॉक्टर ने बताया कि जहरीले सांप ने एक बार नहीं बल्कि दो मार डंक मारा है। मेरी मम्मी ने जी जान लगाकर दी को बचने की कोशिश की डॉक्टर लोगो ने भी दी के लिए, I am sorry बोल दिया था अब भगवान से ही प्रार्थना करे कुछ चमत्कार हो जाए। देखो मेरे भोले बाबा का चमत्कार मेरी दीदी ने पेपर भी दिया और मौत के मुंह से वापस भी आ गए। अब दोनों मेरी दीदी और दादी जी सही सलामत है जय भोले नाथ हमारे परिवार को बुरी नजर से बचाए रखना…..
जब मेरे दीदी अस्पताल से ठीक हो कर घर आ गये तो मेरी मम्मी पुरे परिवार सहित शिव मंदिर गए और हर-हर महादेव जय बाबा धुंन्धेशवर महादेव के जयकारों के साथ भगवान शिव का जल, दूध, प्रसाद आदि से अभिषेक कर पूजा अर्चना की व भोलेनाथ के दर्शन किये और पुरे परिवार की सलामती के लिए दुआ मांगी……
जय बाबा धुंन्धेशवर महादेव भगवान शिव की कृपा आप और आपके पूरे परिवार पर निरंतर बनी रहे और आपकी कृपा हम पर बनी रहे और उनके आशीर्वाद से सभी उन्नति एवं खुशहाली के पथ पर बढ़ते रहें। हर हर महादेव

भगवान शिव के ‘जय बाबा धुंन्धेशवर महादेव’ नाम में बड़ी से बड़ी विपत्ति को टालने की शक्ति है. जितना ज्यादा शिव के इस नाम का जप करेंगे उतना ही ज्यादा लाभ होगा………..
मोक्ष प्राप्ति के लिए भगवान के ‘शिव’ नाम का ही जाप करें. शिव जी का ध्यान करते हुए ‘शिव’ नाम का जाप करने का फल ज़रूर मिलता है हर हर महादेव
हर हर महादेव
नृत्य वह भक्ति है जिसमे लीन होने के पश्चात् आप नृत्य के सिवाय और कुछ नहीं जानते……………….

by Anu

Happy Birthday To u Kirti Mam

June 22, 2021 in हिन्दी-उर्दू कविता

Happy Birthday to You
Happy Birthday to You
Happy Birthday to You Dear
Mam Happy Birthday to You
भगवान से प्रार्थना है कि वह आपको,
उतम स्वास्थ्य, दीर्घ आयु तथा सुख समृद्धि प्रदान करें…..
आज आपका जन्मदिन है बहुत दिन, कोई साधारण नहीं दिन,
खास लोगों के लिए इस खास दिन को और ख़ास बनने का है मेरा काम,
खुद भी नाचेंगे आपको भी नचाएंगे,
बड़ी धुम-धाम से
आपका Birthday बनायेंगे,
गिफ्ट मे मांगो अगर जान हमारी तो
आपकी कसम हसँ कर कुरबाँ हो जायेगें
जन्मदिन की बहुत बहुत हार्दिक शुभकामनाएं !
आपके जन्मदिन पर आप आज, खूब प्यार
पाएं,
आपके जन्मदिवस पर आप आज, खूब मस्ती
करे,
आपके जन्मदिवस पर आप आज, खूब खुश रहे
बस
आप यूँ ही हँसते रहें
शुभ दिन ये आये आपके जीवन में हज़ार बार,
और हम आपको “जन्मदिन मुबारक ” कहते रहे हर बार
Happy Birthday To u Mam Once Again

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by Anu

मै माँ हूँ, मैं बेहतर से जानती हूँ

June 9, 2021 in Other

1. मै माँ हूँ
मैं बेहतर से जानती हूँ
मेरा नाम अनु मेहता हूं, मैं भी के माँ हूँ मेरी बेटी भी 15 महीने की है….
कोविड -19 (कोरोना वायरस) महामारी ने पूरी दुनिया में हाहाकार मचा रखा है। भारत कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर से ज़बरदस्त तरीक़े से जूझ रहा है फिर, अचानक कोरोना की दूसरी लहर ने पांव पसारना शुरू कर दिया।
मन में भी इतना डर बैठ गया है, मेरे मन में भी नकारात्मक (negative) विचारों ने घेर रखा है। मैं रोज की तरह अपने ऑफिस से रूम जाती हूँ । अपने मुँह-हाथों को धो कर दरवाजे से अपनी बेटी Itika को आवाज देती हूँ। Itika भी नंगे पांव दौड़ते हुए कमरे से बाहर निकलती है, माँ-माँ करते हुए, उसको अपनी गोद में लिए अपने कमरे में ले जाती हूँ। थोड़ी देर मां – बेटी आराम करते है। 18.00 बजे उठकर हम रात का खाना बनाते थे। फिर थोड़ा सा पड़ोसियों के पास बात-चीत कर लेते और थोड़ा बच्चों के साथ भी खेल लेते थे। क्या करे बच्चों के साथ बच्चे बन जाते है।
20.00 बजे खाना खाया और 21.00 बजे सो गए। मां और बेटी दोनों गहरी नींद में सो रही थीं। अचानक किसी ने बहुत तेजी से दरवाज़ा खटखटाया। हड़बड़ी जल्दबाजी में मैंने भी दरवाजा खोला के लिए भागी और मेरे पैर से पानी का जग भी गिर गया। जैसे दरवाजा खोला तो देखा निकिता की माँ निकिता को अपनी गोद में लिए बहुत जोर -2 से रोने लगी और बोली देखो मेरी बेटी को क्या हो गया है। जैसे ही उसने मुझे अपनी बेटी को गोद में दिया, मैं खुद बहुत डर गई थी। मैंने देखा 19 महीने की बेटी उसके मुंह में सफेद झाग जैसा निकल रहा था…….
मेरी समझ में कुछ नहीं आ रहा था मै क्या करू, कहा जाऊँ, किस से मदद मांगू, Over All कुछ समझ नहीं आ रहा था। दिमाग कुछ काम नहीं कर रहा था। फिर मुझे जो सही लगा वही किया सब से पहले बेटी को पानी पिलाया। फिर दूध और थोड़े से ब्रेड खिलाये और बच्ची की माँ के पास उसकी बेटी वापस दे दी। खाना खिलाने के बाद उसने उल्टी कर दी। मैं उसकी माँ को बोला आप अपना दुध पिलाओ। गाड़ी का प्रबंधन करती हूँ। उतनी ही देर में बेटी के पापा भी आ गए। घर के पास एक नजदीक कंपनी में काम करते है। उन्होंने कंपनी की गाड़ी से बेटी को हॉस्पिटल लेकर गए। 10 -15 मिनट में हम लोग हॉस्पिटल भी आ गए। डॉक्टर ने बेटी का चेकअप किया। बेटी को बहुत तेज़ बुखार (103 डिग्री) था। डॉक्टर ने ठंडे पानी की पट्टी रखने को कहा………… आधे घंटे तक नर्स के साथ ठंडे पानी की पट्टी रखने में भी मै भी मदद करवा रही थी। बेटी का तापमान कम होते ही डॉक्टर ने दवा दे दी।
20-25 मिनट के बाद छुट्टी दे दी। गई हम लोग रात के 2.00 बजे कमरे में पहुंचे। अगली सुबह डॉक्टर ने चेकउप के लिए बुलाया था। फिर से डॉक्टर के पास लेकर गए और उसका ब्लड टेस्ट, कोरोना टेस्ट करवाया। जब तक रिपोर्ट नहीं आयी तब तक चिंता बहुत सता रही थी। 2-3 घंटे बाद रिपोर्ट आई। ब्लड टेस्ट की रिपोर्ट में ब्लड इंफेक्शन और कोरोना की रिपोर्ट में कोरोना निगेटिव। रिपोर्ट को देख कर थोडी दिल को एक राहत मिली। डॉक्टर ने बेटी का पूरा ख्याल रखने कि सलाह दी…………
बेटी की माँ ने बेटी की अच्छे से ध्यानपूर्वक अच्छी देखभाल की। अब बेटी बिल्कुल ठीक है।
आप सभी से अनुरोध है कि अपना और अपने परिवार का पूरा ख्याल रखें।
घर पर रहें और स्वच्छ रहें….
Stay home and stay clean

by Anu

सुनहरे पल

May 22, 2021 in हिन्दी-उर्दू कविता

“मैं ये पल बार -2 लेना चाहती हूं और जन्मदिन की शुभकामनाओं के लिए सभी को “धन्यवाद” कहना चाहती हूं। यह मेरे लिए बहुत मायने रखता है कि आपने अपना सारा समय अपने व्यस्त जीवन से निकालकर मुझे जन्मदिन की शुभकामनाएं दी हैं, और मैं आप सभी को अपने दोस्त के रूप में पाकर बहुत सम्मानित महसूस कर रही हूं।”
कल मेरा जन्मदिन था बहुत खास महसूस हो रहा था। Neha mam, Anjali , Negi or kirti Mam ने मेरे इस दिन को बहुत खास बनाया।
मै उनका दिल से शुक्रिया कहना चाहती हूँ।
Thank you so much & love you
सारे नियमों का पालन करते हुए (20 May 2021) मेरे ऑफिस में मेरा जन्मदिन celebrate किया गया, मैंने इस खास मौके पर दो रंग की मैरून और नीले रंग की बनारसी साड़ी पहन रखी थी। हाथों में रंग- बिरंगी चूड़ियां मुझे खुद पे बहुत सुन्दर लग रही थी।
COVID-19 वजह से केक नहीं काटा, पर सब से बहुत प्यार और बधाई मिला,
Anjali ने happy birthday to you का गाना पूरा गाया और Worker’s द्वारा गीत गाया।
Neha Mam ने मेरे केविन में बर्थडे का पोस्टर लगवाया था और Negi Happy birthday to you का गाना भी गाए, मुझे बहुत अच्छा लग रहा था।
मुझे बहुत सारी Chocolate dairy milk & Five star, kitkat आदि मिली।
मैं भी आज एक कविता लिखी,
मैंने अपने जन्मदिन पे जितना भी आनंद मिला/किया वो पूरी कविता में लिख डाला।
कुछ घंटों के बाद सब कुछ Normal हो गया,
यही जिंदगी है दोस्तों,
कभी खुशी आई, तो कभी गम गया,
कभी गम आया तो खुशी गई,
लेकिन मैंने जिंदगी को नए तरीके से जीने को ठान लिया।
मेरे जन्मदिन के अवसर पर Neha Mam, Anjali , Negi or kirti Mam 20 May 2021 दोपहर के समय छोटा सा सामूहिक खाने पीने का आयोजन किया गया। “मेरा जन्मदिन मेरे लिए बहुत खास है क्योंकि मुझे उपहार नहीं मिले, बल्कि इसलिए कि मुझे मेरे प्यारे दोस्तों का प्यार मिल सकता है। मैं इस दिन आपके स्नेह को गिनने में सक्षम होने के लिए बहुत खुश हूं कि मुझे यह याद दिलाने के लिए कि जीवन के एक और साल को पूरा करने से ज्यादा मैं अविश्वसनीय दोस्तों का एक और साल पूरा कर रहा हूं। धन्यवाद।”
Many thanks to all of you for making me feel special on my birthday 
Thank You So much Once Again  /Thanks for heart touching birthday wishes.”

by Anu

आपका प्यारा बच्चा

May 10, 2021 in हिन्दी-उर्दू कविता

माँ मैं फिर जीना चाहती हूँ, आपका प्यारा बच्चा बनकर,
माँ मैं फिर सोना चाहती हूँ, आपकी गोद का झूला लेकर,
माँ मैं फिर से दुनिया से अनजान बन कर आप के आँचल की छाया पाकर,
माँ मैं फिर से अपनी सारी चिंताएँ भूल जाना चाहती हूँ, आपकी गोद में सिर रखकर,
माँ मैं फिर से अपनी भूख मिटाना चाहती हूँ, आपके हाथों की रोटियाँ खाने को,
माँ मैं फिर से चलना चाहती हूँ, आपकी ऊँगली पकड़ कर,
माँ मैं फिर से जगना चाहती हूँ, आपकी कदमों की आहट पाकर,
माँ मैं फिर से साहसिक होना चाहती हूँ, आपका साथ पाकर,
माँ मैं फिर से सुखी होना चाहती हूँ, आपकी दुआएँ पाकर
माँ मैं फिर से अपनी गलतियाँ सुधारना चाहती हूँ, आपकी चपत पाकर
माँ मैं फिर संवरना चाहती हूँ, आपका स्नेह पाकर
क्योंकि माँ मैंने आपके बिना खुद को अधूरा पाया है. मैंने आपकी कमी महसूस की है .
Happy mother day

by Anu

माँ

May 10, 2021 in हिन्दी-उर्दू कविता

माँ के बारे में कविता लिखना बहुत ही खुशी की बात है| पर मेरी माँ के बारे में चंद शब्दों में व्यान नहीं हो सकता है| माँ मेरे लिए ही नहीं हर किसी के लिए बहुत खास होती है| माँ के प्यार की कोई भी कीमत नहीं चुका सकता है माँ के एहसानों को कभी भी नहीं चुकाया जा सकता है|
माँ हमारे बचपन से ही हमें पालती है, बड़ा करती है, उनके इतने बड़े उपकार को कम नही समझा जा सकता है| माँ के लिए कुछ भी कर देना, उनकी खुशी में ही अपनी खुशी समझना एक अच्छे बच्चे की आदत होनी चाहिए| अपने को इस काबिल बनाओ की अगर माँ की कोई ख्वाहिश हो तो उन्हे सोचना न पड़े उससे पहले आप उस चीज को उनके सामने लाकर रख दो….
माँ की ख्वाहिश को अगर पूरा न कर पाओं तो उनकी जरूरतों को जरूर पूरा करना इसी में एक अच्छे बच्चे की पहचान होती है……
भगवान को पूजों या न पूजों लेकिन अपने माता पिता को जरूर खुशियाँ दो| उनके बुढापे का सहारा बनो, उनकी खुशियों में तुम्हारी खुशी होनी चाहिए…..
नमस्कार दोस्तों! मैं अनु मेहता फिर से हाज़िर है 9 May Mother Day 2021 (मदर डे) पर एक एक नई कविता के साथ, आपको कविता कैसी लगी हमे कमेंट करके जरुर बताना| कविता पसंद आने पर इस लेख को फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्सएप्प इत्यादि जगह शेयर करना…… Thank You So Much
मेरी माँ
Congratulations Maa,
My Dear Mom, मैं आपके बिना कुछ भी नहीं हूँ। आप मेरी ताकत हो, मेरी हिम्मत, मेरा सहारा, मेरी चट्टान हो आप….
आपके बिना मेरा कोई अस्तित्व नहीं है, मैं आपसे बहुत प्यार करती हूँ। और आखिर पल तक करती रहूंगी….
सुनो ना माँ,
मैं आप की परछाई हूँ, मेरा नैन नक्श भी आपके जैसे है। मैं चाह कर भी आपके जैसे महान नहीं बन सकती हूँ , आप से ही मेरी दुनिया शुरू होती है, आपसे ही मेरी पहचान है……
मेरी हर मुश्किल और परेशानी का हल हो आप, राहत की गहराई और संघर्ष की तपती धूप में शीतल की ठंडी छाव हो आप……
हर लड़खड़ाते कदम में,दृढ़ता का मेरा पहला विश्वास हो आप,मैं बहुत खुशकिस्मत हूँ कि आप मेरी माँ हो,मेरी दुनिया,मेरा पहला प्यार हो आप, मेरे चंचल नटखट मन में स्थिरता का ठहराव हो आप…………

मुझे खिलाने और कपड़ों से लेकर,अच्छे- बुरे समय तक जो साथ और मुझे से प्यार करने तथा मेरे लक्ष्यों में सफलता का राज हो आप….

भटकाव की आंधियों में लक्ष्य दिखाने की राह से लेकर, अनगिनत त्याग और मेरी सफलता की सच्चाई हो आप….
माँ मैं आप की परछाई हूँ… Happy mother Day I love you So much

by Anu

मेरी नन्ही सी गुड़िया

May 10, 2021 in हिन्दी-उर्दू कविता

मेरी नन्ही सी गुड़िया, मेरी जान, मेरी बच्ची,
मुझे अच्छा नहीं लगता तुम्हें यूँ ही छोड़ कर ऑफिस आना,
मेरी इच्छा है कि हर पल तेरे पास और तुम्हें गोद में लिए रहूँ।
तेरी तोतली-2 बातें सुनू, तेरी छोटी -2 शरारते देखु और जो मुझे खुश रखने में तेरी छोटी -2 शरारते बहुत काम आती है।
मेरी नन्ही सी गुड़िया, मेरी जान, मेरी बच्ची,
तेरी मोहब्बत के साथ-2, तेरे गुस्से मे भी मेरी अलग सी ख़ुशी छिपी हुई है।
जब मैं जान-बूझ कर तुम पर गुस्सा करु या फिर रोने का नाटक करु,
मेरी बच्ची तुम मुझे देख कर भी रोना शुरू कर देती हो, तुम्हारी आँखों का नीर ऐसे बहता है मानो गंगा और जमुना में बाढ़ आ गई हो।
वो पल भी उतना ही प्यारा है, तुम तब तक रोते-रोते मम्मा- मम्मा मम्मा बोलते रहना जब तक तुम्हें मैं अपने सीने से नहीं लगा दूं।
मेरी नन्ही सी गुड़िया, मेरी जान, मेरी बच्ची,
मैं तुम्हारी छोटी-छोटी चीजों को बहुत संभाल कर रखती हूँ। तुम्हारी वो हर निशानी, तुम्हारे वो हर पल जिस में तुम्हारा बढ़ता हुआ बचपन को अपने फोन के कैमरे में कैद कर लेती हूँ।
ये सोच कर जब तुम बड़ी होगी तो तुम्हे बताओगी मेरी बच्ची, मेरी नन्ही सी गुड़िया, जितना तुम मेरे लिए प्यारी हो उतनी ही तुम्हारी शरारती बहुत प्यारी है।

by Anu

प्यार अंधा होता है (Love Is Blind) सत्य पर आधारित Full Story

April 23, 2021 in लघुकथा

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥

Anu Mehta’s
Dairy

About me
परिचय (Introduction)
नमस्‍कार दोस्‍तो, मेरा नाम अनु मेहता है। मैं जिला कांगड़ा से हूं। मैंने बी.ए.(BA) किया है मेरे परिवार में मेरे सहित 7 सदस्य हैं। मेरे पिता आईपीएच (IPH) विभाग हैं। मेरी माँ एक गृहणी हैं। मेरी दो बड़ी बहनें और एक छोटा भाई है। मेरी ताकत आत्मविश्वास है, नए कौशल सीखने और किसी भी वातावरण को आसानी से अपनाने के लिए तैयार है। मेरा शौक लिखना, पढ़ना, क्रिकेट खेलना, बागवानी (Gardening) आदि करना है।

Occupation
मैं हमेशा सभी को खुश करने की कोशिश करती रहती हूं।
(I always try to make everyone Happy) “Anu Mehta’s Dairy” के बारे में अधिक से अधिक जानकारी और छोटी कहानियां और कविताएं पढ़ने के लिए निचे दिये गये लिंक पे क्लिक करे…..

