Shayari

शतरंज में अक्सर बाज़ियाँ पलट जाती हैं अक्लमंदी से मोहरे चलना ए बाज़ीगर किस्मत बुलंद हैं गर अदने से मोहरे की तो राजा के हिस्से…

Shayari

दूरियां ज़बरदस्त कायम है दरमियाँ दो दिलों के कौन जाकर समझाए उन्हें किस्मत से मोहब्बत मिलती है दिलों में रंजिशें हो तो इश्क़ मुकम्मल हुआ…

डर

डर का वजूद कुछ नहीं ये स्वयं जनित मनोभाव है आसन्न खतरे की चिंता से उत्पन्न भय निराशावाद है एक अंतहीन भ्रम की स्थिति हक़ीक़त…

अमर प्रेम

दो दिल जुड़ते हैं जब सच्चाई से चंचलता निरंतर जवान होती हैं किसी से प्यार हो जाना बेहद सुखद अनुभूति हैं खुशनुमा अहसासों में डूबकर…

भाभी को बधाई

मानों कल हि की बात हो…… एक नन्ही सी गुड़िया, मेरे गुड्डे से ब्याही थी। दुल्हन के लिबास में, आंगन में खिलखिलाई थी। मुस्कुराहट पर…

अम्मा

अम्मा, एक बात कहूं ये जो तुम बकरी भैस गोबर घास में लगी रहती हो न अच्छा है, तुम अकेली तो नही बाबू की अलग…

जिंदगी

कैसे समझाएं तुम्हें कि हम कोई झुंड नहीं है मवेशियों के कैसे यकीन दिलाएं तुम्हें कि हमारे भी कई ख्वाब हैं छोटी-छोटी ख्वाहिशें हैं जिन्हें…

किरदार

जटिल है किसी को पूर्णतः समझना  अस्थिरता रहती है सबके जीवन में क्यों मानक तय करना किसी के लिए गुज़रता है हर कोई अलग संघर्षों…

दहाड़

ज्यों पले इक मां की गोद में, नन्ही सी जान। त्यों पले तू भारत की गोद में, पाकिस्तान। समुद्र है हिंदुस्तान मेरा, लहरें हैं विशाल।…

पहली बारिश

पहली बारिश….। आज सुबह से बारिश रुकने का नाम नही ले रही जानती हो, पहली बारिश याद आ गयी, उस रोज देर तक बस स्टॉप…

शहीद

Saavan pratiyogita me सहभाग लेना चाहती हुं ! मेरी कविता स्वीकार करें. *शहीद* शहीद हुवा हैं मेरा सैनिक युद्धभूमी गलवान हम सबको अभिमान शौर्य का…

कविता

तुम रहे हमेशा आगे ऐसे तूफान भी न छू पाए तुम्हारे देश के एक- एक कण को……. कोई अपना बनाकर न ले जाए….. जान हथेली…

कवि

कवियों की तो बात ही कुछ और है | सोच की उनका नहीं कोई ठौर है, मन की गति उनकी , प्रकाश से भी तेज़…

सोचता हूँ….

सोचता हूँ, क्यों ये बंदूकें है तनी? उन जीवों पर जो दिखते हूबहू हम जैसे, नेताओं के कठपुतले बन, मात्र खून के कतरे है बहे।…

देश के वीर जवानों के लिए

🍀🌷🌹🙏नमन् है मेरे देश के वीर सिपाही को 🍀🌹🙏 ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, कोटी कोटी प्रणाम है मेरे देश के वीर सिपाहियों को जो अपनी जान की परवाह…

फौजी

लिपट कर तुझसे तिरंगा भी रोया था उस पर मरने वाला आज उसमें ही घुसकर सोया था भारत माँ के सपूत ने चैन शान्ति बाँटी…

जो बीत गई…

जो बीत गई वो याद बनी, यादों में एक चेहरा मुस्काया है आंखें हैं नम, दिल में है .गम, होठों ने गीत नया एक गाया…

हम परिंदे हैं…

हम बसाएंगे अपना घरौंदा कहीं… हम परिंदे हैं एक जगह रुकते नहीं… जहाँ मिलती हैं खुशियाँ जाते हैं वहाँ हम गमों में घरौंदा बनाते नहीं……

नारी शक्ति

मैं पुत्र उस नारी की जिनकी आंखों में पीड़ा देखी , उजागर करता हूं उन पीड़ा का……….। जनमानस से भरा जिसने धरती को , घर…

उम्र पार की

इन सुर्ख अधरों को मेरे गालों तक मत लाना चाहत और बढ़ जाएगी प्यार की अपनी जुल्फों को अब और मत लहराना रात लंबी हो…

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