by Pragya

चंद दिन

March 11, 2020 in शेर-ओ-शायरी

चंद दिन बचे हैं हम
दूर चले जायेंगे
कहे दे रहे हैं फिर लौट कर
ना आएंगे

by Pragya

बहुत पछताओगे

March 11, 2020 in Other

अब ना हम आयेंगे ना हमारा
निशान पाओगे
हमें खो कर
ओ बावरे
तुम बहुत पछताओगे

by Pragya

भलाई

March 10, 2020 in Other

बन्दर पान चबाता है और
भैंस जलेबी खाती है
आज के युग में ऐसा ही है
भलाई मारी जाती है

by Pragya

हतास

March 10, 2020 in Other

आज बहुत हतास
हुई हूँ हमेशा
ऐसा ही क्यूँ होता है
मेहनत करते हैं हम पर औरों को
फायदा होता है

by Pragya

मेरी याद

March 10, 2020 in हिन्दी-उर्दू कविता

आज तो तुम्हें भी
मेरी याद आई होगी
जब तुमने मेरा इंतजार किया होगा
और मैंने तुम्हें याद ही नहीं किया
कमी महसूस हुई होगी
जब तुम्हें मेरी जरूरत थी और
हम बहुत दूर खड़े थे
आज याद बहुत आई होगी
पर तुम्हें बता दें मेरी याद तो आएगी
पर अब मैं नहीं।

by Pragya

मेरे जनाजे

March 10, 2020 in शेर-ओ-शायरी

वो मेरे जनाज़े के
इंतजाम में लगे हैं
उन्हें बता दे कोई कि
अभी भी हम मरे नहीं
बाकी है हममें सब्र आज भी।

by Pragya

वैसे माफ भी

March 10, 2020 in शेर-ओ-शायरी

वैसे माफ भी कर देते तुम्हें
मगर तुमने इतने सितम किए
कि अब माफ करने की गुंजाइश ना रही

by Pragya

रूबरू तुम

March 10, 2020 in शेर-ओ-शायरी

रूबरू तुम हुए मगर
अफसोस इतना है कि
मेरे हो कर भी तुम मेरे ना हुए

by Pragya

गुजारिश की उसने

March 10, 2020 in शेर-ओ-शायरी

गुजारिश की उसने पर
मैने ना सुनी
शिकायत की उसने
मगर मैंने ना सुनी
यही सोच कर…..
कि उसने भी मेरी
कहां सुनी थी जब हमें उसकी जरूरत थी….

by Pragya

इंतेहा खत्म हुआ

March 10, 2020 in मुक्तक

इंतिहा खत्म हुआ
मेरी बेसब्री का
मुलाकात भी हुई उनसे
मगर कोई बात ना हुई
वह आकर चले गए मगर
मेरे होंठ सिले के सिले ही रह गए

by Pragya

तमाम

March 10, 2020 in शेर-ओ-शायरी

तमाम इन्तज़ार के बाद
वो आये थे
उनकी नजरों ने बहुत शिकायतें
की मेरी आँखों से

by Pragya

हम चिलमन से

March 10, 2020 in मुक्तक

हम चिलमन से ही झांकते
रह गए
वो रंगने हमें आये थे पर
पड़ोसन को रंग गए

by Pragya

हया

March 10, 2020 in शेर-ओ-शायरी

खत्म इन्तज़ार हो गया
वो आ तो गए
बुरा हो हया का
हम सामने ही ना पड़े

by Pragya

जुनून

March 10, 2020 in शेर-ओ-शायरी

जुनून हद में रहे तो अच्छा है
बस मुहब्बत हद से बाहर होनी चाहिए

by Pragya

भीग जाओगे

March 10, 2020 in शेर-ओ-शायरी

भीग जाओगे तो और रंगीन हो जाओगे
वैसे भी हो हसीं कम नहीं।

by Pragya

आज कर देगें

March 10, 2020 in शेर-ओ-शायरी

आज कर देंगे तुम्हें इस तरह रंगीन
ताऊम्र याद रखोगे मेरे रंग को

by Pragya

रंग में

March 10, 2020 in शेर-ओ-शायरी

सबके रंग में रंग कर आऑगे
तो हमारा रंग कैसे चढ़ेगा?

