by vikash

भव-बंधन हारे

January 29, 2021 in गीत

भव-बंधन हारे
पार करो अब नईया मेरे
तुझ से ही अब सब कुछ मेरा
मुझमें नहीं रहा अब कुछ तेरा
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भव-बंधन हारे
पार करो अब नईया मेरे ।।1।।
—————————————–
तुझमें समर्पित मैं,
मुझमें समर्पित तुम,
फिर क्यूँ मन-माया नचाती हमें
——————————————-
भव-बंधन हारे
पार करो अब नईया मेरे ।।2।।
———————————————
हम तुम एक हैं मगर
तुझमे शक्ति है दुनिया की चलानी की,
हम तेरा दास विकास है,
अबकी बार भव-पार कर दो, तुम्हीं गणिका के राम हो ।।
—————————————–
भव-बंधन हारे
पार करो अब नईया मेरे ।।3।।
राम भक्त विकास कुमार

by vikash

मैं सबके सामने खड़ा हूँ

January 29, 2021 in हिन्दी-उर्दू कविता

मैं सबके सामने खड़ा हूँ,
तुम मुझे जानने की कोशिश तो कर
मैं बतला दूँगा, मैं कौन हूँ
तुम मन से विकार हटा के तो देख ।।1।।
—————————————
चलती राहों पे चलके पा सकते हो मुझे
अंदर की आवाज को अगर ना दबाओगे
तो मुझे शीघ्र ही खोज लोगे तुम
मैं वहीं हूँ, जहाँ तुम हो ।।2।।
———————————
दुनिया की भीड़ तुम्हें लाख मारने की कोशिश कर
लेकिन मैं तुम्हें हरवक्त साथ दूँगा
तु मेरा नाम जिह्वा से सिद्ध करके तो देख
मैं सबके सामने खड़ा हूँ ।।3।।
———————————–
कवि विकास कुमार

by vikash

बुरा नहीं है जग में कोई

January 29, 2021 in हिन्दी-उर्दू कविता

जय श्री राम ।।
—————————–
बुरा नहीं है कोई जहां में
हर लोग हरि-खिलौना है,
सबका अपना-अपना पाठ है,
सबको वही निभाना है ।।
———————————–
बुरा नहीं है कोई जहां में
हर लोग हरि-खिलौना है ।।1।।
————————————-
तीन गुण होता नरों में
मायापति की माया सबको नचाती है,
मन ही राम को मारती है,
मन ही राम को जीताती है ।।
—————————————–
बुरा नहीं है कोई जहां में
हर लोग हरि-खिलौना है ।।2।।
——————————————-
मन भटका, माया मारी
तब जाके मायापति की याद आई
राम नाम है, जग में हर दुःख की दवा
जो कोई लेता इसे, वही जीतता मन की व्यथा ।।
———————————————-
बुरा नहीं है कोई जहां में
हर लोग हरि-खिलौना है ।।3।।
कवि विकास कुमार

by vikash

ये दुनिया राम की है

January 29, 2021 in हिन्दी-उर्दू कविता

जय श्री राम ।।
—————————
घट-घट में राम बसे
तन-तन में राम बसे
कोई ढूँढे तो उसे सर्वत्र राम ही राम दिखे
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असत् की सत्ता कितना भी जोर लगा ले
मन माया जितना भी संयोग कर ले
पर राम की शक्ति के आगे सब क्षीण है
ये दुनिया राम की है -(2बार)
—————————–
हम नादान बालक है
हम पाप करते हैं
प्रभु जग के स्वामी हैं
सबको तारना प्रभु राम का काम है ।।
—————————————
ये दुनिया राम की है – (2बार)
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हम सब यहाँ कुछ दिनों के मेहमान है,
आने-जाने का खेल यहाँ सदा से होता आया है
राम ही आते, राम ही जाते
राम ही राम को पाते
—————————-
ये दुनिया राम की है – (2बार)
राम भक्त विकास कुमार

