Abhishek kumar
लाकडाउन 4.00
May 13, 2020 in Other
आत्मनिर्भर बना स्वावलंबी बनो
लाकडाउन 4.00 का यही है मंत्र
मास्क लगा घर से निकलो
हाथों को हरदम स्वच्छ रखो
अपने पैरों पर खड़े होकर
जिंदगी में आगे बढ़ो
रंग बदलती दुनिया
May 13, 2020 in मुक्तक
रंग बदलती दुनिया में बेरंग पड़ा है
सबका जीवन
फूलों से थोड़ा रंग चुरा कर
तितली से थोड़ा रंग चुरा कर
भर लो अपने जीवन में।
जीवन चलता है
May 13, 2020 in शेर-ओ-शायरी
जीवन चलता है चलता रहेगा
कल घुटनों के बल चलते थे आज पैरों पर खड़े हैं
कसम दे देकर
May 13, 2020 in शेर-ओ-शायरी
कसम दे देकर बर्बाद किया तुमने
जहर की बात तुम ना करो तो अच्छा है
गीत मुस्कुरा के
May 13, 2020 in शेर-ओ-शायरी
गीत मुस्कुरा के गाता हूं
जाने क्यों ग़ज़ल लिखने में आंख भर आती है
दूरियां बनाने से कुछ नहीं मिलता
May 13, 2020 in शेर-ओ-शायरी
दूरियां बनाने से कुछ नहीं मिलता
रिश्ते नज़दीकियों से ही चलते हैं
किरदार
May 13, 2020 in शेर-ओ-शायरी
किरदार निभा रहा हूँ अपना
नया भारत हूँ मैं
और दिल का तिरंगा लहरा रहा हूँ
तूने दूर किया है
May 13, 2020 in शेर-ओ-शायरी
तूने दूर किया है मुझको अपने साये से
मेरी दीवानगी देखो
तुझमे ही डूबा रहता हूँ
फूल की राहों में…
May 13, 2020 in शेर-ओ-शायरी
फूल की राहों में काँटे बिखरेता है कौन?
चांदनी रात में अकेला यहाँ आता है कौन?
किताबें खोल कर
May 10, 2020 in शेर-ओ-शायरी
किताबें खोल कर देखा नहीं तुमने शायद
पुराना बहुत हूँ पर अंदाज़ वही है
बरसों बाद आया हूँ
May 10, 2020 in शेर-ओ-शायरी
बरसों बाद आया हूँ उसी अंदाज़ में
वही स्फूर्ति का तूफान लेकर मैं
Safayikarmi
February 29, 2020 in शेर-ओ-शायरी
कितनी गंदी हैं तुम्हारे शहर की गलियां।
सब कुछ साफ़ रहता था जब हम रहा करते थे।।
दौर
February 3, 2020 in शेर-ओ-शायरी
गजब का हुनर है लोगो मे सच्चाई को छिपाने का।
खुद से ही खुद को खुदा मान बैठे है जमाने का।।
खुदा
February 3, 2020 in शेर-ओ-शायरी
गजब का हुनर है लोगो मे सच्चाई को छिपाने का।
खुद से ही खुद को खुदा मान बैठे है जमाने का।।
February
February 2, 2020 in शेर-ओ-शायरी
जाते हुये जनवरी ने जख्म फिर हरे कर दिये।
फ़रवरी प्रेम माह ने फिर दामन उम्मीद से भर दिये।।
दो पल
January 31, 2020 in शेर-ओ-शायरी
जब कोई हमसे हँसकर थोड़ा सा बोला देता है,
अपने दिल के दरवाजे हल्के से खोल देता है।
हम खुशी मे अपने आपको भूल सा जाते है,
दो पलो मे ही सारे जीवन की खुशियाँ पा जाते है।
Samay
January 28, 2020 in शेर-ओ-शायरी
समय तो समय पर ही समय से चलता रहता है।
फ़िक्र कहां है किसी को किसी की…?