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प्यार अंधा होता है (Love Is Blind)
प्यार सच में अँधा होता है या फिर अँधा और बहरा दोनों हो जाता है, ना ही कुछ देखता है, ना ही कुछ सुनता है, बस अपनी ही जिद पर ठहरा होता है……..
ये कहानी एक राजपूत परिवार की लड़की जिसका नाम आरती है और दूसरी ओर मुस्लिम परिवार का लड़का जिसका नाम जफर खान हैं। दोनों एक दूसरे से बहुत अलग हैं लेकिन क्या उन्हें एक दूसरे से प्यार हो पायेगा चलिए जान लीजिये आप खुद ही।
जफर खान बचपन से एक आलिशान घर, गाडी, और रहन-सहन में पला बड़ा है, वही आरती बचपन से अपने परिवार को संघर्ष करती देख बड़ी होती है उससे अपने जिम्मेदारी का एहसास होने लगा। आरती के पास ज्यादा पैसे न होने के कारण से वो ज्यादा पढ़-लिख ना सकी, वही दूसरी और सब कुछ होने के बाद भी जफर खान को पढ़ने – लिखने का मन ना होने के कारण पढ़ ना सका। वक़्त के साथ साथ दोनों बड़े हुए अपने अपने रहन-सहन से।
आरती को घूमने – फिरने का बहुत शौक था। वो एक बिंदास लड़की थी। वो अपने परिवार में अपने पापा से बहुत प्यार करती थी। आरती अपनी परिवार के साथ किराये के रूम में रहती थी। वही दूसरी ओर जफर खान भी किराये के रूम में रहने लगा क्योंकि वो बिलासपुर (Bilaspur) से बद्दी (Baddi) ट्रेनिंग(training) करने के लिए आया था। और जफर खान के माँ बाप बिलासपुर (Bilaspur) में रहते थे यहाँ बद्दी(Baddi) में उसका कोई नहीं था।
एक ओर आरती एक छोटी सी कंपनी में काम करने लगी और वही दूसरी ओर जफर खान कंपनी में ट्रेनिंग(training) करने लगा…..
आरती एक Eureka Forbes Ltd कंपनी में नौकरी करती थी यह आरती कि पहली नौकरी थी जफर खान भी उसी कंपनी में नौकरी करता था। धीरे- धीरे आरती और जफर खान में दोस्ती हो गई। दोनों रोज साथ में ऑफिस आने जाने लगे, रोज दोनों कि बाते भी ऑफिस के बाद में देर तक फोन पर होने लगी यह सिलसिला ऐसे ही चलता रहा और कुछ महीनो के बाद यह दोस्ती प्यार में बदल गई।
फिर देर रात तक फोन पर बाते करना एक दुसरे से सब कुछ बताना साथ में घूमना फिरना यह सब बढ़ने लगा और आरती और जफर खान एक दुसरे के प्यार में डूबते चले गये और दोनों के बीच प्यार बहुत ही गहरा हो गया। और यह सब ऐसे ही चलता रहा आरती और जफर खान के घर पर भी आने जाने लगी…..
एक दिन आया जब आरती का जन्मदिन था, जफर खान ने आरती के लिए 100 रुपये में इतनी सारी चीजें ला कर दी, आरती बहुत खुश थी। उसको कुछ खास (something special) महसूस हो रहा था।
मैं समझ सकती हूँ कि प्यार को किसी दिन का इंतजार नहीं होता। लेकिन कुछ स्पेशल दिन के बहाने प्यार को और भी गहरा किया जा सकता है। पर आरती जफर खान प्यार में उसके प्यार में इतनी अंधी हो चुकी थी या फिर ये बोले कि आरती इस कदर जफर खान के प्यार में डूब चुकी थी कि वो जफर खान के बिना एक दिन एक पल भी नहीं रह पा रही थी। आरती दो साल के रिश्ते (relationship) को इतनी important दे रही थी, कि वो 20 साल को के प्यार को भूल चुकी थी उसको अपने मम्मी पापा का प्यार भी कम दिखाई दे रहा था। उसके मम्मी पापा को जब ये बात पता चली आरती के पापा ने आरती को बहुत मारा- पीटा फिर उसके बाद बहुत समझाया पर आरती के दिमाग में जफर खान के प्यार का भूत सवार था। आरती ने जफर खान के साथ रजिस्ट्रार के आफिस में जाकर शादी भी कर ली थी दोनों की शादी पर कानून की भी मुहर लग गई है दोनों पति पत्नी बन गए आरती कि यह बात रिया के घरवालो को पता चल गई और उन्होंने आरती कि नौकरी छुडवा दी जिसके कारण जफर खान ने अपना रूम बदल दिया और दुसरे जगह पर रहने लगा। आरती के पापा ने आरती से सारे रिश्ते नाते तोड़ दिए पर आरती को इस बात का बहुत दुख हुआ उसकी ऐसी गलती को उसके पापा उसे इतने दूर हो जायेंगे, कभी इस दुनिया में वापस नहीं आयेगे, पापा की मौत का जिम्मेदार आरती खुद को मानती है।
प्यार करने में साल या महीना नहीं लग जाता है प्यार तो वो ख़ुशी है, वो एहसास है, वो विश्वास है जो एक पल में और बस एक नजर में ही किसी को किसी से हो जाता है। इस तरह से वो दोनों हमेशा के लिए साथ हो गए और ख़ुशी-ख़ुशी रहने लगे।
शादी के कुछ समय सब ठीक था। आरती ने भी अपने दिलों में दांपत्य जीवन के सपने संजोने शुरू कर दिए थे आरती समय के अनुसार आरती ने खुद को अपनी आदतें बात करने का तरीका और अपनी खुशियों को दबाना शुरू कर दिया था। अर्थात आरती बहुत ज़्यादा बदल चुकी थी, वो अपने हक के लिए भी नहीं लड़ पा रही थी क्यूंकि वो अपने पति से बहुत प्यार करती थी।
आरती के ससुराल बाले भी आरती को बहुत तंग करते थे पर आरती ने अपने प्यार के लिए सब कुछ बर्दाश्त करती थी। जफर खान भी दिन रात फ़ोन कॉल करता रहता था। धीरे धीरे उसका फ़ोन कॉल आना भी बंद होता गया।
आरती को लगता था उसका पति शायद कंपनी में काम करते है और रात को थक जाता है। इसलिए वो पूरा-पूरा दिन बात नहीं कर पता होगा। जफर खान की बातों और प्यार और व्यवहार में बदलाव आता गया।
आरती गुमसुम और उदास देख कर मां ने कहा, ‘‘क्या बात है, आरती, तू इस तरह मुंह लटकाए क्यों बैठी है?
कई दिन से जफर खान का भी कोई फोन नहीं आया क्या? ?? दोनों ने आपस में झगड़ा कर लिया क्या?’’ आरती ने कहा ‘नहीं, मां, रोज रोज क्या बात करें।
ऐसा बोल कर आरती ने माँ की बातों को गोल गोल घुमा दिया. और ये सोच कर नज़रअंदाज़ कर दिया की शायद में ज़्यादा सोच रही हूँ।
आरती हर बातो अनदेखा कर मन में कोई वहम पैदा नहीं करना चाहती थी। दूसरी और जफर खान को ये लग रहा था मेरी पत्नी को कुछ पता नहीं लगा की मैं उसको धोखा दे रहा हूँ।
पर कहते है, ना पाप का घड़ा कभी ना कभी भर ही जाता है। आरती सोचने लगी कि मम्मी इस से ज्यादा क्या कर सकती हैं। और मैं भी क्या करूं, मम्मी को कैसे बताऊं कि जफर खान क्या चाहता है।
जफर खान चार पांच सालों से अपनी पत्नी को धोखा दे रहा था। वो घर से दूर रह कर अपनी मौज-मस्ती और पूर्ण-आनंद(Enjoy full) कर रहा था। आरती को इस बात विश्वास नहीं हो रहा था की जिस से वो प्यार करती है वो किसी और के पीछे दीवाना बन के घूम रहा है। अपने ही मकान मालिक (landlord) की बहू (नफीसा खान) के साथ खुलछर्रे उड़ा रहा है
जफर खान की गर्लफ्रेंड (GF) का नाम नफीसा खान था। नफीसा खान एक शादीशुदा औरत है उसके दो बच्चे थे। उसके एक लड़का और एक लड़की थी। दुनिया की नजरों में भाई बहिन और वैसे 5 साल से उसके साथ रिलेशनशिप में था। अब जफर खान अपनी पत्नी की ओर कम, GF की ओर साथ ज्यादा close था।
अब आरती को समझ नहीं आ रहा था क्या इसे प्यार समझाऊ या फिर छोड़ के चली जाऊं उसको इस बात का ज्यादा दुःख था कि जिस लड़के के लिए मैने अपने मम्मी पापा भाई बहिन के बारे में नहीं सोचा वो इन्सान मेरे साथ ऐसा कैसे कर सकता था। पर कहते है ना रब के घर में देर है अंधरे नहीं, जो जैसा करता है। उसके साथ भी वैसा होता है
जफर खान की गर्लफ्रेंड (GF) नफीसा खान ने धोखा दे दिया वो जफर खान को छोड़ कर किसी और से बात करना शुरू कर दिया। अब जफर खान को ये बात बर्दाश्त नहीं हो रही थी उसकी गर्लफ्रेंड (GF) नफीसा खान उसके साथ ऐसे कैसे कर सकती है। वो नफीसा खान को जन्मदिन पे या फिर कोई खास त्यौहार पे कीमती उपहार आदि देता था। नफीसा खान के घर एक नए किरायेदार आई थी उसका नाम गीता मेहता था। जफर खान अपनी GF को नफीसा को चिढ़ाने के लिए गीता से बात करने लगा, पर गीता को ये बात पता नहीं थी वो दोनों आपस में Bf/GF है। अब गीता फॅमिली प्रोब्लेम्स (Family Problems) के कारण घर से बहार आयी थी। नफीसा खान पहले से 3/4 लड़कों से बात करती थी। वो बहुत तेज औरत थी।
जफर खान को धोखा मिलने के बाद इस बात का कोई दुःख नहीं था की वो अपनी पत्नी को भी धोखा दे रहा है नफ़ीज़ा खान से बदला लेने के बारे मे सोच – सोच कर पागल हो रहा था। जफर खान ने एक नहीं दो नहीं हजारों रिश्तों का खून कर रहा था। एक अपनी पत्नी, एक भाई जैसा दोस्त, एक इंसानियत आदि। जफर खान गलतियों पे गलतियां करता जा रहा था उसने एक बार नहीं सोचा जब उसकी सचाई सब को पता चलेगा कितने लोगों को दुख होगा। जफर खान की पत्नी भी उसके साथ रहने के लिए आई थी। अपनी आँखों में ढेरों सपने संजोये हुए, जैसे हर पत्नी अपने पति के लिए देखती है, अपने पति के साथ बहुत सारा समय बिताउंगी, घूमूंगी –फिरुगी और बहुत सारी खरीदारी (shopping) करुँगी……
आरती को ये बात पता नहीं थी कि जो सपने उसने देखे है, वो सब चकना- चूर हो जायेगे। पिछले कुछ सालों से ना ही एक अच्छा सा स्मार्ट फोन था, ना ही पहन के लिए एक अच्छी सुंदर सी कपड़े (Party wear Dress) आदि कुछ भी नहीं था। बस अपने दिल को ये सोच के समझा लेती थी इस महीने नहीं अगले महीने ख़रीददारी कर लूंगी यानि वो अपनों खुशियों का ख्याल न रखते हुए दूसरों का ध्यान रखती थी। वहीं दूसरी ओर गीता आरती से मिलने के लिए बहुत बेताब यानि बैचेन(excitement) थी। क्योंकि गीता ने आरती के बारे में बहुत सुन रखा था, अब गीता ये देखना चाहती थी और उससे मिलना चाहती थी कौन थी वो लड़की जो जफर खान के लिए मरने और हर रोज भावनात्मक रूप से प्रताड़ित रहती करती थी और क्यों ???
जफर खान के साथ जबरदस्ती शादी करना चाहती और देखने में कितनी बुरी थी जो जफर खान को अपनी पत्नी बोलने में शर्म आती थी। ऐसे हजारो सवालो गीता के मन में घेरा बनाए रखे थे। आखरी में आज वो दिन आ ही गया। जिसे गीता की आंखें देखने के लिए तरस गई। जब गीता को पता लगा की आरती अपने पति जफर खान के साथ अपने कमरे में आ गए है तो गीता के कदम खुद को मिलने से नहीं रुक पाये। और दौड़ के आरती के कमरे में पहुँच गई..
जब गीता ने पहली दफे देखा था, तो सुर्ख गुलाब की मानिंद होठों की लाली ने उसे आकर्षित किया था। उसकी बड़ी -2 आँखे और होठों पर प्यारी सी मुस्कान, बालों का जुड़ा डिजाइन बनाया आरती पे बहुत अच्छा लग रहा था उसके सुर्ख गुलाबी गालों पर पड़कर इंद्रधनुषी छटा बिखेर रही थी। वो अपनी बेटी के संग हंसती-खिलखिलाती बातें कर रही थी और गीता उसको देखती रह गई थी। आरती 10-15 मिनट के बाद नफ़ीज़ा खान से मिलने के लिए उसके पास गई। गीता आरती को अपनी खिड़की से जाते हुए देख रही थी दुपट्टा के पल्लू से अपना सिर ढक कर और दो इंच की हाई हील्स पहने सीढ़ियों पे चलती जा रही थी। 10/15 मिनट के बाद आरती अपने कमरे में वापस आ गई।
देखने से ही आप खुद ही अंदाज़ लगा सकते थे कि आरती तो मानो एक सादा (साधारण) सा जीवन व्यतीत कर रही थी। धीरे -2 जैसे समय बढ़ता गया आरती और गीता की दोस्ती भी बढ़ती गई। उन दोनों की दोस्ती इतनी गहरी हो गई थी कि सामने वाले इन्सान भी ये बोले Wawoo दोस्ती हो तो इन की दोस्ती जैसी हो वरना दिखावे की दोस्ती ना हो। पर नफ़ीज़ा खान को इन दोनों की दोस्ती पसंद नहीं आ रही थी वो इन दोनों की दोनों की दोस्ती को लगातार तड़वाने को कोशिश करती जा रही थी। नफ़ीज़ा खान को लगा रहा था उन दोनों की दोस्ती कच्चे-धागे की तरह है जो धागे को हल्का सा खींचने से ही टूट जाएगा लेकिन हमारी दोस्ती वो खुशी है, वो एहसास है, वो विश्वास है जो एक पल में और बस एक नजर में ही हर किसी से नही हो सकती है।
जब से आरती और गीता की दोस्ती हुई थी। दोनों ही अपनी दुनिया में मस्त रहती थी। दोनों एक दूसरे के साथ उठना-बैठना, साथ में खाना – पीना, घंटो लगातार बात करना आदि।
नफ़ीज़ा खान को ये बात खाई जा रही थी कही ये दोनों मिलकर मेरी पोल ना खोल दे। कहते है चोर की दाढ़ी में तिनका (A speck in the beard of a thief) नफ़ीज़ा ने आरती के बारे में गीता के साथ बहुत सारी (निंदा) बुराईयां की और आरती के पास गीता के लिए बहुत बुराईयां (निंदा) की थी। पर वो दोनों अपनी-अपनी जिंदगी की आप बीती अर्थात जिंदगी के उतार-चढ़ाव, दुःख-सुख आदि अपनी-2 बाते करती थी। आरती गीता को अपनी छोटी बहिन मानती थी और बहुत सारा प्यार करती थी।
गीता आरती के लिए बहुत खास पर्सन(very special person) बन गई थी। आरती ने गीता के साथ सब कुछ साझा करना शुरू कर दिया। जैसे एक बड़ी बहिन छोटी बहिन के साथ करती है। उसका ध्यान रखना गीता के दुःख-सुख में हमेशा साथ देने। वैसे गीता आरती से उम्र में बड़ी थी। पर रिश्ते में आरती गीता की बड़ी बहन बनी थी। दोनों एक दूसरे के साथ बहुत खुश थी।
शायद आरती के पति ज़फर खान को भी इन दोनों की दोस्ती ज्यादा पसंद नहीं थी। जफर खान को भी यही डर था, कही गीता मेरी पत्नी के कान ना भर दे, कही मेरे बारे में ना बता दे। जफर खान और नफ़ीज़ा खान दोनों संबंध (Relationship) में थे। पर नफ़ीज़ा और ज़फर खान दोनों एक दूसरे के सामने ऐसे बात करते थे मानो एक-दूसरे के कट्टर दुश्मन हो।
दूसरी ओर आरती और गीता दोनो को एक-दूसरे के साथ वक़्त बिताना बहुत ही ज्यादा अच्छा लगने लगा था। जिस दिन गीता आपने ऑफिस जाती थी उस दिन आरती का पूरे दिन बैचैन रहता और किसी काम में जी नहीं लगता था। वो दोनों एक दूसरे को काफी हद तक पसन्द करते थे। उन दिनों आरती गीता को ऑफिस बाले नंबर से कॉल करके बात कर लेती थी इसलिए जो वक़्त कमरे में काट लिया करते थे वो बेहद ही खास हुआ करते थे। आरती गीता का बहुत ख्याल और बहुत ज्यादा ध्यान रखती थी, समय से खाना पीना यहाँ तक उसकी बेटी का भी और गीता के बीमार पड़ने पे भी हद से ज्यादा ख्याल रखना। उन दोनों को देख कर ऐसा लगता था वो दोनों बहनें है। नफ़ीजा उन दोनों की खुशियों में जहर घोलने में देर नहीं करती थी। हमेशा रंग में भंग डालने आ जाती थी। गीता और आरती जानते थे की नफ़ीज़ा हम दोनों की दोस्ती से जलती है तब इन दोनों ने एक नया तरीका निकाला कि हम नफ़ीज़ा के सामने बात नहीं करेंगे। फिर भी नफ़ीज़ा अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रही थी।
उस फ्लैट (Apartment) में हर रोज एक नई बात सुनकर मिलती थी। इन दोनों (गीता और आरती) की जिंदगी मानो बेरंग हो गई थी।
गीता का मन भी रूम में आने को नहीं करता था। पर गीता भी क्या कर सकती थी गीता भी मजबूरी थी। गीता भी एक नन्ही सी बेटी (18 महीने) को जो देखभाल करने वाली (Care Taker) महिला के पास छोड़ आती थी। नफ़ीज़ा खान डबल – गेम (Double games) खेल रही थी। उसको ये लगता था गीता और आरती पागल के साथ-2 मुर्ख है। नफ़ीज़ा ये नहीं पता है। वो खुद कितनी मूर्ख है। गीता और आरती को उसकी हरकतों और सारी घटिया योजनाओं के बारे में पता चल गया है। पर वो दोनों गीता और आरती नफ़ीज़ा के सामने दिखावा कर रही थी कि मानो हमें कुछ पता नहीं है। नफ़ीज़ा जो देखभाल करने वाली (Care Taker) महिला को भी अपनी इस घटिया योजना में घसीट मतलब शामिल कर रही थी। पर नफ़ीज़ा खुद को उभारने करने के लिए इतना नीचे कैसे गिर सकती है। उसकी हरकतें और चाल-चलन कैसा है। ये सब को पता था पर कोई उसके मुंह पे नहीं बोलना चाहता था। वे दोनों गीता और आरती खाली समय पर अपनी बेटी या फिर अपनी ही दुनिया में ही मग्न रहती थी एक दिन की बात थी नफ़ीज़ा खान संध्या के समय गीता के कमरे आई वही पे दोनों आरती और जफर भी पहले से मौजूद थे।
गीता और आरती म्यूजिक स्पीकर ब्लूटूथ (Music Speaker Bluetooth) पे पहाड़ी गीत लगाये अपनी बेटियों के साथ नाच रही थी। फिर उस दौरान नफ़ीज़ा फटाफट अपने मोबाइल फ़ोन निकला और तस्वीरें, वीडियो बनाने ही वाली थी, तो एक दम जफर उधर से जोर-2 से चीख पडा और नफ़ीज़ा को अपनी भाषा में ना जाने क्या-क्या बोल दिया। फिर नफ़ीज़ा चुप-चाप सुनती रही और बिना कुछ कहे वहां से चली गई। जिस पर दोनों के बीच आरती की अपने पति जफर खान कहासुनी हो गई। ये सब सुनकर गीता ने आपति जताई और कारण पूछने लगी क्यों नफ़ीज़ा को तस्वीरें खींचने, वीडियो बनाने से रोका. और आरती ने भी जफर से कहा ये तुम्हारी गलती है, क्यों इतने गुस्से से नफ़ीज़ा पर चिलाये सुनो तुम अगली सुबह नफ़ीज़ा दीदी से माफ़ी मांगना गुस्से से आरती ने अपने पति जफर को बोला।
जैसे-2 दिन निकलते गए। नफ़ीज़ा अपनी हरकतों से पीछे नहीं हट रही। कभी जफर के के माता- पिता को फ़ोन करके उनके कान भर रही थी तो कभी आरती को जफर के बारे में, गीता के बारे, तो कभी गीता के पास आरती और जफर के बारे में कान भर रही थी यानि अपने मन से झूठ की बातें बनाने के अलावा उसके पास कोई काम नहीं था। गीता और आरती इन बातों सब को नजरअंदाज कर रही थी। रविवार के दिन गीता की भी छुट्टी थी। आरती और गीता ने भी जल्दी से अपना-अपना काम ख़त्म किया और दोनों सहेली बात करना शुरू कर दी बातों ही बातों पे साडी पहनने का विचार कहां से आ गया। आरती ने गीता से बोला मैंने कभी साड़ी नहीं पहनी है मुझे पहना दो प्लीज गीता ने बोला ठीक है। पता नहीं नफ़ीज़ा कहा से टपक पड़ी। गीता और आरती दोनों ने धीरे से एक दूसरे के साथ बोला आ गई रंग में भंग डालने मुँह में गुनगुनाते हुऐ बोला। नफ़ीज़ा मन ही मन जल कर राख हो रही थी क्योंकि हम दोनों खुशी में झूम रहे थे। 2/3 मिनट के बाद वो वहां से निकल गई। आरती ने साडी पहन ही ली थी। दूसरी ओर नफीसा ने अपनी सासु-माँ (Mother in low) के कान भर दिये। नफ़ीज़ा की सासु-माँ में एक बुराई है, वो थोड़ा कान की कच्ची है। जल्दी ही अपनी बहू की बात आ गई। और जोर-जोर से चिल्लाने लगी उसके चिल्लाने की आवाज आरती के कमरे के अंदर आ रही थी और नफ़ीज़ा की सासु-माँ ने देखा कि आरती और गीता दरवाजा बंद है। पता नी दोनों अन्दर क्या कर रही है। फिर नफ़ीज़ा की सास ने अपनी बहू को वही डांटना शुरू कर दिया। उस समय नफ़ीज़ा की सास गुस्सैल रूप देखने को मिला और ना जाने कितने अपशब्दों (abusive/abuse language) की बारिश कर दी। ये सुन कर आरती के पति ज़फर खान ने भी कुछ नहीं बोला, वो चुप-चाप कैसे सुन रहा था। पर अफसोस इस ही बात का था। 2 मिनट के अन्दर ही गीता के मन में भी हजारों प्रश्नों ने जन्म ले लिया था। आखिरकार क्या बुराई है साड़ी पहने लेती तो वैसे भी वो कौन होती है हमें ऐसा बोलने वाली चाहे कमरा बंद करे या फिर ना, नाना प्रकार से सवाल गीता भी अपने मन से ही पूछे जा रही थी।
आरती की आँखों से भी अश्को की धारा रुकने का नाम नहीं ले रही थी। जब आरती शांत हुई वो नफ़ीज़ा की सासू माँ और ससुर(Father in low) से पूछा एन्टी जी और अंकल जी (Anti ji & Uncle ji) अगर आपको कोई गिला शिकवा था तो ऊपर बुलाकर बोल देते, ऐसे अपशब्द क्यों बोले, अंकल जी ने हाथ जोड़ के बोला बेटा तेरी एन्टी को बोलने का पता नहीं चलता मुझे माफ़ कर दो और एन्टी को भी माफ़ी मांगने को वोला, आरती से क्षमा याचना मांगी। फिर भी दिल को वो सुकून-चैन नहीं पा रहा था। आरती बापिस अपने कमरे में आने लगीं और सीढ़ियों पे उतरते समय सोच लिया, मैं ये कमरा छोड़ के चली जाऊंगी। आरती ने अपने पति जफर खान को बोला 10/02/2021 को ये कमरा खाली करना है। और उधर से हाँ में हाँ मिलाते बोल दिया पर जफर ये कमरा छोड़ के जाना नहीं जाना चाहता था। गीता को इतना गुस्सा था,कि वो नफ़ीज़ा के परिवार से बात तक भी नहीं कर रही थी। आरती के ससुराल पक्ष से भी घर आने की जिद पकड़े हुए थे। आरती को मानसिक अत्याचार किया जा रहा था। तुम अगर घर नहीं आये तो हम अपनी बेटी तुम से ले लेगे,आरती अपनी बेटी से बहुत प्यार करती थी,जफर का साथ नहीं मिलने के कारण आरती को ससुराल जाना पड़ा। क्योंकि फिर भी जान-बुझ कर अपनी पत्नी का साथ नहीं दे रहा था और दूसरी ओर से नफ़ीज़ा आरती के ससुराल वालो के कान भरे जा रही थी। आरती भी बहुत गुस्से में अपना सारा समान छोड़ कर अपनी बेटी को अपने साथ लेकर ससुराल निकल पड़ी। इधर नफ़ीज़ा अब गीता के कान भरने शुरू कर दिये पर गीता बातों को नहीं भूली थी। गीता के नफ़ीज़ा को अच्छे से सुना दिया। अब नफ़ीज़ा आरती और गीता के दिल से बिलकुल उतर गई थी। अब नफ़ीज़ा की शक्ल देखना, क्या उसके बारे में बात करना भी पसंद नहीं था। अब गीता और आरती की बातें अब पीठ पीछे होती थी। अब जफर भी गीता के सामने नफ़ीज़ा से बात नहीं करता था। वो भी ऐसे दिखाता था अब मैं भी नफ़ीसा से बहुत नफरत करता हूँ। उसकी गन्दी हरकतों वैसे ही बढ़ती गई। इतना कुछ होने के बावजूद भी नफ़ीसा अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रही थी। क्योंकि उसको दूसरों को बुरा और खुद को अच्छा बनाती थी। नफ़ीज़ा से घटिया औरत पूरी ज़िन्दगी में नहीं देखी होगी।
गीता और आरती के दिल से उसको हमेशा बददुआ ही निकलती थी। आखिरकार रब के घर में देर है अंधरे नहीं, देर से ही सही पर पाप का घड़ा फूट ही गया। नफ़ीज़ा के पति हामिद खान जफर खान को अपनी दुकान पर ले गए। हामिद खान और जफर दोनों बहुत अच्छे दोस्त थे। हामिद खान का बहुत बड़ा कारोबार है उनका खुद का एक खिलौने उपहार केंद्र है।(Toys Gifts Centre) सुबह के समय हामिद खान ने अभी अपनी दुकान खोली ही थी। जफर ने जैसे-तैसे हामिद खान से नफ़ीज़ा की आधी-अधूरी बातें शेयर कर दी। जफर ने बताया कि नफ़ीज़ा जिस लड़के से बात करती है। उसका नाम नैतिक राजपूत, डोडरा कंवर गांव का रहने वाला है। गीता जिस कंपनी में काम करती है।,उसी कंपनी में वो काम करता है। हामिद खान को ये लग रहा था उसकी पत्नी जो धोखा दे रही है और गीता नफ़ीज़ा को धोखा देने के लिए प्रेरित करती है। पर जफर ने अपने पैर पे खुद ही कुल्हड़ी मार दी। हामिद खान गुस्से में लाल- पीला हो कर घर आया और नफ़ीज़ा को 2/3 थप्पड़ मार दिया। नफ़ीज़ा के घर पे क्लेश पड़ गया। हामिद खान अपनी पति से धोखा खाये बहुत दुखी था। नफ़ीज़ा को समझ आ गया की मेरे पति को मेरी हरकतों का पता चल चूका है उसने खुद आ कर हामिद को सब बताना शुरू किया और उसने हामिद को आश्वासन दिया की मेरा किसी दुसरे पुरुष से कोई सम्बन्ध नहीं है।
नफ़ीज़ा ने खुद को बचने के लिए एक योजना बनी और हामिद खान खान को डरने लगी मैंने तुम्हे छोड़ कर चली जायगी। दोनों पति पत्नी की बहुत कहासुनी हुई,फिलहाल यह साफ नहीं हो सका है। कि ज़फर सच बोल रहा है या नहीं। अब यही बात नफ़ीसा की तो बहुत चालाक औरत थी। उसने सारा इल्जाम जफर पर लगा दिया कि जफर मुझे मानसिक रूप से बहुत हिंसा करते हैं। इसके बाद ही मैंने जफर माफ किया पर अभी भी मुझे जफर बहुत तंग और मेरा मानसिक शोषण करता था। और मैं अब भी मानसिक हिंसा से गुजर रही हूं। और हामिद मैं आपको बता देती पर मुझ आप के गुस्से से डर लगता था। मानती हूँ मुझ से ये गलती हो गई जो मैंने आप से बात छुपाई। नफ़ीज़ा ने अपने पति हामिद खान से कहा। चाहे आप मीना,टीना और शिवानी से पूछ लो। जफर उनको भी ये रात को कॉल और तंग करता है। जफर मेरे पीछे हाथ धो के पड़ा है।
जफर के खिलाफ मानसिक यातना देने का आरोप लगाया है,लेकिन उसके मामले/आरोप को साबित करने के लिए सबूत का बोझ जफर पर था। हामिद खान खान ने जफर के साथ-2 गीता को भी कमरा खाली करने को बोल दिया।
गीता ने भी बोला मै कमरा क्यों खाली करू मेरी क्या गलती है? मैं अपनी छोटी बेटी को लेकर कहा जाऊगी और एक दम कमरा खाली करने को क्यों बोल रहे हो। गीता ने जाने से मना कर दिया मैं रूम खाली नहीं करुँगी। आपका निजी मामला है मुझे अपने निजी मामला में मुझे शामिल मत करो। नफ़ीज़ा आरती को फ़ोन करके कड़वी -2 बातें बोलती थी। अब बहुत हो गया पानी सर से ऊपर चला गया है।
नफ़ीज़ा को इस तरह बेइज्जत करने का हक़ गीता और आरती ने उसको क्या किसी को भी नहीं दिया था। पर हकीकत बस ये थी कि नफ़ीज़ा घमण्ड ही नही बल्कि एक बिगड़ी हुई औरत थी बस गीता और आरती अपनी बेइज्जती का बदला लेने की सनक सवार थी। उस दिन हम गलत नही थे हमे पता है पर इंसान भगवान नही हो सकता और ना ही हम इतने अच्छे हो सकते हैं कि अपने साथ किया बुरा बर्ताव भूल जायें।
नफ़ीज़ा की बाते कुछ दिन तक गीता और आरती ने बर्दाश्त कि फिर नफ़ीज़ा को चेतावनी भी दी। लेकिन उसकी वही हरकत में कोई बदलाव नहीं था। सासु-माँ भी जब उसकी (नफ़ीज़ा) बातों में आने लगी थी तो आरती दिल बहुत दुखा था।
किसी ने ठीक ही कहा है:- ज़िंदगी जीना आसान नहीं होता, बिना संघर्ष के कोई महान नहीं होता, जब तक न पड़े हथौड़े की चोट, पत्थर भी भगवान नहीं होता।
अब गीता और आरती उस नफ़ीज़ा जैसी नहीं थी। जो उसके हजारों राज अपने मन मे दफ़न किये हुए थे। वो दोनों भी चाहती थी तो उसके परिवार को बता सकती थी। पर गीता और आरती में उस नफ़ीज़ा जैसा कोई फ़र्क नही रह जाता। लेकिन उस नफ़ीज़ा को सबक सिखाना भी जरूरी था क्योंकि बुरा करना, जितना बुरा है तो बुरा सहना भी बहुत बुरा है। अच्छे के साथ अच्छा बनें बुरे के साथ बुरा नहीं, क्योंकि हीरे को हीरे से तराशा तो जा सकता है पर कीचड़ से कीचड़ साफ़ नहीं हो सकता है।
आरती ने भी उसको धमकी दी कि अगर उसने मेरी और गीता बुराई करना बंद नहीं किया तो मैं उसके चरित्र का कच्चा-चिठ्ठा जरूर सबके सामने खोल दूंगी। क्योंकि जितना मैं जानती हूँ। उसे उसका आधा भी वो खुद के बारे में नहीं जानती होगी। नफ़ीज़ा डर गई। आज उस बात को चार साल बीत गए लेकिन उसने गीता और आरती लिए कभी किसी से फिर कुछ नहीं कहा।
ऐसा नहीं है। कि उसको यूं धमकी देकर आरती को अच्छा लगा पर उस वक्त आरती कुछ और सूझा नहीं। आज तक भी नहीं समझ पाई हूँ। कि गीता और आरती सही किया या ग़लत। ग़लत नहीं लगता तो सही भी नही लगता।
गीता और आरती उसके साथ पेश तो वैसे ही आई जैसे वो गीता और आरती के साथ कर रही थी लेकिन गीता और आरती आज तक उसका बुरा नही किया। ना ही किसी को उसके बारे मे कुछ नहीं बताया। यकीन मानिये बुरा करना भी आसान नहीं होता।
दोस्तों हम आपके लिए अक्सर interesting stories लेकर आते रहेंगे, Hindi stories की इस कड़ी में हम आपके लिए एक और रोचक कहानी लेकर आये है सत्य घटना पर आधारित हिंदी कहानी है तब तक के लिए आप इसी तरह अपना प्यार और आशीर्वाद बनाये रखना उम्मीद है की ये आपको पसंद आएगी और एक अच्छी शिक्षा (teaching) आप को देगी……….
Thank You

