चैत्र मास
कविता -चैत्र मास ——————– शिक्षा समाज देश के सजग प्रहरी, मौन धारण कर के बैठे हो, बिगड़ रही नव पीढ़ी अपनी चुप्पी तोड़ो आवाज उठाओ,…
कविता -चैत्र मास ——————– शिक्षा समाज देश के सजग प्रहरी, मौन धारण कर के बैठे हो, बिगड़ रही नव पीढ़ी अपनी चुप्पी तोड़ो आवाज उठाओ,…
कविता -शिक्षा प्रेमी ———————– हे शिक्षा प्रेमी क्या बात कही तुमने सच्चाई संग प्रहार किया उतर गए कई नकाब, बेच रहे शिक्षा को, शहरों में…
कविता -जुआरी हूं ———————– हां जुआरी हूं, एक बार जुआ और खेलने दो, जो बचा है मेरे पास अब दांव पर लगाकर खेलूंगा, बिक गया…
कविता- शिक्षा क्या है —————————— शिक्षा जो कोई लेकर चलता, उसको शिक्षा ले चलती है| मान प्रतिष्ठा धन वैभव देती है। जीवन का मार्ग सुगम…
कविता -फेल रिजल्ट —————————- आज सारे, ख्वाब टूट गए, कभी सोचते थें, जो बैठ टहल कर, वो आज सारे ख्वाब टूट गए, मत भरोसा करो,…
कविता- धोखेबाज दोस्त ——————————– हजार झूठे स्वार्थी दोस्त से अच्छा, एक सच्चा परम मित्र हो, नाज किया समय पैसा बर्बाद किया, वही दोस्त आइना दिखा…
कविता- दर्जी ——————- फटी पैंट मेरी, ले दर्जी जी के घर जाता हूं, टूटी फूटी मशीन के संग, बैठा बुजुर्ग दर्जी हैं, देख मुझे मुस्कुराया…
कविता-बुखार में मां की याद आई ——————————————- वर्ष बाद बुखार हुआ, मानों- अंतिम समय ने घेर लिया, चारों तरफ दिवाली का उत्सव था, हम लिए…
कविता- डॉक्टर साहब ——————————- देखिए डॉक्टर साहब जी, बेटा क्यों अब रोता हैं| रात अंधेरी काले बादल, रिमझिम बरसा पानी था, हाय पिताजी प्रेम तुम्हारा,…
कविता-खिलौना मत बनाना ————————————– हे कुम्हार, मत बना खिलौना हमें, जमाना खेलें , तोड़ के, मिटा दे मेरी हस्ती को, बेचे किसी बाजार में, कोई…
कविता- चाय हटा लो ————————— माफी देकर, गले लगा लो, दुख होता हैं, होठ से अपने, चाय हटा लो| जो हक मेरा हैं, कुल्हड़ क्यूं…
कविता- गुड मॉर्निंग भेजा ———————————- गुड मॉर्निंग भेजा, हमकों एकSMS मिला, क्षण भर हम ठहर गए थें, हाय कोरोना तेरे कारण भूल गए थें, अपने…
कविता-अपनी भूख मिटाने के लिए ——————————————— भूख मिटाने के लिये, परिवार चलाने के लिए, लेबर चौराहे पर जाते हैं, आतें हैं मालिक कई मजदूरी की…
बदनाम हो गये ———————— बदनाम हो गये जमाने के नजरों में, वजूद खो दिया खुद का उसे मनाने में, इल्जाम लगता है इसे कोई और…
जितने बदले नंबर तुमने —————————— जितने बदले नंबर तुमने हर नंबर तेरा मिल सकता , स्वाभिमान है बीच में आता है, क्योंकि तुने ही मुझे…
यादों में रहेगी —————— बेचैन सा रहता हूं, बन पागल फिरता हूं, मिल जाए मुझे पुनः, हर रोज दुआएं करता हूं, मान दी हमने कई…
तकिया ————- रोती रही कईयों दिन तक, दोस्त खबर भी देते रहें, हम भी रोते घर बैठे, जब कोई पूछे हाल मेरा, झूठी हंसी दिखाते…
भूल नहीं सकते ———————– भूल नहीं सकते वो रातें, वो मनहूस घड़ी थी या मेरी किस्मत फूटी, एक नादानी से जंग छिड़ी, जब से बिछड़े…
कविता- अपना इलाहाबाद ———————————– दिन भर टहल रहे थे, पार्क सहित संगम में, देख दशा हम शोक में डूबे, अपना इलाहाबाद है ऐसा| एक तरफ…
कविता- प्रेम से भिक्षा —————————- प्रेम है शिक्षा, प्रेम से भिक्षा, प्रेम ही सब कुछ , बिना प्रेम नहीं- जग मे जीने की इच्छा| प्रेम…
कविता- सभी सो रहे —————————- सभी सो रहे हैं, घरों में पड़े हैं| हम ही हैं दीवाने, अभी जग रहे हैं| बड़ा दुख है हमको…
कविता- रावण हूं ———————- रावण हूं, राम नही , राक्षस हूं, भगवान नही, अब की बार दशहरे में, पहले खुद राम बनो फिर आग लगाना…
कविता- इबादत ———————— परमेश्वर तेरा, धन्यवाद करता हूं, तेरी इबादत करता हूँ तुझे प्रणाम करता हूं| जब जब पुकारा, तूने साथ निभाया, मेरी मुराद पूरी…
आया है, नवरात्र का दिन, एक विनती, सबसे से करते हैं,| श्रध्दा और, विश्वास भी हो, प्रेम और, पूजा पाठ भी हो | मूर्ति विसर्जन…
