
UE Vijay Sharma
ए ज़िन्दगी – 3
March 20, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता
ए ज़िन्दगी
तू इक दिन तो जानेगी,
हम तेरे कितने शौदायी हैं
…… यूई
ए ज़िन्दगी – 2
March 20, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता
ए ज़िन्दगी
आसान ना थी कभी तेरी राहें
पर हमने वफ़ा निभायी है
…… यूई
ख्वाब – 15
March 20, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता
चाहे दिन और रात के ख्वाबों का
इक दूजे से कोई रिश्ता नाता नही
दिन के ख्वाबों ने अकसर दे धोखा
यूई को रातों में खूब तड़पाया है
…… यूई
ख्वाब – 14
March 20, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता
कुछ ख्वाब होते हैँ जलती चिंगारी
उनका मिट कर बुझना है ज़रुरी
कुछ ख्वाब होते हैँ मौत से भारी
उनको जन्मा कर मिटाना भी ज़रुरी
…… यूई
ख्वाब – 13
March 20, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता
ख्वाब ना हैँ किसी की जागीर
ख़ुद ही अपनी मर्ज़ी के है पीर
आते किसी भी वक्त यहां पे
जाते हैँ किसी भी वक्त यहा से
…… यूई
ख्वाब – 12
March 20, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता
ख्वाब तो फिर ख्वाब है
एक उमर उनकी है तयशुदा
टूटते कितने है हर रोज़ यहां
जमते भी हैँ कितने रोज़ यहां
…… यूई
ख्वाब – 11
March 20, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता
ख्वाब चुनते है अकसर हर तस्वीर अधूरी
हो हर तस्वीर पूरी यह कतय नही ज़रूरी
ख्वाहिश-ए-दिल तेरे की क्या मर्ज़ीया यहा
पढ़ सकता है तो पढ़ टूटी सी तस्वीर अधूरी
…… यूई
ख्वाब – 10
March 20, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता
वोह दिन के हो या रात के
वोह ख़ुद के हो या मीत के
ख्वाब तो आख़िर ख्वाब हैँ
ख्वाबों को ख्वाब ही रह ने दो
ना डालो इनमें अरमान भींच के
…… यूई
ख्वाब – 9
March 20, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता
नए ख्वाबों का आना भी ज़रुरी है
पुराने ख्वाबों का जाना भी ज़रुरी है
है इनक़ी फि़तरत कुछ हमारी मानिंद
नये के लिए पुराने का जाना भी ज़रुरी है
…… यूई
ख्वाब – 8
March 20, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता
ख्वाब भी है कुछ हमारे ही जैसे
चाहे दिखते हैँ बाहर से इक जैसे
उम्र यहां किसी की पूरी किसी की अधूरी
उम्र ख्वाबों की भी कभी पूरी कभी अधूरी
…… यूई
ख्वाब – 7
March 20, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता
रातों के ख्वाब गर लुट जाएँ
तो उनका कुछ भी गम नहीं
दिन के ख्वाब गर लुट जाएँ
ज़िन्दगी में फिर गम कम नहीं
…… यूई
ख्वाब – 6
March 20, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता
ख्वाब वही आँखें वही
सोच वही सोचने वाला वही
रात के ख्वाबों की तस्वीर नही
दिन के ख्वाबों की तक़दीर नही
…… यूई
ख्वाब – 5
March 20, 2016 in शेर-ओ-शायरी
ख्वाब मेरे दुश्मन तो नही
