मुक्तक

October 17, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

मैं जिन्दगी में मंजिले-मुकाम तक न पहुँचा!
मैं जिन्दगी में प्यार के पयाम तक न पहुँचा!
यादों की डोर से बंधा हूँ आज भी मगर,
मैं अपनी चाहतों के अंजाम तक न पहुँचा!

रचनाकार – #मिथिलेश_राय

मुक्तक

October 14, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

किसतरह तेरी यादों की रात जाएगी?
किसतरह तेरे गम की सौगात जाएगी?
जागे हुए हैं ख्वाब भी आँखों में कबसे,
कब तेरी चाहत से मुलाकात जाएगी?

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

October 12, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

तेरी उम्र तन्हाई में गुजर न जाए कहीं!
तेरी जिन्दगी अश्कों में बिखर न जाए कहीं!
क्यों इसकदर मगरूर हो तुम अपने हुस्न पर?
कोई गम कभी दामन में उतर न जाए कहीं!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

October 11, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

आरजू हालात की मोहताज नहीं होती है!
ख्वाहिशों में लफ्जों की आवाज नहीं होती है!
जब रोक देती है कदमों को तकदीरे-मंजिल,
हर आदमी की कोशिश आगाज नहीं होती है!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

October 11, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

आरजू हालात की मोहताज नहीं होती है!
ख्वाहिशों में लफ्जों की आवाज नहीं होती है!
जब रोक देती है कदमों को तकदीरे-मंजिल,
हर आदमी की कोशिश आगाज नहीं होती है!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

October 10, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

जब हमारा किसी से रिश्ता टूट जाता है!
प्यार का हाथों से गुलिस्ताँ छूट जाता है!
हम खोजते हैं मंजिलें वफाओं की लेकिन,
रास्तों में वक्त का फरिश्ता रूठ जाता है!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

October 10, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

आज भी मुझको तेरा हसरत-ए-दीदार है!
आज भी मेरी नजर को तेरा इंतजार है!
जोड़ता रहता हूँ तेरी चाहतों की कड़ियाँ,
आज भी मुझको तमन्ना तेरी बार बार है!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

October 8, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

मैं तेरी तमन्ना को छोड़कर आया हूँ!
मैं दर्द की बंदिश को तोड़कर आया हूँ!
मैं भूल गया हूँ मंजिलें राह-ए-इश्क की,
अश्कों के तूफान को मोड़कर आया हूँ!

मुक्तककार – #मिथिलेश_राय

मुक्तक

October 7, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

मेरा सकून तेरी मुलाकातों में है!
तेरी तमन्ना दिल के जज्बातों में है!
हरवक्त खींच लेती है तेरी जुस्तजू,
तेरी यादों की खूशबू रातों में है!

मुक्तककार – #मिथिलेश_राय

मुक्तक

October 7, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

जबसे तेरी चाहत में नाकाम हो गया हूँ!
दर्द और तन्हाई का पैगाम हो गया हूँ!
मैं ढूंढता रहता हूँ सब्र को पैमानों में,
तेरी याद में भटकी हुई शाम हो गया हूँ!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

October 6, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

जबसे तेरी चाहत में नाकाम हो गया हूँ!
दर्द और तन्हाई का पैगाम हो गया हूँ!
मैं ढूंढता रहता हूँ सब्र को पैमानों में,
तेरी याद में भटकी हुई शाम हो गया हूँ!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

October 6, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

जबसे तेरी चाहत में नाकाम हो गया हूँ!
दर्द और तन्हाई का पैगाम हो गया हूँ!
मैं ढूंढता रहता हूँ सब्र को पैमानों में,
तेरी याद में भटकी हुई शाम हो गया हूँ!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

October 5, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

अभी रिश्ता दिलों का धड़कनों में चलने दो!
अभी #शामे_तन्हाई को रात में ढलने दो!
कभी तो मिलेगा हमें भी रास्ता मंजिल का,
रोशनी उम्मीद की बेखौफ सा जलने दो!

मुक्तककार – #मिथिलेश_राय

मुक्तक

October 5, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

क्यों जिन्दगी में प्यार से डरे हुए हैं लोग?
राहों में मददगार से डरे हुए हैं लोग!
ठहरी सी परछाइयां हैं मंजिलें बनकर,
गमों के कारोबार से डरे हुए हैं लोग!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

October 2, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

गुजरे हुए जमाने की तुम बात न करो!
दर्द के अफसाने की तुम बात न करो!
कुछ देर तलक होश में रहने दो अभी,
जाम के पैमाने की तुम बात न करो!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

October 1, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

काश तुमसे चाहत को बोल पाता मैं भी!
काश गाँठें लफ्जों की खोल पाता मैं भी!
ठहरी हुई निगाहें हैं मेरी पत्थर सी,
काश तेरी बाँहों में डोल पाता मैं भी!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

September 29, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

तुमको देखकर मेरा दिल मचलता है!
तुमको सोचकर मेरा दिल बहलता है!
कैसे मैं लगाऊँ जख्मों पर बंदिशें?
मुझको गमें-ख्याल दिन रात कुचलता है!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

September 29, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

यूँ ही उम्र तन्हा गुजरती रहेगी!
बस तेरा इंतजार करती रहेगी!
चाहत तैरती है अश्कों में लेकिन,
तेरी याद रगों में चलती रहेगी!

