इलज़ाम #2Liner-82

March 28, 2016 in शेर-ओ-शायरी

ღღ__कुछ और इलज़ाम बाकी हों, तो वो भी लगा दो “साहब”;
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अभी ना-काफ़ी हैं सितम तुम्हारे, मोहब्बत में, जाँ से जाने को!!…‪#‎अक्स‬
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“बरसात” #2Linerr-81

March 27, 2016 in शेर-ओ-शायरी

 

ღღ__बिन मौसम बरसात यूँ, जला रही है मुझको “साहब”;
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जैसे शमाँ जलाती है, अपने परवाने को बुला के पास!!….‪#‎अक्स

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“आदत” #2Liner-80

March 25, 2016 in शेर-ओ-शायरी

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ღღ__रात के सन्नाटे की, कुछ ऐसी आदत लगी है “साहब”;
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कि सुबह के शोर में हमसे, अब और जिया नहीं जाता!!….‪#‎अक्स‬

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तेरी पहली नज़र का रंग

March 24, 2016 in शेर-ओ-शायरी

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ღღ__तेरी पहली नज़र का रंग ही, अब तक उतरा नहीं “साहब”;

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हम किससे खेलें होली, हमपे कोई रंग डालता नहीं !!…..

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“रंग” #2Liner-79

March 22, 2016 in शेर-ओ-शायरी

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ღღ__क्यूँ उड़ा-उड़ा सा लगता है, तुम्हारे चेहरे का रंग “साहब”;
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सब लोग तो कर रहे हैं, कि रंगों का त्यौहार आया है !!…..‪#‎अक्स‬
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“मोहब्बत” #2Liner-….78

March 21, 2016 in शेर-ओ-शायरी

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ღღ__ना कोई उम्मीद, ना तड़प, ना ही इंतज़ार किसी का;
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कितना अच्छा होगा वो जहाँ, जहाँ मोहब्बत नहीं होगी !!….अक्स

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“सज़ा”#2Liner-78

March 19, 2016 in शेर-ओ-शायरी

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ღღ__ख़ुदा से माँगते क्यूँकर, भला हम, दुआएँ उनके रोने की;
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वो इश्क करने लगें किसी से, सज़ा को इतना ही काफी है!!…..‪#‎अक्स‬

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कबसे चेहरा नहीं देखा!! #2Liner-77

March 18, 2016 in शेर-ओ-शायरी

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ღღ__कल फिर आईने ने मुझसे, ये पूछ ही लिया “साहब”;
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कि कहाँ रहते हो आज-कल, और कबसे चेहरा नहीं देखा!!…..‪#‎अक्स
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“प्यार” #2Liner-76

March 17, 2016 in शेर-ओ-शायरी

 

ღღ__प्यार को अशआरों में, बयान करना बड़ा मुश्किल है;
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ये तो अच्छा हुआ, निगाहों की हर बात वो समझते रहे!!….‪#‎अक्स

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“यादें” #2Liner-75

March 15, 2016 in शेर-ओ-शायरी

ღღ__सुलगती रहीं तुम्हारी यादें “साहब”, कल फिर से रात भर;
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मैं जलता रहा तमाम रात, फिर से आंसुओं की बारिश में !!….‪#‎अक्स‬

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“आखिरी ख्वाहिश” #2Liner-74

March 14, 2016 in शेर-ओ-शायरी

ღღ__चलो मिल ही लेते हैं “साहब”, फिर कभी न मिलने को;
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यही ख्वाहिश बची है दिल में, इक आखिरी ख्वाहिश की तरह!!….‪#‎अक्स‬
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“नाराज़गी” #2Liner-73

March 13, 2016 in शेर-ओ-शायरी

ღღ__ख़ुद से है, खुदा से है या तुझ से है “साहब”;
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जाने क्यूँ, इक नाराज़गी-सी रहती है आज-कल!!….‪#‎अक्स‬
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“इंतज़ार” #2Liner-72

March 12, 2016 in शेर-ओ-शायरी

ღღ__भला लफ़्ज़ों में इंतज़ार को, कहाँ तक लिखे कोई “साहब”;
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कभी तुम खुद ही आके देख लो, कि अब थक रहा हूँ मैं !!….‪#‎अक्स‬
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“लाजवाब” #2Liner-71

March 11, 2016 in शेर-ओ-शायरी

ღღ__भटक रहा था कबसे, मैं इक अनछुए सवाल की मानिन्द;
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तेरे खामोश-से जवाब ने “साहब”, लाजवाब कर दिया मुझे!!….‪#‎अक्स‬
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“रुक जाओ ना” #2Liner-70