by Pragya

इन्तज़ार की हद

March 10, 2020 in शेर-ओ-शायरी

इन्तज़ार की हद खत्म होने को है
किस राह में बैठे हो सब्र खोने को है

by Pragya

गुलाबी आँखों से

March 10, 2020 in शेर-ओ-शायरी

गुलाबी आँखों से
यूँ मत देखो
इश्क की फुहार से भीगने
मत दो
मुझे बहुत सर्दी लगी
है आज।

by Pragya

रंगरेज़

March 10, 2020 in शेर-ओ-शायरी

होली के रंग में
रंग लो ए रंगरेज़
मीठे- मीठे बोल से
मन हर लो ए रंगरेज़ ।

by Pragya

तुम्हारा इन्तज़ार है

March 10, 2020 in Other

तुम्हारा इन्तज़ार है
कब आओगे
तुम्हारे इन्तज़ार में
कोरे बैठे हैं ।

by Pragya

रंग मोहब्बत का

March 10, 2020 in शेर-ओ-शायरी

रंग मोहब्बत का ही
चढा मुझ पर जो
लगाया था किसी रोज़
तुमने अपने हाँथों से
ना उतरा है कभी ना उतरेगा

by Pragya

कल मेरे घर

March 10, 2020 in शेर-ओ-शायरी

कल मेरे घर रंग लगाने आओगे?
फिर हमसे नज़रे चुराने आओगे?
मागा था जो तोहफ़ा मैने तुमसे पहले
वो ही प्यार तुम कल लौटाने आओगे?

by Pragya

तौबा

March 10, 2020 in मुक्तक

किसी को किसी की
खबर नहीं है
ए खुदा!
ये कैसा ज़माना आया
इन्सान तो है मगर
इन्सानो में इंसानियत
नहीं है तौबा ।

by Pragya

बारीकियाँ

March 10, 2020 in शेर-ओ-शायरी

बारीकियाँ होती हैं बहुत
हाल-ए-दिल समझना इतना
आसान नहीं
कुछ इशारों में समझ जाते हैं
किसी को जमाने लग जाते हैं

by Pragya

कल मुलाकात

March 10, 2020 in Other

कल मुलाकात उनसे होगी
खुशी है बहुत
कुछ गुफ्तगू भी होगी
उम्मीद करती हूँ

by Pragya

जब भी मैं

March 10, 2020 in Other

जब भी मैं मंदिर जाती हूँ
बस यही इल्तिजा करती हूँ
भगवान सबका भला करे और
शुरुआत हो हमसे।

by Pragya

हम रंग नहीं खेलते

March 10, 2020 in मुक्तक

हम रंग नहीं खेलते कुछ बात हो गई
हम राज़ नहीं खोलते कुछ बात हो गई
मिली जब नज़र उनसे
फिर नज़र ना हटी
हम देखते ही रह गए कुछ बात हो गई

by Pragya

कौमुदी की आँच

March 10, 2020 in शेर-ओ-शायरी

आसमान की चादर में
लिपटे अनगिनत सितारे हैं
कौमुदी की आँच पर कई
अरमाँ सुलग रहे हैं

by Pragya

गुमनाम ना होने देंगे

March 10, 2020 in शेर-ओ-शायरी

गुमनाम ना होने देंगे
पहचान को अपनी
अब छोड़ दिया शौक
तुझसे दिल लगाने का ।

by Pragya

उनकी यादों का पीछा

March 9, 2020 in शेर-ओ-शायरी

उनकी यादों का पीछा
करते-करते हम
उन तक तो
पहुंच जाएंगे पर
ये तो बता ए खुदा! उनके दिल तक कैसे जाएंगे।

by Pragya

लगे हैं वह हमसे

March 9, 2020 in शेर-ओ-शायरी

लगे हैं वह हमसे नजरें चुराने
शायद उन्हें अपनी भूल का एहसास है
चलो अच्छा है पता तो चला
किसी चीज का तो एहसास है
मोहब्बत का ना सही, भूल का ही सही।

by Pragya

चिट्ठियां

March 9, 2020 in शेर-ओ-शायरी

दिल की बातें बोलती हैं
चिट्ठियां राज कितने खोलती हैं चिट्टियां
भावों को जीवंत बनाती हैं,
आंखों को भिगोती हैं चिट्ठियां

by Pragya

जब तुम्हारी याद

March 9, 2020 in शेर-ओ-शायरी

मुड़ कर ना देखेंगे दोबारा
रोज़ यही फैसला किया करते हैं
पर जब तुम्हारी याद आती है तो
हौसले टूट जाते हैं

