रुकना हमने सीखा ही नही

March 21, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

रुकना हमने सीखा ही नही

झुकना ही ह्मारी नीयती है

मुश्किलें हजारों चाहे आयी हो

रुकना हमारी सोचो में नही

 

                     …… यूई

इक पल भी ना गँवाना

March 21, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

ओ चलने वाले मुसाफिर

गल्ती से रुक मत जाना

उसके मिलन की चाह में

इक पल भी ना गँवाना

 

                   …… यूई

जो सर करनी बाकी है

March 21, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

कितनी मंजिले पायी है

उनकी गिनती याद नही

जो सर करनी बाकी है

उनकी शक्लें याद सभी

 

                …… यूई

जन्मो जन्मो की राह् है

March 21, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

जन्मो जन्मो की राह् है

दिल में जलती तेरी चाह है

सफर में है आराम नही

तुझे पाए बिना थाह नही

 

                    …… यूई

शमा ने महफिल दूर् स्जायी

March 21, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

हम तो वोह परवाने है

जो शमा का दम भरते है

शमा ने महफिल दूर् स्जायी

हम इसका कब गम करते है

 

                  …… यूई

कदम जो आगे बड़ा लिए

March 21, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

फिर पीछे मुड़ कर देखना

हमने कभी सीखा ही नही

कदम जो आगे बड़ा लिए

उनको कभी खींचा ही नही

 

                …… यूई

मुड़ के देखे यह वक्त कहां

March 21, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

मुड़ के देखे यह वक्त कहां

हम तो सफर के शौदायी है 

 

                 …… यूई

रास्तों की मुश्किलों की हमें परवाह नही

March 21, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

रास्तों की मुश्किलों की हमें परवाह नही

जानते नही हम तो मंजिलों के दीवाने है

 

                      …… यूई

कबसे हूँ मै सफर में

March 21, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

कबसे हूँ मै सफर में

मुझको भी अब याद नही

रुकना मेरी नीयती नही

चलना मेरी रवानी है

 

            …… यूई

क्या पागलपन की बीमारी है

March 21, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

बेवज़ह इतना कुछ हो गया

क्या पागलपन की बीमारी है

ख़ुद का तीर, ख़ुद का कमान

ख़ुद के मरने की पूरी तैयारी है

 

              …… यूई

बच तो तुम भी ना पाओगे

March 21, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

तुम मेरी बारी के प्यासे हो

बच तो तुम भी ना पाओगे

मेरी वजह तुम क्या बने हो

तुम्हारी वजह की तैयारी है

 

             …… यूई

आज नही तो कल आएगी

March 21, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

आज नही तो कल आएगी

बस तेरी मेरी ही तो बारी है

आज बच जाएँ भी तो क्या

कल को बस मेरी ही बारी है

 

             …… यूई

करता क्रम सब है उसके

March 21, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

करता क्रम सब है उसके

सब उसके ही तो अधीन है

वजह है हर शय में उसकी

हर शय उसके अधीन है

 

             …… यूई

बेवज़ह चाहे दिखता यहा पे

March 21, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

बेवज़ह चाहे दिखता यहा पे

बेवज़ह यहा कुछ भी तो नही

 

              …… यूई

ऐसे जाना या वैसे जाना

March 21, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

ऐसे जाना या वैसे जाना

यह तो सब बहांने है

 

              …… यूई

वोही तो सब कुछ करता है

March 21, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

यह सब मन की उलझनें है

के हम ही सब यहां करते है

हम तो कुछ ना करते यहां पे

वोही तो सब कुछ करता है

 

               …… यूई

तीर चलाने से पहले सोचो

March 21, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

तीर चलाने से पहले सोचो

ज़ुबान चलाने से पहले सोचो

कमान से निल्का हुआ तीर

ज़ुबान से निकला हुआ तीर

दोनों वापस क्भी नही आते

 

               …… यूई

आज आनी है कल आनी है

March 21, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

आज आनी है कल आनी है

बारी तो सबकी आनी ही है

             

              …… यूई

कुछ भी ना होता बेवज़ह

March 21, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

कुछ भी ना होता बेवज़ह

हर चीज में उसकी मर्ज़ी है

 