March 10, 2016 in शेर-ओ-शायरी

ღღ__सुनो…तुम रुक ही जाओ ना मेरे पास, हमेशा के लिए;
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यूँ रोज़ आने-जाने में साहब, वक़्त बहुत लगता है !!……‪#‎अक्स

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“बाज़ी” #2Liner-69

March 10, 2016 in शेर-ओ-शायरी

ღღ__एक बाज़ी गर जीत भी गया, बेईमानी से वो साहब;
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महफिल फिर से सज जायेगी, कि वफात बाकी है मेरी !!……‪#‎अक्स‬

“तलब” #2Liner-68

March 9, 2016 in शेर-ओ-शायरी

ღღ__तुमसे मिलने की तलब, कुछ इस तरह लगी है “साहब”;
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जिस तरह से कोई मयकश, मयखाने की तलाश करता है !!…..‪#‎अक्स

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“शिकायत” #2Liner-67

March 8, 2016 in शेर-ओ-शायरी

ღღ__बहुत खामोश रहते हो, तुम भी आज-कल “साहब”‘;
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ख़ुदा से है शिकायत या, खुदी से नाराज़ रहते हो !!…..‪#‎अक्स‬
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“सिल-सिला” #2Liner-66…….

March 7, 2016 in शेर-ओ-शायरी

ღღ__मोहब्बत थी तुझसे ही, तुझसे ही हर गिला रहा;
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उम्र-ए-शब-ए-रोज़ का, बस यही सिल-सिला रहा !!……‪#‎अक्स

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“मोहब्बत” #2Liner-65….

March 6, 2016 in शेर-ओ-शायरी

ღღ__बिछड़कर देर तक तुझसे, उस दिन मैं सोंचता रहा “साहब”;
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मोहब्बत गर ना हुई होती तो, मेरा क्या हुआ होता !!……‪#‎अक्स‬
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“हद” #2Liner-64…..

March 5, 2016 in शेर-ओ-शायरी

ღღ__कभी फुरसत मिले जो ‘साहब’, तो पूरी ये अहद कर दो;
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कुछ इस हद तक मुझे चाहो, कि बस “हद” कर दो !!…..#अक्स
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“ज़मानत” #2Liner-63

March 4, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

ღღ___बहुत सुना था ऐ इश्क़, तेरे बारे में लोगों से;
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देख सांसों की ज़मानत पे, मैं तुझसे मिलने आया हूँ !!…..‪#‎अक्स‬
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“जवाब” #2Liner-62….

February 20, 2016 in शेर-ओ-शायरी

ღღ__मैं कह ही नहीं पाता, या तुम समझ नहीं पाते साहब;
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कि अक्सर कुछ सवालों के, कोई जवाब नहीं होते !!…..‪#‎अक्स‬
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“जुदा” #2Liner-61…….

February 19, 2016 in शेर-ओ-शायरी

ღღ__इसमें कोई शक नहीं, कि तुम सबसे जुदा थे “साहब”;
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मगर ऐसा भी क्या जुदा होना, कि हमसे ही जुदा रहो!!…..‪#‎अक्स
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कोई बद्दुआ करे!!#2Liner-60……

February 18, 2016 in शेर-ओ-शायरी

ღღ__तू गर नाराज़ है मुझसे, तो रह, खुदा करे;
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मैं भी चाहता हूँ मेरे हक़ में, कोई बद्दुआ करे!!……‪#‎अक्स‬
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” भूख ” (Poetry on Picture Contest)….

February 17, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

गरीबी ख़ुद के सिवा, औरों पे असरदार नहीं होती;

शायद इसीलिए भूखों की, कोई सरकार नहीं होती !!

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महज़ दो वक़्त की रोटी, और चन्द पैरहन तन पे;

फक़ीरों को इससे ज्यादा की, दरकार नहीं होती !!

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रोटियां फेंकने से बेहतर है, किसी गरीब को दे-दो;

किसी के खा लेने से, रोटी कभी बेकार नहीं होती !!

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भूख का दर्द “साहब”, हर एक दर्द से बढ़कर है;

गर ये दर्द ना हो तो, शायद कोई तकरार ना होती !!…..#अक्स

 

“शौक-ए-दीदार” #2Liner-59……

February 16, 2016 in शेर-ओ-शायरी

ღღ__इबादतगाह भी जाऊं तो, तुझे ही ढूँढती हैं नज़रें;
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शौक-ए-दीदार ने तेरे, मुझे काफ़िर बना दिया !!…..#अक्स
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“खत” #2Liner-58…..