by vikash

ये दुनिया है, साथ नहीं देती कोई किसी का

January 29, 2021 in हिन्दी-उर्दू कविता

JAY SHRI RAM

कहने को तो कहती है दुनिया
साथ देंगे हम तुम्हारा
जब काम आती है साथ देने को
तब क्यूँ साथ छोड़ देती है जमाना
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ये दुनिया है, साथ नहीं देती
कोई किसी का ।।1।।
————————————–
चलती राहों पे चलना नरों का धर्म है
लोग भौंकते हैं श्वानों की तरह
उनकी बातों को कभी मन से नाही लेना है
मन तो सदा से ही इंसानों को नचाता आया है
पर जो नर मन को दबा दे अपनी आदर्श विचारों से
वहीं कर्मयोगी वीर कहलाता है ।।
——————————————–
ये दुनिया है, साथ नहीं देती
कोई किसी का ।।2।।
————————————–
किसी में इतना सामर्थ्य नहीं
कि वो सत्य की राह पे चल सकता है
सत्य ही सत्य की राह पे चलता है
ये सारी दुनिया जानती है ।।
—————————————-
किसी में इतना सामर्थ्य नहीं कि
वो किसी का मदद कर सकता है,
राम ही राम की मदद करता है
ये सारी सृष्टि जानती है ।।
———————————–
ये दुनिया है, साथ नहीं देती
कोई किसी का ।।3।।
राम भक्त विकास कुमार

by vikash

रमता योगी बहता पानी

January 29, 2021 in हिन्दी-उर्दू कविता

JAY SHRI RAM

वृक्ष कबहुँ नाही फल भखे,
नदी ना संचे नीर
परमारथ के कारण साधुन धरा शरीर ।।
———————————————–
रमता योगी बहता पानी
कभी न रूकता सुनो रे भाई!
जिसको जिससे मिलना है
मिलकर ही रहेगा ।
जो मरा है अबतक
उसको एक दिन जीना ही पड़ेगा ।।
—————————————
रमता योगी बहता पानी
कभी न रूकता सुनो रे भाई! ।।1।।
———————————
मन-माया लाख कोशिश कर ले,
नैनन को दबाने को
पर एक दिन आत्मा तो परमात्मा से मिलती ही है ।।
——————————————————-
रमता योगी बहता पानी
कभी न रूकता सुनो रे भाई! ।।2।।
————————————–
मोहान्ध कब-तक होओगे
कब-तक अंदर की आवाज को दबाओ
एक-ना-एक दिन खूद को जानोगे ही
उस-दिन खूद को पाओगे ।।
———————————–
रमता योगी बहता पानी
कभी न रूकता सुनो रे भाई! ।।3।।
————————————–
राम भक्त विकास कुमार

by vikash

परम सुख मिलेगा ब्रह्मचर्य पालन करने से

December 30, 2020 in मुक्तक

परम सुख मिलेगा ब्रह्मचर्य पालन करने से
कुछ नहीं रखा है गंदे ख्यालतों में ।।1।।
————————————-
अब तक जो करते आये हो गंदे काम
सब छूट जायेंगे तेरे ब्रह्मचर्य पालन करने से ।।2।।
—————————————
दो राहों पर कभी एक साथ नहीं चला करो मेरे दोस्त
कब तक अंदर की आवाज को दबाओ मेरे दोस्त ।।3।।
————————————————-
अप्राकृतिक मैथुन सबको बर्बाद करती,
लेकिन अंदर बैठा वह आत्मा सबको सही राह दिखाती ।।4।।
———————————————————–
तु अंदर की आवाज को दबाता जाता
और मन की बहकावे में बहकता जाता ।।5।।
——————————————
तु इंसान है, खुद पर नियंत्रण लगा सकता है
तु ब्रह्मचर्य का पालन करके मन को जीत सकता है ।।6।।
————————————————————
अपनी जिन्दगी सबके अपने हाथ में है
चाहो तो खूद को संभाल लो,
नहीं तो माया का बिगड़ना काम है ।।7।।
—————————————–
सबसे पहले खूद को सुनो, उसके बाद हरि भक्तों को,
अप्राप्त वस्तु को प्राप्त करना, यहीं ब्रह्मचारी का काम है ।।8
—————————————————–
अगर इस दुनिया में कुछ असंभव होता
तो सारी सृष्टि में कोई ब्रह्मचारी ना होता ।।9।।
—————————————-
मंथनहब, क्रेजी फिलोसर, अग्नि देव आर्य,
आचार्य प्रशान्त, पंडित रामकिंकर उपाध्याय,
राजीव दीक्षित, और बहुत सारे जिसे हम अभी तक नहीं जानते,
जैसे महान यूट्यूबर चैनल क्रियेटर देश की शान है ।
इन्हें सुनो और अपनी मानव जीवन सँवारो ।।
यही बताना दास विकास का काम है ।।10।।
राम भक्त विकास कुमार

