by Pragya

इस तरह बसा है

March 12, 2020 in शेर-ओ-शायरी

इस तरह बसा है तू दिल में
तुझे कैसे भूल सकती हूँ
तुझे दिल से निकाल नहीं सकती
पर दिल को निकाल सकती हूँ

by Pragya

खुदा का खौफ

March 12, 2020 in शेर-ओ-शायरी

मुझे ठुकरा कर वो दर- दर भटक रहा है
खुदा का खौफ देखो कभी इसके दिल से
कभी उसके दिल से निकल रहा है ।

by Pragya

तुम्हारे घर आने की

March 12, 2020 in हिन्दी-उर्दू कविता

तुम्हारे घर आने की बड़ी बेसब्री थी
मगर जब वापस आ रही थी
तो कोई मेरे कदम पीछे को खींच रहा था
वो मेरा दिल था
कदम भारी थे
रास्ता बहुत कठिन और दिल में बेचैनी सी थी
ना जाने क्यूं किसे पता
तुम्हारा इन्तज़ार किया मगर
दीदार ना हुआ
तभी तो उस दिन ठगा सा
महसूस हुआ मुझे
ऐसा एहसास फिर
कभी ना हुआ

by Pragya

इश्क की गुझिया

March 12, 2020 in शेर-ओ-शायरी

हमारे रिश्ते में मोवन कम था वर्ना,
इश्क की गुझिया खूब खुश्क होती।

by Pragya

चाभी के जैसे

March 12, 2020 in शेर-ओ-शायरी

तुम्हारा इंतजार किया आम पकने की तरह
तुम रोज ख्वाब में आए शाम की चाय की तरह
तुम खो गए चाभी के जैसे मगर
मैनें ढूंढा है तुम्हें मूंगफली के दाने की तरह

by Pragya

दूरियां

March 12, 2020 in शेर-ओ-शायरी

कौन कहता है दूरियां प्यार को बढ़ाती हैं
दूरियां बस दूरियां होती हैं
बस दूरियां ही बढ़ाती हैं

by Pragya

गूंजती रहेगी फिजाओं में

March 12, 2020 in शेर-ओ-शायरी

गूंजती रहेगी फिजाओं में
आवाज मेरे दिल की हर एक धड़कन
धड़कती रहेगी तेरा नाम सुनकर
तन्हाई एक कोने में पलती रहेगी।

by Pragya

यहाँ किसी को

March 12, 2020 in शेर-ओ-शायरी

यहां किसी को कुछ भी नहीं मिलता
किसी को मंज़िल तो किसी को रास्ता नहीं मिलता

by Pragya

एक गलतफहमी ने

March 12, 2020 in शेर-ओ-शायरी

एक गलतफहमी ने रिश्ता तोड़ दिया जिसे अपना सब कुछ मानते थे आज उसी को छोड़ दिया

by Pragya

फरेबी

March 12, 2020 in शेर-ओ-शायरी

कितनी बार पढ़ा था मैंने तेरी आंखों में अपना नाम पर तेरी आंखें भी तेरी तरह फरेबी थी

by Pragya

गिरेबान पर

March 12, 2020 in शेर-ओ-शायरी

गिरेबान पर हाथ डालने से पहले
एक बार सोच तो लिया होता
जिसे हाथ लगा रहे हो वो तुम्हें
दिल में बिठा कर पूजा करता है….

by Pragya

फुर्सत ही ना रही

March 12, 2020 in शेर-ओ-शायरी

एक वक्त था दिन रात सोचा करते थे तुम्हें आज तुम्हें सोचने की फुर्सत ही ना रही ….

by Pragya

फुर्सत ही नहीं

March 12, 2020 in शेर-ओ-शायरी

तुम हमारे बारे में सोचते भी कैसे
जिंदगी ने कभी इतनी फुर्सत ही नहीं दी

by Pragya

तुमने कह तो दिया

March 12, 2020 in शेर-ओ-शायरी

तुमने कह तो दिया
मेरे दामन में दाग बहुत हैं पर
शायद तुमने कभी अपने
ज़िस्म पर पड़ी चादर नहीं देगी।

by Pragya

कोई हसरत

March 12, 2020 in शेर-ओ-शायरी

ना रही कोई हसरत
ना कोई उम्मीद,
तुझे जब से भूल गई
जिंदगी बड़े आराम से कट रही है…

by Pragya

बड़ी घुटन होती थी

March 12, 2020 in शेर-ओ-शायरी

बड़ी घुटन होती थी जब हम तुम्हारे हुआ करते थे
रिश्ता बोझ बन गया था जब हम तुम्हारे हुआ करते थे

by Pragya

यह घर नहीं

March 12, 2020 in शेर-ओ-शायरी

यह घर नहीं दिल है मेरा
जिसमें तुम बड़े आराम से रहते हो।

by Pragya

जबसे दफन

March 12, 2020 in शेर-ओ-शायरी

जब से दफ़न अपने दिल में तेरी यादों को कर लिया….
सब पूछते हैं मैं क्यों खामोश रहती हूं?