by Pragya

गिनतियाँ

March 9, 2020 in शेर-ओ-शायरी

गिनतियाँ करते हो मुझे
याद कितनी बार करते हो
हम तुम्हें कितनी दफ़ा ढूंढते हैं
अपने आप में कभी ये भी गिन लिया करो ।

by Pragya

नजर तो आओ कभी

March 9, 2020 in मुक्तक

नज़र तो आओ कभी
नज़र को नजरों से मिलाओ कभी
सपने तो बहुत दिखाये तुमने,
एक सपना सच कर जाओ कभी।

by Pragya

रात पर छाई खुमारी

March 9, 2020 in मुक्तक

रात पर छाई खुमारी
बौने सपने हो गये
उम्र बीती तेरी आरजू में
सपने सपने हो गए

by Pragya

बीती रात मैं

March 9, 2020 in हिन्दी-उर्दू कविता

बीती रात मैं तेरी यादों के
आगोश में जाने लगी
विरह की वेदना से
मन को तड़पाने लगी
आँसुओ से भीगा लतपत
तन मेरा ओर मन मेरा
सेज की सिलवट और नर्मी
रूह को जलाने लगी
और तेरी जुस्तजू
में हम लगे सिमटने
फिर तेरे होंठो की नर्मी
मुझे याद आने लगी ।

by Pragya

चांद

March 9, 2020 in शेर-ओ-शायरी

चाँद छत पर से मेरे
रोज़ यूं गुजरता है
जैसे उसे मालूम हो
कि उसी के जैसे
मेरा यार दिखता है ।

by Pragya

तू मेरी आरज़ू

March 9, 2020 in शेर-ओ-शायरी

तू मेरी आरज़ू था
आरज़ू है और आरज़ू रहेगा ।
ये दिल कल भी तेरा था
तेरा है और तेरा ही रहेगा ।

by Pragya

तमन्ना

March 9, 2020 in शेर-ओ-शायरी

तमन्ना थी दिल में
तुम्हें पाने की
पर अफसोस तमन्ना ही
रह गई ।

by Pragya

तुम्हारी शिकायत

March 9, 2020 in शेर-ओ-शायरी

तुम्हारी शिकायत
खुदा से करेंगे
मेरी आँखों में तुम
हमेशा आँसू बन के आये

by Pragya

कितनी दफ़ा

March 9, 2020 in शेर-ओ-शायरी

कितनी दफा मैनें समझाया
तुम्हें
मुझें मत ठुकराओ मगर
तुम ना समझे तुम ना बदले।

by Pragya

रास्ते में

March 9, 2020 in शेर-ओ-शायरी

रास्ते में चलते हुए
कुछ पीछे छोड़
देते हैं लोग ।
पैसे कमाने के लिए
रिश्ते तोड़ देते लोग।

by Pragya

तुम कल मेरे घर

March 9, 2020 in शेर-ओ-शायरी

तुम कल मेरे घर आना जानम
होली है
थोड़ा घूंघट करके आना जानम
होली है

by Pragya

तुम कल मेरे घर

March 9, 2020 in शेर-ओ-शायरी

तुम कल मेरे घर आना जानम
होली है
थोड़ा घूंघट करके आना जानम
होली है

by Pragya

हौसले

March 9, 2020 in मुक्तक

मुड़ कर ना देखेंगे दोबारा
रोज़ यही फैसला किया करते हैं
पर जब तुम्हारी याद है तो
हौसले टूट जाते हैं

by Pragya

खुशामदीद

March 9, 2020 in शेर-ओ-शायरी

खुशामदीद आपको
बहुत व्यस्त हो आप
थोड़ा वक्त हमें भी
दे दीजिये
इतना भी मशरूफ होना
अच्छी बात नहीं साहिब

by Pragya

आरज़ू

March 9, 2020 in शेर-ओ-शायरी

ज़िन्दगी की आरज़ू में
मरते जा रहे हैं लोग
पैसे के नाम पर क्या क्या
गुनाह किये जा रहे हैं लोग

by Pragya

खुशबू

March 8, 2020 in हिन्दी-उर्दू कविता

खुशबू चमन में बिखरी
जा रही है
धूप की लौ
बढ़ती जा रही है ।
हवा ने खोल
दीये हैं आसमान के पंख
जमीं सा हम
मिलते जा रहे हैं

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