मुक्तककार – #मिथिलेश_राय

मुक्तक

September 26, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

यूँ ही उम्र तन्हा गुजरती रहेगी!
बस तेरा इंतजार करती रहेगी!
चाहत तैरती है अश्कों में लेकिन,
तेरी याद रगों में चलती रहेगी!

मुक्तककार – #मिथिलेश_राय

मुक्तक

September 25, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

यादों की करवट से लकीर सी बन जाती है!
दिल में तरंगों की तस्वीर सी बन जाती है!
जब भी आ जाता है सैलाब तमन्नाओं का,
दर्द की कड़ियों की जंजीर सी बन जाती है!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

September 23, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

हार कर भी तेरी कहानी की तरह हूँ!
हार कर भी तेरी निशानी की तरह हूँ!
ठोकरें खाता रहा हूँ उम्र भर लेकिन,
जोशे-जिदंगी में जवानी की तरह हूँ!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

September 21, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

तेरी चाहत मेरी आदत सी बन गयी है!
मेरी जिन्दगी की अमानत सी बन गयी है!
पलकों में चलते रहते हैं यादों के कदम,
मेरी बंदगी की इबारत सी बन गयी है!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

September 20, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

तेरा कबतलक मैं इंतजार करता रहूँ?
तेरी वफा पर मैं ऐतबार करता रहूँ?
दफ़न हो गयी है अंधेरों में जिन्दगी,
दर्दे-जुदाई में तुमसे प्यार करता रहूँ?

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

September 20, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

तेरी यादों की तन्हाई से डर जाता हूँ!
तेरी चाहत की परछाई से डर जाता हूँ!
टूट गये हैं ख्वाब सभी तेरी रुसवाई से,
तेरी जुल्फ की अंगड़ाई से डर जाता हूँ!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

September 18, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

अब तो मंजिलों के भी दाम हो गये हैं!
रिश्ते जिन्दगी के नीलाम हो गये हैं!
दर्द की लकीरें तैरती हैं अश्कों में,
अब तो जख्मों के कई नाम हो गये हैं!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

September 17, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

तेरा ख्याल जब कभी मुझको चूमता है!
हरतरफ फिजाओं में सावन झूमता है!
कबतलक मैं रोकूँगा प्यास धड़कनों की?
हर घड़ी दिल में तेरा ख्वाब घूमता है!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

September 16, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

शाम की तन्हाई में खामोशी आ रही है!
ख्वाबों और ख्यालों की सरगोशी आ रही है!
मुमकिन नहीं है रोकना यादों के कदमों को,
दिल में तेरे प्यार की मदहोशी आ रही है!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

September 15, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

इसकदर उलझी है जिन्दगी तकदीरों में!
हम राह ढूंढते हैं हाथ की लकीरों में!
इंसान डर रहा है आशियाँ बनाने से,
बंट गयी हैं बस्तियाँ कौम की जागीरों में!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

September 15, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

तेरे बगैर जिन्दगी बेजान सी रहती है!
तेरी बेवफाई से हैरान सी रहती है!
मेरी राह थक गयी है अब तो इंतजार की,
तेरी चाहत दिल में परेशान सी रहती है!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

September 14, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

तेरी आँखों में झील सी गहरायी है!
तेरी अदाओं में कैद अंगड़ायी है!
जबसे देख लिया है तेरे रुखसार को,
तेरी जिगर में तस्वीर उतर आयी है!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

September 11, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

तेरे बिना मेरी जिन्दगी कटेगी कैसे?
तेरे बिना मेरी तिश्नगी मिटेगी कैसे?
तेरी बेपनाह चाहत है आज भी दिल में,
तेरी आरजू इरादों से हटेगी कैसे?

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

September 10, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

तेरा ख्याल क्यों मुझको आता ही रहता है?
तेरा ख्याल मुझको तरसाता ही रहता है!
तेरी याद जुड़ गयी है साँसों की डोर से,
तेरा प्यार मुझको तड़पाता ही रहता है!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

September 10, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

शामें-गम को तेरे नाम मैं करता हूँ!
दर्दे-तन्हाई को सलाम मैं करता हूँ!
शौक अभी जिन्दा है खुद को जलाने का,
बस यही शामों-सहर काम मैं करता हूँ!

मुक्तककार-#मिथिलेश_राय

मुक्तक

September 10, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

कुछ लोग खुद को तेरा दीवाना कहते हैं!
कुछ लोग खुद को तेरा परवाना कहते हैं!
कई लोग ढूँढते हैं पैमानों में तुमको,
तेरी अदाओं को शराबखाना कहते हैं!

मुक्तककार-#मिथिलेश_राय

मुक्तक

September 8, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

कुछ लोग खुद को तेरा दीवाना कहते हैं!
कुछ लोग खुद को तेरा परवाना कहते हैं!
कई लोग ढूँढते हैं पैमानों में तुमको,
तेरी अदाओं को शराबखाना कहते हैं!