by Pragya

जब से तुमको

March 12, 2020 in शेर-ओ-शायरी

जबसे तुमको भूल गई
सब कुछ अच्छा लगता है…..
पहले कोई काम ना था
तुझे याद करने के सिवा….

by Pragya

अब तुम्हारे बिन

March 12, 2020 in शेर-ओ-शायरी

पहले तुम्हारे बिन कुछ भी ना अच्छा लगता था
अब तुम्हारे बिन सब कुछ अच्छा लगता है

by Pragya

हर कोई

March 12, 2020 in शेर-ओ-शायरी

हर कोई बोलता है क्या खूब लिखती हो
मै तेरा ही दिया हर दर्द लिखा करती हूँ
उन नासमझों को कौन बताये

by Pragya

रात बीती

March 12, 2020 in शेर-ओ-शायरी

रात बीती तारे गिनते
और छाई खुमारी
बेखयाली में भी हम
तुझको बन हवा छू आये

by Pragya

भुला दूंगी

March 12, 2020 in शेर-ओ-शायरी

भुला दूंगी अब ना याद करूंगी उस जालिम को
ये झूंठा वादा मैं खुद से शुबहोशाम करती हूँ

by Pragya

तेरी आदतें

March 12, 2020 in शेर-ओ-शायरी

धोखा देकर प्यार जताती है
ए ज़िन्दगी!
तेरी आदतें हूबहू मेरे दोस्त जैसी हैं ।

by Pragya

और पूँछा

March 12, 2020 in हिन्दी-उर्दू कविता

जो भी मेरी कविता पढ़ता था
पूछता था एक मुस्कान- सी आती थी चेहरे पर
आज उन्होंने भी पढ़ा:-

और पूछा:-‘ किसके लिये लिखती हो?
मेरा ज़िस्म ऊपर से नीचे तक
कांप उठा…
ज़ज्बात जागे पर जुबां
खामोश रही…
कोई जवाब सूझा ही नहीं
ठगा सा महसूस हुआ
आया समझ
कितनी दूरियाँ हैं
हमारे दर्मियां…
जो शायद ही कभी मिट पायें ।

by Pragya

मुझे मुझ से

March 12, 2020 in हिन्दी-उर्दू कविता

उसने कुछ यूं देखा मुझको
जैसे रूह तक झांक लिया हो…
कुछ कहा तो नहीं मगर
सब कह भी दिया
कुछ ऐसी थी उसकी नज़रें…
दूरियाँ जरूर हैं हमारे बीच
लेकिन ये सच है
मुझे मुझ से बेहतर जानता वो।

by Pragya

शाम-सी

March 12, 2020 in हिन्दी-उर्दू कविता

जो भी मेरी कविता पढ़ता था
पूछता था एक मुस्कान- सी आती थी चेहरे पर
आज उन्होंने भी पढ़ा:-

और पूछा:-‘ किसके लिये लिखती हो?
मेरा ज़िस्म ऊपर से नीचे तक
कांप उठा…
ज़ज्बात जागे पर जुबां
खामोश रही…
कोई जवाब सूझा ही नहीं
ठगा सा महसूस हुआ
आया समझ
कितनी दूरियाँ हैं
हमारे दर्मियां…

by Pragya

शाम-सी

March 12, 2020 in शेर-ओ-शायरी

शाम- सी ढल गई मैं
तेरा इन्तज़ार करते करते।

by Pragya

कोशिश

March 12, 2020 in शेर-ओ-शायरी

कोशिश बहुत की मैनें नज़र चुराने की
वो सामने आये तो हम देखते रह गए ।

by Pragya

माजरा

March 12, 2020 in शेर-ओ-शायरी

मैनें कब मागा था उसको दुआओं में,
जरा सा वक्त क्या मांगा
माजरा बदल गया ।

by Pragya

अफसाना नहीं

March 12, 2020 in शेर-ओ-शायरी

अफसाना नहीं ये सदाकत है ….
लफ्ज़ खामोश थे फिर भी हमनें बात कर ली …

by Pragya

खफ़ा ही रहना

March 12, 2020 in शेर-ओ-शायरी

खफ़ा ही रहना
मत मानना है कसम तुमको
चाहें कुछ भी हो जाए
लौट के ना आना तुम ….

