पराया शहर

कोई दवा देता है, कोई देता ज़हर किसपे करे एतमाद, नहीं खबर कौन अपना यहां, कौन पराया सारा जहां है अपना, पराया शहर

चाँद

चाँद में दाग है सबने जाना, उसकी खूबसूरती को सबने माना, खूसूरती का रहस्य किसी ने न जाना?                  बादलों का आना चमकने से रोकना,…

अधूरी सी नज़्म

गीत बनकर तुम्हारी जिंदगी में आई थी एक रोज …….. गजल बनकर तुम्हारी ज़िंदगी बन गई। और रुबाई बनकर आंखें भिगोई तुम्हारी… एक दिन ख्वाब…

दीवाने

तलाशी जिस्म की खुलेआम दे दी। सब दिखाया पर दिल दिखाया नहीं। ढूढ़ते रहे हार के लौटना पड़ा सबको, जब हाथ लगाया दिल धड़काया नहीं।…

भारती

भारत माता सुनो वीरों की कहानी, अपनो  का जो हुए शिकार l कालापानी सावरकर को मिला, हृदय तोड़ने वाला दर्द मिला l सहम उठा दिल…

छोटी बहन

सुने घर में फिर बाजी किलकारी आंगन में पायल छनकारी टुकुर टुकुर देख आ रही छोटी बहन प्यारी सामने उसको पाए सारे दुःख दूर हो…

दादी माँ

आज दादी की बहुत याद आई! वो बेचैन आत्मा ना जाने कहाँ घूमती होगी…. ब्रह्मांड के किन कोनों से गुजरती होगी… कोई नहीं जानता… जब…

चितेरा

ज़िन्दगी की राहों का है ये कौन चितेरा, धूमिल -धूमिल गलियारों में है करता कौन सवेरा। घनघोर घटा से केशों पर डोले मुग्ध पपीहा, किसने…

दोस्ती

कभी बुलाये प्यार से कभी बुलाये मजाक से ज़िन्दगी की हर घडी ये साथ देती है दोस्ती होती ही ऐसी है दिल होवे गम में…

द्रोपदी

जिसका जन्म हुआ यज्ञ की प्रज्वलित अग्नि से जो द्रुपद की पुत्री कहलाई फूलों की नर्म सेज पर सोई एक दिन हुई पराई जिसके स्वयंवर…

श्री राम

कथा सुनाऊ पुरुषोत्तम श्री राम की विष्णु रूपी अयोध्या पति नाथ की त्रेता युग में जनम हुआ राजा दशरथ के महल में अयोध्या हुआ पूरा…

कोरोना

चंद लम्हो की ज़िन्दगी में अब और क्या- क्या होना है ब्रष्टाचार क्या कम था जो आगया कोरोना है गरीब खा रहे मांगके और अमीरो…

अजूबी बचपन

आज दिल फिर बच्चा होना चाहता है बचपन की अजूबी कहानियों में खोना चाहता है जीनी जो अलादिन की हर ख्वाहिश मिनटों में पूरी कर…

दादी माँ

आंगन में बैठी एक टक निहार लेती है चलती धीरे पर काम तेजी से कर लेती है पढ़ना कम आता है पर दुनिया का पाठ…

मज़दूर हूँ

प्रस्तुत है हाइकु विधा में कविता:- मजदूर हूँ पैदल चल पड़ा घर की ओर विपदा आयी सबने छोड़ दिया मौत की ओर आशावादी हूँ खुद…

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