by vikash

मा जानकी आरती

December 30, 2020 in गीत

जय दुखहरनी जय कल्याणी
सीता मईया सब सुख देती
जय दुखहरनी जय कल्याणी
सीता मईया सब सुख देती
——————————–
जय दुखहरनी जय कल्याणी
सीता मईया सब सुख देती ।।1।।
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जनकसुता तुम राम दुलारी
जय वैदेही राम की शक्ति
जन्मदायिनी तुम पालनकारिणी
भक्ति दो हे भक्ति माई
———————————————-
जय दुखहरनी जय कल्याणी
सीता मईया सब सुख देती ।।2।।
—————————————
भव बंधन से पार लगाओ ।।
जय मिथिलेश कुमारी काटो माया बंधन अब हमारी
संहारिणी तुम्हीं हो माता हमारी
भव बंधन से पार लगाओ ।।
————————————————-
जय दुखहरनी जय कल्याणी
सीता मईया सब सुख देती ।।3।।
कवि विकास कुमार

by vikash

।।ब्रह्मचर्य आरती ।।

December 30, 2020 in गीत

।।ब्रह्मचर्य आरती ।।
———————–
जय ब्रह्मचर्य जय ब्रह्मचारी
इस व्रत में प्रभु राम करो मदद हमारी
जय ब्रह्मचर्य जय ब्रह्मचारी
इस व्रत में प्रभु राम करो मदद हमारी
——————————————-
जय ब्रह्मचर्य जय ब्रह्मचारी
इस व्रत में प्रभु राम करो मदद हमारी ।।1।।
——————————————-
राम तुम बिन माया हमें नचाता
ये कैसा है पुत्र पिता का नाता
कि बेटा मरा जाता और पिता देखता रहता
——————————————-
जय ब्रह्मचर्य जय ब्रह्मचारी
इस व्रत में प्रभु राम करो मदद हमारी ।।2।।
—————————————————–
राम मेरे माथ पे अपना हाथ रख दो
और कुछ नाही माँगु मैं तुझसे,
सिर्फ अपना दासस्वीकार कर लो
————————————
जय ब्रह्मचर्य जय ब्रह्मचारी
इस व्रत में प्रभु राम करो मदद हमारी ।।3।।
कवि विकास कुमार