by Anu

प्यार अंधा होता है (Love Is Blind)( Last Part)

April 23, 2021 in लघुकथा

दूसरी ओर आरती और गीता दोनो को एक-दूसरे के साथ वक़्त बिताना बहुत ही ज्यादा अच्छा लगने लगा था। जिस दिन गीता आपने ऑफिस जाती थी उस दिन आरती का पूरे दिन बैचैन रहता और किसी काम में जी नहीं लगता था। वो दोनों एक दूसरे को काफी हद तक पसन्द करते थे। उन दिनों आरती गीता को ऑफिस बाले नंबर से कॉल करके बात कर लेती थी इसलिए जो वक़्त कमरे में काट लिया करते थे वो बेहद ही खास हुआ करते थे। आरती गीता का बहुत ख्याल और बहुत ज्यादा ध्यान रखती थी, समय से खाना पीना यहाँ तक उसकी बेटी का भी और गीता के बीमार पड़ने पे भी हद से ज्यादा ख्याल रखना। उन दोनों को देख कर ऐसा लगता था वो दोनों बहनें है। नफ़ीजा उन दोनों की खुशियों में जहर घोलने में देर नहीं करती थी। हमेशा रंग में भंग डालने आ जाती थी। गीता और आरती जानते थे की नफ़ीज़ा हम दोनों की दोस्ती से जलती है तब इन दोनों ने एक नया तरीका निकाला कि हम नफ़ीज़ा के सामने बात नहीं करेंगे। फिर भी नफ़ीज़ा अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रही थी।
उस फ्लैट (Apartment) में हर रोज एक नई बात सुनकर मिलती थी। इन दोनों (गीता और आरती) की जिंदगी मानो बेरंग हो गई थी।
गीता का मन भी रूम में आने को नहीं करता था। पर गीता भी क्या कर सकती थी गीता भी मजबूरी थी। गीता भी एक नन्ही सी बेटी (18 महीने) को जो देखभाल करने वाली (Care Taker) महिला के पास छोड़ आती थी। नफ़ीज़ा खान डबल – गेम (Double games) खेल रही थी। उसको ये लगता था गीता और आरती पागल के साथ-2 मुर्ख है। नफ़ीज़ा ये नहीं पता है। वो खुद कितनी मूर्ख है। गीता और आरती को उसकी हरकतों और सारी घटिया योजनाओं के बारे में पता चल गया है। पर वो दोनों गीता और आरती नफ़ीज़ा के सामने दिखावा कर रही थी कि मानो हमें कुछ पता नहीं है। नफ़ीज़ा जो देखभाल करने वाली (Care Taker) महिला को भी अपनी इस घटिया योजना में घसीट मतलब शामिल कर रही थी। पर नफ़ीज़ा खुद को उभारने करने के लिए इतना नीचे कैसे गिर सकती है। उसकी हरकतें और चाल-चलन कैसा है। ये सब को पता था पर कोई उसके मुंह पे नहीं बोलना चाहता था। वे दोनों गीता और आरती खाली समय पर अपनी बेटी या फिर अपनी ही दुनिया में ही मग्न रहती थी एक दिन की बात थी नफ़ीज़ा खान संध्या के समय गीता के कमरे आई वही पे दोनों आरती और जफर भी पहले से मौजूद थे।
गीता और आरती म्यूजिक स्पीकर ब्लूटूथ (Music Speaker Bluetooth) पे पहाड़ी गीत लगाये अपनी बेटियों के साथ नाच रही थी। फिर उस दौरान नफ़ीज़ा फटाफट अपने मोबाइल फ़ोन निकला और तस्वीरें, वीडियो बनाने ही वाली थी, तो एक दम जफर उधर से जोर-2 से चीख पडा और नफ़ीज़ा को अपनी भाषा में ना जाने क्या-क्या बोल दिया। फिर नफ़ीज़ा चुप-चाप सुनती रही और बिना कुछ कहे वहां से चली गई। जिस पर दोनों के बीच आरती की अपने पति जफर खान कहासुनी हो गई। ये सब सुनकर गीता ने आपति जताई और कारण पूछने लगी क्यों नफ़ीज़ा को तस्वीरें खींचने, वीडियो बनाने से रोका. और आरती ने भी जफर से कहा ये तुम्हारी गलती है, क्यों इतने गुस्से से नफ़ीज़ा पर चिलाये सुनो तुम अगली सुबह नफ़ीज़ा दीदी से माफ़ी मांगना गुस्से से आरती ने अपने पति जफर को बोला।
जैसे-2 दिन निकलते गए। नफ़ीज़ा अपनी हरकतों से पीछे नहीं हट रही। कभी जफर के के माता- पिता को फ़ोन करके उनके कान भर रही थी तो कभी आरती को जफर के बारे में, गीता के बारे, तो कभी गीता के पास आरती और जफर के बारे में कान भर रही थी यानि अपने मन से झूठ की बातें बनाने के अलावा उसके पास कोई काम नहीं था। गीता और आरती इन बातों सब को नजरअंदाज कर रही थी। रविवार के दिन गीता की भी छुट्टी थी। आरती और गीता ने भी जल्दी से अपना-अपना काम ख़त्म किया और दोनों सहेली बात करना शुरू कर दी बातों ही बातों पे साडी पहनने का विचार कहां से आ गया। आरती ने गीता से बोला मैंने कभी साड़ी नहीं पहनी है मुझे पहना दो प्लीज गीता ने बोला ठीक है। पता नहीं नफ़ीज़ा कहा से टपक पड़ी। गीता और आरती दोनों ने धीरे से एक दूसरे के साथ बोला आ गई रंग में भंग डालने मुँह में गुनगुनाते हुऐ बोला। नफ़ीज़ा मन ही मन जल कर राख हो रही थी क्योंकि हम दोनों खुशी में झूम रहे थे। 2/3 मिनट के बाद वो वहां से निकल गई। आरती ने साडी पहन ही ली थी। दूसरी ओर नफीसा ने अपनी सासु-माँ (Mother in low) के कान भर दिये। नफ़ीज़ा की सासु-माँ में एक बुराई है, वो थोड़ा कान की कच्ची है। जल्दी ही अपनी बहू की बात आ गई। और जोर-जोर से चिल्लाने लगी उसके चिल्लाने की आवाज आरती के कमरे के अंदर आ रही थी और नफ़ीज़ा की सासु-माँ ने देखा कि आरती और गीता दरवाजा बंद है। पता नी दोनों अन्दर क्या कर रही है। फिर नफ़ीज़ा की सास ने अपनी बहू को वही डांटना शुरू कर दिया। उस समय नफ़ीज़ा की सास गुस्सैल रूप देखने को मिला और ना जाने कितने अपशब्दों (abusive/abuse language) की बारिश कर दी। ये सुन कर आरती के पति ज़फर खान ने भी कुछ नहीं बोला, वो चुप-चाप कैसे सुन रहा था। पर अफसोस इस ही बात का था। 2 मिनट के अन्दर ही गीता के मन में भी हजारों प्रश्नों ने जन्म ले लिया था। आखिरकार क्या बुराई है साड़ी पहने लेती तो वैसे भी वो कौन होती है हमें ऐसा बोलने वाली चाहे कमरा बंद करे या फिर ना, नाना प्रकार से सवाल गीता भी अपने मन से ही पूछे जा रही थी।
आरती की आँखों से भी अश्को की धारा रुकने का नाम नहीं ले रही थी। जब आरती शांत हुई वो नफ़ीज़ा की सासू माँ और ससुर(Father in low) से पूछा एन्टी जी और अंकल जी (Anti ji & Uncle ji) अगर आपको कोई गिला शिकवा था तो ऊपर बुलाकर बोल देते, ऐसे अपशब्द क्यों बोले, अंकल जी ने हाथ जोड़ के बोला बेटा तेरी एन्टी को बोलने का पता नहीं चलता मुझे माफ़ कर दो और एन्टी को भी माफ़ी मांगने को वोला, आरती से क्षमा याचना मांगी। फिर भी दिल को वो सुकून-चैन नहीं पा रहा था। आरती बापिस अपने कमरे में आने लगीं और सीढ़ियों पे उतरते समय सोच लिया, मैं ये कमरा छोड़ के चली जाऊंगी। आरती ने अपने पति जफर खान को बोला 10/02/2021 को ये कमरा खाली करना है। और उधर से हाँ में हाँ मिलाते बोल दिया पर जफर ये कमरा छोड़ के जाना नहीं जाना चाहता था। गीता को इतना गुस्सा था,कि वो नफ़ीज़ा के परिवार से बात तक भी नहीं कर रही थी। आरती के ससुराल पक्ष से भी घर आने की जिद पकड़े हुए थे। आरती को मानसिक अत्याचार किया जा रहा था। तुम अगर घर नहीं आये तो हम अपनी बेटी तुम से ले लेगे,आरती अपनी बेटी से बहुत प्यार करती थी,जफर का साथ नहीं मिलने के कारण आरती को ससुराल जाना पड़ा। क्योंकि फिर भी जान-बुझ कर अपनी पत्नी का साथ नहीं दे रहा था और दूसरी ओर से नफ़ीज़ा आरती के ससुराल वालो के कान भरे जा रही थी। आरती भी बहुत गुस्से में अपना सारा समान छोड़ कर अपनी बेटी को अपने साथ लेकर ससुराल निकल पड़ी। इधर नफ़ीज़ा अब गीता के कान भरने शुरू कर दिये पर गीता बातों को नहीं भूली थी। गीता के नफ़ीज़ा को अच्छे से सुना दिया। अब नफ़ीज़ा आरती और गीता के दिल से बिलकुल उतर गई थी। अब नफ़ीज़ा की शक्ल देखना, क्या उसके बारे में बात करना भी पसंद नहीं था। अब गीता और आरती की बातें अब पीठ पीछे होती थी। अब जफर भी गीता के सामने नफ़ीज़ा से बात नहीं करता था। वो भी ऐसे दिखाता था अब मैं भी नफ़ीसा से बहुत नफरत करता हूँ। उसकी गन्दी हरकतों वैसे ही बढ़ती गई। इतना कुछ होने के बावजूद भी नफ़ीसा अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रही थी। क्योंकि उसको दूसरों को बुरा और खुद को अच्छा बनाती थी। नफ़ीज़ा से घटिया औरत पूरी ज़िन्दगी में नहीं देखी होगी।
गीता और आरती के दिल से उसको हमेशा बददुआ ही निकलती थी। आखिरकार रब के घर में देर है अंधरे नहीं, देर से ही सही पर पाप का घड़ा फूट ही गया। नफ़ीज़ा के पति हामिद खान जफर खान को अपनी दुकान पर ले गए। हामिद खान और जफर दोनों बहुत अच्छे दोस्त थे। हामिद खान का बहुत बड़ा कारोबार है उनका खुद का एक खिलौने उपहार केंद्र है।(Toys Gifts Centre) सुबह के समय हामिद खान ने अभी अपनी दुकान खोली ही थी। जफर ने जैसे-तैसे हामिद खान से नफ़ीज़ा की आधी-अधूरी बातें शेयर कर दी। जफर ने बताया कि नफ़ीज़ा जिस लड़के से बात करती है। उसका नाम नैतिक राजपूत, डोडरा कंवर गांव का रहने वाला है। गीता जिस कंपनी में काम करती है।,उसी कंपनी में वो काम करता है। हामिद खान को ये लग रहा था उसकी पत्नी जो धोखा दे रही है और गीता नफ़ीज़ा को धोखा देने के लिए प्रेरित करती है। पर जफर ने अपने पैर पे खुद ही कुल्हड़ी मार दी। हामिद खान गुस्से में लाल- पीला हो कर घर आया और नफ़ीज़ा को 2/3 थप्पड़ मार दिया। नफ़ीज़ा के घर पे क्लेश पड़ गया। हामिद खान अपनी पति से धोखा खाये बहुत दुखी था। नफ़ीज़ा को समझ आ गया की मेरे पति को मेरी हरकतों का पता चल चूका है उसने खुद आ कर हामिद को सब बताना शुरू किया और उसने हामिद को आश्वासन दिया की मेरा किसी दुसरे पुरुष से कोई सम्बन्ध नहीं है।
नफ़ीज़ा ने खुद को बचने के लिए एक योजना बनी और हामिद खान खान को डरने लगी मैंने तुम्हे छोड़ कर चली जायगी। दोनों पति पत्नी की बहुत कहासुनी हुई,फिलहाल यह साफ नहीं हो सका है। कि ज़फर सच बोल रहा है या नहीं। अब यही बात नफ़ीसा की तो बहुत चालाक औरत थी। उसने सारा इल्जाम जफर पर लगा दिया कि जफर मुझे मानसिक रूप से बहुत हिंसा करते हैं। इसके बाद ही मैंने जफर माफ किया पर अभी भी मुझे जफर बहुत तंग और मेरा मानसिक शोषण करता था। और मैं अब भी मानसिक हिंसा से गुजर रही हूं। और हामिद मैं आपको बता देती पर मुझ आप के गुस्से से डर लगता था। मानती हूँ मुझ से ये गलती हो गई जो मैंने आप से बात छुपाई। नफ़ीज़ा ने अपने पति हामिद खान से कहा। चाहे आप मीना,टीना और शिवानी से पूछ लो। जफर उनको भी ये रात को कॉल और तंग करता है। जफर मेरे पीछे हाथ धो के पड़ा है।
जफर के खिलाफ मानसिक यातना देने का आरोप लगाया है,लेकिन उसके मामले/आरोप को साबित करने के लिए सबूत का बोझ जफर पर था। हामिद खान खान ने जफर के साथ-2 गीता को भी कमरा खाली करने को बोल दिया।
गीता ने भी बोला मै कमरा क्यों खाली करू मेरी क्या गलती है? मैं अपनी छोटी बेटी को लेकर कहा जाऊगी और एक दम कमरा खाली करने को क्यों बोल रहे हो। गीता ने जाने से मना कर दिया मैं रूम खाली नहीं करुँगी। आपका निजी मामला है मुझे अपने निजी मामला में मुझे शामिल मत करो। नफ़ीज़ा आरती को फ़ोन करके कड़वी -2 बातें बोलती थी। अब बहुत हो गया पानी सर से ऊपर चला गया है।
नफ़ीज़ा को इस तरह बेइज्जत करने का हक़ गीता और आरती ने उसको क्या किसी को भी नहीं दिया था। पर हकीकत बस ये थी कि नफ़ीज़ा घमण्ड ही नही बल्कि एक बिगड़ी हुई औरत थी बस गीता और आरती अपनी बेइज्जती का बदला लेने की सनक सवार थी। उस दिन हम गलत नही थे हमे पता है पर इंसान भगवान नही हो सकता और ना ही हम इतने अच्छे हो सकते हैं कि अपने साथ किया बुरा बर्ताव भूल जायें।
नफ़ीज़ा की बाते कुछ दिन तक गीता और आरती ने बर्दाश्त कि फिर नफ़ीज़ा को चेतावनी भी दी। लेकिन उसकी वही हरकत में कोई बदलाव नहीं था। सासु-माँ भी जब उसकी (नफ़ीज़ा) बातों में आने लगी थी तो आरती दिल बहुत दुखा था।
किसी ने ठीक ही कहा है:- ज़िंदगी जीना आसान नहीं होता, बिना संघर्ष के कोई महान नहीं होता, जब तक न पड़े हथौड़े की चोट, पत्थर भी भगवान नहीं होता।
अब गीता और आरती उस नफ़ीज़ा जैसी नहीं थी। जो उसके हजारों राज अपने मन मे दफ़न किये हुए थे। वो दोनों भी चाहती थी तो उसके परिवार को बता सकती थी। पर गीता और आरती में उस नफ़ीज़ा जैसा कोई फ़र्क नही रह जाता। लेकिन उस नफ़ीज़ा को सबक सिखाना भी जरूरी था क्योंकि बुरा करना, जितना बुरा है तो बुरा सहना भी बहुत बुरा है। अच्छे के साथ अच्छा बनें बुरे के साथ बुरा नहीं, क्योंकि हीरे को हीरे से तराशा तो जा सकता है पर कीचड़ से कीचड़ साफ़ नहीं हो सकता है।
आरती ने भी उसको धमकी दी कि अगर उसने मेरी और गीता बुराई करना बंद नहीं किया तो मैं उसके चरित्र का कच्चा-चिठ्ठा जरूर सबके सामने खोल दूंगी। क्योंकि जितना मैं जानती हूँ। उसे उसका आधा भी वो खुद के बारे में नहीं जानती होगी। नफ़ीज़ा डर गई। आज उस बात को चार साल बीत गए लेकिन उसने गीता और आरती लिए कभी किसी से फिर कुछ नहीं कहा।
ऐसा नहीं है। कि उसको यूं धमकी देकर आरती को अच्छा लगा पर उस वक्त आरती कुछ और सूझा नहीं। आज तक भी नहीं समझ पाई हूँ। कि गीता और आरती सही किया या ग़लत। ग़लत नहीं लगता तो सही भी नही लगता।
गीता और आरती उसके साथ पेश तो वैसे ही आई जैसे वो गीता और आरती के साथ कर रही थी लेकिन गीता और आरती आज तक उसका बुरा नही किया। ना ही किसी को उसके बारे मे कुछ नहीं बताया। यकीन मानिये बुरा करना भी आसान नहीं होता।
दोस्तों हम आपके लिए अक्सर interesting stories लेकर आते रहेंगे, Hindi stories की इस कड़ी में हम आपके लिए एक और रोचक कहानी लेकर आये है सत्य घटना पर आधारित हिंदी कहानी है तब तक के लिए आप इसी तरह अपना प्यार और आशीर्वाद बनाये रखना उम्मीद है की ये आपको पसंद आएगी और एक अच्छी शिक्षा (teaching) आप को देगी……….
Thank You