मुक्तककार-#मिथिलेश_राय

मुक्तक

September 7, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

अधूरा सा हूँ मैं तेरे नाम के बिना!
तड़पाती यादों की सुबह शाम के बिना!
देखकर जिन्दा हूँ तेरी तस्वीरों को,
मुझे नींद भी आती नहीं जाम के बिना!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

September 6, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

खुद की तरह जीने का जूनून रखता हूँ!
दिल में अरमानों का मज़मून रखता हूँ!
अभी हौसला जिन्दा है पाने का तुमको,
खुद में तूफानों को मक़नून रखता हूँ!

मुक्तककार-#मिथिलेश_राय

मुक्तक

September 4, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

आज भी तेरे लिए हम यार बैठे हैं!
तेरी चाहत में गिरफ्तार बैठे हैं!
कोई डर नहीं है जुल्मों के दौर का,
हर जख्म के लिए हम तैयार बैठे हैं!

मुक्तककार-#मिथिलेश_राय

मुक्तक

September 3, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

तेरी तस्वीर को सीने से लगा रखा है!
तेरी चाहतों को पलकों में सजा रखा है!
रोकना मुमकिन नहीं है तेरी आरजू को,
तेरी तमन्ना को साँसों में बसा रखा है!

रचनाकार-#मिथिलेश_राय

मुक्तक

September 2, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

कौन है जो दुनिया में नाकाम नहीं होता!
कौन है जो दुनिया में बदनाम नहीं होता!
डरता नहीं है बेबसी के खौफ़ से कभी,
वक्त के बाजारों में नीलाम नहीं होता!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

September 2, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

मेरा गम लबों पर तेरा नाम ले आता है!
मेरी तमन्नाओं का अंजाम ले आता है!
जब मुझको तड़पाती है सरगोशी यादों की,
मेरी ख्वाहिशों में नशा-ए-जाम ले आता है!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

September 1, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

जख्मों को भूल जाऊँ दिलशाद करूँ कैसे?
तेरे गम से खुद को आजाद करूँ कैसे?
तेरे बगैर कोई एह्सास नहीं मुझको,
चाहत की दस्तक को बर्बाद करूँ कैसे?

मुक्तककार-#मिथिलेश_राय

मुक्तक

August 30, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

मुझे गुजरा हुआ ज़माना याद आता है!
मुझे गुजरा हुआ अफसाना याद आता है!
वो ख्वाहिशों की रूह से लिपटी हुयी रातें,
मुझे तेरा क़रीब आना याद आता है!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

मुक्तक

August 28, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

क्यों सामने हो तुम मगर दूरी बरकरार है?
दरमियाँ रिवाजों की मजबूरी बरकरार है!
बेखौफ़ तमन्नाऐं घेर लेती हैं मुझको,
तेरी आरजू दिल में अधूरी बरकरार है!

मुक्तककार-#मिथिलेश_राय

मुक्तक

August 26, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

गमों को दिल में छुपाना आसान नहीं है!
शमा यादों की बुझाना आसान नहीं है!
जब भी छूट जाते हैं हमसफर राहों में,
अकेले लौट कर आना आसान नहीं है!

मुक्तककार-#मिथिलेश_राय

मुक्तक

August 22, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

तुमको किसी से कभी तो प्यार होगा!
जिन्दगी का हर-पल बेकरार होगा!
घेर लेगी दिल को जब भी तन्हाई,
तुमको हमसफर का इंतजार होगा!

मुक्तककार-#मिथिलेश_राय
(#मात्राभार_21)

मुक्तक

August 20, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

तेरी आरजू से मुँह मोड़ नहीं पाता हूँ!
तेरी तमन्नाओं को छोड़ नहीं पाता हूँ!
यादों में ढूंढ लेता हूँ तस्वीरें तेरी,
तेरे प्यार से रिश्ता तोड़ नहीं पाता हूँ!

मुक्तककार-#मिथिलेश_राय
(#मात्राभार_25)

मुक्तक

August 19, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

तेरी यादों की जब भी आहट होती है!
दिल में जैसे कोई घबराहट होती है!
साँसों की रफ्तार बढ़ जाती है जिस्म में,
धड़कन में चाहत की गर्माहट होती है!

मुक्तककार-#मिथिलेश_राय
(#मात्राभार_24)

मुक्तक

August 18, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

जो आती है लबों पर बात तुम वही तो हो!
जो तड़पाती है मुलाकात तुम वही तो हो!
ठहरी हुई है आग अभी चाहत की दिल में,
जो जागी हुई है हर रात तुम वही तो हो!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय
(#मात्रा_भार_25)

मुक्तक

August 16, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

तुमसे मुलाकात कभी जो हो जाती है!
जैसे दिल में अंगड़ाई रो जाती है!
मयकदों में ढूंढता हूँ यादों के निशां,
मेरी नींद पैमानों में खो जाती है!

रचनाकार-#मिथिलेश_राय
(#मात्रा_भार_23)

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