पर तब वोह मुझको चुभते हैँ
जब रूह तड़प कर उठती है
वोह जलता है कुछ अन्दर से
…… यूई
ख्वाब – 4
March 20, 2016 in शेर-ओ-शायरी
कुछ ख्वाब कभी रुक जाते हैँ
ता-उमर बना घर पलकों तले
हां बाहर से वोह दिखते नही
अन्दर से पल पल तड़पाते है
…… यूई
ख्वाब – 3
March 20, 2016 in शेर-ओ-शायरी
दिन के ख्वाब रातों में
रातों के ख्वाब दिन में
गर ना दिलाएँ याद अपनी
तो ज़िन्दगी हो जाए अपनी
…… यूई
ख्वाब – 2
March 20, 2016 in शेर-ओ-शायरी
रात के ख्वाब सुलाते हैं
दिन के ख्वाब रुलाते हैँ
मंज़िर वोह खुली आँखों के
अन्दर से काट काट कर जाते हैँ
…… यूई
ख्वाब – 1
March 20, 2016 in शेर-ओ-शायरी
रात के ख्वाब ना दिन में कभी मुझे सताते हैं
दिन के ख्वाब क्यों रातों को बेकरार कर जाते हैं
…… यूई
ए ज़िन्दगी – 1
March 19, 2016 in शेर-ओ-शायरी
ए ज़िन्दगी
ए ज़िन्दगी तुझे हर हाल में
चाहने की कसम हमने खाई है
…… यूई
तेरा सजदा – 117
March 13, 2016 in शेर-ओ-शायरी
तेरा सजदा – 117
कोई तेरी खुदाई में घुल, ख़ुद को खुदी भुलाई है
कोई अपनी खुदी में घुल, तेरी खुदी भूलाई है
…… यूई
तेरा सजदा – 116
March 13, 2016 in शेर-ओ-शायरी
तेरा सजदा – 116
कोई लाज-शर्म-हया-तेह्ज़ीब भूला तुझमें जान बसाई है
कोई लाज-शर्म-हया-तेह्ज़ीब भूला दुनिया में जान बसाई है
…… यूई
तेरा सजदा – 115
March 13, 2016 in शेर-ओ-शायरी
तेरा सजदा – 115
कोई जग की बेजड़-सोचें छोड़, तेरी ही सोच मन मन्दिर रचाई है
कोई जग की सब सोचे जोड़, सिर्फ़ तेरी सोच ही बस भुलाई है
…… यूई
तेरा सजदा – 114
March 13, 2016 in शेर-ओ-शायरी
तेरा सजदा – 114
कोई मन डोर तुझमें बंधवा खुदी ख़ुद से गँवाई है
कोई मन डोर ख़ुद में बंधवा खुदी स्दीवी गँवाई है
…… यूई
तेरा सजदा – 113
March 13, 2016 in शेर-ओ-शायरी
तेरा सजदा – 113
कोई तेरे इश्क में पूरा सौदाई है
कोई तेरे इश्क में भी हरजाई है
…… यूई
तेरा सजदा – 112
March 13, 2016 in शेर-ओ-शायरी
तेरा सजदा – 112
कोई मुश्क़िल हर पार कर तुझको स्दीवी पा जाता है
कोई मुश्किलों का राग आलाप तुझको खो जाता है
…… यूई
तेरा सजदा – 111
March 13, 2016 in शेर-ओ-शायरी
तेरा सजदा – 111
कोई काँटों पे चल समा तुझमें जाता है
कोई फूलों की राह भी ना चल पाता है
…… यूई
तेरा सजदा – 110
March 13, 2016 in शेर-ओ-शायरी
तेरा सजदा – 110
कोई तेरी जटिल राह् को अटल इरादों से पार कर जाता है
कोई तेरी जटिल राह् में कुछ कदमों में ही बहक जाता है
…… यूई
तेरा सजदा – 109
March 13, 2016 in शेर-ओ-शायरी
तेरा सजदा – 109
कोई तुझमें सिमट कर सकून पाता है
कोई तन में सिमट कर सकून पाता है
…… यूई
तेरा सजदा – 108
March 13, 2016 in शेर-ओ-शायरी
तेरा सजदा – 108
कोई तेरी आग में ख़ुद को जला जाता है
कोई ख़ुद की आग में सबको जलाता है
…… यूई
तेरा सजदा – 107
March 13, 2016 in शेर-ओ-शायरी
तेरा सजदा – 107
कोई तेरी रोशनी में जीवन भर जीता है