February 15, 2016 in शेर-ओ-शायरी

ღღ__आखिर इसमें उनकी, खता भी क्या है साहब;
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जब मोम सा दिल रखोगे, तो दुनिया जलाएगी !!……#अक्स
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“मोहब्बत” #2Liner-57….

February 14, 2016 in शेर-ओ-शायरी

सुनते हो साहब, मोहब्बत गुज़र रही है अपनी;
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ღღ__मैंने देखा था उसे, तेरे साथ जाते हुए !!….‪#‎अक्स‬

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“तौबा साहब, तौबा” #2Liner-56…

February 13, 2016 in शेर-ओ-शायरी

ღღ__वो इक पल जिसमें तुम्हारे लब हों, मेरे लबों के पास;
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उस वक़्त भी हम रहें शरीफ?? “तौबा साहब, तौबा” !!…..#अक्स
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“तुमसे गले मिले हुए” #2Liner-56

February 12, 2016 in शेर-ओ-शायरी

ღღ__यूँ तो अरसा हुआ है साहब, तुमसे गले मिले हुए;
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पर जिस्म मेरा आज भी, इत्र-सा महकता है !!……#अक्स
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“याद” #2Liner-55

February 11, 2016 in शेर-ओ-शायरी

लो आ ही गयी साहब, उनकी याद, आज फिर आखिर;
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और वो आज फिर नहीं आये, इतने इंतज़ार के बाद !!…..‪#‎अक्स‬

“ख्वाब” #2 Liner-54

February 10, 2016 in शेर-ओ-शायरी

ღღ__आँखों को ख्वाब की, इस कदर भूख है साहब;
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जैसे लगता है ख्वाब में, “तुम” आ ही जाओगे!!…..‪#‎अक्स
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“इन्तेहा” #2Liner-53

February 10, 2016 in शेर-ओ-शायरी

तसव्वुर में तेरे, अब तो कटती नहीं रातें;

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आखिर तेरे इंतज़ार की, कोई इन्तेहा तो हो!!….#अक्स

“रस्ता”……#2Liner-52

February 10, 2016 in शेर-ओ-शायरी

ढूंढने से ही मिलता है, पर रस्ता ज़रूर होता है;

जो महँगा होता है कभी, वो सस्ता ज़रूर होता है!!…..#अक्स

“ख्वाहिश” #2Liner-51

February 9, 2016 in शेर-ओ-शायरी

ღღ__ख्वाहिश है इश्क की, और वो भी सुकून के साथ;
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तुम भी ना साहब, कभी-2 अच्छा मजाक करते हो !!……‪#‎अक्स‬
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वो कोई नादान थोड़े है! Entry for “Poetry on Picture Contest”

February 7, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

Entry for “Poetry on Picture Contest”

ღღ_हर लम्हा, हर लफ्ज़, बस एक ही आरजू;
अरे, दुनिया में बस वही, एक इंसान थोड़े है!
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याद करते रहते हो, रात-रात भर उसको;
अरे, सुबह को उसके बारे में, इम्तिहान थोड़े है!
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गर दूर जा रहा है वो, तो जाने भी दो साहब;
अरे, एक शख्स ही तो है, पूरा जहान थोड़े है!
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जो भी किया है उसने, जानबूझकर किया है;
आखिर दर्द से तेरे, वो कहीं अंजान थोड़े है!
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दर्द देता है वो बेशक, पर मज़ा भी तो देता है;
अरे मासूम है वो साहब, कोई बे-ईमान थोड़े है!
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कब्ज़ा किये बैठा है, और किराया भी नहीं देता,
अरे, मेरा दिल है साहब, उसका मकान थोड़े है!
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क्या ताकते रहते हो, यूँ आसमान में साहब;
अरे, बैठा हुआ ऊपर, कोई भगवान थोड़े है !
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मोहब्बत में तो ये सब, होता ही रहता है “अक्स”;
अरे, शिक़ायतों से क्या होगा, वो कोई नादान थोड़े है!……‪#‎अक्स‬

जिंदगी गुज़र गयी!!

February 7, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

Ankit Bhadouria

“यादें” #1Liner-50 ….

February 6, 2016 in शेर-ओ-शायरी

ღღ__दिल तो करता है कभी-2, तेरी यादों को ज़हर दे दूँ साहब;
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फिर सोंचता हूँ, भला ये भी, कोई उम्र है ख़ुदकुशी करने की!!….‪#‎अक्स‬
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“वो कोई नादान थोड़े है!”……….