कविता- डांट —————– ओ शब्द गूंज रहा, सामने होकर, सौ सवाल कर रहा| सुधर गए, समझ गए, संभल गए, या किसी की बातों में, फिसल…
कविता- मेरा मित्र ———————– मेरा मित्र- कमी बताया करता है, जब भी मिला हूं उससे, पढ़ कर मेरे चेहरे को, हकीकत बताया करता है| मेरी…
कविता -हराम है ——————- हराम है, आराम मेरा, आ आराम करले, जाॅन हैरान मेरा| ख्याल रखले, एक पल मेरी, तुझसे भिन्न न पहचान मेरी| तेरे…
कविता- बड़ी फ़िक्र थी —————————— बड़ी फ़िक्र थी उसे मेरी, सौ बार समझाती थी, कालेज समय से आया करो, कमियाँ रोज बताया करती थी| नाखून…
कविता-गटर —————– प्यास थी सरिता की, पोखर भी, नसीब ना| सोचा था, अपना भी, विशाल सा, घर होगा| रंग बिरंगी, दुनिया में प्यारा सा कुनबा…
कविता- कालेज का पहला दिन —————————————– कालेज का, पहला दिन, एक अनजाने से , पहचान हुई, पता नहीं था , उसके बारे में- फिर भी…
मुक्तक- कालेज का नियम ——————————— अनजाने से पथ पर, एक अनजाने से पहचान हुई, दो दुनिया के थे दोनों, मानों अंबर का मिलन धरती से…
कविता- सबका समय —————————– सब का समय आता , सबको समझ न आता है, आया जिसको समझ अगर, खुद को समझा पाया है, छोड़ दिया…
कविता -वर्ष पुरानी ————————– आज अचानक, कुछ खोज रहा था, कई वर्ष पुरानी कॉपी मिलती है| मैं साफ किया उसे, फिर खोल उसे पढ़ने लगा,…
कविता- विरह वियोग —————————— अब हम किससे अपना दर्द कहे, कहां हम जाएं की- अपने दर्द की दवा मिले| जब भी चेहरा याद आता है,…
कविता- कसम ——————- सौ बार कसम मैने खाई , फिर खुद ही उसको तोड़ा था, जब जब होती नादानी मुझसे, रब के आगे रोया था,…
कविता- पिता पुत्री का संवाद ————————————- तेरे खातिर दर-दर भटके, हर धर्मों का चौखट चुमू, आजा बेटी मां के सूनी आंचल में, मैं सीता मरियम…
हास्य कविता,सोना बाबू ————————- रात रात जग के हम पढ़ाई करते थे| मेरे पड़ोसी- फोन पकड़ के चुमा करते थे| आया समय जब पेपर का,…
कविता- सयानी ———————– तेरी एक ज़िद से, सभी रो रहे हैं| पापा मम्मी चिंता करके, ओ भी रो रहे हैं| इण्टर के बाद दीदी, घर…
मत अजमा मेरी मोहब्बत को तेरी एक झलक पाने को, सौ बार तेरी गलियों से गुजरा हू, जब सब छोड़ दिये शहर को- कोरोना का…
कविता- एक बात बोलू —————————– एक बात बोलू.. क्या जरूरत थी, एक फोटो के खातिर- इतना सजने कि! जो अपनी सुन्दरता से चांद को भी…
कविता-किताब मेरी —————————- इतनी खूबसूरत तो नहीं है । जो तेरे लिये दिन रात तड़पता हूं । तू किताब मेरी,बसी तुझी में जान है तभी…
हमें क्या गिरा पाओगे, हमें क्या मिटा पाओगे, जो जवानी में गिर गिर के चलना सिखा हो, कभी आंसू तो कभी जहर पीना सिखा हो,…
कुछ भी उसमें खास नहीं था, फिर भी उसे दिल में बसाया था, कोई हमसे छीन ना ले.. हर दिन खुदा से दुआएं किया करता…
कविता- शिद्दत ——————- बड़ी शिद्दत से उसे चाहा था, खुदा से दुआओं में उसे मांगा था| पर समझ न सकी हमको यारो, वह भरी महफिल…
कविता – तेरी खता ————————- तेरी खता फिर से तुझे, बदनाम कर सकती| तेरे लफ्जों के कारण ही, तुझे शैतान कह सकती| कहां अगर तू…
हमें प्यार की बीमारी हो गई, याद में उसके शरीर जर्जर हो गई| अब हमें चार कंधों की जरूरत नहीं, शमशान एक व्यक्ति ले जाए…
कविता- प्यार है या जख्म ————————– क्या कसूर था मेरा, बस आके एक बार बता जा| खुश है- आ उन्नीस बरस का प्यार बता जा|…
हमें आता जाता कुछ भी नहीं, सिर्फ शब्दों में खेल रहा हूं| परिणाम का हमें कुछ पता नहीं, मीठा खट्टा बोल रहा हूं| शब्द आन…
जूम गूगल मीट पे क्लास चल रही है | नेटवर्क भी सही नहीं, फिर भी बात हो रही है| मोर मोरनी बिछड़ गए, राधा बन…
लाखों की डिग्री लेकर, खोज सके न वैक्सीन| कवि खोज दिए कलम से अपने, कोरेना का ऐतिहासिक सीन| नेता की नियत बताएं, डॉक्टर मिल करते…
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