जमाना तो यूं ही आगे बढ़ता रहता है।
उमर
January 27, 2020 in हिन्दी-उर्दू कविता
ढ़लती उम्र मे जनवरी को बीते दिसंबर की याद आयी है।
आज गुजरे हुये वर्ष की पीर उभर कर सामने आयी है।
Baat
January 24, 2020 in शेर-ओ-शायरी
न जाने किस मोड़ पर उनसे अब मुलाकात होगी।
दोस्तो! बताओ फिर कैसे बीते लम्हों पर बात होगी।।
कौन
January 22, 2020 in शेर-ओ-शायरी
मेरी कोशिशों को नाकाम करके तुझे क्यो अच्छा लगता है।
तेरे जहन मे ये जलन का मुद्दा ही क्यो चलता रहता है।।
है हिम्मत गर तुझमे तो तू कदम क्यो न आगे बढाता है।
तब देखूं मेरे सिवा तुझे कौन अपना नजर आता है।।
गुजारिश
January 19, 2020 in हिन्दी-उर्दू कविता
गुजारिश की मैने लाखों दफ़ा
रो रोकर उससे
दिल ना पसीजा मगर उसका
आंखें बंद होने को आयी हैं
बहुत रो चुके अब
दर छोड़ चला उसका
Aao kabhi
January 13, 2020 in Other
कभी आओं फुर्सत मे सब मिलजुलकर एक साथ बैठे,
कुछ तुम कहो अपनी और कुछ हाल हम भी पूछे।
इस जिन्दगी की आपाधापी मे हम खुद को ही भूल गये,
न जाने कितने रिश्ते-नाते हमसे पीछे छूट गये।
सबका जीवन है विपरीत परिस्थितियों से भरा हुआ,
हर इन्सान है रोजी-रोटी के चक्कर मे ही पड़ा हुआ।
ये तो सब चलता आया है और आगे भी चलता जायेगा,
मिलजुल लो सब आपस मे गुजरा वक़्त फिर न आयेगा।।
Sakshi hai ye duniya
January 12, 2020 in Other
जिसने तुमको जन्म दिया,जिसने तुमको प्यार से पाला,
बेशर्म!तूने उनको अपने कुकर्मो से कलंकित कर डाला।
प्यार किया था,प्रेम विवाह भी तुम कर लेती,
चुपचाप खुशी से अपने पति संग रह लेती।
तुमने तो अपने पिता की सामाजिक हत्या कर दी,
सरे बाज़ार उनकी इज्जत ही नीलाम कर दी।
दुनिया के आगे घड़ियाली आंसू तुम बहाती हो,
पिता से है जान का खतरा यह सबसे बताती हो।
वो तुम्हे क्या मारेगा,जिसे जीते जी तुमने मार दिया,
अपने कुल की मर्यादा को कालिख से तुमने पोत दिया।
तू!अपने माँ-बाप की न हुई,पति की क्या हो पायेगी!
दुनिया होगी साक्षी एक दिन तू दर-दर ठोकर खायेगी।
बरेली के विधायक अपनी पुत्री साक्षी से….
Bewafa
January 12, 2020 in शेर-ओ-शायरी
हम उन्हे और भी ज्यादा चाहने लगे।
जब से वो हमे बेवफा नजर आने लगे।।
Need nahi aati
January 10, 2020 in शेर-ओ-शायरी
नींद अक्सर आती नही है रातो मे,
मन उलझा रहता है अजीब बातों में।
बहुत उधेड़बुन है यार हमारी जिन्दगी मे,
आपसे अपना हाल कहते है हकीकत मे।।
खुशबू
January 10, 2020 in शेर-ओ-शायरी
नित भाव मन मे उमड़ रहे है
किन्तु लेखनी साथ न देती।
चहुँओर खुशबू को है बिखरना
परन्तु सरल समीर साथ न देती।।
साथ न देती
January 10, 2020 in शेर-ओ-शायरी
नित भाव मन मे उमड़ रहे है
किन्तु लेखनी साथ न देती।
खुशबू है चहुँओर बिखरने को तैयार
पर ये बेवफा पवन साथ न देती।।
Mausam
January 8, 2020 in शेर-ओ-शायरी
ये ठण्ड है कि बरसात कुछ समझ नही आता,
कि मौसम ले रहा है रोज इतनी अंगडाईयां।
खुश है कि रूठा हुआ है किसी से,
इसकी अदाओ को कोई क्यो समझ न पाता?