February 5, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

ღღ_हर लम्हा, हर लफ्ज़, बस एक ही आरजू;
अरे, दुनिया में बस वही, एक इंसान थोड़े है!
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याद करते रहते हो, रात-रात भर उसको;
अरे, सुबह को उसके बारे में, इम्तिहान थोड़े है!
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गर दूर जा रहा है वो, तो जाने भी दो साहब;
अरे, एक शख्स ही तो है, पूरा जहान थोड़े है!
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जो भी किया है उसने, जानबूझकर किया है;
आखिर दर्द से तेरे, वो कहीं अंजान थोड़े है!
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दर्द देता है वो बेशक, पर मज़ा भी तो देता है;
अरे मासूम है वो साहब, कोई बे-ईमान थोड़े है!
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कब्ज़ा किये बैठा है, और किराया भी नहीं देता,
अरे, मेरा दिल है साहब, उसका मकान थोड़े है!
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क्या ताकते रहते हो, यूँ आसमान में साहब;
अरे, बैठा हुआ ऊपर, कोई भगवान थोड़े है !
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मोहब्बत में तो ये सब, होता ही रहता है “अक्स”;
अरे, शिक़ायतों से क्या होगा, वो कोई नादान थोड़े है!……‪#‎अक्स‬

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” हार बैठा हूँ !” #2 Liner- 49

February 2, 2016 in शेर-ओ-शायरी

ღღ__अक्सर खुद ही खुद से बाज़ियॉं, खेलता रहा साहब;
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डर तो अब लगता है, जब खुद को हार बैठा हूँ !!…..#अक्स
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“अक्स” #2 Liner-48

February 1, 2016 in शेर-ओ-शायरी

ღღ__कशिश आज भी वही है, और शिद्दत भी वही है “साहब”;
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महज़ ख्वहिशों का तेरी, “अक्स” बदला हुआ सा लगता है!!……#अक्स
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“फर्क” #2Liner-47

January 31, 2016 in शेर-ओ-शायरी

ღღ__आज भी तुमको, झूठ बोलना नहीं आता “साहब”;
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कि ठीक होने में, और कहने में बहुत फर्क होता है!!……#अक्स
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“सज़ा”#2Liner-46

January 30, 2016 in शेर-ओ-शायरी

ღღ__सज़ा में एक ही लफ्ज़ है, तेरे हर इक गुनाह का मेरे पास;
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कि तुम इतने मासूम हो साहब, जाओ “माफ” किया तुम्हें!!……‪#‎अक्स‬
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“खुशबू” #2Liner-45

January 27, 2016 in शेर-ओ-शायरी

ღღ__मेरे होंठों पे आज भी, कायम है तेरी खुशबू;
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इनपे भला शराब का, अब असर कहाँ होगा !!…….‪#‎अक्स
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“ख्वाहिशें”

January 26, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

ღღ_अजब ही चीज़ हैं, ये ख्वाहिशें “साहब”,
मैं टूट भी जाऊँ, तो बिखरने नहीं देती;
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एक तुम हो, कि मुझसे दूर ही रहते हो,
और एक ये हैं, कि मरने भी नहीं देतीं !!……‪#‎अक्स

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“सुकून” #2Liner-44

January 23, 2016 in शेर-ओ-शायरी

ღღ__कब तलक भटकोगे आखिर, महज़ सुकून की तलाश में;
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ये वो शै है “साहब”, जो शायद तेरे नसीब में ही नहीं !!……‪#‎अक्स
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“आरजू” #2Liner-44

January 22, 2016 in शेर-ओ-शायरी

ღღ__आरजू मौत की नहीं लेकिन, अब जी के भी क्या करना है;
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ज़िन्दगी जी भर के यूँ जी है, कि अब ‘जी’ भर गया शायद!!…..#अक्स
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“मौत” #2Liner-43

January 21, 2016 in शेर-ओ-शायरी

ღღ__मौत को भी आखिर, गुमराह कब तलक करते;
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ज़िन्दगी छोड़ दी हमने, हर लम्हा तुम्हारा करके !!…….‪#‎अक्स‬

ღღ__ज़िन्दगी भी कुछ ऐसे ख्याल में गुजरी

January 19, 2016 in शेर-ओ-शायरी

ღღ__ज़िन्दगी भी कुछ ऐसे ख्याल में गुजरी;

जैसे शब्-ए-फुरकत किसी मलाल में गुजरी !!

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जिसमें इश्क़, हो जाता है बे-वजह;

वो उम्र तो बस, अभी हाल में गुजरी !!

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क्यूँकर हसीन सपने, देख लेती है आँखें;

हकीक़त तो अक्सर, किसी सवाल में गुजरी !!

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तन्हाईयों की उम्र भी कितनी अजीब है;

रोज़-ओ-शब् बस एक ही हाल में गुजरी !!…… #अक्स

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