by Pragya

रंग धुल

March 12, 2020 in शेर-ओ-शायरी

दर्द कितने दिए तूने आज तक ना भरे ….
तेरा रंग धुल गया तेरे प्यार की तरह।

by Pragya

कुछ क्षण

March 12, 2020 in शेर-ओ-शायरी

बिता कर कुछ क्षण अपनी
तन्हाई के साथ जी कर
देखा….
पता चला कितना सुकून मिलता है…

by Pragya

कोमल मन

March 12, 2020 in हिन्दी-उर्दू कविता

कोमल मन और आत्मा से
आवाज़ दे रही है आहटे
कुछ पन्ने किताबों के पलट कर
वक़्त आया है मिलने……
सिसकियां खामोश होकर
गुनगुना रही हैं कल के किस्से
और तन्हाइयां बटोर लाई हैं
तमाम यादें…..
चलो कुछ ताज़े पानी के छींटे……
मार कर उन्हें ताज़ा करें
जो यादें पीछे छूट गयी ….
और मखमली ख्वाब जो
ना पूरे हो पाये उन्हें
फिर से देखें और
सच कर दें
सारी ख्वाहिशे अपनी…..

by Pragya

मीलों सफ़र

March 11, 2020 in शेर-ओ-शायरी

मीलों सफ़र करने के बाद
तुझ तक पहुँचे
फिर भी मीलों के फासले हैं

by Pragya

मासूम सा चेहरा

March 11, 2020 in शेर-ओ-शायरी

तुम्हारा मासूम सा चेहरा
दिल तो धड़का सकता है मगर
दिल चुरा नहीं सकता

by Pragya

फिर मन

March 11, 2020 in शेर-ओ-शायरी

फिर मन करता है तुमसे बात
करने का
मगर करेगें नहीं
तुम्हें छोड़ने का फैसला ना बदलेंगे

by Pragya

उनके देखने का

March 11, 2020 in शेर-ओ-शायरी

उनके देखने का अंदाज़
कातिलाना है
जब देखते हैं तो एक बिजली सी
दौड़ जाती है

by Pragya

वो राज़ी

March 11, 2020 in शेर-ओ-शायरी

राज़ी हो गए वो और
हमने रंग लगा दिया
क्या हुआ अगर
आज दूसरा दिन था…

by Pragya

महसूस

March 11, 2020 in शेर-ओ-शायरी

तुझे महसूस करने की कोशिश की
मगर महसूस कुछ भी ना हुआ
ना जाने क्यूँ तेरे जाने के बाद
आँख भर आई

by Pragya

श्रिंगार

March 11, 2020 in शेर-ओ-शायरी

करूँ कितना भी श्रिंगार मगर
जानती हूँ मैं
तेरे आगे कुछ भी नहीं हूँ

by Pragya

करूँ

March 11, 2020 in शेर-ओ-शायरी

करूँ कितना भी श्रिंगार मगर
जानती हूँ मैं
तेरे आगे कुछ भी नहीं हूँ

by Pragya

उनकी सादगी

March 11, 2020 in शेर-ओ-शायरी

बार- बार रोंकती हूँ मैं खुद को
मगर उनकी सादगी पर मर ही जाती हूँ

by Pragya

दर्मियां

March 11, 2020 in शेर-ओ-शायरी

दर्मियां उनको हमने पा करके
ना हमने पाया और ना खो पाये

by Pragya

वो आये

March 11, 2020 in शेर-ओ-शायरी

वो आये और हमें मुस्कुरा
के देखते रहे
हम नाराज़ थे
आँख उठा के भी नहीं देखा उनको

by Pragya

मेरे रंग

March 11, 2020 in शेर-ओ-शायरी

मेरे रंग धरे के धरे ही रह गए
वो आये और मेरी बेचैनी बढ़ा के चल दिए

by Pragya

तुम जाते हो

March 11, 2020 in शेर-ओ-शायरी

तुम जाते हो तो
वापस भी आ जाते हो
हम जिस दिन चले गए
दिल में क्या
ख्वाब में भी ना आएंगे

by Pragya

वो

March 11, 2020 in शेर-ओ-शायरी

वो जितनी मोहब्बत से हमें
देखते हैं काश !
उतना प्यार भी करते तो
कैसा होता!

by Pragya

हम इतने सस्ते

March 11, 2020 in शेर-ओ-शायरी

हम इतने भी सस्ते नहीं कि
चंद पैसों में बिक जायें
मेरे पापा कहते हैं:- मैं लाखों में एक हूँ

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