ऑनलाइन इन्कार
January 6, 2020 in शेर-ओ-शायरी
उनका प्यार से इनकार करना भी अब तो ऑनलाइन है।
अब ये कौन सी डिजिटल इंडिया की नयी गाईडलाईन है।।
Vardaan do
January 4, 2020 in Other
प्रभु जी एक वरदान दे दो,
कृपा जन मानस पर कर दो।
दिये है दो हाथ तो इन्हे काम मिल जाये,
खाली पेट न रहे कोई कुछ इन्तजाम हो जाये।
हुई हो कुछ गलतियां तो प्रभु जी क्षमा कर देना।
अपने भक्तो को अभय वरदान दे देना।।
राधे राधे
प्राइमरी का मास्टर
January 3, 2020 in Other
Dedicated to primary school teachers🙏🙏🙏🙏🙏🙏⚘🌹🌹
शीर्षक:-‘प्राइमरी के मास्टर’
अपने संकल्प,समर्पण से हम संभावनाओ को साकार बनाते है,
हम सब मिलकर ही बेसिक शिक्षा का दीप जलाते है।
हाँ,हम ही तो प्राइमरी के मास्टर कहलाते है।
नन्हे-मुन्हे बच्चो की तोतली बोली पर ककहरा राग सजाते है,
उनकी प्यारी लयबद्धता पर हम कविता पाठ कराते है।
हाँ,हम ही तो प्राइमरी के मास्टर कहलाते है।
ग्रामीण परिवेश के नौनिहालो को दुनिया की बात बतलाते है,
आंग्ल भाषा मे उनको सारी बात सिखलाते है।
हाँ,हम ही तो प्राइमरी के मास्टर कहलाते है।
पढ़ायी की गुणवत्ता मे हम आई.सी.टी. को अपनाते है,
बच्चों को योगा और पी.टी. भी नित्य कराते है।
हाँ,हम ही तो प्राइमरी के मास्टर कहलाते है।
स्वास्थ्य रक्षा हेतु हाथ धुलने की विधि सिखलाते है,
शौचालय के प्रयोग की महत्ता भी सबको बतलाते है।
हाँ,हम ही तो प्राइमरी के मास्टर कहलाते है।
बच्चो के भविष्य निर्माण हेतु हम नवाचार अपनाते है,
उनके जीवन मे हम ही शिक्षा की अलख जगाते है।
हाँ,हम ही तो प्राइमरी के मास्टर कहलाते है।
हाँ,हम ही तो प्राइमरी के मास्टर कहलाते है।।
नव वर्ष
January 1, 2020 in हिन्दी-उर्दू कविता
स्वागत है वन्दन है
नववर्ष का अभिनंदन है।
सुख,स्वास्थ्य और समृद्धि
प्राप्ति की नव आशायें है।
प्रफुल्लित हो मन सबका
नव प्रात में शुभकामनाएं है।
क्या बदलना
December 31, 2019 in गीत
मंच भी बदल जायेंगे,किरदार भी बदल जायेंगे,
वक्त के साथ चलते रहो,मंजर भी बदल जायेंगे।
हमेशा अपनी हिम्मत और हुनर पर भरोसा रखना,
जो ठीक लगे दिल को वही काम जूनून से करना।
हाथ की लकीरें का क्या?बनती है और बिगड़ जाती है,
कर्म हो अच्छे तो भाग्य भी खुद ही सुधर जाती है।
बेफिक्र होकर हमेशा बुलंदियों पर निगाह रखना,
उठ गये जो कदम तो अब पीछे क्या हटना।।
इश्क़
December 30, 2019 in शेर-ओ-शायरी
इश्क मे अब और क्या बाकी रह गया।
हमने तो आपसे दिल लगाकर देख लिया।।
चाय
December 28, 2019 in शेर-ओ-शायरी
दिल को अपने जलाकर भी इश्क़ करता है।
कुल्हड़ ही है जो गर्म चाय पर मरता है।।
हालात
December 27, 2019 in शेर-ओ-शायरी
तमाशा देखने वाले आ गये,
मेरे शहर मे कहां से ये लोग आ गये।
सबूत देना होगा सबको अपने मौजूद होने का,
आज कुछ अपने भी ऐसे हालात आ गये।
हालात
December 27, 2019 in शेर-ओ-शायरी
तमाशा देखने वाले आ गये,
मेरे शहर मे कहां से ये लोग आ गये।
सबूत देना होगा सबको अपने मौजूद होने का,
आज कुछ अपने भी ऐसे हालात आ गये।
तुम चले जाओगे
December 26, 2019 in शेर-ओ-शायरी
तुम चले जाओगे तो मेरी सांस चली जाएगी
दर्द रह जाएगा,आवाज चली जाएगी।
ज़िस्म रह जाएगा रूह चली जाएगी ।
तेरी नज़र
December 26, 2019 in शेर-ओ-शायरी
खामोश सा अफसाना
है राज़ कोई गहरा
ना जान सके कोई
वो चीज़ है तेरी नज़र
वक्त का मारा
December 26, 2019 in मुक्तक
वक्त का मारा हूं,हालात का मारा हूं
मौत भी आ जाए तो गम नहीं
ए दोस्त! मैं तो जिंदगी का मारा हूं