by Anu

मेरी बेटी, मेरी है, सिर्फ मेरी है

April 9, 2021 in हिन्दी-उर्दू कविता

मेरी बेटी, मेरी है, सिर्फ मेरी है
मेरी है, मेरी है, सिर्फ मेरी है,
तुम सिर्फ मेरी है,
मेरे बिना कोई दूसरा तुम से ज्यादा प्यार नहीं कर सकता मेरी जान,
तेरे सिवा किसी ओर से प्यार नहीं करुँगी,
तेरे नाम ही होगी मेरी आखिरी सांस,
तेरे साथ ही ये ज़िन्दगी जीना चाहती हूँ मेरी गुड़िया,
मुझे ताने तब देना जब मैं तेरे साथ नहीं होगी, जीते जी तुझे छोड़ नहीं सकती मेरे बच्चे और मरुँगी मैं उस समय,
जब तुम मेरे साथ नहीं होगी, मेरी बेटी,
मेरी दुनिया जितना प्यार मैं तुम से करती हूं,
उतना तुम सोच नहीं सकती,
मुझे दिन रात तेरी फिक्र बहुत सताती है,
मेरी बच्ची, मेरी बेटी तू ही मेरे जीने का एकमात्र सहारा है,
मेरी बेटी, मेरी है सिर्फ मेरी है,
मेरी बेटी मेरी दुनिया है,
अपनी दुनिया, अपनी प्यारी बेटी तुम्हे सीने से लगाकर रखूगी,
मेरी बेटी, मेरी है, सिर्फ मेरी है

by Anu

प्यार अंधा होता है (Love Is Blind) Part -4

April 8, 2021 in लघुकथा

आरती को ये बात पता नहीं थी कि जो सपने उसने देखे है, वो सब चकना- चूर हो जायेगे। पिछले कुछ सालों से ना ही एक अच्छा सा स्मार्ट फोन था, ना ही पहन के लिए एक अच्छी सुंदर सी कपड़े (Party wear Dress) आदि कुछ भी नहीं था। बस अपने दिल को ये सोच के समझा लेती थी इस महीने नहीं अगले महीने ख़रीददारी कर लूंगी यानि वो अपनों खुशियों का ख्याल न रखते हुए दूसरों का ध्यान रखती थी। वहीं दूसरी ओर गीता आरती से मिलने के लिए बहुत बेताब यानि बैचेन(excitement) थी। क्योंकि गीता ने आरती के बारे में बहुत सुन रखा था, अब गीता ये देखना चाहती थी और उससे मिलना चाहती थी कौन थी वो लड़की जो जफर खान के लिए मरने और हर रोज भावनात्मक रूप से प्रताड़ित रहती करती थी और क्यों ???
जफर खान के साथ जबरदस्ती शादी करना चाहती और देखने में कितनी बुरी थी जो जफर खान को अपनी पत्नी बोलने में शर्म आती थी। ऐसे हजारो सवालो गीता के मन में घेरा बनाए रखे थे। आखरी में आज वो दिन आ ही गया। जिसे गीता की आंखें देखने के लिए तरस गई। जब गीता को पता लगा की आरती अपने पति जफर खान के साथ अपने कमरे में आ गए है तो गीता के कदम खुद को मिलने से नहीं रुक पाये। और दौड़ के आरती के कमरे में पहुँच गई..
जब गीता ने पहली दफे देखा था, तो सुर्ख गुलाब की मानिंद होठों की लाली ने उसे आकर्षित किया था। उसकी बड़ी -2 आँखे और होठों पर प्यारी सी मुस्कान, बालों का जुड़ा डिजाइन बनाया आरती पे बहुत अच्छा लग रहा था उसके सुर्ख गुलाबी गालों पर पड़कर इंद्रधनुषी छटा बिखेर रही थी। वो अपनी बेटी के संग हंसती-खिलखिलाती बातें कर रही थी और गीता उसको देखती रह गई थी। आरती 10-15 मिनट के बाद नफीस खान से मिलने के लिए उसके पास गई। गीता आरती को अपनी खिड़की से जाते हुए देख रही थी दुपट्टा के पल्लू से अपना सिर ढक कर और दो इंच की हाई हील्स पहने सीढ़ियों पे चलती जा रही थी। 10/15 मिनट के बाद आरती अपने कमरे में वापस आ गई।
देखने से ही आप खुद ही अंदाज़ लगा सकते थे कि आरती तो मानो एक सादा (साधारण) सा जीवन व्यतीत कर रही थी। धीरे -2 जैसे समय बढ़ता गया आरती और गीता की दोस्ती भी बढ़ती गई। उन दोनों की दोस्ती इतनी गहरी हो गई थी कि सामने वाले इन्सान भी ये बोले Wawoo दोस्ती हो तो इन की दोस्ती जैसी हो वरना दिखावे की दोस्ती ना हो। पर नफ़ीज़ा खान को इन दोनों की दोस्ती पसंद नहीं आ रही थी वो इन दोनों की दोनों की दोस्ती को लगातार तड़वाने को कोशिश करती जा रही थी। नफ़ीज़ा खान को लगा रहा था उन दोनों की दोस्ती कच्चे-धागे की तरह है जो धागे को हल्का सा खींचने से ही टूट जाएगा लेकिन हमारी दोस्ती वो खुशी है, वो एहसास है, वो विश्वास है जो एक पल में और बस एक नजर में ही हर किसी से नही हो सकती है।
जब से आरती और गीता की दोस्ती हुई थी। दोनों ही अपनी दुनिया में मस्त रहती थी। दोनों एक दूसरे के साथ उठना-बैठना, साथ में खाना – पीना, घंटो लगातार बात करना आदि।
नफ़ीज़ा खान को ये बात खाई जा रही थी कही ये दोनों मिलकर मेरी पोल ना खोल दे। कहते है चोर की दाढ़ी में तिनका (A speck in the beard of a thief) नफ़ीज़ा ने आरती के बारे में गीता के साथ बहुत सारी (निंदा) बुराईयां की और आरती के पास गीता के लिए बहुत बुराईयां (निंदा) की थी। पर वो दोनों अपनी-अपनी जिंदगी की आप बीती अर्थात जिंदगी के उतार-चढ़ाव, दुःख-सुख आदि अपनी-2 बाते करती थी। आरती गीता को अपनी छोटी बहिन मानती थी और बहुत सारा प्यार करती थी।
गीता आरती के लिए बहुत खास पर्सन(very special person) बन गई थी। आरती ने गीता के साथ सब कुछ साझा करना शुरू कर दिया। जैसे एक बड़ी बहिन छोटी बहिन के साथ करती है। उसका ध्यान रखना गीता के दुःख-सुख में हमेशा साथ देने। वैसे गीता आरती से उम्र में बड़ी थी। पर रिश्ते में आरती गीता की बड़ी बहन बनी थी। दोनों एक दूसरे के साथ बहुत खुश थी।
शायद आरती के पति ज़फर खान को भी इन दोनों की दोस्ती ज्यादा पसंद नहीं थी। जफर खान को भी यही डर था, कही गीता मेरी पत्नी के कान ना भर दे, कही मेरे बारे में ना बता दे। जफर खान और नफ़ीज़ा खान दोनों संबंध (Relationship) में थे। पर नफ़ीज़ा और ज़फर खान दोनों एक दूसरे के सामने ऐसे बात करते थे मानो एक- दूसरे के कट्टर दुश्मन हो।

by Anu

Happy Holi 2021

March 25, 2021 in Poetry on Picture Contest

होली के रंग में रंग जा मेरे कन्हैया जी, होली आई है मेरे सांवरिया जी,
हंसते – गाते, नाचते आना मेरे घर मेरे सांवरिया जी,
राधा जी को भी साथ में लाना मेरे सांवरिया, मेरे घर में डेरा लगाना, मेरे परिवार और मेरी बेटी को अपना आशीर्वाद प्रदान करना, अपनी छत्रछाया में हम सब को रखना मेरे सांवरिया……
होली आई है, होली आई है मेरे सांवरिया रंग उड़ाती, मिठास ( मधुर) बरसाती,
ये रंगों का त्योहार है, मेरे कान्हा जी, हमेशा मेरे संग-2 रहना, इस पावन त्यौहार में खुशियाँ ही खुशियाँ लाना…
क्योंकि ये खुशियों की बौछार है ये होली, मेरे कान्हा जी, मेरे सांवरिया, सुख और समृद्धि की पिचकारी भर-भर
के लेते आना……
सबको मिलकर भांग पिलाएं ,पी कर कोई हसंता जाए, अपने हर दुःख को भुलता जाए,
खेलों सब खुशियों के संग आओ मेरे कान्हा जी, मेरे सांवरिया मिलकर होली खेलें सब एक दूजे के संग!!!
मथुरा की खुशबु, गोकुल का हार, वृन्दावन की सुगंध, बरसाने की फुहार, राधा की उम्मीद, कान्हा का प्यार, मुबारक हो आपको Holi का त्यौहार ! Happy Holi 2021

by Anu

My Dear Itika My Angel

March 25, 2021 in Poetry on Picture Contest

My Dear Itika My Angel, तुम से ही मेरी जिंदगी है
मैं तुम्हें खुद से भी ज्यादा प्यार करती हूँ और
मैं किसी भी कीमत पर तुम्हें खोना नहीं चाहती।
Dear Itika जब तुम कभी लड़खड़ाओ तो जो हाथ तुम्हें सहारा दें वो मेरे यानी तुम्हारी माँ के होगे,
जिस कंधे पर सिर रखकर तुम्हें सुकून मिले वो मेरे यानी तुम्हारी माँ के होगे,
जब तुम कहोगी तो तुम्हें सुनने वाले कान भी मेरे यानी तुम्हारी माँ के होगे,
मैं हर पल हमेशा तुम्हारे साथ रहूंगी। तुमसे ही प्यार करुँगी।

by Anu

प्यार अंधा होता है (Love Is Blind) Part -3

March 19, 2021 in लघुकथा

जफर खान की गर्लफ्रेंड (GF) नफीसा खान ने धोखा दे दिया वो जफर खान को छोड़ कर किसी और से बात करना शुरू कर दिया। अब जफर खान को ये बात बर्दाश्त नहीं हो रही थी उसकी गर्लफ्रेंड (GF) नफीसा खान उसके साथ ऐसे कैसे कर सकती है। वो नफीसा खान को जन्मदिन पे या फिर कोई खास त्यौहार पे कीमती उपहार आदि देता था। नफीसा खान के घर एक नए किरायेदार आई थी उसका नाम गीता मेहता था। जफर खान अपनी GF को नफीसा को चिढ़ाने के लिए गीता से बात करने लगा, पर गीता को ये बात पता नहीं थी वो दोनों आपस में Bf/GF है। अब गीता फॅमिली प्रोब्लेम्स (Family Problems) के कारण घर से बहार आयी थी। नफीसा खान पहले से 3/4 लड़कों से बात करती थी। वो बहुत तेज औरत थी।
जफर खान को धोखा मिलने के बाद इस बात का कोई दुःख नहीं था की वो अपनी पत्नी को भी धोखा दे रहा है नफीस खान से बदला लेने के बारे मे सोच – सोच कर पागल हो रहा था। जफर खान ने एक नहीं दो नहीं हजारों रिश्तों का खून कर रहा था। एक अपनी पत्नी, एक भाई जैसा दोस्त, एक इंसानियत आदि। जफर खान गलतियों पे गलतियां करता जा रहा था उसने एक बार नहीं सोचा जब उसकी सचाई सब को पता चलेगा कितने लोगों को दुख होगा।
जफर खान की पत्नी भी उसके साथ रहने के लिए आई थी
Be continuing…………..

by Anu

प्यार अंधा होता है (Love Is Blind) Part – 2

March 19, 2021 in लघुकथा

प्यार करने में साल या महीना नहीं लग जाता है प्यार तो वो ख़ुशी है, वो एहसास है, वो विश्वास है जो एक पल में और बस एक नजर में ही किसी को किसी से हो जाता है। इस तरह से वो दोनों हमेशा के लिए साथ हो गए और ख़ुशी-ख़ुशी रहने लगे। शादी के कुछ समय सब ठीक था। आरती ने भी अपने दिलों में दांपत्य जीवन के सपने संजोने शुरू कर दिए थे आरती समय के अनुसार आरती ने खुद को अपनी आदतें बात करने का तरीका और अपनी खुशियों को दबाना शुरू कर दिया था। अर्थात आरती बहुत ज़्यादा बदल चुकी थी, वो अपने हक के लिए भी नहीं लड़ पा रही थी क्यूंकि वो अपने पति से बहुत प्यार करती थी। आरती के ससुराल बाले भी आरती को बहुत तंग करते थे पर आरती ने अपने प्यार के लिए सब कुछ बर्दाश्त करती थी। जफर खान भी दिन रात फ़ोन कॉल करता रहता था
धीरे धीरे उसका फ़ोन कॉल आना भी बंद होता गया। आरती को लगता था उसका पति शायद कंपनी में काम करते है और रात को थक जाता है। इसलिए वो पूरा-पूरा दिन बात नहीं कर पता होगा।
जफर खान की बातों और प्यार और व्यवहार में बदलाव आता गया। आरती गुमसुम और उदास देख कर मां ने कहा, ‘‘क्या बात है, आरती, तू इस तरह मुंह लटकाए क्यों बैठी है? कई दिन से जफर खान का भी कोई फोन नहीं आया क्या? ?? दोनों ने आपस में झगड़ा कर लिया क्या?’’
आरती ने कहा ‘नहीं, मां, रोज रोज क्या बात करें। ऐसा बोल कर आरती ने माँ की बातों को गोल गोल घुमा दिया. और ये सोच कर नज़रअंदाज़ कर दिया की शायद में ज़्यादा सोच रही हूँ।
आरती हर बातो अनदेखा कर मन में कोई वहम पैदा नहीं करना चाहती थी।
दूसरी और जफर खान को ये लग रहा था मेरी पत्नी को कुछ पता नहीं लगा की मैं उसको धोखा दे रहा हूँ। पर कहते है, ना पाप का घड़ा कभी ना कभी भर ही जाता है
आरती सोचने लगी कि मम्मी इस से ज्यादा क्या कर सकती हैं। और मैं भी क्या करूं, मम्मी को कैसे बताऊं कि जफर खान क्या चाहता है। जफर खान चार पांच सालों से अपनी पत्नी को धोखा दे रहा था। वो घर से दूर रह कर अपनी मौज मस्ती और पूर्ण आनंद(Enjoy full) कर रहा था। आरती को इस बात विश्वास नहीं हो रहा था की जिस से वो प्यार करती है वो किसी और के पीछे दीवाना बन के घूम रहा है। अपने ही मकान मालिक (landlord) की बहू (नफीसा खान) के साथ खुलछर्रे उड़ा रहा है जफर खान की गर्लफ्रेंड (GF) का नाम नफीसा खान था। नफीसा खान एक शादीशुदा औरत है उसके दो बच्चे थे। उसके एक लड़का और एक लड़की थी।
दुनिया की नजरों में भाई बहिन और वैसे 5 साल से उसके साथ रिलेशनशिप में था। अब जफर खान अपनी पत्नी की और कम पे GF के साथ ज्यादा close था। अब आरती को समझ नहीं आ रहा था क्या इसे प्यार समझाऊ या फिर छोड़ के चली जाऊं उसको इस बात का ज्यादा दुःख था कि जिस लड़के के लिए मैने अपने मम्मी पापा भाई बहिन के बारे में नहीं सोचा वो इन्सान मेरे साथ ऐसा कैसे कर सकता था। पर कहते है ना रब के घर में देर है अंधरे नहीं, जो जैसा करता है। उसके साथ भी वैसा होता है।
Be continuing….

by Anu

प्यार अंधा होता है (Love Is Blind)

March 19, 2021 in लघुकथा

प्यार सच में अँधा होता है या फिर अँधा और बहरा दोनों हो जाता है, ना ही कुछ देखता है, ना ही कुछ सुनता है, बस अपनी ही जिद पर ठहरा होता है……..
ये कहानी एक राजपूत परिवार की लड़की जिसका नाम आरती है और दूसरी ओर मुस्लिम परिवार का लड़का जिसका नाम जफर खान हैं। दोनों एक दूसरे से बहुत अलग हैं लेकिन क्या उन्हें एक दूसरे से प्यार हो पायेगा चलिए जान लीजिये आप खुद ही।
जफर खान बचपन से एक आलिशान घर, गाडी, और रहन-सहन में पला बड़ा है, वही आरती बचपन से अपने परिवार को संघर्ष करती देख बड़ी होती है उससे अपने जिम्मेदारी का एहसास होने लगा। आरती के पास ज्यादा पैसे न होने के कारण से वो ज्यादा पढ़-लिख ना सकी, वही दूसरी और सब कुछ होने के बाद भी जफर खान को पढ़ने – लिखने का मन ना होने के कारण पढ़ ना सका। वक़्त के साथ साथ दोनों बड़े हुए अपने अपने रहन-सहन से।
आरती को घूमने – फिरने का बहुत शौक था। वो एक बिंदास लड़की थी। वो अपने परिवार में अपने पापा से बहुत प्यार करती थी। आरती अपनी परिवार के साथ किराये के रूम में रहती थी। वही दूसरी ओर जफर खान भी किराये के रूम में रहने लगा क्योंकि वो बिलासपुर (Bilaspur) से बद्दी (Baddi) ट्रेनिंग(training) करने के लिए आया था। और जफर खान के माँ बाप बिलासपुर (Bilaspur) में रहते थे यहाँ बद्दी(Baddi) में उसका कोई नहीं था।
एक ओर आरती एक छोटी सी कंपनी में काम करने लगी और वही दूसरी ओर जफर खान कंपनी में ट्रेनिंग(training) करने लगा…..
आरती एक Eureka Forbes Ltd कंपनी में नौकरी करती थी यह आरती कि पहली नौकरी थी जफर खान भी उसी कंपनी में नौकरी करता था। धीरे- धीरे आरती और जफर खान में दोस्ती हो गयी। दोनों रोज साथ में ऑफिस आने जाने लगे, रोज दोनों कि बाते भी ऑफिस के बाद में देर तक फोन पर होने लगी यह सिलसिला ऐसे ही चलता रहा और कुछ महीनो के बाद यह दोस्ती प्यार में बदल गयी।
फिर देर रात तक फोन पर बाते करना एक दुसरे से सब कुछ बताना साथ में घूमना फिरना यह सब बढ़ने लगा और आरती और जफर खान एक दुसरे के प्यार में डूबते चले गये और दोनों के बीच प्यार बहुत ही गहरा हो गया। और यह सब ऐसे ही चलता रहा आरती और जफर खान के घर पर भी आने जाने लगी…..
एक दिन आया जब आरती का जन्मदिन था, जफर खान ने आरती के लिए 100 रुपये में इतनी सारी चीजें ला कर दी, आरती बहुत खुश थी। उसको कुछ खास (something special) महसूस हो रहा था।
मैं समझ सकती हूँ कि प्यार को किसी दिन का इंतजार नहीं होता। लेकिन कुछ स्पेशल दिन के बहाने प्यार को और भी गहरा किया जा सकता है। पर आरती जफर खान प्यार में उसके प्यार में इतनी अंधी हो चुकी थी या फिर ये बोले कि आरती इस कदर जफर खान के प्यार में डूब चुकी थी कि वो जफर खान के बिना एक दिन एक पल भी नहीं रह पा रही थी। आरती दो साल के रिश्ते (relationship) को इतनी important दे रही थी, कि वो 20 साल को के प्यार को भूल चुकी थी उसको अपने मम्मी पापा का प्यार भी कम दिखाई दे रहा था। उसके मम्मी पापा को जब ये बात पता चली आरती के पापा ने आरती को बहुत मारा- पीटा फिर उसके बाद बहुत समझाया पर आरती के दिमाग में जफर खान के प्यार का भूत सवार था। आरती ने जफर खान के साथ रजिस्ट्रार के आफिस में जाकर शादी भी कर ली थी दोनों की शादी पर कानून की भी मुहर लग गई है दोनों पति पत्नी बन गए आरती कि यह बात रिया के घरवालो को पता चल गयी और उन्होंने आरती कि नौकरी छुडवा दी जिसके कारण जफर खान ने अपना रूम बदल दिया और दुसरे जगह पर रहने लगा। आरती के पापा ने आरती से सारे रिश्ते नाते तोड़ दिए पर आरती को इस बात का बहुत दुख हुआ उसकी ऐसी गलती को उसके पापा उसे इतने दूर हो जायेंगे, कभी इस दुनिया में वापस नहीं आयेगे, पापा की मौत का जिम्मेदार आरती खुद को मानती है।
Be continuing….

by Anu

माँ बनने का सफर (Part – 3)

March 19, 2021 in लघुकथा

फिर मुझे अस्पताल ले गए, मेरे कुछ मेडिकल टेस्ट हुए पर मेरी रिपोर्ट ठीक थी फिर मैंने चैन की सांस ली..

15 दिनो के बाद डॉ. से अपना चेकअप कराने लगी, मुझे टांगो में दर्द और नींद में कमी और बेचैनी ज्यादा रहने लगी, मेरी माँ मुझे देख कर ज्यादा तनाव में है उनको यह डर सता रहा है कि बच्चे और मेरी बेटी को कोई प्रॉब्लम ना आ जाये आखिर माँ तो माँ होती है उनके मन में भी उलटे सीधे हज़ारों सवाल आ रहे होंगे….