by vikash

एक दीप जलाओ ऐसा

December 30, 2020 in गीत

सौ दीप जला लो मंदिरों में,
चाहे हजार दीये जले तेरे आँगन में,
जब-तक तेरे मन की तम ना होंगे दुर ।
तब-तक है तेरे सारे दीये की रौशन सुन ।।
——————————————————-
एक दीप जलाओ ऐसा
जिससे विकार दूर हो तेरे मन का
एक दीप जलाओ ऐसा
जिससे विकार दूर हो तेरे मन का
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एक दीप जलाओ ऐसा
जिससे विकार दूर हो तेरे मन का ।।1।।
——————————————
झुठी सुख के पीछे भागोगे तो दुख ही मिलेगा
जब तक कर्म फल में तेरी आसक्ति रहेगा
ये फल की इच्छा तुम्हें चैन से सोने न देगा
झुठी सुख के पीछे भागोगे तो दुख ही मिलेगा
—————————————–
एक दीप जलाओ ऐसा
जिससे विकार दूर हो तेरे मन का ।।2।।
———————————————-
है सभी समस्याओं का निवारण दाता के नाम में
मन का विकार हटता सिर्फ ब्रह्मचर्य-पालन से
ब्रह्मचर्य एक परम साधना है,
जिसके करने से सब पाप मिटता है
ब्रह्मचर्य एक परम दीप है -2
जिसे तुम्हें अपने उर में जलाना है ।।
————————————————
एक दीप जलाओ ऐसा
जिससे विकार दूर हो तेरे मन का ।।3।।
कवि विकास कुमार

by vikash

रे! नर मन के बहकाबे में तुम कभी न बहकना

December 30, 2020 in गीत

मन के बहकावे में यदि तु बहकेगा
तो तेरा मानव जीवन व्यर्थ चला जायेगा
—————————————————
रे! नर मन के बहकाबे में तुम कभी न बहकना
इस मानव देह से तुम हरिगुण गाना
रे! नर मन के बहकाबे में तुम कभी न बहकना
इस मानव देह से तुम हरिगुण गाना
—————————————–
रे! नर मन के बहकाबे में तुम कभी न बहकना
इस मानव देह से तुम हरिगुण गाना ।।1।।
—————————————————
तेरे अन्दर बैठा रहता है एक देवता
तु उनकी बातों को कभी न नकारना
तुम गीता का पाठ बड़े ध्यान से करना
और उनका भाव तुम अपनी आत्मा से पुछना
———————————————-
रे! नर मन के बहकाबे में तुम कभी न बहकना
इस मानव देह से तुम हरिगुण गाना ।।2।।
—————————————————
फल की आसक्ति को तु खुद पर कभी हावी ना होने देना
जो देंगे प्रभु तुम उसी में खुश रहना
हरिनाम से तु कभी विमुख न होना
सुख हो या दुख तुम सदा राम राम जपना
———————————————–
रे! नर मन के बहकाबे में तुम कभी न बहकना
इस मानव देह से तुम हरिगुण गाना ।।3।।
कवि विकास कुमार

by vikash

परम सुख मिलने ब्रह्मचर्य से

December 27, 2020 in Other

ब्रह्मचर्य है तो जिन्दगी है,
अन्यथा जिन्दगी दुःखों का जड़ है ।।
कवि विकास कुमार

by vikash

पढ़गो तभी लिखोगो

December 27, 2020 in Other

वही रचेगा नया रचना
जो पढ़ेगा किसी का रचना
————————-
माना कविता लिखना होता है ईश्वरीय वरदान
लेकिन कवि भी होता है एक प्रकार का हरि का खास संतान
——————————————————————-
राम भक्त विकास कुमार

by vikash

उक्ति

December 27, 2020 in Other

यदि पढ़ोगो मन से किसी का कविता
तो जरूर मिलेगा कुछ नया सीखने का संदेशा
—————————————————
कवि सिर्फ वहीं नहीं है, जिन्हें इस धरा की शान मिली है
कवि तो वो है, जिसको उसने मान दिया है ।।
राम भक्त विकास कुमार

by vikash

मेरे लिए इतना काम करो मेरे दोस्त

December 27, 2020 in Other

vikashkrkamti4576@gmail.com

मेरे लिए इतना काम करो मेरे दोस्त
अपनी मौलिक रचना हमे EMAIL (vikashkrkamti4576@gmail.com)
पर भेजो मेरे दोस्त

MOBILEमें चलती नही मेरे SAAWAAN REDEFINING POETRY APP
LAPTOP में DATA की होती जाती है कमी,
तो हम कैसे पढ़ पायेंगे आपकी POETRY