              …… यूई

ख़ुद जीता और दूसरों को जीवा जाता

March 21, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

झुका के मन को जीना सिखा जाता

ख़ुद जीता और दूसरों को जीवा जाता

अकड़ तेरी किस कम की निकली

जिसने तेरी सारी हस्ती ही निगली

                         …… यूई

है यह नियम कुदरत का

March 21, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

है यह नियम कुदरत का

जो भी यहां अकड़ता  है

छोटे से झोंके सह ना पाता

टूटता वोह सबसे पहले  है

                         …… यूई

झुकना है दरबार में जाके

March 21, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

झुकना है दरबार में जाके

फिर क्यों इतनी हांके तू

उसको जो पसंद है बंदिया

उसको क्यों ना जाने तू

                         …… यूई

तू तुच्छ सा जीव ओ बंदिया

March 21, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

तू तुच्छ सा जीव ओ बंदिया

किस बात पे इतना अकड़ता तू

पल भर की तेरी हस्ती नही है

किस बात पे इतना इतरता तू

                         …… यूई

निम्न मन ही तो सबको अपना पता

March 21, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

झुकना है निशानी मन निमाने की

निम्न मन ही तो सबको अपना पता

निम्न मन ही तो सब सच जान पता

निम्न मन ही तो असल में जी पाता

                         …… यूई

प्यार जब दिल में भर जाएगा

March 21, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

प्यार जब दिल में भर जाएगा

झुकना ख़ुद ही सीख जाएगा

                         …… यूई

अकड़ तेरे मन की काली छाया

March 21, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

अकड़ तेरे मन की काली छाया

इसको कर बड़ा क्या तू पाएगा

ख़ुद अंधेरों से निकाल ना पाएगा

किसी को क्या तू राह् दिखाएगा

                         …… यूई

मिलता गुरु का प्यार है

March 21, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

झुके हुए सर को

मिलता गुरु का प्यार है

अकड़े हुए सर को

मिलता गुरु का दुत्कार है

                         …… यूई

जिस ने पाया झुक के पाया

March 21, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

जिस ने पाया झुक के पाया

अकड़ के कुछ ना मिलता है

झुकना यह है जीवन की माया

झुक के ही सब मिलता है

                         …… यूई

सब तेरे मन के भ्रान्ति है

March 21, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

मेरा मेरा बस रटता रह्ता

सब तेरे मन के भ्रान्ति है

वक्त रहते संभल जा बंदिया

अभी भी कुछ ना खोया है

                         …… यूई

अकड़ तेरी सब झूठी बंदिया

March 21, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

अकड़ तेरी सब झूठी बंदिया

है कुछ ना तेरे हाथ में बंदिया

                         …… यूई

झुकाया कितनी शमशीरों को

March 21, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

झुके हुए सरो ने ही

सोच के शांत मन से

झुकाया कितनी शमशीरों को

बचाया है कितनी तक़दीरों  को

                         …… यूई

दिलों को सर कर पाएगा

March 21, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

झुका के सर अपना तू

दिलों  को सर कर पाएगा

झुका के मन अपना तू

सबको अपना बना जाएगा

                         …… यूई

झुके हुए सर निशानी है इंसानो की

March 21, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

झुके हुए सर निशानी है इंसानो की

अकड़े हुए सर निशानी है हैवानो की

 

                         …… यूई

सबसे मिलना सीख ले बंदिया

March 21, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

अकड़ अकड़ में मिट जाएगा

कुछ ना तुझको मिल पाएगा

सबसे मिलना सीख ले बंदिया

झुक के जीना सीख ले बंदिया

 

                  …… यूई

तपती आग में सेका जाएगा

March 21, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

अकड़ अकड़ करता है बन्दे

जब तू पूरा अकड़ा जाएगा

इक पल ना फिर बच पाएगा

तपती आग में सेका जाएगा

 

                  …… यूई

झुकना तेरी कमजोरी नही

March 21, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

झुकना तेरी कमजोरी नही

ना झुकना तेरी कमजोरी है

 

                  …… यूई

झुक के सब मिल जाता है

March 21, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

झुक के सब मिल जाता है

अकड़ के कुछ ना पाता है

 

                  …… यूई

जो झुका वोही तो फलता है

March 21, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

जो झुका वोही तो फलता है

जो अकड़ा वोही तो कटता है

 

                  …… यूई

झुकना ही तो नम्रता है

March 21, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

झुकना ही तो नम्रता है

अकड़ा वो तो मुर्दा है

                      …… यूई

आईना मेरा

March 20, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

तेरे इशक की शराब पी मैंने बरसों

पी मैंने पर बहक गया आईना मेरा

रकीब लगता है मुझे यह आईना मेरा

देखता है कोई भी सूरत इसमे अपनी

दिखाता है उसको यह बस चेहरा तेरा

                                           …….यूई

बातें करते थे

March 20, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

मयकदे की सीढ़ियाँ तो चढ़ ना पाए

कैसे रख पाओगे लाज़ तुम पैमाने की

बीच राह् में ही कही तुम बहक गए

कदम मंज़िल से पहले ही भटक गए

बातें करते थे तारों और आसमानो की

इस छोटी सी राह पर ही तुम बिखर गए

…..यूई

ए ज़िन्दगी – 12

March 20, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

ए ज़िन्दगी

 

जीतेंगे हम जीतेंगे इस मुश्किल को भी जीतेंगे

जीतेंगे हम जीतेंगे हम हारी बाज़ी जीतेंगे

जीतेंगे हम जीतेंगे भँवर से गुज़र कर जीतेंगे

जीतेंगे हम जीतेंगे तुझे पार लगा फिर जीतेंगे 

                        

                                      …… यूई

ए ज़िन्दगी – 11

March 20, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

ए ज़िन्दगी

 

इस बाधा को पार करने में

क्या हमें कठिनाई है

                        

                                      …… यूई

ए ज़िन्दगी – 10

March 20, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

ए ज़िन्दगी

 

सभी बाधाओं को तोड़,

चाहतें तेरी हमने कमाई हैं

                        

                                      …… यूई

ए ज़िन्दगी – 9

March 20, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

ए ज़िन्दगी

 

यह छोटी सी रुकावटे

तुम्हें हमसे ना ज़ुदा कर पायेंगी

                        

                                      …… यूई

ए ज़िन्दगी – 8

March 20, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

ए ज़िन्दगी

 

हौसलों की परवाज़ो से

हर मुश्किल छोटी कर पाई है

                        

                                      …… यूई

ए ज़िन्दगी – 7

March 20, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

ए ज़िन्दगी

 

लाखों अवरोधों से लड़

हमने तेरी नैया पार लगायी है

                        

                                      …… यूई

ए ज़िन्दगी – 6

March 20, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

ए ज़िन्दगी

 

मुश्किल राहों को सर करने की

            अपनी पुरानी रवाई है

                        

                                      …… यूई

ए ज़िन्दगी – 5

March 20, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

ए ज़िन्दगी

 

कितने व्यवधानों में डाल

तूने हमारी वफ़ा आज़्मायी है

                        

                                      …… यूई

ए ज़िन्दगी – 4

March 20, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

ए ज़िन्दगी

 

सब भँवरो और तूफानों से,

तुझे बचाने की इच्छाई है

                        

                                      …… यूई

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