हमारा पूरा परिवार बहुत तनाव में थे, पर कहीं न कहीं दिल में यह विश्वास था कि सब ठीक रहेगा ! मैने डॉक्टर के दिए गए सारे निर्देशों का पालन किया |

मैने दिल ही दिल ईश्वर से मना रहे थे, कि यह 1 महीने का सफर ठीक से बीत जाए | ईश्वर दयालु है ! उसने हमारी सुनी और हम इस मुश्किल वक़्त से निकल गए |

4 Nov मुझे हॉस्पिटल में एडमिट कर लिया गया ताकि मेरे ब्लड प्रेशर, NST स्कैन अन्य चिकित्सा जांच पर नज़र रखी जा सके| मेरा 36 सफ्ताह शुरू हो गया था | नर्स के NST स्कैन से हमें पता लगा कि सब ठीक है | 5 Nov को शाम 5 /6:00 बजे डॉक्टर ने हमें सिजेरियन ऑपेरशन की बात कही | मेरा सिजेरियन ऑपेरशन 11:00 बजे को होना था और मैंने अपने बच्चे के सुरक्षित होने की दुआ माँगीं |
अंत में इंतज़ार की घड़ियाँ खत्म हुईं ……..
आखिर हमारा इंतज़ार खत्म हुआ !
मैं ऑपरेशन टेबल पर थी और डॉक्टर ने मुझे आँखे बंद रखने की सलाह दी थी, पर मेरे कान उनकी ही बातें सुन रहे थे | मैंने पहली बार अपने बच्चे का रोना सुना और मेरी सारी तकलीफ जैसे छू हो गयी | डॉक्टर ने मुझे बधाइयाँ दी और बतलाया कि मैं एक प्यारी सी बच्ची की माँ बन चुकीं हूँ | मुझ पर एनेस्थीसिया का प्रभाव था, पर मैं सो ना सकी |
मैं जब ऑपरेशन रूम से बाहर निकली तो हरे कपडे में लिपटी में अपनी बच्ची को देखा | मेरे हाथो में मेरी बिटिया को पाकर, ईश्वर को लाख लाख धन्यवाद किया, उसने मुझे इतनी प्यारी बेटी का माँ बनाया | मेरी बेटी दुनियाँ की सबसे खूबसूरत बच्ची है | मुझे लगा मेरा नया जन्म हुआ हो जैसे! अब मैं अपनी प्यारी सी शहज़ादी की माँ हूँ !
जन्म के 2 दिन बाद मेरी बेटी को पीलिया हो गया था…मेरी बेटी 3 दिन ICU में थी मेरे मन में बहुत उलटे सीधे विचार आ रहे थे God ji ने मेरे साथ दिया और मेरी बेटी ठीक हो गई और हम लोग सही सलामत घर आ thank you so much God jii
मुझे पता है कि मै परफेक्ट नहीं पर मैं उससे बहुत प्यार करती हूँ और पूरी कोशिश करुँगी कि मैं उसकी अच्छी माँ बनूँ | हर परिस्थिति में मै उसके साथ हूँ हरदम
मेरी बेटी थोड़ी बड़ी यानि 14 Month की हो गये है
I love You my daughter my Lifeline

by Anu

माँ बनने का सफर (Part 2)

March 19, 2021 in लघुकथा

माँ बनने का सफर हर औरत के जीवन का बेहद खूबसूरत सफर है, एक नन्हीं सी जान को नौ माह तक अपने गर्भ में रख पोषण व प्यार के स्पर्श से सींचना मुश्किल तो होता है परंतु इस कोमल सी जान के बाहों में आते ही माँ अपना हर दर्द भूल बैठती है………..
मेरे साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ जैसे -२ समय बढ़ रहा था मेरी Emotional Feelings और बच्चों के प्रति जो लगाव वो प्रतिदिन कुछ ज़्यादा ही होता जाता है । कभी-२ इतना ज़्यादा हो जाता है कि मुझे बहुत रोना आता है या कभी -२ इतना मन उदास हो जाता हूँ ये सोचकर क्या मैं अपने बच्चे को वो हर खुशियाँ दे पाऊंगी जैसे मेरी माँ ने मुझे दी है
ना जाने हमारे हँसते – खेलते परिवार को किस की बुरी नजर लग गई माना कि ज़िन्दगी में बहुत उतार -चढ़ाव आते जाते है मेरी ज़िन्दगी में बहुत सी Problems आ रही है। और उन समस्या को हल भी कर रही हूँ। मेरी ज़िन्दगी बहुत सी उलझ सी रखी थी कुछ समझ नहीं आ रहा था, एक तरफ ख़ुशी का पल और दूसरी और गम की घटा छाई… गम के आगे ख़ुशी के पल फीके पड़ रहे थे. ज़िन्दगी में इतने उतार – चढ़ाव आ रहे थे कुछ समझ नहीं आ रहा था, हो क्या रहा है हमारे साथ, मेरा भाई को फिर से घुटने की समस्या ज्यादा हो गई थी । घुटनों के दर्द की समस्या का एक तय सा इलाज दिखता है कि Knee यानी घुटनों का (ऑपरेशन) Operation करवा लिया जाए. डॉक्टर भी इसी बात को लेकर ज्यादा जोर देते हैं कि ये सही है, अब मेरा भाई पहले से ठीक है,
अब Checkup & Medicine Regular चल रहा है, मेरी मम्मी, मेरी बड़ी दीदी, Brother’s friend और Manoj Sir ने बहुत साथ दिया कहते है ना मुसीबत के समय जो साथ देता है वही अपना होता है ।
अब यही दुआ है रब से सब कुछ ठीक हो जाए,खुशियों को हमारे घर का रास्ता मिल जाए ।
इतनी मुसीबत और दुखों का सामना करने की हिम्मत मुझे मेरे Hasmukh से मिली, मुझे हर पल एक हमेशा एक अपनापन का एहसास होताहै । ये एहसास ऐसा है, मुझे कमजोर होने नहीं देता है, हमेशा मुझे एक ताकत देता है
जब मेरा 5 महीना चल रहा था और मैं ऑफिस में काम कर रही थी मुझे अचानक से मुझे हल्की ब्लीडिंग शुरू हो गई । मैं डर गई और मन में उल्टे -सीधे विचारों ने मेरे मन में घर सा बना लिया । मुझे ऐसा लगा रहा था कही मैं अपने बच्चे को खो ना दू ।
To Be Continue………….

by Anu

माँ बनने का सफ़र

March 19, 2021 in लघुकथा

माँ बनने के बाद बेटी होने का एहसास कितना ख़ास हो जाता है ये बस, एक माँ और बेटी ही जानते हैं। एक बेटी से माँ बनने का सफ़र कितना ख़ास होता है। कितना ख़ास है माँ बनने से जुड़ा हर एहसास……हर उम्र में, हर हाल में कभी गाइड करना , कभी फ्रेंड, तो कभी हिम्मत बन कर हमारे साथ खड़ी होती है माँ, हर दुःख-सुख में हमेशा साथ हमारा देती है उसके प्यार-दुलार, डांट -फटकार और चिंता को हम तब तक समझ नहीं पाते जब तक खुद उसकी जगह पर नहीं पहुंच जाएं |एक बेटी और बहन से मेरा एक पत्नी और बहु के साथ माँ बनने का मेरा सफ़र भी तय हो गया है।
20 May 1992 को मेरा जन्म हुआ था। तब मैं किसी की बेटी बन गए थी और 3 Jan 1995 को एक बड़ी बहन बन गई थी। कुछ साल बीत गए। मुझे अच्छे से पता है। मैंने एक अच्छी बेटी होने के साथ – साथ एक अच्छी बहन का कर्तव्य भी अच्छे से से निभाया है। मेरी पूरे परिवार ने मुझसे कभी कोई शिकयत नहीं कि जिससे उनको मेरे कारण कोई दुःख मिला हो। अच्छे – बुरे दिन तो सब के जीवन में आते है। हमारे जीवन मे भी आये थे, पर मेरी माँ का हाथ मेरे सिर पे था, तो शायद मेरा अविवाहित जीवन बहुत अच्छा बिता। मैं बहुत भाग्यशाली हूँ, मुझे मेरी माँ का हाथ मेरे सिर पे है।
29 January 2019 मैं अपनी नई जिंदगी में पहला कदम रखा मैंने देखा नई जगह, नया घर, नये लोग, नये रिश्ते आदि सब कुछ नया ही नया था। पहली बार एहसास हुआ माँ सच कहती हैं बेटियाँ पराया धन होती है।
अभी तक में नया सफर, नयी ज़िन्दगी को समझती एक नई जिम्मेदारी मेरे कंधो पे आ गई, इतनी जल्दी -२ सब कुछ हो रहा है। मुझे खुद को समझ आ रहा है, मैं खुश हूँ या नहीं। मै बहुत confused थी।
वैसे माँ बनने का अनुभव हर महिला के लिए खास होता है… (तीन–चार दिनों बाद)
मैं Office में सही feel नहीं कर रही थी, कुछ दिनों से मेरे पेट में मुझे हल्का -२ दर्द हो रहा था, पर मैं नज़रअंदाज़ सा कर रही थी मुझे लगा कि मैं खाने-पीने का ध्यान नहीं रख रही हूँ। लेकिन फिर मुझे लगा कि मैं प्रेगनेंट भी हो सकती हूँ। घर आते हुए मैंने प्रेगनेंसी किट खरीदी। जब मैंने प्रेगनेंसी की दो लाइन देखी तो मुझे बहुत रोना आया मैं बहुत सारा रोई, मैंने अपनी दोस्त Anjali को Phone call किया और उसको सारी बात बताई । उस दिन मेरा पूरा मूड खराब रहा और मेरे दिमाग में एक ही सवाल आ रहा था कि क्या मैं इस ज़िम्मेदारी को निभा पाऊंगी या नहीं ? बहुत सारे सवालो ने मेरे मन मे घर सा बना लिया।
सब से पहले ये गुड न्यूज़ मेरे भाई को पता लगी और मेरे भाई मुझे सही राह दी।
मेरे दिल में भावनाओं का सागर आ गया। मैंने ऐसा कभी भी महसूस नहीं किया था। मैंने ये बातअपनी माँ और दोस्त को बताई। पर मैं अपनी ये न्यूज़ सब से पहले अपने पति के साथ शेयर करना चाहती थी पर….
यह जानकार भी काफी खुशी हुई की लोग मेरी प्रेगनेंसी से कितने खुश थे। जब मैं अपने बच्चे की पहली तस्वीर देखने गई तो मेरे साथ मेरा भाई थे। यह एक अद्भुत अनुभव था!! स्कैन के दौरान मेरा बच्चा पेट में मॉडल की तरह पोज़ दे रहा था – कभी दाएँ, कभी बाएँ और कभी सामने से। मैं उसके छोटे पाँव, हाथ, सर, तीसरे महीने में देख पा रही थी। यह फीलिंग अविस्मरणीय है!!
मैं काफी खुशकिस्मत थी की मेरी प्रेगनेंसी का समय काफी अच्छा रहा, मुझे ना सुबह जी मिचलने की दिक्कत हुई नहीं कोई और समस्या। डॉक्टर ने बताया की मुझे Thyroid की समस्या है यह काफी कठिन समय था, जहां मुझे दिन में चैन नहीं मिलता था और रातों में नींद नहीं आती थी। मैंने बस बच्चे के सही होने की प्रार्थना की। मैंने अपने बच्चे को सही रखने के लिए इलाज़ और Test भी करवाए ।
प्रेगनेंसी में और फिर टैस्ट रिज़ल्ट अच्छे आए, और बच्चे को कोई Problems नहीं थी। जब मुझे पता लगा की समस्या का समाधान हो गया है तो मैं काफी खुश हूँ।
To be continued……….

by Anu

मेरी प्यारी Mam Neha

March 19, 2021 in Poetry on Picture Contest

दिलों में बस जाए तो महोब्बत है वो,
कभी पत्नी-धर्म तो कभी बहू का कर्तव्य निभाती है वो,
कभी बहिन तो कभी ममता की मूरत है वो,
उनके आँचल में हैं से चाँद सितारे,
कभी सहेली बन कर हर दर्द -ग़म को छुपा लेते सीने में,
सब्र की मिसाल, हर रिश्ते की ताकत है वो,
कौन कहता हैं कि वो कमज़ोर है।
आज भी उनके हाथ में अपने घर को चलाने की डोर होती है।
वो तो दफ्तर भी जाते हैं, और अपने घर परिवार को भी संभालते हैं।
हौंसले और हिम्मत की पहचान है वो,
अपने हौसले से तक़दीर को बदलने की ताकत रखते है वो,
वो और कोई नहीं मेरी प्यारी Mam Neha है,

by Anu

My Dear Itika

March 19, 2021 in Poetry on Picture Contest

My Dear Itika तुम मेरी जिंदगी में सबसे खूबसूरत लड़की हो। इससे से भी बढ़कर तुम एक तुम मेरे प्यारी से बेटी हो। मुझे नाज है कि तुम मेरी बेटी हो। मैं उस दिन की बहुत शुक्रगुजार हूँ, जिस दिन God ji ने तुम्हे मेरे लिए एक माँ के रूप में चुना है। मेरे लिए वो दिन ढेर सारी खुशियां लाया था, तुम जितनी खूबसूरत हो, उससे भी कहीं ज्यादा तुम्हारी हसीं है, तेरी शरारते, तेरी हँसी,तेरी तोतली बातें। मैं तुमसे आज का दिन उसी तरह स्पेशल बनाने का वादा करती हूँ। जितनी स्पेशल तुम मेरे लिए हो… मेरी जिंदगी में आने के लिए, इस जमीं पर कदम रखने का और मुझे ढेरों खुशियां और हिम्मत देने के लिए शुक्रिया।

by Anu

My Dear Itika My Angel

March 19, 2021 in Poetry on Picture Contest

My Dear Itika My Angel, तुम से ही मेरी जिंदगी है
मैं तुम्हें खुद से भी ज्यादा प्यार करती हूँ और
मैं किसी भी कीमत पर तुम्हें खोना नहीं चाहती।
Dear Itika जब तुम कभी लड़खड़ाओ तो जो हाथ तुम्हें सहारा दें वो मेरे यानी तुम्हारी माँ के होगे,
जिस कंधे पर सिर रखकर तुम्हें सुकून मिले वो मेरे यानी तुम्हारी माँ के होगे,
जब तुम कहोगी तो तुम्हें सुनने वाले कान भी मेरे यानी तुम्हारी माँ के होगे,
मैं हर पल हमेशा तुम्हारे साथ रहूंगी। तुमसे ही प्यार करुँगी।

by Anu

My Dear Itika

March 18, 2021 in English Poetry

My Dear Itika You are the most beautiful girl in my life.
More than this, you are the daughter of my beloved.
I am proud that you are my daughter.
I am very thankful for that day,
The day God ji chose you as a mother for me.
That day brought a lot of happiness for me
You have more smile than you are beautiful….
Your mischievousness, your Smile, your weighing things.
I promise you to make this day special in the same way.
As special as you are to me…
Thank you for coming to my life, for stepping on this land and for giving me so much happiness and courage.

by Anu

पुनर्विवाह (Part -2)

March 9, 2021 in लघुकथा

पुनर्विवाह (Part -2)
विवाह संस्कार अपने आप में बहुत महत्वपूर्ण हैं, किसी भी महिला के लिए विधवा होने के दर्द से बड़ा दर्द, दुनिया में और कुछ नहीं होता और वो भी तब जब वो नई नवेली शादीशुदा हो और अपने जीवन साथी के साथ लंबे समय तक जिंदगी बिताने के सपने बुन रही हो। लेकिन प्रकृति के आगे किसी का जोर नहीं चलता और कई मामलों में भरी जवानी में ही पति की मौत हो जाती है और उस विधवा औरत पर एक तरह से मुसीबतों का पहाड़ ही टूट पड़ता है। आज पहले जैसी स्थिति तो नहीं क्योंकि कानूनी तौर पर अब विधवा औरत का पुनर्विवाह किया जा सकता है। कानून की दृष्टि से तो सब ठीक है लेकिन सामाजिक स्तर पर देखें तो आप को ऐसे विरले घर मिलेंगे जहां सास-ससुर ने अपनी विधवा बहू को बेटी समझ कर उसका पुनर्विवाह कर करते है । अपनी बहू का भी संसार उजड़ता देख कर बहुत ज्यादा दुखी थे।
कुछ ऐसा ही हुआ था आरती के साथ। लेकिन आरती सास – ससुर से आरती का ये दर्द देखा नहीं गया जिसके बाद उन्होंने कुछ ऐसा कदम उठाया कि अब चारों तरफ उनकी ही चर्चा हो रही है। इस फैसले से कुछ लोग यानि कुछ रिश्तेदार राजी भी नहीं थे
दरअसल, आरती का पति भी अपने माँ- बाप का इकलौता लड़का था भरी जवानी में बेटे की अचानक हुई मौत से पूरा परिवार सदमे में चला गया।
अपने पति की अचानक मौत से आरती भी पूरी तरह से टूट गई। आरती अपने पति के बारे में सोच-सोचकर डिप्रेशन में चली गई थी। कभी-कभी उसे लगता था कि वो सब कुछ छोड़-छाड़कर अपने मायके चली जाए, लेकिन फिर आरती अपने बूढ़े सास-ससुर का ख्याल आता था तो अपने कदम रोक लेती थी।
इधर, आरती के सास-ससुर से भी अपनी बहू की ये हालत देखी नहीं जा रही थी, जिसके बाद उन्होंने एक सराहनीय कदम उठाते हुए फैसला किया कि आरती की शादी करा दी जाए। लेकिन सबसे बड़ी दिक्कत थी कि क्या आरती दूसरी शादी करने को राजी होगी? अगर आरती राजी हो भी गई तो दूसरी शादी किस के साथ करेगी ? आरती के सास-ससुर को ये चिंता थी कि क्या आरती दूसरी शादी से खुश भी रहेगी या नहीं ? कुछ पता नही था………….
आरती के सास-ससुर ने अपने इकलौते बेटे की मौत के बाद अपनी बहू को न केवल पढ़ाया बल्कि पढ़ाने के बाद (Asha Workers) नौकरी भी करवा रहे है। ताकि अपने पैरों पर खड़ी हो सके। लेकिन भरी जवानी में पहाड़ जैसी जिंदगी का बोझ लेकर आरती कैसे आगे बढ़ेगी। इसकी चिंता भी आरती के सास-ससुर को सताने लगी। इसी दरम्यान आरती के सास-ससुर ने बड़ा फैसला यह लिया कि वैधव्य के जरिए आरती की जिंदगी बर्बाद होने के बजाए अब बहू को बेटी बनाकर विदा किया जाएगा। सास-ससुर के फैसले पर आरती भी हैरान थी, आरती के सास-ससुर ने बड़ी हिम्मत करके आरती से दूसरी शादी की बात की पर जिस चीज का डर था वही हुआ आरती ने दूसरी शादी से मना कर दिया
आरती ने अपने दिल की बाते अपने सास ससुर के सामने रख दी और नाना प्रकार के प्रश्न पूछे………….. जो प्रश्न आरती ने किये वो भी सही थे माँ – बाबू जी (mother in low & father in low) आपकी सेवा कौन करेगा मेरे जाने के बाद, आपके बुढ़ापे का सहारा कौन बनेगा ?
जैसे आप मेरे से प्यार करते है क्या वो भी मुझे से उतना ही प्यार करेंगे ? और आरती ने सीधा साफ़ मनाना कर दिया मैं आपको छोड़ कर कहीं नहीं जाऊंगी.. आरती रोते हुए अपने कमरे में चली गई……
ससुराल वालो ने पूरी परिवार को बैठा कर एक बार फिर से सोचा आरती की सासु माँ ने अपने भाई से बात करके भाई के लड़के से शादी करवाने के बारे में सोचा!
भाई के लड़के को घर जमाई बनने के लिए राजी कर लिया, जैसे – तैसे आरती को भी बहुत समझाया और शादी तैयार कर लिया I हालांकि काफी मान-मनौवल के बाद आरती शादी करने को तैयार हो गई। शादी के एक साल बाद आरती ने बेटी को जन्म दिया तो आरती का घर किलकारियों से गूंजने लगा।
ऐेसे परिवार समाज के लिए रोशन की मीनार का ही काम करते हैं। औरत प्रति जितना सम्मान समाज दिखाएगा उसी से समाज की परिपक्वता का पता चलता है। समय की मांग है कि अब अतीत के रुढि़वादी व दकियानुसी विचारों को छोडक़र वर्तमान की परिस्थितियों को सम्मुख रख और औरत की भावनाओं का सम्मान करते हुए नई परम्पराओं की स्थापना होनी चाहिए। हमें हमेशा यह याद रखना होगा पुरुष और स्त्री एक-दूसरे के प्रतिद्वंद्वी नहीं बल्कि पूरक हैं और दोनों का विकास एक-दूसरे पर निर्भर है। इस विकास में आने वाली बाधाओं को दूर करने में ही समाज की भलाई है। आरती के सास-ससुर ने जो कदम उठाया उसके लिए उन्हें बहुत-बहुत साधूवाद । (Thank You)
उपरोक्त परिवार का यह कदम समाज को राह दिखाने वाला है। बेशक कानून ने विधवा पुनर्विवाह को मान्यता दी है लेकिन सामाजिक स्तर पर उपरोक्त कदम उठाने का साहस करने वाले बहुत कम हैं। इसके विपरीत बहू को अशुभ समझकर उसकी हर तरह से प्रताडऩा की जाती है। कुल मिलाकर हम यह कह सकते हैं कि आज 21वीं सदी में भी जहां इंसान चांद व मंगल तक पहुंच चुका है और विकास की चरम सीमा को छू रहा है ऐसे में भी अधिकतर विधवाओं का जीवन नारकीय ही होता है। हां, कुछ अपवाद अवश्य होते हैं, जैसे बाबा बारोह का यह दंपत्ति जिसने बहू को बेटी बनाकर उसका पुनर्विवाह किया ।

by Anu

पुनर्विवाह (Part -1)

March 9, 2021 in लघुकथा

पुनर्विवाह (Part -1)

अटूट विश्वास और समर्पण का ही दूसरा नाम है शादी, लेकिन नियति पर किसी का वश नहीं होता। कई बार बीच राह में ही हमसफर का साथ छूट जाता है। ऐसे हालात में उदास होने के बजाय हमें जिंदगी को नए सिरे से संवारने की कोशिश करनी चाहिए।
नमस्कार मै हूँ अनु मेहता एक नई कहानी के साथ फिर से हाज़िर हूँ
ये कहानी है खूबसूरत बादियो हिमाचल प्रदेश के (Baba Baroh) बाबा बारोह) से छोटे गांव जिला काँगड़ा से है…
ये कहानी एक बेहद ही Heart Touching Story तो इसे कृपया पूरा पढ़े और कैसी लगी ये कहानी जरुर बताये:-
एक लड़की जो बहुत ही खूबसूरत है, जितनी वह सुंदर है, उतनी ही ईमानदार है, न किसी से झूठ बोलना, न किसी से फालतू की बातें करना। बस अपने काम से काम रखती।
उसका नाम (Aarti Rajput) आरती राजपूत है आरती के दो भाई और एक बहन है दोनों भाइयों और बहनों में एक – दूसरे मे जान बसती है। आरती के सभी परिवार वाले आपस में प्यार से और मिल- जुल के रहते है।

पढ़ाई पूरी होते ही आरती के लिए लड़का ढूंढने की बाते शुरू हो गई। अभी वह लोग यह सोच ही रहे थे कि घर बैठे बिठाए आरती के लिए बहुत ही अच्छा रिश्ता आ गया।
कुछ दिनों के बाद लड़का आरती को देखने घर आया और लड़के को आरती और आरती को भी लड़का पसंद आ गया। फिर दोनों की सगाई हो गई। दोनों एक दूसरे से बातचीत करने लगे और धीरे -2 एक दूसरे से प्यार करने लगे।
आरती भी मन ही मन उसको चाहने लगी। इसलिए वह भी शादी के लिए राजी हो गयी। और इस तरह धीरे धीरे दोनों का प्यार परवान चढ़ने लगा। दोनों परिवार वालों ने शादी की विशेष तैयारियाँ करना शुरू कर दी।