मेरे लिए इतना काम करो मेरे दोस्त
अपनी मौलिक रचना हमे EMAIL पर भेजो मेरे दोस्त ।।

नोट-
मेरे MOBILE में SAAWAAN REDEFINING POETRY APP काम नहीं करती,
पर EMAIL काम करती है मेरे दोस्त ।
VIKASH KUMAR KAMTI

by vikash

राम आयेंगे तेरे द्वार

December 27, 2020 in गीत

राम आयेंगे तेरे द्वार
तु मन से हटा ले विकार
तेरा बेडा पार लगायेंगे राम
तु मन से हटा ले विकार

राम आयेंगे तेरे द्वार
तु मन से हटा ले विकार

गणिका को प्रभु उबारा
अहल्या को प्रभु तारा
तेरा भी शरनागत करेंगे स्वीकार
तु मन से हटा ले विकार

राम आयेंगे तेरे द्वार
तु मन से हटा ले विकार

पतितों को पावन करते है राम
भोगी को बैरागी बनाते है राम
सबको अपना आसरा देकर नाथ
सबका भावसागर पार लगाते है राम

राम आयेंगे तेरे द्वार
तु मन से हटा ले विकार
कवि विकास कुमा

by vikash

मेरे मालिक मेरा दोष माफ करना

December 27, 2020 in गीत

मेरे मालिक मेरा दोष माफ करना
हम है तेरी संतान, मुझसे प्यार करना ।
मेरे मालिक मेरा दोष माफ करना
हम है तेरी संतान, मुझसे प्यार करना ।।

मेरे मालिक मेरा दोष माफ करना
हम है तेरी संतान, मुझसे प्यार करना ।।1।।

तेरी माया है बड़ी मायावी,
फँसते है इसमें तीनों लोकों के प्राणी ।
तेरे नाम से सबका उद्धार होता,
तेरी कृपा जिसे मिले उसका भाग बदलता (भाग चमकताः) ।।

मेरे मालिक मेरा दोष माफ करना
हम है तेरी संतान ,मुझसे प्यार करना ।।2।।

क्या माँगु मैं तुझसे, बिन माँगे देने वाला तु कहलाता ।
तेरी चौखट पर सबकी फरियाद सुनी जाती,
चाहे कामी हो या वो हो ध्यानी ।
तेरी कृपा सब पर अकारण बरसती ।।

मेरे मालिक मेरा दोष माफ करना
हम है तेरी संतान ,मुझसे प्यार करना ।।3।।
कवि विकास कुमार

by vikash

तेरा सोया भाग बदल जायेगा

December 27, 2020 in गीत

राम नाम के जाप से होत क्लेश दूर ।
सीतानाथ के कृपा से भाग बदलता जरूर ।।

तेरा सोया भाग बदल जायेगा,
तु भज ले प्रेम से राम का नाम
तेरा जीवन सँवर जायेगा ।
—–
तु भज ले प्रेम से राम का नाम
तेरा जीवन सँवर जायेगा ।।1।।
—–
राम नाम बिन मुक्ति न मिलेगा
योनी पर योनी तुम्हें बदलना पड़ेगा ।
नर रूप मिला है तो नारायण को पा लो (भज लो )
नहीं तो घोर नरक में तुम्हें जाना पड़ेगा ।।
.——
तु भज ले प्रेम से राम का नाम
तेरा जीवन सँवर जायेगा ।।2।।

अन्त समय में तेरा उद्धार हो जायेगा ।
यदि तु प्रेम से भजता है राम का नाम
तो अन्त समय में तेरे हृदय में राम प्रकट हो जायेगा ।। (जायेंगे)

तेरा सोया भाग बदल जायेगा ।
तु भज ले प्रेम से राम का नाम
तेरा जीवन सँवर जायेगा ।।3।।

तु भज ले प्रेम से राम का नाम
तेरा जीवन सँवर जायेगा ।।
कवि विकास कुमार

by vikash

अब रहा न सहारा किसी का

December 27, 2020 in गीत

तेरी चौखट पर सब एक दिन दुनिया से हार के मस्तक नवाता ।
तेरा आशिष मिले बेगैर किसी का उद्धार ना होता ।।

