क्यूँ

कुछ बच्चे औपचारिक शिक्षा के लिये अपने को अयोग्य पाते हैं किन्तु उनके अभिभावक इस सत्य को अस्वीकार करते हैं और अनावश्यक दबाव में बच्चे…

गाँठ

आज फिर तुम्हारे झगड़े ने देखो, कितने अरमान बहा दिए अभी उन होथो पर हर्ष था, इस धरा पर उनका निर्मल स्पर्श था| तेरी लड़ाई…

मुक्तक

चाहतों की ख्वाहिश फिर से बहक रही है! तेरी बेरुखी से मगर उम्र थक रही है! मेरा सब्र बिखर रहा है बेकरारी से, तेरे लिए…

savan

savan kahi na khi kuch to kami hai Savan ka mosam mai bhi halki halki nami haiii Khi na khi is savan mai kuch tou kamii haii Hum ek dusre k bhi hoke bhi ek dusre mai nhi haiii Sayad yhi vo kamiii haii Dil mai bate Teri akho mai yade Teri phir bhi q na Jane nizdikiyo k beech y doriya c baniii  haiii Savan mai deewana pan or us yr ka ye begana pan Savan mai khi na khi kuch tou kamiii hai Unki aahat humari rooh mai basi hai Meri saso KO unki saso SE iskadar mohobat hogyi Dil KO bhi pta na cha usse dhadak ne k liye kab unki jarurat siii hogyi Mere is savan mai kuch tou kami haii…

होली

  पलाश की खुशबू लिए होली के रंग, भिगो जाते हैं खुशियों की मस्ती में । गुलाल का गुबार भर देता है ऑंखों में अल्हड…

महीने का अंत

ज़िन्दगी गरम तवे सी हो रखी है। ऐसा-वैसा तवा नहीं। महीने भर खर्चों की आग में  सुलगता तवा!! गरम तवे को राहत देने महीने भर…

गजल

⚛⚛एक नाकाम कोशिश ⚛⚛   सही    राह    सबको    बताकर   तो    देखो यतीमों    को   अपना   बनाकर   तो…

डरता हूं

बढती हुई कट्टर हिंदुओं की अराजकता पर कुछ लाइनें   अब बाहर निकलने से भी मैं डरता हूं अपनी गोल टोपी पहनने से डरता हूं…

मुक्तक

जब तेरे ख्याल से मुलाकात हो जाती है! तूझे याद करते करते रात हो जाती है! रूकता नहीं है सिलसिला इरादों का मेरे, जब ख्वाबों…

मुक्तक

जख्म जिन्दा है तेरा याद भी आ जाती है! खामोश लम्हों में चाहत तेरी रुलाती है! मैं जी रहा हूँ तन्हा गम-ए-हालात से मगर, चुभन…

खेल

जिंदगी खेलती है खेल हर लम्हा मेरे साथ नहीं जानती गुजर गया बचपन इक अरसा पहले खेल के शोकीन इस दिल को घेर रखा है…

कविनिकेतन

यह कविता एक ऐसे आवास के विषय में है जो सिर्फ कवि या लेखकों के मन में निर्मित है। कवियों के उस आवास को मैंने…

कतरा कतरा रिसते रहे हम

कतरा कतरा रिसते रहे हम उनके इश्क़ में अपने ही अंदाज में हम उम्मीद है की नजर न होगी कोई शख्सियत तेरे इतिहास में हमे मगर एक आरज़ू है मगर दिल में एक नजर भर देख लीजिएगा लिपटे स्याह सफ़ेद लिबास में हमें ।। #suthars’    

lost relationships

  ऐ दिल आ गुफ्तगू करते है कुछ चल बता तू यूं उदास क्यूं है जिन रिश्तों की कोई तवज्जो न थी तुझे “सुथार” आज…

मुक्तक

कबतलक तेरा इंतजार करें? दर्द की नुमाइश हर बार करें! उलझी हैं मंजिलें हालात से, कबतलक तुमको हम प्यार करें?   Composed मिथिलेश राय ‘…

मुक्तक

किसी के वास्ते हम भी कमाल कर लेते हैं! अपने हर सकून का बुरा हाल कर लेते हैं! खोखले रिवाजों में हम जीते हैं जिन्दगी,…

मुक्तक

गम-ए-तकदीर के भी कैसे नजारे हैं! खौफ़ की राह पर ख्वाब सब हमारे हैं! मंजिलों को खोजती है ज़िन्दगी कोई, किसी की ख्वाहिशें ही टूटते…

जंग

जंग आजकल उलझा हुआ हूँ जरा कल और आज की अजीब सी उलझन में मेरे अंतर्कलह का दन्दव है ले रहा रूप एक जंग का…

गुज़ारिश

तेरे मेरे दरमियाँ जो फ़ासला है कम कर दे। मेरी आँखों के आँसुओं को तू शबनम कर दे। तूने वादा किया था मुझसे साथ देने…

इश्क़

इश्क़ यदि है हक़ीकत तो मैं सारी उम्र जागूँगा। मगर यदि इश्क़ सपना है तो मुझको सोया रहने दो। ज़माना इश्क़ को आशिक़ को अक्सर…

शीशे सी पहचान

ये दिल दिमाग़ मेरा, है साफ़ आईने सा। सचमुच में तुम हो जैसे, इसमें वही दिखेगा॥   फितरत में भी हमारी, शीशे सी ख़ासियत है।…

आरज़ू

जहाँ से मेरी यादें भी न तेरे पास जा पाएँ, बता ऐसे ठिकाने का हक़ीकत में पता क्या है। तुम्हारी दी सजा कोई भी सर…

सत्य

सच स्वयंसिद्ध होता है, हाँ तुम झूँठ स्वयं रच सकते हो। सच का छिपना नामुमकिन, बस कुछ दिन इससे बच सकते हो॥ झूँठ की दुनिया…

अहसास

ख़ुदा बनके अब तक जो मिलते रहें हैं, अब उन ख़ुदाओं से मन भर गया है। दुश्मनों ने न बरती कोताही ज़रा सी, हमेशा मुझे…

माँ

अहसास प्यार का माँ के, माँ की यादें, माँ का साथ। गज़ब सुकूँ मिलता है, जब माँ सर पर फेरे हाथ॥ माँ के हाँथ की…

ज़ख्म

मुहब्बत में ग़ुलाबों की, ज़ख्म काँटों से खाए हैं। जहाँ तुमसे मिले थे हम, वो बस्ती छोड़ आए हैं।।   जो सच्चे रिश्ते होते हैं,…

मुक्तक

मैं जी रहा हूँ तेरी कहानी बनकर! दीवानगी की तेरी रवानी बनकर! नाखुदा सी बन गयी हैं चाहतें मेरी, जख्में-जिगर में तेरी निशानी बनकर!   Composed By #महादेव

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