कुछ समय के बाद यानि 2006 दोनों की शादी हो गयी। नई नवेली दुल्हन (आरती) का स्वागत बहुत अच्छे से और रीति रिवाजों से गृह प्रवेश आदि हुआ।
आरती जो एक लड़की अब जो एक बहु, पत्नी बन अपने जीवन की नई शुरुआत करती है।
आरती बहू के रूप में अपने ससुराल पर विभिन्न प्रकार की जिम्मेदारी है, जैसे कि, सास ससुर की सेवा, पति की सेवा, घर की जिम्मेदारी, घर की हर गृह कार्य की जिम्मेदारी ये सभी उसके कर्तव्यों मे शामिल है, जिसमे से वह सुबह उठने से लेकर, घर के पूरे कार्य करने से लेकर, सास ससुर की सेवा बनाना, फिर वहां से बर्तन से लेकर शाम का खाना, फिर रात को सास ससुर का सेवा धर्म आदि बहुत अच्छे से निभाती है
और दोनों पति-पत्नी बहुत ख़ुशी -2 से रहने लगे। आरती घर के बूढ़े – बड़े की इज्जत और उनको मान सम्मान, अच्छे से बात करती। आरती ससुराल बाले भी बहुत खुश थे।
जैसे -2 समय बीतता गया दोनों पति पत्नी का प्यार भी गहरा होता गया। आरती के ससुराल बाले भी आरती से भी बहुत प्यार करते थे और आरती के ससुराल बाले आरती को बहु कम और बेटी ज्यादा मानने लगे।

आरती के घर गूंजी खुशियों की किलकारी जी हाँ, अपनी आरती माँ बनने वाली है 10 जुलाई 2008 आरती ने एक लड़के को जन्म दिया। छोटे से बच्चे(baby boy) का नाम आर्यन (Aryan) रखा। थोड़ी दुःख की बात ये थी आर्यन थोड़ा मानसिक तौर से ठीक नहीं था। आर्यन के माता -पिता यानि आरती और आरती के पति आर्यन से बहुत प्यार करते थे।
दिसंबर 2015 में आरती फिर से माँ बनने वाली थी जब ये बात उनके घर पे पता लगी उनके घर में ख़ुशी की लहर दौड़ गई। आरती के पति आरती की बहुत देखभाल
करते थे।

20 Nov 2016 को आरती ने एक नन्ही सी परी को जन्म दिया। राहत की बात ये है कि मां और बच्चा दोनों स्वस्थ्य हैं। नन्ही सी परी का नाम मुस्कान रखा। मुस्कान पूर्ण रूप से स्वस्थ और बहुत खूबसूरत है। आरती और आरती के पति नन्ही सी परी को पाकर की चैन की राहत ली। आरती के दोनों बच्चे बहुत खूबसूरत है। दोनों पति पत्नी अपने बच्चे से बहुत प्यार करते थे। हम दो हमारे दो “फैमिली कम्प्लीट” हो गई।
वे दोनों खुशी-2 से अपना जीवन बिताने लगे। कुछ समय के बाद उनका जीवन फिर से सामान्य और सुखी बीतने लगा।
पता नहीं ???????????????
हंसते – खेलते परिवार को किस की बुरी नजर लग गई😭😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢

To be continued……….
अगर आपको हमारी पोस्ट पसंद आई है तो आप कमेंट करके बता सकते है आप हमारी पोस्ट अपने दोस्तों से भी शेयर कर सकते है और शेयर करके अपने दोस्तों को भी इसके बारे में बता सकते है | हम फिर नई कविता लेकर हाज़िर होंगे तब तक के लिए नमस्कार दोस्तों ! आपका दिन मंगलमय हो |

by Anu

तू और तेरी दोस्ती

March 9, 2021 in Other

तू और तेरी दोस्ती
तू और तेरी दोस्ती बहुत सुंदर है,
जेसे नीला आसमान और सफेद वादल की चादर,
तुझे और तेरी इस दोस्ती को, मैं सलाम करती हूँ
तू और तेरी दोस्ती को, मैं ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया याद करेगी |
ओह मेरे प्यारे Guguu मेरी ज़िन्दगी में आने के लिए दिल से शुक्रिया करती हूँ |
मुझे इतनी खुशियां और प्यार देने के लिए…………………..
तू और तेरी दोस्ती एक दम से खुदा और फूल के जेसी है
जिस प्रकार से खुदा को एक फूल दिल से अर्पण करे तो दिल को सुकून मिलता है
उसी प्रकार तुम्हारे पास बैठ कर, दो बाते करके जो मुझे ख़ुशी मिलती है
वो मैं अपने शब्दोँ मैं व्यान नहीं कर सकती
Guguu मैंने तेरी दोस्ती को खुदा माना,
क्योंकि खुदा भी तेरे जेसा है जो मेरी एक हर तमन्ना को पूरा करता है,
Guguu दुनिया कहती है, खुदा जो करता है अच्छा ही करता है
और तेरी Gugii बोलती है, तू जो करता है बहुत अच्छा करता है

by Anu

क्या अब तुम्हे मेरी बहुत याद आती होगी?

March 9, 2021 in Other

क्या अब तुम्हे मेरी बहुत याद आती होगी?
“hello Pagel !
कैसे हो ?”
अरे मैं भी ना,
अच्छे ही होगे तुम।
हाँ हाँ जानती हूँ, टाइम नहीं है तुम्हारे पास, बहुत काम जो होता है ऑफिस का तुम्हें और मैं चाहती भी नहीं कि तुम्हारे काम में कोई वांधा या फिर मेरे वजह से तेरे काम में कोई रुकावट ना आऐ इसीलिए तेरे लिए कुछ words लिख रही हूँ। समय लेगे तो पढ़ लेना……………….
अच्छा सुनो !
मैं तुम से कुछ पूछना चाहती हूँ, कुछ कहना चाहती हूँ !
एक बार पढ़कर भूल जाना। क्योंकि ये बात अब अंदर रख नहीं पाऊँगी और तुम से कहने की हिम्मत भी नहीं है, और ना किसी से share कर सकती हूँ
Pagel किसी को चाहने के लिए क्या-2 जरुरी है?….
या फिर क्या किसी को चाहने के लिए दोस्ती में प्यार हो जाता है?
शायद हाँ। तो बस यही समझ लो मुझे भी हो गया था। अब देखो हंसना मत, और ज़्यादा उड़ना भी नहीं।
पर हाँ, प्यार ही कहते हैं इसे जो मुझे हुआ है। मुझे तुमसे बहुत प्यार हुआ है हद से भी ज्यादा, और प्यार तुम से होता भी क्यों नहीं, क्योंकि तेरी बातें भी तो जादू की तरह असर करती थीं |
मैं तो टूटे दिल के साथ घूमती थी बेफिक्र होकर, शायद प्यार की सतरंगी दुनिया से दूर जा चुकी थी, फिर तुम आये मेरी जिंदगी में एक बहाने से, एक हवा का झोंका बनकर और तूफान बन के चले गये |
अच्छा वैसे तुम्हे मेरी याद आती है क्या ???????????
वैसे अच्छा हुआ ना तुमने मुझे अपनी ज़िन्दगी से धीरे-२ करके निकाल दिया, अब तुम्हे कोई रोकने – टोकने और तेरे आगे-पीछे रोने वाली नहीं है,सब से बड़ी समस्या का समाधान हो गया तेरा, अब ना तेरे फोन की बैटरी जल्दी खत्म नहीं होती होगी और ना ही फ़ोन Switch Off रखने की जरुरत होती होगी……
अरे छोड़ो इन बातो को मैं भी कैसी बाते लेकर बेठे गई…..
जिंदगी दी है भगवान् जी ने जीना तो पड़ेगा !
वैसे वो भी क्या दिन थे जब तुम मेरी कमजोरी थी और ताकत भी |
क्या तुझे वो पल याद है जब एक दिन हम ने देर रात तक बातें की थी, सच बताऊँ तो आँखों से नींद मानो फुर्र हो गयी थी। मानो मैं वो पहली इंसान हूँ जिसके सामने तुम अपना दिल खोलकर रख दिया हो | वैसे तुम्हारे उन सपने और ख़्वाहिशें, बहुत सच्चाई थी| बस उस के बाद तेरे पास मेरे लिए समय कम होता चला गया या फिर मैं ही तेरे लायक नहीं थी…………..
अब तुम कहोगे कि नहीं पागल ऐसी बात नहीं है पर क्या करू मैं भी पागल थी पूरी तरह से, वैसे प्यार कोई भी किसी से भी कर लेता है पर निभाना हर किसी के बस मे नहीं है | उफ़ मैं भी ना। मगर याद रखना कि किसी के बिना हम जीना नहीं छोड़ते है चाहे वो इन्सान या कोई भी हो या फिर कितना भी प्यारा हो………..
तुम्हारा behavior मेरे लिए कभी अलग ना हुआ पर मेरी उमीदे ज्यादा बढ़ गये जिस की कोई कदर नहीं थी मुझे लगा बात शायद आगे बढ़ रही है तुम मुझे और मेरी feelings को समझोगे पर शायद मेरे मे ही कोई कमी है तुम दोस्त बनकर बातें करते रहे और मैं प्यार में डूबती जा रही थी। फिर क्या था, बह गया उम्मीदों का संसार और धीरे-धीरे उसके बाद मैं और तन्हाई रह गई…
कहते हैं ना ‘expectation hurts’; बस वही हुआ था मेरे साथ। तुम वही busy Personer जो बन गए। सच कहूँ तो तुमने आगे निकल गये और तुम ने एक बार भी पीछे मुड़कर भी नहीं देखा आखिर क्यों क्या मैं इस लायक नहीं तेरे साथ कंधे से कंधा मिलाकर तेरे साथ चल सकू| जानती थी कि जिम्मेदारियां बहुत हैं तुम्हारे पास और शायद दोस्तों की भी कमी नहीं है तुम्हें, बस कमी थी वो मेरे में ही थी जो हर मोड़ पे मुझे छोड़ दिया…….. पागल मैं तुम से कोई शिकायत नहीं कर रही, बस तुम हमेशा खुश रहना ! भगवान तुम्हे हमेशा खुश रखे और हर मोड़ पे तेरा साथ दे !

by Anu

Happy Birthday To You Rohit

March 9, 2021 in Other

Rohit तुम्हारा जन्मदिन हमारे लिए बहुत ही खास दिन होता है। इस दिन को और बेहतर बनाने के लिए Anu ने तेरे लिए तेरे जन्मदिन पर आधारित कविताएं (Happy Birthday Poem in Hindi) लेकर आई हूँ। इस जन्मदिन पर मैं अपने छोटे भाई को Birthday Poem भेजकर तुम्हे जन्मदिन की बधाई देती हूँ।
Birthday Poem in Hindi
छोटे भाई के लिए बर्थडे की शुभकामनाएं जन्मदिन पर हिन्दी कविताएँ शेयर की है। उम्मीद करती हूँ Rohit तुम्हे यह हिंदी कविताएं पसंद आएगी।
1. Happy Birthday to You
Happy Birthday Dear Rohit
Happy Birthday to You.
Rohit आज तुम्हारा बर्थडे (Birthday) है।
सो हैप्पी बर्थडे हैप्पी बर्थडे (So Happy Birthday to You)
रोहित (Rohit) जीवन बने तुम्हारा सुन्दर,
बनो मुकद्दर का सिकंदर।।
रहो हमेशा खूब धनवान,
हो तुम्हारा जहाँ में नाम,
चाहे सुबह हो चाहे शाम,
मिले खूब सुख चैन आराम।।
छू ना पाये कभी कोई बिमारी,
रहो सदा तुम प्रेम पुजारी,
बस इतनी सी है दुआ है दिल से हमारी ।।
रोहित (Rohit) मेरे भाई तुम्हारी
दुनिया हो जन्नत से भी प्यारी ।
2. चलो आज नहीं तो
कल ही सही…
मेरी कविताओं से मिलेगा,
ढेर सारा स्नेह, प्यार
और थोड़े से खुशी के आँसु…….
वो समय भी कितना प्यारा था
हम दोनों लड़ते – झगड़ते रहते थे,
फिर भी एक – दूसरे के बिना नहीं रहते थे,
काश हमारी यादो भी एक पुरानी किताब की तरह होती,
जब दिल करता उस किताब के पन्नों को पलटते रहते,
पुरानी यादो के साथ हम भी दोबारा से वही (अपने बचपन) पहुँच जाते,
मैंने कितनी ही यादो को खुद में समेट कर रखा है
मुझे आज भी याद है मेरी विदाई में
व्यस्त था जो सारा घर…
बीत गये कितने दिन – कितने ही पहर…
आज दूर बैठी हूँ हर पल विदाई के आंसू रोती,
हर मोड़ पे तेरी हर बात स्मरण (याद) हो जाती है…
‘दूर हैं तो क्या हुआ?
भाव – रूप से हम साथ-2 ही है
ये बात बार-2 मुझे हर मोड़ पे ताकत (strength) देती है, और
बड़ी से बड़ी समस्या का समाधान करती है
रोहित (Rohit) हम चाहे कितने बड़े हो जाए !
बचपन हमारा कभी बड़ा नहीं होगा
यक़ीन करो मेरे पे!
आज भी मुझे राहों में चलना नहीं आता है…
यूँ ही मुझे हर मोड़ पे सँभालते रहना,
ये मेरे दिल से दुआ मेरी कि तुम्हारा जीवन खुशियों से भर जाये…………
Happy Birthday To you

3. Happy Birthday My Dear Little Brother
दिल से मेरी दुआ है
छोटी – बड़ी ढेरों खुशियां आपको मिले,
स्वास्थ्य हो तुम्हारा लाजवाब
और तुम बनो करोड़पति ।।
धन सम्पति मिले अपार
और मिले तुम्हे सबका प्यार ।।
जीवन में रहे सदा बहार
खिल-खिलाता हो तुम्हारा संसार।।
जब भी तुम्हे आये मेरी याद
नजर के सामने आ जाओ उस पल।।
कभी कोई बुरा सपना भी
तुमको कभी ना छू पाये।।
Oh My Dear Little Brother
Happy Birthday To You Once Again
4. Rohit तेरी आवाज मेरा सुकून है,
Rohit तेरी खामोशी मेरी एक अनोखी कमजोरी है,
Rohit तेरी मुस्कान मेरी ताकत है
Rohit तेरा मुस्कुराता हुआ चेहरा मुझे बहुत अच्छा लगता है,
Rohit तेरे चेहरे का नूर ही कुछ अलग सा है,
जो मुझे जीवन में नई आशाओं का संचार करती है,
Rohit तेरी मुस्कुराहट मेरी खुशी की वजह बनती है
मेरे जीवन से दुखों का नाश करती है,
Rohit तेरे चहरे की मुस्कान मुझे बहुत सूकून देती है,
मेरी हर चिन्ताओं से मुक्ति का अहसास देती है,
Rohit मेरे मायूसी से भरे संसार में नए हौसलों को उड़ान देती है।
और दिल में जीने की नई उमंग जगाती है,
Rohit जब तू कह दे मुस्कुरा कर Anu साथ हूँ मैं तेरे हर पल,
तो मेरे अकेलेपन के डर को भी दूर भगाती है।
Rohit तेरा विश्वास, मेरा खुद पर गर्व है।
Rohit तेरी शुक्रगुजार है मेरी हर एक सांस….।।
इस दुनिया में ही तू सबसे ज्यादा खास।
I love You So Much

5. मेरे प्यारे भाई जन्म दिन के शुभ अवसर पर,
तुमको मेरा ये आशीष है,
स्वस्थ और सुखमय जीवन हो तुम्हारा,
दीर्घायु तुम्हे प्राप्त हो,
मेरे सुख भी तुझको लग जाए,
तेरे दुःख मुझ को मिल जाए,
ईश्वर से यही मेरी आस है,
ऊंचा तुम्हारा नाम है,
इस नाम को कमाना है, तुम्हारा काम
उन्नति के पथ पर आगे बड़ो तुम,
उत्कर्ष की पराकाष्ठा प्राप्त हो,
सही राह पर बढ़ते जाओ,
ईश्वर हर पल तुम्हारे साथ हो,
और तुम्हे विश्व में प्रसिद्धि प्राप्त हो।।
Happy Birthday To You Rohit

हम उम्मीद करते हैं आपको यह जन्मदिन पर कविताएं पसंद आई होगी। इन्हें आगे शेयर जरूर करें और हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं कि आपको यह कविताएं कैसी लगी। हमारे फेसबुक पेज को लाइक जरूर कर दें……….

by Anu

आप वही हो ना जिसे कोई कॉल नहीं करता

March 9, 2021 in Other

आप वही हो ना जिसे कोई कॉल नहीं करता,
फिर भी मोबाइल(Mobile)को साइलेंट(Silent) पर रखते हो,
No No Don’t scroll down I’m talking to you…..
Why????????
मुझे जानना है ऐसा क्यों ?
हां मुझे कोई फोन नहीं करते क्यूंकि मैंने किसी को इतना हक़ नहीं दिया है….
ये हक सिर्फ मैंने अपने Pagel के सिवा किसी को नही दिया।
उन दिनों की बात थी, जब हम दोनों मिले थे सबकी नज़रों के सामने, थोड़ा सा घबराना, थोड़ा सा शर्माना, दोनों एक जगह साथ बैठकर बातें करते हुए, चाय की चुस्कियां लेते पता नही चला कब शाम हो गई।
यूं तो तमाम उलझने थी हमारी जिंदगियों में,
शायद उन उलझनों को मिटाने का वादा था,
इसलिए भगवान ने हम दोनों को मिलाया था,
उसकी बातों पर खूब हंसी आती थी मुझे,
उसकी आंखो में एक अजीब सी चमक, अजीब सा जादू था,
जिस में मुझे सारी दुनिया दिख जाती थी,
उसके साथ जन्म- जन्मांतर का साथ निभाने कसमें,
उसके साथ बूढ़े हो जाने की चाहत बढ़ते जाना,
पता नही था किस उलझन में फंसते जाना,
मैं कभी तन्हाई में खुद से सवाल करता था,
उसकी आवाज़ गूंजती थी हर दिल के कोने में,
अब टिक-टिक करती घड़ी का दिलासा,
मेरी किताबों में रखे वो गुलाब के फूल,
मुझे हर दिन, हर इक पल, उसकी याद दिलाती,
पर पता नहीं वो कहाँ खो गई
उसकी तस्वीरो से तमाम बातें करता,
मिलेगी वो कभी, ये ऐतबार करता,
अब बस मैं उसके फोन का अब भी इन्तजार करता।।

by Anu

एक वक़्त वो भी था

March 9, 2021 in Other

पिछले साल की बात 2020 का एक वक़्त वो भी था,
एक वक़्त वो भी था, जब हम अजनबी हुआ करते थे,
एक वक़्त वो भी था, जब वो अजनबी हो कर भी अपना सा लगा करता था,
एक वक़्त वो भी था, जब मेरी आंखें सिर्फ तुम्हे ही ढूंढा करती थी, .
एक वक़्त वो भी था, जब तुम्हे न देखो तो दिल में बहुत बेचैनी सी हुआ करती थी,
एक वक़्त वो भी था, जब सिर्फ आँखों ही आँखों से बात हुआ करती थी,
एक वक़्त वो भी था, जब तुम्हारी एक झलक देख कर, मै एक बड़ी सी स्माइल किया करती थी
एक वक़्त वो भी था, जब दिल तुम से बात करने के लिए बेचैन रहता था,
एक वक़्त वो भी था, जब दिन – रात फोन कॉल पर लगे रहते थे, फिर भी हमारी बाते ख़त्म नहीं होती थी,
एक वक़्त वो भी था, जब ऑफिस टाइम में भी हम दोनो फेसबुक पर एक दूसरे को टेक्स्ट मैसेज (Text message) किया करते थे,
एक वक़्त वो भी था, जब दिल सिर्फ तुम को ही याद किया करता था,
एक वक़्त वो भी था, जब ख्वाबों, ख्यालो में भी तुम्हारा नाम आता था, .
एक वक़्त वो भी था, जब हर दुआ में तुम्हारा नाम शामिल होता था
एक वक़्त वो भी था, जब तुम्हे खुदा से माँगा जाता था
एक वक़्त वो भी था, जब तुम्हारे ऑनलाइन(Online) आने का घंटों(hours) वेट(wait) किया जाता था
एक वक़्त वो भी था, जब तुम्हें फेसबुक (Facebook) और व्हाट्सएप(Whatapp) पर ऑनलाइन देख कर
मानो दुनिया की सारी खुशियां ही मिल गयी हों,
एक वक़्त वो भी था, मानो ऐसा लग रहा था रब ने मेरी सुन ली हो,
एक वक़्त वो भी था, जब हम फ्रेंड्स(friends) बन गए थे
एक वक़्त वो भी था, जब हम दोनों ने प्यार का इज़हार कर दिया था,
एक वक़्त वो भी था, जब फ़ोन पे घंटों बात हुआ करती थी
एक वक़्त वो भी था, जब सुबह, तुम्हारी फोटो देख के होती थी
एक वक़्त वो भी था, जब तुम्हारी एक ही फोटो को सौ – सौ बार देखा जाता था
एक वक़्त वो भी था, जब एक दिन भी उसकी फोटो देखे बिना रहा नहीं जाता था
एक वक़्त वो भी था, जब दो मिनट बात करके भी दिन भर खुश रहा जाता था
एक वक़्त वो भी था, जब सिर्फ मै बोलती रहती थी और वो सुनता रहता था
एक वक़्त वो भी था, जब सिर्फ उसके दिल की सुनी जाती थी
एक वक़्त वो भी था, जब दिलो और दिमाग पर सिर्फ तुम्हारा ही राज होता था
एक वक़्त वो भी था, जब उसकी फोटो न देखो तो दिन सूना – सूना सा लगता था
एक वक़्त वो भी था, जब मै अपनी बातों से तुम्हें बोर किया करते थी और उसका रिप्लाई हाँ(haaaa)
हूँ (huuu) हम्म (hmmmmm) में ख़त्म हो जाया करता था,
एक वक़्त वो भी था, जब तुम्हारे और मेरा रास्ता अलग हो गया था

और एक आज का वक़्त है.. (आज का वक़्त इस साल की बात 2021) जब तुम्हारे पास होने या पास न होने से कोई फर्क नहीं पड़ता,
और न ही दिल में तुम्हारे पास मेरे लिए कोई जगह नहीं है अब हम फिर से अजनबी हो चुके हैं..