अब रहा न सहारा किसी का,
एक तेरे अलावा ।
जहां ने लाख ठोकरे लगायी,
पर तुमने ही मुझको संभाला ।।

अब रहा न सहारा किसी का,
एक तेरे अलावा ।।1।।

सुख में जो तुमको भूल जाते,
प्रभु तुम उनके दुख की घड़िया हो काटते ।
सबके उर में एक दिन परम ज्योत जलाके,
प्रभु तुम सबके जीवन नईया पार लगाते ।।

अब रहा न सहारा किसी का,
एक तेरे अलावा ।।2।।


लाख सपने दफनते है इस दिल में
और ये छली दुनिया रोज मुझको छलते
जिस पर विश्वास करूँ, वहीं एक दिन दगा देते
किस पर विश्वास करूँ, ये बात समझ नहीं पाते ।।

अब रहा न सहारा किसी का,
एक तेरे अलावा ।।3।।

ओ मेरे मालिक, मेरे दाता ओ जग के तारनहार ।
तेरे सिवा इस जहां में कोई किसी का ना होता ।

अब रहा न सहारा किसी का,
एक तेरे अलावा ।।3।।

जहां ने लाख ठोकरे लगायी
पर तुमने ही मुझको संभाला ।
अब रहा न सहारा किसी का,
एक तेरे अलावा .। ।
कवि विकास कुमार

by vikash

पूरा जरूर पढ़े

December 27, 2020 in Other

पूरा जरूर पढ़े,
मैं विकास कुमार, मोबाल सैमसंग जेड 2 , जिसमें सावन ऐप काम नहीं करता, हम अभी LAPTOP से लिख रहे हैं ।
हम समूह में एक्टिप नहीं रह पाते, क्योंकि LAPTOP तो हर वक्त हाथ में रखकर चलाया नहीं जा सकता ।

सच जो आप सभी लोगों के लिए जानना जरूरी चाहिए ।
मैं बिहार का हूँ, जिला मुजफ्फरपुर, थाना कटरा, घर मोहनपुर , प्रसिद्ध स्थान — चामुण्डा मंदिर ।
योग्यता … बारहवीूं उत्तीर्ण ( वाणिज्य )
जीवन में मिला — सत्संग ( श्री रामचरितमानस के मर्मज्ञ के साथ बैठना– बुर्जूगों की उम्र — 75,65, वाले लोगों के साथः)
अब जीवन में उनके साथ नहीं रहने का दुख ।।
क्या-क्या पढ़ा है –
कौटिल्य अर्थशास्त्र, चाणक्यनीति, चाणक्यसूत्र, ( श्रीरामचरितमानस का स्वाध्याय निरन्तर )
हमारी उक्ति —
ब्रह्मचर्य के अभाव में हो रहा युवाओं का पतन
अब कौन-सी शिक्षा देती व्यवस्था कि बलात्कार कर रहे हैं लोग ।
आपका छोटा भाई, शिष्य, सुत, (उम्र — 22)
नाम विकास कुमार
पिता श्री भोला कमती
माता श्री फूल कुमारी देवी
घर मोहनपुर ।।

by vikash

जय शिवशंकर गौरीशंकर

December 22, 2020 in गीत

जय शिवशंकर गौरीशंकर
पार्वतीशिव हरे-हरे (2)
रामसखा प्रभु राम के स्वामी,
विष्णुवल्लभ भोलेनाथ ।
जय शिवशंकर गौरीशंकर,
पार्वतीशिव हरे-हरे (2) ।।1।।

कैलाशपति प्रभु औढ़रदानी,
नीलकंठ तुम सर्व दुखभंजन ।
दाता तुम्हीं हो तुम्ही विधाता,
तुम से ही जग सब सुख पाता ..
जय शिवशंकर गौरीशंकर,
पार्वतीशिव हरे-हरे(2) ।।2।।