कोई तेरी रोशनी को जीवन भर खोता है
…… यूई
तेरा सजदा – 106
March 13, 2016 in शेर-ओ-शायरी
तेरा सजदा – 106
कोई तेरे पावन इश्क़ की रो में सर झुका कर बैठा रह्ता है
कोई ख़ुद की दुनियावी चाहतों में नशों में लिप्त रह्ता है
…… यूई
तेरा सजदा – 105
March 13, 2016 in शेर-ओ-शायरी
तेरा सजदा – 105
कोई अपनी हर सफलता को तेरी दुआ कह जाता है
कोई अपनी हर सफलता में ख़ुद की दुहाई देता है
…… यूई
तेरा सजदा – 104
March 13, 2016 in शेर-ओ-शायरी
तेरा सजदा – 104
कोई ग़ुरबत के वक्त को तेरी रज़ा मान हाथ जोड़ जाता है
कोई दौलत की माया में ख़ुद के गुणगान गाता रह जाता है
…… यूई
तेरा सजदा – 103
March 13, 2016 in शेर-ओ-शायरी
तेरा सजदा – 103
कोई तुझे पाने के इंतज़ार में ही मस्त रह्ता है
कोई ख़ुद की चाहों को पाने में ही खोया रह्ता है
…… यूई
तेरा सजदा – 102
March 13, 2016 in शेर-ओ-शायरी
तेरा सजदा – 102
कोई तेरी जूठन को भी चूम कर अपनाता है
कोई तेरे प्रशाद में भी स्वाद ढूंढ़ ना पाता है
…… यूई
तेरा सजदा – 101
March 13, 2016 in शेर-ओ-शायरी
तेरा सजदा – 101
कोई बिना ख्वाहिश के आजन्म तुझ्से मिलते रह्ता है
कोई बिना ख्वाहिश के कभी याद भी ना तुझे करता है
…… यूई
तेरा सजदा – 100
March 13, 2016 in शेर-ओ-शायरी
तेरा सजदा – 100
कोई बंद आँख कर तेरे मन में उतर जाता है
कोई खुली आँखों से भी तुझे ना जान पाता है
…… यूई
तेरा सजदा – 99
March 13, 2016 in शेर-ओ-शायरी
तेरा सजदा – 99
कोई तेरे सामने कुछ भी ना बोल पाता है
कोई तेरे सामने इच्छाओं का पिटारा खोल जाता है
…… यूई
तेरा सजदा – 98
March 13, 2016 in शेर-ओ-शायरी
तेरा सजदा – 98
कोई आँख खुलते ही तुझको सामने पाता है
कोई आँख खुलते ही पहले ख़ुद को धियाता है
…… यूई
तेरा सजदा – 97
March 13, 2016 in शेर-ओ-शायरी
तेरा सजदा – 97
कोई ख़ुद में भी तुमसे ही मिलता है
कोई सब में भी ख़ुद से ही मिलता है
…… यूई
तेरा सजदा – 96
March 13, 2016 in शेर-ओ-शायरी
तेरा सजदा – 96
कोई हर वक्त में बस तेरा ही रह्ता है
कोई हर वक्त में बस ख़ुद का ही रहता है
…… यूई
तेरा सजदा – 95
March 13, 2016 in शेर-ओ-शायरी
तेरा सजदा – 95
किसी का तुझसे मिलके जीना हो जाता है
किसी का बस ख़ुद में ही जीना रह्ता है
…… यूई
तेरा सजदा – 94
March 13, 2016 in शेर-ओ-शायरी
तेरा सजदा – 94
कोई मैं से तूं हो गया है
कोई तूं को मैं कर रहा है
…… यूई
तेरा सजदा – 93
March 13, 2016 in शेर-ओ-शायरी
तेरा सजदा – 93
कोई हर पल तुममें सिमटा रह्ता है
कोई हर पल ख़ुद में सिमटा रह्ता है
…… यूई
तेरा सजदा – 92
March 13, 2016 in शेर-ओ-शायरी
तेरा सजदा – 92
कोई अपनी दुआओं का असर तुमपे जमा गया है
कोई अपनी दुआओं की खाली पोली खोल गया है
…… यूई
तेरा सजदा – 91
March 13, 2016 in शेर-ओ-शायरी
तेरा सजदा – 91
कोई तुमसे मिल कर थम गया है
कोई तुमसे मिल कर चल गया है
…… यूई