by Anu

MY DEAR LITTLE BROTHER HAPPY BIRTHDAY TO YOU

March 9, 2021 in Other

ROHIT तुम्हारा जन्मदिन हमारे लिए बहुत ही खास दिन होता है। इस दिन को और बेहतर बनाने के लिए ANU ने तेरे लिए तेरे जन्मदिन पर आधारित कविताएं (HAPPY BIRTHDAY POEM IN HINDI) लेकर आई हूँ। इस जन्मदिन पर मैं अपने छोटे भाई को
BIRTHDAY POEM भेजकर तुम्हे जन्मदिन की बधाई देती हूँ।
BIRTHDAY POEM IN HINDI
छोटे भाई के लिए बर्थडे की शुभकामनाएं जन्मदिन पर हिन्दी कविताएँ शेयर की है। उम्मीद करती हूँ ROHIT तुम्हे यह हिंदी कविताएं पसंद आएगी।
1. HAPPY BIRTHDAY TO YOU
HAPPY BIRTHDAY DEAR ROHIT
HAPPY BIRTHDAY TO YOU.
ROHIT आज तुम्हारा बर्थडे (BIRTHDAY) है।
सो हैप्पी बर्थडे हैप्पी बर्थडे
(SO HAPPY BIRTHDAY TO YOU)
रोहित (ROHIT) जीवन बने तुम्हारा सुन्दर,
बनो मुकद्दर का सिकंदर।।
रहो हमेशा खूब धनवान,
हो तुम्हारा जहाँ में नाम,
चाहे सुबह हो चाहे शाम,
मिले खूब सुख चैन आराम।।
छू ना पाये कभी कोई बिमारी,
रहो सदा तुम प्रेम पुजारी,
बस इतनी सी है दुआ है दिल से हमारी ।।
रोहित (ROHIT) मेरे भाई तुम्हारी दुनिया हो जन्नत से भी प्यारी ।
2. चलो आज नहीं तो कल ही सही…
मेरी कविताओं से मिलेगा, ढेर सारा स्नेह, प्यार
और थोड़े से खुशी के आँसु…….
वो समय भी कितना प्यारा था, हम दोनों लड़ते – झगड़ते रहते थे,
फिर भी एक – दूसरे के बिना नहीं रहते थे,
काश हमारी यादो भी एक पुरानी किताब की तरह होती,
जब दिल करता उस किताब के पन्नों को पलटते रहते,
पुरानी यादो के साथ हम भी दोबारा से वही (अपने बचपन) पहुँच जाते,
मैंने कितनी ही यादो को खुद में समेट कर रखा है
मुझे आज भी याद है मेरी विदाई में व्यस्त था जो सारा घर…
बीत गये कितने दिन – कितने ही पहर…
आज दूर बैठी हूँ हर पल विदाई के आंसू रोती,
हर मोड़ पे तेरी हर बात स्मरण (याद) हो जाती है…
‘दूर हैं तो क्या हुआ ?
भाव – रूप से हम साथ-2 ही है
ये बात बार-2 मुझे हर मोड़ पे ताकत (STRENGTH) देती है, और
बड़ी से बड़ी समस्या का समाधान करती है
रोहित (ROHIT) हम चाहे कितने बड़े हो जाए !
बचपन हमारा कभी बड़ा नहीं होगा यक़ीन करो मेरे पे !
आज भी मुझे राहों में चलना नहीं आता है… यूँ ही मुझे हर मोड़ पे सँभालते रहना, ये मेरे दिल से दुआ मेरी कि तुम्हारा जीवन खुशियों से भर जाये !
HAPPY BIRTHDAY TO YOU
3. HAPPY BIRTHDAY MY DEAR LITTLE BROTHER
दिल से मेरी दुआ है छोटी – बड़ी ढेरों खुशियां आपको मिले,
स्वास्थ्य हो तुम्हारा लाजवाब और तुम बनो करोड़पति ।।
धन सम्पति मिले अपार और मिले तुम्हे सबका प्यार ।।
जीवन में रहे सदा बहार खिल-खिलाता हो तुम्हारा संसार।।
जब भी तुम्हे आये मेरी याद नजर के सामने आ जाओ उस पल।।
कभी कोई बुरा सपना भी तुमको कभी ना छू पाये।।
4. ROHIT तेरी आवाज मेरा सुकून है,
ROHIT तेरी खामोशी मेरी एक अनोखी कमजोरी है,
ROHIT तेरी मुस्कान मेरी ताकत है
ROHIT तेरा मुस्कुराता हुआ चेहरा मुझे बहुत अच्छा लगता है,
ROHIT तेरे चेहरे का नूर ही कुछ अलग सा है, जो मुझे जीवन में नई आशाओं का संचार करती है,
ROHIT तेरी मुस्कुराहट मेरी खुशी की वजह बनती है मेरे जीवन से दुखों का नाश करती है,
ROHIT तेरे चहरे की मुस्कान मुझे बहुत सूकून देती है,
मेरी हर चिन्ताओं से मुक्ति का अहसास देती है,
ROHIT मेरे मायूसी से भरे संसार में नए हौसलों को उड़ान देती है।
और दिल में जीने की नई उमंग जगाती है,
ROHIT जब तू कह दे मुस्कुरा कर ANU साथ हूँ मैं तेरे हर पल, तो मेरे अकेलेपन के डर को भी दूर भगाती है।
ROHIT तेरा विश्वास मेरा खुद पर गर्व है।
ROHIT तेरी शुक्रगुजार है मेरी हर एक सांस….।। इस दुनिया में ही तू सबसे ज्यादा खास।
OH MY DEAR LITTLE BROTHER HAPPY BIRTHDAY TO YOU ONCE AGAIN

by Anu

मै ये नहीं कहती हूँ

March 9, 2021 in Other

एक पत्नी अपने पति से क्या कहती है कविता को आखिर तक पढ़े……
सुनो……!
मै ये नहीं कहती हूँ, आपसे कि आप मेरे लिए चाँद तारे तोडकर लाओ…
लेकिन जब आप ऑफिस (Office) से घर आते हो तो साथ में एक मुस्कान जरूर साथ लाओ……!
मै ये नहीं कहती हूँ, आपसे कि आप मुझे ही सबसे ज्यादा प्यार करो…
लेकिन मेरे हक का प्यार मुझे दे दिया करो या फिर एक बार प्यार भरी नजरों से मुझे देख
लिया करो. …..!
मै ये नहीं कहती हूँ आपसे कि आप मुझे बाहर खाना खिलाने लेकर जाओ…
लेकिन 3 वक़्त का नहीं बल्कि कम से कम एक बार का खाना तो मेरे साथ बैठ के खाया करो…!
मै ये नहीं कहती हूँ आपसे कि काम में मेरा हाथ बंटाओ…
लेकिन मै कितना काम करती हूँ कम से कम देख तो लिया करो…!
मै ये नहीं कहती हूँ आपसे कि मेरा हाथ पकड कर के चलो या फिर 24 घटे मेरे साथ रहो…
लेकिन कभी – कभार दो कदम ही सही पर मेरे साथ चला करो…!
मै ये नहीं कहती हूँ आपसे कि आप अपने माता-पिता का कहना मत मानना या फिर उनकी बातों पे विश्वास मत किया करो.
लेकिन मेरी बातों का नहीं पर फीलिंग (feeling) को समझ लिया करो……!
मै ये नहीं कहती हूँ आपसे कि आप अपने माता-पिता से मेरे लिए लड़ो…….
लेकिन मेरे हक के लिए भी कुछ बोला करो यानि मेरे लिए भी साथ खड़े (stand) रहो करो.
मै ये नहीं कहती हूँ आपसे कि… आप मुझे कई नामों से आवाज लगाओ…
पर कभी – कभार एक बार ही फुर्सत से… सुनो ना ही कह दिया करो…!

सुनो……!
प्रिय पतिदेव… यूँ ही कट जाएगा, सफ़र का जिंदगी भागते भागते…
कभी-2 एक – दो पल के लिए मेरे साथ भी बैठ तो जाया करो…!
मै ये नहीं कहती हूँ, आपसे कि आप मेरे लिए चाँद तारे तोडकर लाओ…
लेकिन जब आप ऑफिस (Office) से घर आते हो तो साथ में एक मुस्कान जरूर साथ लाओ……!

by Anu

My Dear Itika

March 9, 2021 in Other

।।My lifeline My Dear Itika।।
फूलो के जैसी प्यारी मुस्कान सी है उसकी,
सुरों में पिरोई हुई सी राग है वो,
मेरी प्यारी सी बेटी,
जो लाखो करोड़ो में से एक है ।।
जो मुझे बहुत पसंद है,
मेरे दिल की राजकुमारी है वो,
रिश्तो की एक अलग सी पहचान है वो,
घर आँगन भी उसके आने से महक उठा है,
पांव में पहने घुंघरूओ के जैसी मीठी सी आवाज है वो ।।
बागो में उड़ती हुई तितली जैसी है वो,
जुगनू की तरह चमकने वाली चमक जैसी है वो,
लाखो करोड़ो में मेरी प्यारी सी बेटी है वो ।।
तारो से भी ज्यादा चमकने वाली,
परियो की रानी है वो,
मेरी प्यारी सी बेटी जो,
लाखो करोड़ो में से एक है. ।।
जो मुझे बहुत पसंद है,
मेरे दिल की राजकुमारी, मेरी प्यारी सी बेटी है वो ।।
।। I Love You So Much My lifeline, My Dear Itika ।।

by Anu

अनमोल रिश्ता

March 9, 2021 in Other

दोस्ती (Friendship) एक अनमोल रिश्ता है, इस दुनिया में इस रिश्ते से दूजा कोई और रिश्ता नहीं है। मनुष्य अपने सम्पूर्ण जीवन में कई रिश्ते निभाता है, लेकिन दोस्ती एक ऐसा रिश्ता है जो हर रिश्ते की नीव है। एक पिता का रिश्ता अपने बच्चों से हो, एक माँ का रिश्ता अपने बच्चों से हो या किसी अन्य मनुष्य का मनुष्य से हो, दोस्ती हर रिश्ते में शामिल होती है, तब ही तो हर रिश्ता कायम होता है। ये रिश्ता अटूट विश्वास और प्रेम से आता है। दोस्ती की परिभाषा हर व्यक्ति के जीवन को परिभाषित करती है। दुनिया में शायद ही ऐसा कोई शख्स हो जिसका कोई दोस्त न हो। दोस्त की भूमिका को समझने हेतु Shivu ने अपने दोस्त Rohit के लिए एक कविता dedicate की है

मेरे दोस्त

Rohit मेरे यार, मेरे भाई!
तेरी मेरी दोस्ती को किसी की बुरी नज़र न लगे,
तेरी दोस्ती मुझे जान से भी ज्यादा है प्यारी,
तेरा साथ रहूं तो लगे जैसे सारी खुशियाँ है हमारी,
तेरी हंसी(smile) के लिए मेरे दोस्त, मेरे भाई !
तुम जो बोलो मैं कुछ भी कर सकता हूँ
तुम बोलो कि shivu आसमान से चांद तारे तोड लाओ,
पर मेरे दोस्त, मेरे भाई मेरे से ये न हो पाएगा,
क्योंकि चांद- तारे तोड़ लाना मेरे बस का नही हैं,
पर हां मेरे दोस्त, हर मोड़ पे मैं तेरा साथ दूँगा, हर दुख-सुख में साथ रहूँगा, कभी आजमा के देखना.मेरे भाई, मेरे दोस्त, तेरी मेरी दोस्ती ❤ और इज्जत मे कभी कमी नही होने दूंगा बस तुम हमेशा मेरे साथ रहना…….
क्योंकि तेरी खुशियाँ से ही है ये दुनियाँ हमारी,
तुम कह दे तो हवाओं का रुख मोड़ दूँ,
तुम कह दे तो तूफानों को भी रोक दूँ।
तुझ पर तो कुर्बान है ये जान हमारी है।

तेरा हर ख्वाब पूरा करने को मैं पूरी ज़िंदगी बिता दूँ।
दिल कहता है तेरी जिंदगी को जन्नत बना दूँ,
तुम्हारे लिए ही बनी ये दोस्ती हमारी है।

तुम हो तो मेरे दोस्त सब कुछ है,
तुम हो नही तो कुछ भी नही।
तुम से ही शुरू तुम से ही खत्म,
ये जिंदगी हमारी है।

by Anu

भाई जैसा मेरा दोस्त और उसकी दोस्ती

March 9, 2021 in Other

दोस्तों, फ्रेंड्स तो सबके होते है, मेरे भी है और आपके भी होंगे, परन्तु एक अच्छा और सच्चा मित्र किस्मत वालों को ही मिलता है। ज़िन्दगी के हर मोड़ पर वो आपके साथ खड़ा रहे और आप भी उसके साथ हमेशा खड़े रहे, यही होती है सच्चे मित्र की निशानी। एक सच्चा मित्र हमारे जीवन की हर गलतियों को सुधार देता है। हमें निराशा भरे जीवन से निकाल कर, हमें ढेर सारी खुशियाँ देता है। हमारे सुख-दुख का सहभागी होता है। दोस्त

प्रेम और त्याग के धागे से जुड़ा है,
भाई जैसा मेरा दोस्त और उसकी दोस्ती,

दुनिया के सभी रिश्तों में से सब से खास है
भाई जैसा मेरा दोस्त और उसकी दोस्ती,

दिलों को दिलों से जोड़ने वाला, एक प्यारा – सा अहसास है,
भाई जैसा मेरा दोस्त और उसकी दोस्ती,

सब के जीवन में घोल दे जो खुशियों का रस, वह मिठास है,
भाई जैसा मेरा दोस्त और उसकी दोस्ती,

पूरी हो जाये जो ख्वाहिश ,वह आस है
भाई जैसा मेरा दोस्त और उसकी दोस्ती,

होठों पर ला दे जो मुस्कुराहट, वह हंसी है
भाई जैसा मेरा दोस्त और उसकी दोस्ती,

जीवन में भर दे संगीत, वो राग है
भाई जैसा मेरा दोस्त और उसकी दोस्ती,

जीना सिखलाता है जो, वो अंदाज है
भाई जैसा मेरा दोस्त और उसकी दोस्ती,

ऐसा हूँ मै shivu और Rohit भाई जैसा मेरा दोस्त और उसकी दोस्ती
I love You My Brother as Like best Friend.

by Anu

महाशिवरात्रि की अनंत शुभकामनाएं

March 9, 2021 in Other

Jai Baba Dhundeshwar Mahadev नमस्कार मै हूँ Anu Mehta मै आपके लिए लेकर आयी हूँ Happy Maha shivratri 2021 पर इन Messages, Images, Shayari से दें अपनों को शुभकमनाएं। Maha shivratri 2021: महाशिवरात्रि… भगवान शिव की आराधना का दिन। शिवपुराण के अनुसार, फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को ही Maha shivratri के
रूप में मनाया जाता है। हिंदू धर्म में इस त्योहार का बड़ा महत्व है और इस दिन भक्त अपने भोले बाबा की पूजा-अर्चना के साथ ही उपवास भी करते हैं। सुबह से ही मंदिरों में जलाभिषेक के साथ पूजा का दौर शुरू होता है जो देर रात तक जारी रहता है। कई जगहों पर तो रात्रि जागरण भी किया जाता है। इस बार शिवरात्रि 11 March को आ रही है और उसके लिए अभी से तैयारियां शुरू हो चुकी है। ऐसी मान्यता है कि शिवरात्रि पर ही भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। इसी शिवरात्रि के मौके पर अपनों को शुभकामनाएं देने के लिए हम आपके लिए लाए हैं बाबा भोले से जुड़े शुभकमना SMS, Images, Shayari और Shivratri Greetings। तो फिर देर किस बात कि अभी से शुरू कर दें Wish करना………..
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आई है शिवरात्रि, मेरे भोले बाबा का है दिन ,
शिव के चरणों में मुझे शीश झुकाने दो,
भोले की भक्ति में मुझे डूब जाने दो!
महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं…….
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शिव की भक्ति से नूर मिलता है
सबके दिलों को सुकून मिलता है
जो भी लेता है दिल से भोले का नाम
उसे भोले का आशीर्वाद जरूर मिलता है
जय भोलेनाथ हैप्पी महाशिवरात्रि 2021
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सारा जग है प्रभु तेरी शरण में,
सर झुकाते हैं शिव तेरे चरण में,
हम बनें भोले की चरणों की धूल,
आओ शिव जी पर चढ़ायें श्रद्धा के फूल जय भोलेनाथ,
हैप्पी महाशिवरात्रि 2021
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शिव की महिमा अपरम्पार,
शिव करते सबका उद्धार।
उनकी कृपा आप पर सदा बनी रहे
आपको और आपके परिवार को
महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं………….
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भोले शंकर आपके जीवन में खुशियां ही खुशियां भर दें
ना रहे जीवन में कोई भी दुख
हर ओर फैल जाए सुख ही सुख आपको और आपके परिवार को महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं…………..
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मेरे शिव शंकर भोले नाथ
बाबा अपने सभी भक्तों की हर मनोकामना पूरी करना और उन पर अपना आशीर्वाद बनाए रखना
जय शिव शम्भू भोले नाथ
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आज है महाशिवरात्रि, करिए भोले भंडारी का जाप, उनके जाप से धुलते हैं सारे पाप.
जय भोलेनाथ हैप्पी महाशिवरात्रि
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एक पुष्प, एक बेलपत्र, एक लोटा जल की धार, कर दे सबका उद्धार हैप्पी महाशिवरात्रि…………………………
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अकाल मृत्यु वो मरे जो काम करे चांण्डाल का,
काल भी उसका क्या बिगाड़े जो भक्त हो महाकाल का,
भोलेनाथ की कृपा बनी रहे। हैप्पी शिवरात्रि।
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भोले की भक्ति में मुझे डूब जाने दो
शिव के चरणों में शीश झुकाने दो
आई है शिवरात्रि मेरे भोले बाबा का दिन
आज के दिन मुझे भोले के गीत गाने दो
जय शिव शंकर। शिवरात्रि पर शुभकामनाएं।
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बाबा ने जिस पर भी डाली छाया……..
पलट गई रातो रात उसकी किस्मत…..
उसे वो सब मिला बिन मांगे ही,
जो कभी किसी ने ना पाया
हैप्पी शिवरात्रि।
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यह कैसी घटा छाई है
हवा में नई सुर्खी आई है
फैली है जो सुगंध हवा में
जरुर महादेव ने चिलम लगाई है
हैप्पी शिवरात्रि।
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शिव सत्य है, शिव अनंत है, शिव अनादि है, शिव भगवंत है, शिव ओंकार है, शिव ब्रह्म है, शिव शक्ति है, शिव भक्ति है !!महाशिवरात्रि की अनंत शुभकामनाएं!!
मेरे प्यारे दोस्तों अगर आपको मेरी ये पोस्ट ” Maha-Shivratri Whatsapp status, Facebook Wishes & Status” हिंदी में पसंद आये तो Like & Comment Box “Jai Baba Dhundeshwar Mahadev “लिखे और अधिक से अधिक share करे………Thank you

by Anu

शिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं

March 9, 2021 in Other

Poems in Hindi | महाशिवरात्रि पर कविता
शिवरात्रि हिन्दू का पवित्र त्योहार है। इस दिन भगवान शिव की पूजा,अर्चना की जाती हैं, उनके लिए व्रत भी रखा जाता है ओर मान्यता है की इस दिन मांगी हुई इच्छा अवश्य पूर्ण होती है। इस दिन लोग एक दूसरे को बधाई देकर भी त्योहार हो अच्छे से मनाते है यही सब ध्यान में रखते हुए हम आपके लिए लेकर आए हैं, Mahadev Kavita in hindi, Shiv Arti जिनको आप अपने friends, Colleagues, या किसी अन्य को भेजकर Mahashivratri ki Shubhkamnaye दे सकते हो।
इसके अलावा आपको नीचे दी गई पंक्तियों में शिव पर कविता, शनि देव की कथा, जय बाबा धुंन्धेशवर महादेव की कथा, पार्वती माता की परीक्षा, मेरा गांव, आदि मिलेंगे।
हे शिव जब सब कुछ ही तेरा है, फिर ये सारा संसार तेरा मेरा क्यों करता है ? हर इंसान, हर धड़कन, जीव-जंतु, ये सारा ब्रह्मांड आदि सब कुछ ही तेरा है, हर कोने – कोने में, कण – कण तू ही तू बसा है, सुख भी तेरा, दुख भी तेरा, रात और सुबह भी सब तेरी है, जीवन मिले या काला अँधेरा सब आपके ही इशारों पे है…..
फिर क्यों ये मन सुख में भरमाए और दुःख में रोते, डरता है
हे भोले बाबा हे मेरे शिव जब सब कुछ ही तेरा हैं, तेरी ही रचाई ये दुनिया है, गोरा – काला, रंग-रूप, काटें-पुष्प, कमल और कीचड़, सागर-लहरे, छाया और धूप आदि सब कुछ ही तेरा है, फिर क्यों लोग एक दूसरे से प्रेम करने की बजाए, घृणा, नफरत, तिरस्कार, लालच, मोह- माया आदि से घिरा है, हे शिव जब सब ही तेरा है…. जय हो कालो के काल महाकाल … इस पोस्ट में आप जैसे भोले बाबा के भक्तों के लिए एक बेहतरीन पोस्ट लेकर आई हूँ, इस पोस्ट में आपकी भक्ति लिए एक से एक हिंदी एक कविता लिखी है, अगर आप सब को ये कविता पसन्द आई तो सच्चे दिल से जय भोले बाबा कमेंट में जरुर लिखे……… “जय भोले नाथ”
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Maha Shivratri Wishes In Hindi
महाशिवरात्रि के पावन पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं।
भगवान शिव हम सभी को अंधकार से निकालकर सद्गुणों से प्रकाशमान करें तथा सुख, शांति, साहस एवं शक्ति प्रदान करें।
ॐ नमः शिवाय
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Maha Shivratri Message In Hindi
नमो-नमो जी, शंकरा
भोलेनाथ, शंकरा
जय त्रिलोकनाथ, शंभु
हे शिवाय, शंकरा।

ॐ नमः शिवाय
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Maha Shivratri Wishes Quotes
शिव में मनवा मन को रंग ले
शिव मस्तक की रेखा बदले
शिव हर जन की नस-नस जाने
बुरा भला वो सब पहचाने।
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महाशिवरात्रि Wishes
शिव की बनी रहे आप पर छाया
पलट दे जो आपकी किस्मत की काया
मिले आपको वो सब इस अपनी ज़िन्दगी में
जो कभी किसी ने भी ना पाया
शिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं

by Anu

insecure Feel

March 9, 2021 in Other

कई बार क्या होता है ना कि हमारी फैमिली specially हमारी Mother’s इस बात से Insecure हो जाती हैं, वैसे हमारी मदर्स ही नहीं बल्कि जो हम से जो बहुत प्यार करते है ना, वो सभी insecure Feel करना शुरू कर देते है, वैसे भी insecure वो ही फील करता है ना, जहाँ पे प्यार होता है, या फिर हमारे प्रति उसके दिल में कुछ specially जगह होती है, प्यार चीज ही कुछ ऐसी है, जो कोई इस प्यार में पड़ गया वो तो insecure ही फील करेगा ना, वैसे इस प्यार में ऐसी ताक़त है जो पत्थर को भी पिघला दे, जी हाँ, मैंने पत्थर को पिघलते देखा है।
जिसे फ़र्क नहीं पड़ता था दुनिया के दस्तूरों से, उसे किसी अंजाने के लिए झुकते हुए देखा है। प्यार बंधन नहीं है, वो दो दिलों का वो अटूट नाता है, चाहे वो प्यार Maa/baap का हो या एक gf/bf का हो या फिर brother /sister का हो…. प्यार तो बस प्यार होता है जिसकी कोई सीमा नहीं होती… प्यार में कोई हिसाब नहीं रखा जाता है, कि पहले कौन माफ़ करता है या पहले कौन रूठ जाता है? प्यार एक अविरल धारा है जो एक ही दिशा में बहती रहती है। चाहे कोई कितना भी दम लगा ले, वो अपने साथी के लिए चट्टान सी खड़ी रहती है। लेन देन की दुनिया से बहुत ऊपर होता है उस प्यार का अहसास। ये सिर्फ वो एक ही समझ सकता है जिस ने प्यार किया है….और वैसे भी सब का प्यार अपनी अपनी जगह पे अनिवार्य है……प्यार ना नुमाइश चाहता है, और ना ही बेवफाई, प्यार तो सिर्फ सुकून की ज़िंदगी चाहता है, उसे ना व्यर्थ का अहम, और ना ही व्यर्थ की लड़ाई चाहिए। प्यार तो दोनों पलड़ों में हिसाब बैठाना जानता है, क्या होती है
अहमियत इस रिश्ते की, इसे भली भांति पहचानता है।
AnuMehta

by Anu

महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं

March 9, 2021 in Poetry on Picture Contest

हे शिव जफ सफ कुछ ही तेया है, फपय मे साया सॊसाय तेया भेया क्यमं कयता है ? हय इॊसान,हय धड़कन,जीव-जॊतु,मे साया ब्रह्माॊड आफि सफ कुछ ही तेया है,हय कोने – कोने भं,कण – कण तू ही तू फसा है,सुख बी तेया,िुख बी तेया,यात औय सुफह बी सफ तेयी है,जीवन शभरे मा कारा अॉधेया सफ आऩके ही इिायं ऩे है…..
Anu Mehta

by Anu

महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं

March 9, 2021 in Other

अपने शिव के साथ चलती रहूंगी…..
अपने शिव, भोले का गुणगान गाती रहूंगी…
अपने शिव शंकर से प्रेम करती रहूंगी…
अपने शिव शंकर उनसे ज्ञान लेती रहूंगी…
मेरा एक ही कार्य है मैं अपने शिव, भोले बाबा, नीलकंठ की भक्ति की शक्ति को पूरी दुनिया में फ़ैलागी……
शिव की दिव्य शक्ति से पूरी दुनिया नजर आएगी….
हे मेरे भगवान, मेरे शिव शंकर मुझे अपने चरणों में स्थान दो…. और इतनी शक्ति दो… कि मैं किसी का कभी बुरा न सोचो और न ही करू….
आपके ही हाथों में है मेरी डोर, हे मेरे भगवन मेरे सिर पे अपना हाथ रखो,
मेरे परिवार, मेरी बेटी पे अपनी सदैव कृपा बनाये रखो…
मेरा अभिमान अंत में मोक्ष पा जाऊँ फिर लौट कर इस दुनिया में नहीं आऊंगी, अगर आना ही पड़ा इस दुनिया में तो अपने शिव शंकर को साथ लेकर ही आऊंगी…..
नमो नमो: शिव शंकर
आप सभी को महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं!
Happy Maha Shivratri 2021
Anu mehta

by Anu

भाई जैसा मेरा दोस्त(My Best Friend)