श्रद्धाविश्वास के युगल रूप हो,
भवानीशंकर हृदय बसो अब,
राम की भक्ति तुमसे ही मिलती,
राम के स्वामी कृपा करो अब ।

जय शिवशंकर गौरीशंकर,
पार्वतीशिव हरे-हरे(2)।।3।।
कवि विकास कुमार

by vikash

बोलो राधे-कृष्णा, राधे-कृष्णा, कृष्णा-कृष्षा, राधे-राधे,

December 18, 2020 in गीत

कृष्ण ने बाँसुरी बजायी,
राधा के मन में प्रीत जगी ।
सारी दुनिया तम में है सोई,
राधा रानी प्रेम-मगन है खोई ।। (मग्न)

बोलो राधे-कृष्णा, राधे-कृष्णा, कृष्णा, कृष्णा, राधे-राधे,
बोलो राधे-कृष्णा, राधे-कृष्णा, कृष्णा-कृष्णा, राधे-राधे ।।1।।

राधे-कृष्णा का प्रेम अमर है,
दो देह एक परमतत्व है ।
सबके उर में कृष्ण बिराजे,
राधा-रानी शक्ति स्वरूप है ।।

बोलो राधे-कृष्णा, राधे-कृष्णा, कृष्णा-कृष्षा, राधे-राधे,
बोलो राधे-कृष्णा, राधे-कृष्णा, कृष्णा-कृष्णा, राधे-राधे ।।2।।

कृष्ण की महिमा राधे ही जाने,
राधे की महिमा संत-मुनि गाये,
जो नर संतों की वाणी गुनगुनाये,
वो नर जग में सब सुख पाते ।।

बोलो राधे-कृष्णा, राधे-कृष्णा, कृष्णा-कृष्षा, राधे-राधे,
बोलो राधे-कृष्णा, राधे-कृष्णा, कृष्णा-कृष्णा, राधे-राधे ।।3।।

गीतकार विकास कुमार

by vikash

ब्रह्मचर्य के ्

December 18, 2020 in Other

ब्रह्मचर्य के अभाव में हो रहा युवाओं का पतन
अब कौन-सी शिक्षा देती व्यवस्था कि बलात्कार कर रहे हैं लोग ।।
कवि विकास कुमार

by vikash

साथ मिले या ना मिले तुम्हें किसी का

December 16, 2020 in गीत

साथ मिले या ना मिले तुम्हें किसी का,
पर साथ दे तु हर किसी का ।
कर भला तु सदा जहां का,
क्या जहां से भला नहीं होता किसी का?

साथ मिले या ना मिले तुम्हें किसी का,
पर साथ दे तु हर किसी का ।।1।।

रौशनी अँधियारों में कभी भटकता नहीं,
मिल ही जाती है मंजिल उन्हें कभी-न-कभी ।
कल उन्हीं के राहों में फूल खिलेंगे,
आज जिनके पाँवों में काँटे चुभे हैं ।

साथ मिले या ना मिले तुम्हें किसी का,
पर साथ दे तु हर किसी का ।।2।।

मदद कोई व्यवसाय नही,
कि इसके बदले तुम्हें कोई शय मिले ।
मिलेंगे तुम्हें वो शय खूदा से,
जो दुनिया तुम्हें कभी दे न सकें।

साथ मिले या ना मिले तुम्हें किसी का,
पर साथ दे तु हर किसी का ।।3।।
गीत विकास कुमार

by vikash

लगा दो फाँसी मुझे

December 16, 2020 in Other

लगा दो फाँसी मुझे, मैं खुशी से झूम जाऊँगा ।
मैं भारत का लाल हूँ, अन्याय के विरूद्ध बिगुल फूँक दुँगा ।।
कवि विकास कुमार

by vikash

वक्त

June 30, 2020 in शेर-ओ-शायरी

वक्त ये रूख का कुछ तो साथ दिया ।
हम शायर बने तेरी शायरी का ।।
शायर विकास कुमार(बिहार)

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