March 9, 2021 in Poetry on Picture Contest

प्रेम और त्याग के धागे से जुड़ा है, भाई जैसा मेरा दोस्त और उसकी दोस्ती,दुनिया के सभी रिश्तों में से सब से खास है भाई जैसा मेरा दोस्त और उसकी दोस्ती,दिलों को दिलों से जोड़ने वाला, एक प्यारा – सा अहसास है,
भाई जैसा मेरा दोस्त
और उसकी दोस्ती,
सब के जीवन में घोल दे जो खुशियों का रस, वह मिठास है,
भाई जैसा मेरा दोस्त और उसकी दोस्ती,
पूरी हो जाये जो ख्वाहिश ,वह आस है
भाई जैसा मेरा दोस्त और उसकी दोस्ती,
होठों पर ला दे
जो मुस्कुराहट, वह हंसी है
भाई जैसा मेरा दोस्त और उसकी दोस्ती,
जीवन में भर दे संगीत, वो राग है
भाई जैसा मेरा दोस्त और उसकी दोस्ती,
जीना सिखलाता है जो, वो अंदाज है
भाई जैसा मेरा दोस्त और उसकी दोस्ती,
Anu Mehta

by Anu

तू Guguu मेरा, मैं Gugii तेरी हूँ,

March 9, 2021 in Other

तू Guguu मेरा, मैं Gugii तेरी हूँ,
तू ज़िन्दगी मेरी, मैं जीने की वजह तेरी,
तू फूल मेरा, मैं खुशबु,
तेरी जो तेरी ज़िन्दगी में महक जाऊ,
तू समंदर मेरा, मैं लहर तेरी,
जो झूम के नाचू खुले आसमान के नीचें……..
तू Daffer मेरा, मैं Daffer तेरी हूँ,
तू पानी मेरा, मैं प्यास तेरी,
जिसे मैं पी के अपने बंजर दिल की प्यास बुझा लू……
तू bilaa मेरा, मैं bilii तेरी जो तुमने दी है मीठी-२
यादे उन यादो मैं में खो जाऊ
तू चाँद मेरा मैं चांदनी तेरी
जो पूरी दुनिया मे अपनी प्यारी दोस्ती की रोशनी फैलाऐ
तू guguu मेरा, मैं Gugii तेरी

by Anu

जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं(Happy Birthday To You)

March 9, 2021 in Other

ना जाने क्यों मैं इंतज़ार कर कर रही थी,
शायद जन्मदिन है तुम्हारा इसलिए,
मेरी हर एक दुआ है तेरी लम्बी उम्र के लिए,
दिल खुद जानता है तू ना हो तो,
धड़केगा किस के लिए…….

by Anu

जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं (Happy Birthday to You)

March 9, 2021 in Other

उस दिन रब ने भी जश्न मनाया होगा,
जिस दिन आपको अपने हाथों से बनाया होगा,
उसने भी बहाये होंगे आंसू,
जिस दिन आपको यहाँ भेज कर,
खुद को अकेला पाया होगा
खुदा कैसे करूँ शुक्रिया इस दिन के लिए
जिस दिन तुम्हे ज़मीन पर हमने तुम्हे पाया होगा…

by Anu

जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं(happy birthday to you)

March 9, 2021 in Other

आज Pagel का जन्म-दिन है, जन्मदिन की
हार्दिक शुभकामनाएं तुम्हें,
दे शुभकामनाएं तुम्हें आज प्रातः किरण, दे शुभकामनाएं तुम्हें आज अम्बर-पवन, दे शुभकामनाएं तुम्हें भूमि होकर मगन। फूल कलियां खिलें, भंवरे गाएं, आज तुम को सभी की दुआएँ मिलें, खूब आगे बढ़ो,
खूब नाम कमाओ,
मम्मी – पापा खुश हो जाये, कुछ काम ऐसा करके दिखाओ

by Anu

चाहे तुम कभी मुझे से बात मत करना

March 9, 2021 in Poetry on Picture Contest

चाहे तुम कभी मुझे से बात मत करना,
पर हो सके तो बस
Whatsapp Pe Message लिखना,
चाहे कुछ भी लिखना जैसे उम्मीदें, आशाएं और मुस्कुराहटें,
या फिर कुछ दर्द, कुछ शिकवे,
बेशक अपने आंसू भी तुम लिखना पर अपनी यादें मत लिखना,
कुछ अपने सपनों को लिखना,अपनों का दर्द,
या फिर अपनों का प्यार लिखना, मौसम की करवटें
और जिंदगी में फैले रंगों को भी लिखना
पर अपनी यादें मत लिखना
चाहे अपने इर्द-गिर्द की घटनाएं,
या फिर अपने पापा की डांट, या माँ का प्यार लिखना,
पर हो सके तो अपनी यादें मत लिखना……….
चाहे भाई- बहनों का दुलार, या फिर अपनी भाभी के चेहरे की मुस्कान लिखना
पर हो सके तो अपनी यादें मत लिखना
मैं जानती हूँ तुम पढ़कर मेरे पे हंसोगे और बोलेंगे
“पागल”
चाहे तुम कुछ भी बोलना/ सोचना पर हमारे बीते पलों को अपनी यादें में
मत लिखना…..

by Anu

माँ बनने का सफर (Part – 3)

March 9, 2021 in लघुकथा

फिर मुझे अस्पताल ले गए, मेरे कुछ मेडिकल टेस्ट हुए पर मेरी रिपोर्ट ठीक थी फिर मैंने चैन की सांस ली..

15 दिनो के बाद डॉ. से अपना चेकअप कराने लगी, मुझे टांगो में दर्द और नींद में कमी और बेचैनी ज्यादा रहने लगी, मेरी माँ मुझे देख कर ज्यादा तनाव में है उनको यह डर सता रहा है कि बच्चे और मेरी बेटी को कोई प्रॉब्लम ना आ जाये आखिर माँ तो माँ होती है उनके मन में भी उलटे सीधे हज़ारों सवाल आ रहे होंगे….

हमारा पूरा परिवार बहुत तनाव में थे, पर कहीं न कहीं दिल में यह विश्वास था कि सब ठीक रहेगा ! मैने डॉक्टर के दिए गए सारे निर्देशों का पालन किया |

मैने दिल ही दिल ईश्वर से मना रहे थे, कि यह 1 महीने का सफर ठीक से बीत जाए | ईश्वर दयालु है ! उसने हमारी सुनी और हम इस मुश्किल वक़्त से निकल गए |

4 Nov मुझे हॉस्पिटल में एडमिट कर लिया गया ताकि मेरे ब्लड प्रेशर, NST स्कैन अन्य चिकित्सा जांच पर नज़र रखी जा सके| मेरा 36 सफ्ताह शुरू हो गया था | नर्स के NST स्कैन से हमें पता लगा कि सब ठीक है | 5 Nov को शाम 5 /6:00 बजे डॉक्टर ने हमें सिजेरियन ऑपेरशन की बात कही | मेरा सिजेरियन ऑपेरशन 11:00 बजे को होना था और मैंने अपने बच्चे के सुरक्षित होने की दुआ माँगीं |
अंत में इंतज़ार की घड़ियाँ खत्म हुईं ……..
आखिर हमारा इंतज़ार खत्म हुआ !
मैं ऑपरेशन टेबल पर थी और डॉक्टर ने मुझे आँखे बंद रखने की सलाह दी थी, पर मेरे कान उनकी ही बातें सुन रहे थे | मैंने पहली बार अपने बच्चे का रोना सुना और मेरी सारी तकलीफ जैसे छू हो गयी | डॉक्टर ने मुझे बधाइयाँ दी और बतलाया कि मैं एक प्यारी सी बच्ची की माँ बन चुकीं हूँ | मुझ पर एनेस्थीसिया का प्रभाव था, पर मैं सो ना सकी |
मैं जब ऑपरेशन रूम से बाहर निकली तो हरे कपडे में लिपटी में अपनी बच्ची को देखा | मेरे हाथो में मेरी बिटिया को पाकर, ईश्वर को लाख लाख धन्यवाद किया, उसने मुझे इतनी प्यारी बेटी का माँ बनाया | मेरी बेटी दुनियाँ की सबसे खूबसूरत बच्ची है | मुझे लगा मेरा नया जन्म हुआ हो जैसे! अब मैं अपनी प्यारी सी शहज़ादी की माँ हूँ !
जन्म के 2 दिन बाद मेरी बेटी को पीलिया हो गया था…मेरी बेटी 3 दिन ICU में थी मेरे मन में बहुत उलटे सीधे विचार आ रहे थे God ji ने मेरे साथ दिया और मेरी बेटी ठीक हो गई और हम लोग सही सलामत घर आ thank you so much God jii
मुझे पता है कि मै परफेक्ट नहीं पर मैं उससे बहुत प्यार करती हूँ और पूरी कोशिश करुँगी कि मैं उसकी अच्छी माँ बनूँ | हर परिस्थिति में मै उसके साथ हूँ हरदम
मेरी बेटी थोड़ी बड़ी यानि 10 Month की हो गये है
I love You my daughter my Lifeline 🤱

by Anu

माँ बनने का सफर (Part 2)

March 9, 2021 in लघुकथा

माँ बनने का सफर हर औरत के जीवन का बेहद खूबसूरत सफर है, एक नन्हीं सी जान को नौ माह तक अपने गर्भ में रख पोषण व प्यार के स्पर्श से सींचना मुश्किल तो होता है परंतु इस कोमल सी जान के बाहों में आते ही माँ अपना हर दर्द भूल बैठती है………..
मेरे साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ जैसे -२ समय बढ़ रहा था मेरी Emotional Feelings और बच्चों के प्रति जो लगाव वो प्रतिदिन कुछ ज़्यादा ही होता जाता है । कभी-२ इतना ज़्यादा हो जाता है कि मुझे बहुत रोना आता है या कभी -२ इतना मन उदास हो जाता हूँ ये सोचकर क्या मैं अपने बच्चे को वो हर खुशियाँ दे पाऊंगी जैसे मेरी माँ ने मुझे दी है
ना जाने हमारे हँसते – खेलते परिवार को किस की बुरी नजर लग गई माना कि ज़िन्दगी में बहुत उतार -चढ़ाव आते जाते है मेरी ज़िन्दगी में बहुत सी Problems आ रही है। और उन समस्या को हल भी कर रही हूँ। मेरी ज़िन्दगी बहुत सी उलझ सी रखी थी कुछ समझ नहीं आ रहा था, एक तरफ ख़ुशी का पल और दूसरी और गम की घटा छाई… गम के आगे ख़ुशी के पल फीके पड़ रहे थे. ज़िन्दगी में इतने उतार – चढ़ाव आ रहे थे कुछ समझ नहीं आ रहा था, हो क्या रहा है हमारे साथ, मेरा भाई को फिर से घुटने की समस्या ज्यादा हो गई थी । घुटनों के दर्द की समस्या का एक तय सा इलाज दिखता है कि Knee यानी घुटनों का (ऑपरेशन) Operation करवा लिया जाए. डॉक्टर भी इसी बात को लेकर ज्यादा जोर देते हैं कि ये सही है, अब मेरा भाई पहले से ठीक है,
अब Checkup & Medicine Regular चल रहा है, मेरी मम्मी, मेरी बड़ी दीदी, Brother’s friend और Manoj Sir ने बहुत साथ दिया कहते है ना मुसीबत के समय जो साथ देता है वही अपना होता है ।
अब यही दुआ है रब से सब कुछ ठीक हो जाए,खुशियों को हमारे घर का रास्ता मिल जाए ।
इतनी मुसीबत और दुखों का सामना करने की हिम्मत मुझे मेरे Hasmukh से मिली, मुझे हर पल एक हमेशा एक अपनापन का एहसास होताहै । ये एहसास ऐसा है, मुझे कमजोर होने नहीं देता है, हमेशा मुझे एक ताकत देता है
जब मेरा 5 महीना चल रहा था और मैं ऑफिस में काम कर रही थी मुझे अचानक से मुझे हल्की ब्लीडिंग शुरू हो गई । मैं डर गई और मन में उल्टे -सीधे विचारों ने मेरे मन में घर सा बना लिया । मुझे ऐसा लगा रहा था कही मैं अपने बच्चे को खो ना दू ।
To Be Continue………….

by Anu

माँ बनने का सफ़र

March 9, 2021 in लघुकथा

माँ बनने के बाद बेटी होने का एहसास कितना ख़ास हो जाता है ये बस, एक माँ और बेटी ही जानते हैं। एक बेटी से माँ बनने का सफ़र कितना ख़ास होता है।कितना ख़ास है माँ बनने से जुड़ा हर एहसास……हर उम्र में, हर हाल में कभी गाइड करना , कभी फ्रेंड, तो कभी हिम्मत बन कर हमारे साथ खड़ी होती है माँ, हर दुःख-सुख में हमेशा साथ हमारा देती है उसके प्यार-दुलार, डांट -फटकार और चिंता को हम तब तक समझ नहीं पाते जब तक खुद उसकी जगह पर नहीं पहुंच जाएं |एक बेटी और बहन से मेरा एक पत्नी और बहु के साथ माँ बनने का मेरा सफ़र भी तय हो गया है।
20 May 1992 को मेरा जन्म हुआ था। तब मैं किसी की बेटी बन गए थी और 3 Jan 1995 को एक बड़ी बहन बन गई थी। कुछ साल बीत गए। मुझे अच्छे से पता है। मैंने एक अच्छी बेटी होने के साथ – साथ एक अच्छी बहन का कर्तव्य भी अच्छे से से निभाया है। मेरी पूरे परिवार ने मुझसे कभी कोई शिकयत नहीं कि जिससे उनको मेरे कारण कोई दुःख मिला हो। अच्छे – बुरे दिन तो सब के जीवन में आते है। हमारे जीवन मे भी आये थे, पर मेरी माँ का हाथ मेरे सिर पे था, तो शायद मेरा अविवाहित जीवन बहुत अच्छा बिता। मैं बहुत भाग्यशाली हूँ, मुझे मेरी माँ का हाथ मेरे सिर पे है।
29 January 2019 मैं अपनी नई जिंदगी में पहला कदम रखा मैंने देखा नई जगह, नया घर, नये लोग, नये रिश्ते आदि सब कुछ नया ही नया था। पहली बार एहसास हुआ माँ सच कहती हैं बेटियाँ पराया धन होती है।
अभी तक में नया सफर, नयी ज़िन्दगी को समझती एक नई जिम्मेदारी मेरे कंधो पे आ गई, इतनी जल्दी -२ सब कुछ हो रहा है। मुझे खुद को समझ आ रहा है, मैं खुश हूँ या नहीं। मै बहुत confused थी।
वैसे माँ बनने का अनुभव हर महिला के लिए खास होता है… (तीन–चार दिनों बाद)
मैं Office में सही feel नहीं कर रही थी, कुछ दिनों से मेरे पेट में मुझे हल्का -२ दर्द हो रहा था, पर मैं नज़रअंदाज़ सा कर रही थी मुझे लगा कि मैं खाने-पीने का ध्यान नहीं रख रही हूँ। लेकिन फिर मुझे लगा कि मैं प्रेगनेंट भी हो सकती हूँ। घर आते हुए मैंने प्रेगनेंसी किट खरीदी। जब मैंने प्रेगनेंसी की दो लाइन देखी तो मुझे बहुत रोना आया मैं बहुत सारा रोई, मैंने अपनी दोस्त Anjali को Phone call किया और उसको सारी बात बताई । उस दिन मेरा पूरा मूड खराब रहा और मेरे दिमाग में एक ही सवाल आ रहा था कि क्या मैं इस ज़िम्मेदारी को निभा पाऊंगी या नहीं ? बहुत सारे सवालो ने मेरे मन मे घर सा बना लिया।
सब से पहले ये गुड न्यूज़ मेरे भाई को पता लगी और मेरे भाई मुझे सही राह दी।
मेरे दिल में भावनाओं का सागर आ गया। मैंने ऐसा कभी भी महसूस नहीं किया था। मैंने ये बातअपनी माँ और दोस्त को बताई। पर मैं अपनी ये न्यूज़ सब से पहले अपने पति के साथ शेयर करना चाहती थी पर….
यह जानकार भी काफी खुशी हुई की लोग मेरी प्रेगनेंसी से कितने खुश थे। जब मैं अपने बच्चे की पहली तस्वीर देखने गई तो मेरे साथ मेरा भाई थे। यह एक अद्भुत अनुभव था!! स्कैन के दौरान मेरा बच्चा पेट में मॉडल की तरह पोज़ दे रहा था – कभी दाएँ, कभी बाएँ और कभी सामने से। मैं उसके छोटे पाँव, हाथ, सर, तीसरे महीने में देख पा रही थी। यह फीलिंग अविस्मरणीय है!!
मैं काफी खुशकिस्मत थी की मेरी प्रेगनेंसी का समय काफी अच्छा रहा, मुझे ना सुबह जी मिचलने की दिक्कत हुई नहीं कोई और समस्या। डॉक्टर ने बताया की मुझे Thyroid की समस्या है यह काफी कठिन समय था, जहां मुझे दिन में चैन नहीं मिलता था और रातों में नींद नहीं आती थी। मैंने बस बच्चे के सही होने की प्रार्थना की। मैंने अपने बच्चे को सही रखने के लिए इलाज़ और Test भी करवाए ।
प्रेगनेंसी में और फिर टैस्ट रिज़ल्ट अच्छे आए, और बच्चे को कोई Problems नहीं थी। जब मुझे पता लगा की समस्या का समाधान हो गया है तो मैं काफी खुश हूँ।
To be continued……….

by Anu

Happy International Women’s Day

March 9, 2021 in Other

Happy International Women’s Day नारी हर घर की शान होती हैं, आज के युग में तो नारी घर के साथ साथ सभी क्षेत्रों में अपना स्थान बना चुकी हैं। महिला समाज एवं परिवार का मुख्य आधार होती हैं। महिलाएं समाज को सभ्य बनाने से लेकर देश के विकास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। आज महिलाओं ने खुद को हर क्षेत्र में साबित किया है।
इंसान के वजूद के लिए आसमान का होना बेहद ज़रूरी है, इसी से हमें बारिश मिलती है और इसी से हमें धूप भी मिलती है। किसी ने आसमान की ऊंचाई से अपने ज़ज़्बे को मापा है तो किसी ने आसमान में ख़ुदा को ढ़ूंढ़ने की कोशिश की है लेकिन यह हमेशा ही मानवीय-जिज्ञासा का विषय रहा है।
हैलो, (Heloo /Hi ) मैं हूँ अनु मेहता। मैं आज आपके सामने एक बहुत मेहनती और बहादुर और हिम्मती लड़की के बारे में बताना चाहती हूँ “छू ले आसमान” कविता को पूरा पढ़े….
आईये पढ़ते है. कुछ ऐसे ही मेहनती और निडर शेरो के बारे में परिचय करवाती हूँ.. जिन्होंने ये साबित कर दिया है लड़किया लड़को से 100 क्या 1000 कदम आगे है जो आसमां की इन्हीं खूबियों को अपने में समेटे हुए हैं……. एक ऐसी लड़की जिसने कम उम्र में इतनी सारी मेहनत कर के अपने माता – पिता (मम्मी डैडी) का नाम रोशन किया है और आने बाली युवा- बर्ग को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया है……. और उन्होंने खुद को हर क्षेत्र में साबित किया है। एक अच्छी बेटी, एक अच्छी बहन, एक अच्छा इंसान, एक अच्छी मालिक(A good daughter, a good sister, a good person, a good boss, a good author) उसका नाम ऐश्वर्या नीर (Aishwarya Nir) है, Nir Mam Director At Aishwarya Group And founder of Global Beauty Secrets…
Nir Mam के बारे में अधिक जानकारी चाहिए तो https://discovergbs.com
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“छू ले आसमान” को पीछे मुड़कर ना देख,
ये दुनिया आप से जलती है और जलती रहेगी….
आप से बढ़कर इस दुनिया में ना कोई है, ना कोई देखा और कोई ना ही होगा,
आज दिल की बात मेरी जुबाँ पर आ गई,
क्या खूब हैं आपकी आँखे, इन आँखे में जिंदगानी है हमारी,
आप सुंदरता की मूरत हो,
अपने मम्मी पापा की आंखों का नूर हो,
अपने भाई की जान- जहांन हो,
आप मृगनयनी हो, चंचल चितवन, चितचोर हो,
काले बादलों जैसा लंबे घने जो बाल आपके, कपोलों पर पड़ती एक लट, अद्भुत लगती है।
दामिनी जैसी आग है आप में,
क्रोध कभी देखा नहीं,
मैं ज्यादा जानती नहीं आपको,
दया की मूर्ति, करूणा की सागर हो,
कल -कल करती नदी के जेसी, बाधाओं को पार करती हो,
विशाल सागर जेसा दिल, जिसमें दुखियों के
दुख समेटने की ताकत है रखती हो आप
इतना ही जानती हूँ आपको, हमारी कंपनी का मान-समान हो आप, अपनी मेहनती और निडरता से चार चांद लगती हो आप….
Happy Woman Day Mam
अगर आपको “छू ले आसमान” कविता पसंद आये तो Plz , Like, Share, Comment करना ना भूले……. Thank You

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